एकीकृत बाल संरक्षण योजना | Integrated Child Protection Scheme | ICPS, सभी बच्चों विषेष रूप से कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों के समग्र कल्याण एंव पुर्नवास हेतु बाल संरक्षण की अन्य योजनाओं को केन्द्रीय रूप में सम्मिलित कर प्रारम्भ की गई है, यह योजना बच्चों के बाल अधिकार, संरक्षण ओैर सर्वोत्तम बाल हित के दिषा निर्देषक सिद्धान्तो पर आधारित है।
उक्त योजना के तहत् किषोर न्याय (बालको की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 का क्रियान्वयन भी मुख्य घटक है। इस अधिनियम के तहत् 18 वर्ष से कम आयु के विधि विरोधी कार्यों में संलिप्त बालकों तथा देखरेख और संरक्षण के लिये जरूरतमंद बालकों को संरक्षण, भरण-पोषण, षिक्षण, प्रषिक्षण तथा व्यवसायिक एंव पारिवारिक पुर्नवास (Protection, maintenance, education, training and vocational and family rehabilitation.) मुख्य उद्देष्य है।
इन बच्चों को संरक्षण प्रदान करने के उद्देष्यों के तहत् 30 शासकीय संस्थायें, 18 सम्प्रेक्षण गृह, 3 विषेषगृह, 6 बालगृह, 2 पष्चात्वर्ती गृह, 1 शिशुगृह तथा 95 अशासकीय संस्थायें यथा 32 शिशु गृह, 46 बाल गृह, 8 आश्रय गृह एवं 9 खुले आश्रय (30 government institutions, 18 observation homes, 3 special homes, 6 children’s homes, 2 aftercare homes, 1 crèche and 95 non-government institutions like 32 crèches, 46 children’s homes, 8 shelter homes and 9 open shelters.) का गठन किया गया है ।
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एकीकृत बाल संरक्षण योजना | Integrated Child Protection Scheme | ICPS
शब्द ‘बाल संरक्षण‘ का अर्थ बच्चे को किसी भी कथित या वास्तविक खतरे या उनके जीवन, उनके व्यक्तित्व और बचपन के जोखिम से बचाना है। इनसे बच्चों की रक्षा करने में विफलता बच्चे के सर्वांगीण विकास को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। एकीकृत बाल संरक्षण योजना (ICPS) एक केंद्रीय प्रायोजित योजना है जिसका उद्देश्य कठिन परिस्थितियों में बच्चों के साथ-साथ अन्य कमजोर बच्चों के लिए एक सुरक्षात्मक वातावरण बनाना और बाल अधिकारों की रक्षा करना (Creating a protective environment and protecting child rights) और सरकार-नागरिक समाज भागीदारी के माध्यम से उल्लंघन को रोकना है। एकीकृत बाल संरक्षण योजना (ICPS) वर्ष 2009 में लॉन्च होने के बाद से महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत लागू की गई है।
एकीकृत बाल संरक्षण योजना की सेवा वितरण संरचना | Service Delivery Structure of Integrated Child Protection Scheme
जिला स्तर (District Level)
एजेंसी | कार्य |
जिला बाल संरक्षण इकाई (District Child Protection Unit) (DCPU) जिला स्तर पर ICPS की मौलिक कार्यान्वयन इकाई है।
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राज्य स्तर (State-Level)
एजेंसी का नाम | कार्य |
राज्य बाल संरक्षण इकाई( State Child Protection Unit) (SCPU )
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राज्य दत्तक ग्रहण संसाधन एजेंसी (State Adoption Resource Agency) (SARA)
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केंद्रीय स्तर (Central Level)
एजेंसी | कार्य / टिप्पणियाँ |
केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन एजेंसी (Central Adoption Resource Agency) (CARA)
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सेंट्रल प्रोजेक्ट सपोर्ट यूनिट (CPSU)
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राष्ट्रीय जन सहयोग और बाल विकास संस्थान |
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एकीकृत बाल संरक्षण योजना के उद्देश्य | Objectives of the Integrated Child Protection Scheme
- राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर आवश्यक सेवाओं का संस्थानीकरण और आईसीपीएस के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक विभिन्न संरचनाओं के दो सुदृढ़ीकरण।
