UP Hitech Nursery Scheme: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की सहायता के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है। इनमें से एक प्रमुख योजना है हाइटेक नर्सरी (UP Hitech Nursery Scheme) की स्थापना में मदद देना। इस योजना के तहत किसानों को 40 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जा सकती है। यह योजना प्रदेश के 45 जिलों में लागू की गई है। केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित इस योजना से बागवानी करने वाले किसानों को काफी फायदा हो सकता है। योजना में केंद्र और राज्य सरकार का योगदान क्रमशः 60% और 40% के अनुपात में है। योजना के संचालन के लिए राज्य स्तर पर कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में राज्य बागवानी मिशन समिति और जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला बागवानी मिशन समिति का गठन सोसाइटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1860 के तहत किया गया है।
उत्तर प्रदेश बागवानी विभाग के निदेशक डॉ. आर.के. तोमर के अनुसार, इस योजना के अंतर्गत 50% तक की सब्सिडी दी जाती है, जिसकी अधिकतम सीमा 40 लाख रुपये निर्धारित है। यह राशि किसानों को आधुनिक नर्सरी की स्थापना के लिए प्रदान की जाती है, जिसमें पॉलीहाउस, नेटहाउस, ड्रिप इरिगेशन (टपक सिंचाई)[Polyhouse, Nethouse, Drip Irrigation] जैसी सुविधाएं शामिल होती हैं। यह सब्सिडी क्रेडिट लिंक्ड बैंक आधारित है, जिसका मतलब है कि आवेदक को किसी बैंक से ऋण लेना होगा। इसके लिए आवेदक को एक प्रोजेक्ट बनवाना होगा, जिसे अनुमोदित करने के बाद सरकार द्वारा सब्सिडी राशि प्रदान की जाएगी।
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किसानों के लिए वरदान बनी यह हाइटेक नर्सरी, उत्तर प्रदेश में इजराइली तकनीक पर आधारित 150 हाईटेक नर्सरी स्थापित की जाएंगी! Uttarpradesh Hitech Nursery Scheme
उत्तर प्रदेश में हाईटेक नर्सरी योजना (UP Hitech Nursery Scheme) की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सितंबर 2023 में हुई थी। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कृषि को बढ़ावा देने के लिए 73 ज़िलों में हाईटेक नर्सरी बनाने की योजना शुरू की है | इस योजना का मकसद किसानों की आय बढ़ाने के लिए फलों और सब्ज़ियों की पैदावार और गुणवत्ता में सुधार करना है | इन नर्सरियों को हर ज़िले की जलवायु और कृषि परिस्थितियों के मुताबिक बनाया जाएगा | इस योजना के तहत, कृषि विज्ञान केंद्र, बागवानी विभाग, और संबंधित विश्वविद्यालय (Krishi Vigyan Kendra, Horticulture Department, and related universities) मिलकर तय करेंगे कि किस इलाके में कौन-से पौधे लगाए जाएं | गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) और गाज़ियाबाद को इस योजना में शामिल नहीं किया गया है | उत्तर प्रदेश सरकार ने बागवानी को बढ़ावा देने और ग्रामीण आजीविका में सुधार के दोहरे उद्देश्य की पूर्ति के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act (MNREGA) की योजनाओं के तहत इजरायली तकनीक पर आधारित 150 हाईटेक नर्सरियां स्थापित करने का निर्णय लिया है।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि इस योजना के क्रियान्वयन से कृषि और औद्यानिक फसलों को नई ऊंचाई मिलेगी। विशेष तकनीक का प्रयोग कर ये नर्सरी तैयार की जा रही हैं। सरकार की मंशा है कि प्रदेश का हर किसान समृद्ध बने और बदलते समय के साथ हाईटेक भी बने। उन्होंने बताया कि सरकार पौधरोपण को बढ़ावा देने के साथ बागबानी से जुड़े किसानों को भी आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का काम कर रही है। मनरेगा योजना से 150 हाईटेक नर्सरी बनाने के लक्ष्य के साथ तेजी से कार्य किया जा रहा है। हाईटेक नर्सरी से किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है। प्रदेश भर में 150 हाईटेक नर्सरी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। 67 साइटों पर हाईटेक नर्सरी बनाने का कार्य प्रारंभ किया जा चुका है, जिसमें से 38 हाईटेक नर्सरी पर कार्य पूर्ण किया गया है।
