महिला पुलिस स्वयंसेवक योजना | Mahila Police Volunteer Yojana | MPVY, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (States and Union Territories) में MPVY की भागीदारी के लिए गृह मंत्रालय के सहयोग से शुरू की गई थी। यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसका उद्देश्य संकट में फंसी महिलाओं की मदद के लिए सार्वजनिक-नीति इंटरफेस (public-policy interface) के रूप में काम करना है। यह योजना लिंग संबंधी चिंताओं पर पुलिस की पहुंच को सुविधाजनक बनाने के लिए पुलिस अधिकारियों और स्थानीय समुदायों के बीच एक लिंक / ब्रिज (link/bridge) बनाने की परिकल्पना करती है।
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महिला पुलिस स्वयंसेवक योजना| Mahila Police Volunteer Yojana | MPVY
भारत में लैंगिक असमानता (gender inequality) का एक लंबा इतिहास रहा है, और महिलाओं की सुरक्षा देश में एक महत्वपूर्ण मुद्दा रही है। महिला पुलिस स्वयंसेवक योजना | Mahila Police Volunteer Yojana | MPVY, महिलाओं को सशक्त बनाने और उनके लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना 2016 में हरियाणा में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई थी और तब से इसे कई अन्य राज्यों में लागू किया गया है। महिला पुलिस स्वयंसेवक का प्रमुख कार्य महिलाओं के विरुद्ध होने वाली घरेलु हिंसा, बाल विवाह, दहेज़ प्रथा तथा सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के विरुद्ध होनें वाली हिंसा (Domestic violence, child marriage, dowry system and violence against women in public places.) की रिपोर्ट करना है| महिला पुलिस स्वयंसेवक एक मानद पद है, उन्हें प्रतिमाह 1000 रुपये का मानदेय दिया जायेगा|
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महिला पुलिस स्वयंसेवक योजना के कार्य | Functions of Mahila Police Volunteer Yojana
- महिलाओं से सम्बंधित मौजूदा सेवाओं के बारे में जागरुकता पैदा करना।
- समुदाय में महिलाओं और बालिकाओं के खिलाफ किसी भी अप्रिय व्यवहार या अप्रिय घटनाओं के बारे में पुलिस कर्मियों को सूचित करना। क्षेत्र की अतिरिक्त खुफिया संग्रह इकाई के रूप में कार्य करना।
- सप्ताह में एक बार स्थानीय आंगनवाड़ी केंद्रो की अनिवार्य यात्रा करना।
- स्थानीय पुलिस, महिला हेल्पलाइन और वन स्टॉप सेंटर (Local Police, Women Helpline and One Stop Center) से जरूरत के समय संपर्क करने के लिए महिलाओं, परिवारों और सहकर्मी समूहों के बीच विश्वास बनाने के लिए एक-से-एक बैठकें, घर का दौरा, सामुदायिक बैठकें, फोकस समूह चर्चा का संचालन करना।
- अब तक केवल हरियाणा ही ऐसा राज्य है; जिसने एमपीवी पहल को अपनाया है। आंध्र प्रदेश, गुजरात, मिजोरम, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और मध्य प्रदेश की सरकारों ने एमपीवी के कार्यान्वयन को अनुमोदित किया गया है।
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महिला पुलिस स्वयंसेवक योजना के अंतर्गत मिलने वाली सुविधाएं | Facilities provided under Mahila Police Volunteer Yojana
- महिला पुलिस swayamsewak समाज और पुलिस के बीच जेण्डर आधारित मुद्दों पर एक सेतु के रूप में कार्यरत है और नागरिक एवं पुलिस के बीच सुविधा लिंक की तरह कार्य कर रही है।
- महिला पुलिस स्वयं सेविका पुलिस स्टेशन में पदस्थ पुलिस निरीक्षक को सीधे रिपोर्ट कर रही है।
- स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस को बेहतर सेवा प्रदान करने हेतु आवश्यक सुझाव एवं फीडबैंक प्रदान करना।
महिला पुलिस स्वयंसेवक योजना के मुख्य बिंदु | Main points of Mahila Police Volunteer Yojana
- महिला पुलिस स्वयंसेवक कोई भी महिला हो सकती है जो स्वैच्छिक रूप से लड़कियों व महिलाओं को हिंसा मुक्त व लैंगिक भेदभाव से मुक्त समाज बनाने में सहायता कर सके|
- एक महिला पुलिस स्वयंसेवक की न्यूनतम आयु 21 वर्ष तथा न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास होनी चाहिए|