- सभी स्तरों पर और शीर्ष (प्रशासकों) से नीचे (स्थानीय निकाय, पुलिस) और राज्य सरकारों के सभी विभागों की क्षमता में वृद्धि जो ICPS के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार हैं।
- आईसीपीएस के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए बाल तस्करी प्रणाली सहित बाल संरक्षण सेवाओं के लिए एक डेटाबेस का निर्माण।
- बाल संरक्षण के क्षेत्र में समग्र अनुसंधान और प्रलेखन करना।
- परिवार और समुदाय के स्तर पर बाल संरक्षण को मजबूत करना और बच्चों की सुरक्षा के लिए निवारक उपायों को बनाना और बढ़ावा देना।
- सभी संबद्ध प्रणालियों के साथ उचित समन्वय और नेटवर्किंग के साथ-साथ उचित और समय पर अंतर-क्षेत्रीय प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना।
- जनता में जागरूकता का स्तर बढ़ाना और बाल अधिकारों और सुरक्षा, भेद्यता, और विभिन्न स्तरों पर बाल संरक्षण सेवाओं की उपलब्धता के मुद्दों पर जनता को शिक्षित करना।
- इस योजना का उद्देश्य बच्चों को कार्यक्षम और प्रभावकारी रूप से संरक्षण प्रदान करने वाली व्यवस्था के निर्माण के सरकार/राज्य के दायित्व को पूरा करने में योगदान करना है।
- ”बाल अधिकारों की रक्षा” और ”बच्चे के सर्वोत्ताम हित” के आधारभूत सिद्धांतों पर तथा किशोर न्याय (बच्चों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2000, संशोधित अधिनियम, 2006 और उसमें दी गई नियमावली पर आधारित है।
- यह देखरेख और संरक्षण के ज़रूरतमंद बच्चों और विधि का उल्लंघन करने वाले किशोरों का समग्रतापूर्ण विकास, देखरेख, संरक्षण और उपचार के प्रति बाल-मैत्रीपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए किशोर न्याय अधिनियम और उसकी नियमावली को प्रोन्नत करती है।
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एकीकृत बाल संरक्षण योजना के अंतर्गत बाल कल्याण समिति | Child Welfare Committee under Integrated Child Protection Scheme
- किशोर न्याय अधिनियम के अन्तर्गत बाल कल्याण समिति सुरक्षा एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों के संबंध में निर्णय देने के लिए सक्षम प्राधिकारी है । राज्य के सभी 27 जिलों में बालक कल्याण समिति गठित है ।
- समिति में एक अध्यक्ष एवं 4 सदस्य (एक महिला सदस्य) होते हैं।
- यह समिति मजिस्टेट के रूप में कार्य करती है और इन्हें वह सभी शक्तियां प्राप्त है जो दंड प्रक्रिया संहिता 1973 (1974 का दो) द्वारा किसी महानगरीय न्यायिक मजिस्टेट को प्रदत्त की गई है ।
- समिति का गठन राज्य स्तरीय चयन समिति जो कि उच्च न्यायालय के सेवा निवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित की गई है, के द्वारा किया जाता है ।
एकीकृत बाल संरक्षण योजना का लक्ष्य | Goal of Integrated Child Protection Scheme
- कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों के कल्याण में सुधार हेतु योगदान करना और साथ ही ऐसी असुरक्षाओं, स्थितियों और कार्रवाइयों में कमी लाना जिनकी वजह से बच्चे की उपेक्षा, शोषण और अलगाव जन्म लेते हैं।
- समेकित बाल संरक्षण योजना का लक्ष्य गुणवत्तापूर्ण बाल संरक्षण सेवाओं में सुधार ला कर|
- बाल अधिकारों के बारे में जन जागरूकता पैदा करके; बाल संरक्षण के लिए जवाबदेही को लागू करके, आवश्यक सेवाओं का संस्थाकरण करके और वर्तमान ढांचों को मजबूत बना कर|
- कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों के लिए सांविधिक और सहायता सेवाएं प्रदान करने हेतु सरकार के सभी स्तरों पर कार्यशील ढांचों की स्थापना करके; साक्ष्य-आधारित अनुश्रवण और मूल्यांकन, सभी स्तरों पर क्षमताओं को बढ़ा कर|
- ज्ञान-आधार का निर्माण करके|
- परिवार एवं समुदाय के स्तर पर बाल संरक्षण के कार्य का सुदृढ़ीकरण करके इन लक्ष्यों को प्राप्त करना है।
कार्यान्वयन स्थिति।
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एकीकृत बाल संरक्षण योजना और एकीकृत बाल विकास योजना में अंतर | Difference between Integrated Child Protection Plan and Integrated Child Development Plan
- ICPS मुख्य रूप से उन बच्चों पर ध्यान केंद्रित करता है जो मुश्किल परिस्थितियों में हैं, जैसे कि अनाथ, बेघर, या शोषित बच्चे।