- हाईटेक नर्सरी में पौधे तैयार करने के लिए इज़रायल की तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है |
- इन नर्सरी में प्लास्टिक ट्रे में आटोमैटिक सीडर मशीन (automatic seeder machine) से स्वस्थ पौधे तैयार किए जाते हैं |
- जड़ों के अच्छे विकास के लिए बीज की रोपाई, कोकोपिट, वर्मीकुलाइट, और परलाइट (Seed seedlings, cocopit, vermiculite, and perlite) में की जाती है |
- इन नर्सरी में तापमान को पौधों की ज़रूरत के मुताबिक नियंत्रित किया जाता है |
- इन नर्सरी में किसान अपने बीज भी लाकर उगा सकते हैं |
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UP Hitech Nursery Scheme पर आधारित कुछ मुख्य बिंदु
- इन हाईटेक नर्सरियों का संचालन उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा किया जाएगा। उद्यान विभाग के अनुमान के अनुसार हाईटेक नर्सरी की औसत लागत करीब एक करोड़ रुपये आएगी।
- योजना के तहत बेर, अनार, कटहल, नींबू, आम, अमरूद, सहजन, ड्रैगन-फ्रूट आदि (Plum, pomegranate, jackfruit, lemon, mango, guava, drumstick, dragon-fruit etc.) फलों को उगाने के लिए प्रत्येक जिले में दो हाईटेक नर्सरियां विकसित की जा रही हैं।
- ये 150 हाईटेक नर्सरियां राज्य के कृषि विज्ञान केंद्रों, कृषि विश्वविद्यालयों के परिसरों और उद्यान विभाग के अनुसंधान केंद्रों में स्थापित की जाएंगी, ताकि किसानों को आसानी से प्रशिक्षित किया जा सके।
- इन नर्सरियों में उचित बाड़, सिंचाई सुविधा, उच्च तकनीक वाले ग्रीनहाउस जैसे बुनियादी ढांचे की व्यवस्था की जाएगी और इनका रखरखाव CLF (Cluster Level Federation) (क्लस्टर स्तरीय संघ)/राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्य क्लस्टरों के माध्यम से किया जाएगा।
- राज्य सरकार की योजना उच्च तकनीक वाली नर्सरियों में गुणवत्तापूर्ण पौधे और बीज उगाने की है, साथ ही उत्कृष्टता केंद्रों में गुणवत्तापूर्ण फसलों का उत्पादन बढ़ाने की भी है। इसका उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की बढ़ती संख्या के लिए पर्याप्त फसल उपलब्ध कराना भी है।
- इन नर्सरियों में उत्पादित पौधों को इच्छुक स्थानीय किसानों, क्षेत्रीय स्तर पर किसान उत्पादक संगठनों (Farmer Producer Organizations (FPOs), राज्य स्तर पर अन्य निजी नर्सरियों और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा रोपण के लिए बेचा जाएगा।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फलों, सब्जियों और मसालों के प्रसंस्करण के साथ-साथ समग्र उपज बढ़ाने के लिए अगले पांच वर्षों के दौरान बागवानी फसलों की खेती के तहत क्षेत्र को 11.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 16 प्रतिशत और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।
- उल्लेखनीय है कि किसानों को गुणवत्तापूर्ण पौधे उपलब्ध कराने के लिए बस्ती और कन्नौज जिलों में क्रमशः फल और सब्जी के लिए इंडो-इजराइल उत्कृष्टता केंद्र (Indo-Israel Center of Excellence) स्थापित किए गए हैं।
इस योजना के तहत कैसे मिलेगा पैसा?