- महिला पुलिस स्वयंसेवक उसी क्षेत्र से होनी चाहिए तथा वह स्थानीय भाषा-बोली से परिचित होनी चाहिए|
- उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए तथा वह किसी राजनीतिक दल की सदस्य नही होनी चाहिए|
- राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेश में महिला पुलिस स्वयंसेवक पुलिस तथा महिलाओं के बीच कड़ी का काम करेंगी|
- महिला पुलिस स्वयंसेवक को “महिला व शिशु रक्षक दल” का निर्माण करना होगा|
- महिला पुलिस स्वयंसेवक का प्रमुख कार्य महिलाओं के विरुद्ध होने वाली घरेलु हिंसा, बाल विवाह, दहेज़ प्रथा तथा सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के विरुद्ध होनें वाली हिंसा की रिपोर्ट करना है|
- महिला पुलिस स्वयंसेवक एक मानद पद है, उन्हें प्रतिमाह 1000 रुपये का मानदेय दिया जायेगा|
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इस योजना की मुख्य विशेषताएं | Main features of this scheme
- एक महिला पुलिस स्वयंसेवक कोई भी महिला हो सकती है जो स्वैच्छिक रूप से लड़कियों व महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध हो और जो पुलिस को हिंसा मुक्त व लैंगिक भेदभाव से मुक्त समाज बनाने में सहायता कर सके।
- एक महिला पुलिस स्वयंसेवक की न्यूनतम आयु 21 वर्ष तथा न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास होनी चाहिए।
- महिला पुलिस स्वयंसेवक उसी क्षेत्र से होनी चाहिए तथा वह स्थानीय भाषा-बोली से परिचित होनी चाहिए।
- उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए।
- वह किसी राजनीतिक दल की सदस्य नही होनी चाहिए।
- राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेश में महिला पुलिस स्वयंसेवक पुलिस तथा महिलाओं के बीच कड़ी का काम करेंगी।
- प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक महिला पुलिस स्वयंसेवक होगी।
- महिला पुलिस swayamsewak पुलिस थाना में सीधे सर्किल इंस्पेक्टर को रिपोर्ट करेंगी।
- महिला पुलिस स्वयंसेवक को “महिला व शिशु रक्षक दल” का निर्माण करना होगा।
- महिला पुलिस स्वयंसेवक का प्रमुख कार्य महिलाओं के विरुद्ध होने वाली घरेलू हिंसा, बाल विवाह, दहेज़ प्रथा तथा सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के विरुद्ध होने वाली हिंसा की रिपोर्ट करना है।
- महिला पुलिस swayamsewak एक मानद पद है, उन्हें प्रतिमाह 1000 रुपये का मानदेय दिया जाता है।
- केन्द्रीय महिला व बाल विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को इस अभियान को अपने राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में शुरू करने के लिए कहा है।
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महिला पुलिस स्वयंसेवक योजना का पात्रता मापदंड | Eligibility Criteria of Mahila Police Volunteer Yojana
- Mahila Police swayamsewak Yojana के लिए आवेदक महिला होनी चाहिए|
- आवेदक की आयु 21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
- आवेदक के पास कम से कम 12वीं पास का सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है|
- आवेदक को उसी भौगोलिक क्षेत्र से होना चाहिए और स्थानीय भाषा से परिचित होना चाहिए।
- महिला आवेदक को किसी भी आपराधिक कानून के तहत उल्लंघन के लिए दोषी/कैद नहीं होना चाहिए।
- उसके खिलाफ कोई आपराधिक कार्यवाही नहीं होनी चाहिए।
- महिला आवेदक को किसी भी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं होना चाहिए।
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आवश्यक दस्तावेज़ | Required Documents
- पासपोर्ट के आकार की तस्वीर (Photograph of Passport Size)
- केवाईसी दस्तावेज़ (पहचान प्रमाण): आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र, आदि। (KYC Documents – Identification Proof: Aadhaar Card, PAN Card, Driving License, Voter ID, etc.)