- ICDS ,सभी बच्चों के लिए एक सार्वभौमिक कार्यक्रम है, चाहे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।
- ICPS में, बच्चों को आश्रय और पुनर्वास प्रदान करने के लिए समर्पित संस्थाएं हैं।
- ICDS में, आंगनवाड़ी केंद्र बच्चों को सेवाएं प्रदान करने के लिए मुख्य केंद्र हैं।
पहलू | एकीकृत बाल संरक्षण योजना (ICPS) | एकीकृत बाल विकास योजना (ICDS) |
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उद्देश्य | बच्चों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करना | 0-6 वर्ष के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा सेवाएं प्रदान करना |
लाभार्थी | 0-18 वर्ष के सभी बच्चे | 0-6 वर्ष के बच्चे, गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं |
कार्यान्वयन | महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (WCD) | महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (WCD) |
सेवाएं | संरक्षण-
• बच्चों को आपातकालीन आश्रय और पुनर्वास प्रदान करना • बाल तस्करी और शोषण से रोकथाम • किशोर न्याय प्रणाली के साथ समन्वय विकास- • बच्चों के लिए जीवन कौशल प्रशिक्षण • बाल पंचायतों का गठन सशक्तिकरण- • बच्चों और समुदायों के बीच जागरूकता अभियान • बच्चों के अधिकारों पर शिक्षा |
पोषण-
• बच्चों को गर्म पका हुआ भोजन प्रदान करना • आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण शिक्षा • बच्चों के स्वास्थ्य की जांच शिक्षा- • आंगनवाड़ी केंद्रों में पूर्व-विद्यालय शिक्षा • बच्चों के लिए खेल और मनोरंजन गतिविधियां स्वास्थ्य- • गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए स्वास्थ्य जांच • बच्चों के लिए टीकाकरण |
वित्तपोषण | केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा साझा किया जाता है | केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा साझा किया जाता है |
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FAQs
प्रश्न 1: एकीकृत बाल संरक्षण योजना (आईसीपीएस) क्या है?
उत्तर: यह भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है जो 0-18 वर्ष के बच्चों को सुरक्षित और सुरक्षात्मक वातावरण प्रदान करने का प्रयास करती है।
प्रश्न 2: आईसीपीएस के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?
उत्तर:
- बच्चों को शोषण, दुर्व्यवहार, उपेक्षा और हिंसा से बचाना।
- बच्चों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना।
- बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और अन्य आवश्यक सेवाओं तक पहुंच प्रदान करना।
- मुश्किल परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों के लिए पुनर्वास और पुनर्मिलन सेवाएं प्रदान करना।
प्रश्न 3: आईसीपीएस के तहत कौन सी सेवाएं प्रदान की जाती हैं?
उत्तर:
- संरक्षण: बच्चों को आपातकालीन आश्रय, पुनर्वास, बाल तस्करी और शोषण से रोकथाम, किशोर न्याय प्रणाली के साथ समन्वय।
- विकास: बच्चों के लिए जीवन कौशल प्रशिक्षण, बाल पंचायतों का गठन।
- सशक्तिकरण: बच्चों और समुदायों के बीच जागरूकता अभियान, बच्चों के अधिकारों पर शिक्षा।
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प्रश्न 4: आईसीपीएस का लाभ कैसे उठाया जा सकता है?
उत्तर:
- आप अपने नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र या बाल कल्याण समिति से संपर्क कर सकते हैं।
- आप महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (WCD) की वेबसाइट https://wcd.nic.in/ पर जा सकते हैं।
- आप 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं।
प्रश्न 5: आईसीपीएस के बारे में अधिक जानकारी कहां से प्राप्त की जा सकती है?
उत्तर:
- आप महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (WCD) की वेबसाइट https://wcd.nic.in/ पर जा सकते हैं।
- आप अपने नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र या बाल कल्याण समिति से संपर्क कर सकते हैं।
- आप 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं।
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