- सबसे पहले कृषि विभाग की वेबसाइट पर इस सब्सिडी के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा |
- उसके बाद नर्सरी का प्रोजेक्ट तैयार करना होगा |
- तैयार किये हुए प्रोजेक्ट रिपोर्ट को, लोन के लिए बैंक में सबमिट करना पड़ेगा |
- आवेदक चाहे तो पहले बैंक से लोन अप्रूव्ड करवा ले या फिर बैंक कसेंट (लिखकर दे) दे कि बागवानी विभाग के अप्रूवल के बाद वो लोन दे देगा |
- इसके बाद किसान को नर्सरी तैयार करना होगा |
- विभाग की ज्वाइंट इंस्पेक्शन कमेटी (Joint Inspection Committee) उसे चेक करेगी |
- नर्सरी की जियो टैगिंग (geo tagging) भी होगी |
- सबकुछ ठीक रहा तो विभाग 40 लाख रुपये रिलीज कर देगा, पैसा उसी अकाउंट में जाएगा जिसमें बैंक ने लोन दिया है |
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इन जिलों में लागू है UP Hitech Nursery Scheme
इन नर्सरियों को हर जिले की कृषि-जलवायु परिस्थितियों के अनुसार तैयार किया जाएगा, ताकि पौधों की प्रजातियाँ स्थानीय वातावरण में बेहतर रूप से अनुकूल हो सकें | कृषि विज्ञान केंद्र (Krishi Vigyan Kendra (KVK), संबंधित विश्वविद्यालय, और बागवानी विभाग मिलकर यह निर्णय लेंगे कि कौन-से पौधे वहां के लिए उपयुक्त होंगे |
जिला का नाम | जिला का नाम | जिला का नाम | जिला का नाम | जिला का नाम |
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सहारनपुर | मेरठ | गाजियाबाद | आगरा | मथुरा |
मैनपुरी | इटावा | कन्नौज | लखनऊ | उन्नाव |
रायबरेली | सुल्तानपुर | प्रयागराज | कौशांबी | प्रतापगढ़ |
वाराणसी | जौनपुर | गाजीपुर | बस्ती | बलिया |
कुशीनगर | संत कबीरनगर | महराजगंज | सिद्धार्थनगर | गोरखपुर |
फर्रुखाबाद | सोनभद्र | भदोही | मिर्जापुर | हाथरस |
कानपुर नगर | अयोध्या | झांसी | बरेली | मुरादाबाद |
सीतापुर | बांदा | बाराबंकी | बुलंदशहर | मुजफ्फर नगर |
महोबा | हमीरपुर | जालौन | चित्रकूट | ललितपुर |
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नर्सरी के अंदर, पौध तैयार होने में लगता है 20 से 25 दिन का समय
हाईटेक नर्सरी प्रभारी अरुण कुमार ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र में नर्सरी में पहुंचने वाले किसानों को बागवानी की पूरी जानकारी दी जाती है | कोई किसान अगर अपना बीज लेकर नर्सरी में पहुंचता है, तो उसे मात्र एक रुपये में पौध तैयार करके 20 से 25 दिन में दिया जाता है | अगर कोई किसान नर्सरी से बागवानी खरीदना चाहता है तो प्रति पौधा डेढ़ रुपए में उसे दिया जाता है | किसानों को यहां से पौधा खरीदने में कम खर्चे में आमदनी बढ़ाने का अच्छा मौका प्राप्त हो रहा है | किसान लगातार हाईटेक नर्सरी पर पौधे खरीदने पहुंच रहे हैं |
हाईटेक नर्सरी की स्थापना | छोटी नर्सरी की स्थापना | |
1. | क्षेत्र: 1 से 4 हेक्टेयर | क्षेत्र: 1 हेक्टेयर तक |
2. | प्रति इकाई लागत: 100 लाख | प्रति इकाई लागत: 15 लाख रुपये |
3. | सब्सिडी: सार्वजनिक क्षेत्र के लिए 100 फीसदी | सब्सिडी: सार्वजनिक क्षेत्र के लिए 100 फीसदी |
4. | निजी क्षेत्र के लिए 50 फीसदी | निजी क्षेत्र के लिए 50 फीसदी |
5. | अधिकतम 40 लाख रुपये | अधिकतम 7.5 लाख रुपये |
मनरेगा विभाग से मिलेगा वित्तपोषण
मनरेगा योजना के तहत जनपद के कृषि विज्ञान केंद्र में बनने वाला हाईटेक नर्सरी का निर्माण अंतिम चरण में है। जिला उद्यान विभाग के मुताबिक इसी जून माह में नर्सरी का परीक्षण हो सकता है। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। नर्सरी में प्रतिवर्ष 10 लाख सब्जियों के पौधे तैयार किए जा सकेंगे। नर्सरी में भिंडी, पत्ता गोभी, परवल, बोड़ा, शिमला मिर्च, आलू, प्याल, टमाटर, बैगन, मिर्ची (Ladyfinger, Cabbage, Parwal, Boda, Capsicum, Potato, Pyala, Tomato, Brinjal, Chilli) समेत सभी सब्जियों के पौधे तैयार किए जाएंगे।
मुख्य रूप से सब्जियों की नर्सरी में फूल और फल के पौध भी लगाए जाएंगें जो किसानों काे सस्ते दर पर उपलब्ध कराए जाएंगे। उद्यान विभाग के मुताबिक दो रुपया प्रति सब्जी का पौधा उपलब्ध कराया जाएगा। खास विशेषता यह है कि खराब मौसम और परिस्थतियों में भी यहां सब्जियों के पौधे तैयार मिलेंगे।
इस परियोजना का वित्त पोषण महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत किया जाएगा | नर्सरियों में नियंत्रित तापमान और आर्द्रता का ध्यान रखा जाएगा ताकि पौधे रोगमुक्त हों | यह पहल किसानों की आय में वृद्धि के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता की फसल और उचित मूल्य सुनिश्चित करेगी |
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