- पते का प्रमाण: वैध पासपोर्ट, उपयोगिता बिल, आधार कार्ड, संपत्ति कर बिल, आदि। (Address Proof: Valid Passport, Utility Bill, Aadhaar Card, Property Tax Bill, etc.)
- शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र (Educational Qualification Certificate)
- बैंक खाते का विवरण (बैंक पासबुक की प्रति)। (Bank Account Details (Copy of Bank Passbook))
- महिला आवेदक किसी भी बैंक के रिकॉर्ड में डिफॉल्टर नहीं होनी चाहिए। (Female applicants should not be a defaulter in any bank records.)
- कोई अन्य दस्तावेज़ (यदि आवश्यक हो) (Any other documents (if necessary)
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महिला पुलिस स्वयंसेवक योजना की अवधि | Duration of Mahila Police Volunteer Scheme
MPVY की शुरुआती अवधि अधिकतम दो साल की होगी और हर 6 महीने में समीक्षा की जाएगी। किसी एमपीवी की समाप्ति उसके प्रदर्शन की समीक्षा के आधार पर किसी भी समय की जा सकती है। समाप्ति के कारणों को एमपीवी को लिखित रूप में विधिवत सूचित किया जाएगा। समाप्ति आदेश केवल दिए गए पुलिस अधीक्षक द्वारा ही दिए जा सकते हैं। एमपीवी का पुन: चयन समिति द्वारा चयन प्रक्रिया के समय तैयार किए गए प्रतीक्षा-सूचीबद्ध आवेदकों के पूल से किया जाएगा।
हालाँकि, MPVY स्वेच्छा से भी इस्तीफे के लिए आवेदन कर सकते हैं जिसके लिए कम से कम 1 महीने का नोटिस देना होगा। किसी भी वास्तविक गतिविधि के लिए एमपीवी के खिलाफ कोई अभियोजन या कानूनी कार्यवाही शुरू नहीं की जाएगी।
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मासिक भत्ता एवं प्रशिक्षण | Monthly allowance and training
- इसमें मासिक भत्ता, प्रशिक्षण, एमपीवी का पुरस्कार और मान्यता और अन्य सहायक खर्चों (Monthly allowance, training, award and recognition of MPV and other supporting expenses) का प्रावधान होगा।
- मोबाइल फोन और स्थानीय परिवहन से संबंधित उसके जेब खर्चों को कवर करने के लिए प्रति माह 1000/- रुपये तक की एकमुश्त राशि एमपीवी में जमा की जाएगी।
- एमपीवी को 3 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा और प्रशिक्षण के लिए एमपीवी को एकमुश्त खर्च के रूप में 400 रुपये प्रति दिन की दर से यात्रा भत्ता और महंगाई भत्ता दिया जाएगा।
- एमपीवी के पुरस्कार और मान्यता के लिए जिले के सभी एमपीवी से योग्यता के क्रम में चुने गए तीन उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को क्रमशः 10000 रुपये, 5000 रुपये और 3000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
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फंडिंग पैटर्न और फंड प्रवाह | Funding patterns and fund flows
महिला पुलिस स्वयंसेवक योजना | Mahila Police Volunteer Yojana | MPVY, की पहल को लागू करने के लिए, पूर्वोत्तर राज्यों, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर को छोड़कर जहां केंद्र और राज्य का हिस्सा है, लागत-साझाकरण अनुपात पर राज्यों को निर्भया फंड से फंड जारी किया जाएगा। केंद्रशासित प्रदेश के मामले में, 100% केंद्रीय सहायता दी जाएगी।
निर्भया फंड के तहत प्रस्ताव पर विचार करने और अनुमोदन के लिए गठित अधिकार प्राप्त समिति से उचित मूल्यांकन प्राप्त करने के बाद Ministry of Women & Child Development (MWCD) राज्य सरकार की समेकित निधि में धनराशि हस्तांतरित करेगी। राज्य सरकार महिला पुलिस स्वयंसेवक पहल के लिए एक अलग बैंक खाता संचालित करेगी। विदेश विभाग संबंधित पुलिस अधीक्षक को धनराशि हस्तांतरित करेगा जो पहल के नाम पर एक अलग बैंक रिकॉर्ड संचालित करेगा।
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महिला पुलिस स्वयंसेवकों के लिए आवेदन प्रक्रिया | Application Process for Women Police Volunteers
जिला स्तर पर एमपीवी की चयन प्रक्रिया राज्य के पुलिस महानिदेशक के परामर्श से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा आयोजित की जाएगी। नीचे निम्नलिखित प्रक्रिया है
Stage 1: महिला आवेदकों को संबंधित प्राधिकारी को संबोधित करना होगा। नोटिस निम्नलिखित कार्यालयों (संबंधित कार्यालयों से संपर्क करें) में जारी किया जाएगा:
- स्थानीय थाना (Local Police Station)
- पुलिस चौकी (Police Outpost)
- पंचायत कार्यालय (Panchayat Office)
- नगर पालिका का दफ्तर (Municipal Corporation Office)
- तहसीलदार कार्यालय के माध्यम से प्रचार-प्रसार (Publicity through Tehsildar Office)
- खंड विकास अधिकारी (Block Development Officer)
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ता (AWWs) (Anganwadi Worker)
- सहायक नर्स दाइयां (एएनएम) (Auxiliary Nurse Midwife (ANM))
- मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (Accredited Social Health Activist)
- पीएस/ओपी/डीएसपी/एसपी कार्यालय (District Magistrate/Collector/Deputy Superintendent of Police/Superintendent of Police Office)
- डीएम कार्यालय (District Magistrate Office)
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Stage 2: आवेदन फॉर्म
- योग्य उम्मीदवारों से कम से कम 1 महीने का समय देकर आवेदन पत्र आमंत्रित किए जाएंगे।
- सभी आवेदन पत्र क्षेत्र के पुलिस अधीक्षक (एसपी) द्वारा प्राप्त किए जाएंगे। आवेदकों के चयन और अस्वीकृति के मानदंडों के आधार पर जिला स्तर पर एक उचित तंत्र चलाया जाएगा।
- योग्य आवेदकों की शॉर्ट-लिस्टिंग प्रक्रिया स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा की जाएगी।
- शॉर्टलिस्ट किए गए आवेदकों की सभी साख के सत्यापन के बाद, आवेदकों को साक्षात्कार और चयन प्रक्रिया के लिए समिति का नेतृत्व करने वाले पुलिस अधीक्षक द्वारा बुलाया जा सकता है।
- फिर एसपी चयनित आवेदकों को नियुक्ति आदेश जारी करेंगे।
- चयनित आवेदकों को ऊपर बताए अनुसार सभी मूल दस्तावेज जमा करने होंगे और एक “स्व-घोषणा” भी जमा करना होगा जिसमें कहा गया हो कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक कार्यवाही नहीं है और उनकी कोई राजनीतिक संबद्धता भी नहीं है।
Note: मौजूदा समूह के सदस्य जो पहले से ही विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा से निपटने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं, उन्हें एमपीवी के लिए आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
FAQs
Q. महिला पुलिस swayamsewak कौन बन सकती है?
कोई भी महिला जो जिले की निवासी है और स्नातक की पढ़ाई पूरी कर चुकी है, महिला पुलिस स्वयंसेवक बन सकती है। उसे समुदाय की सेवा करने और आवश्यक प्रशिक्षण लेने के लिए भी इच्छुक होना चाहिए।
Q. महिला पुलिस स्वयंसेवक की जिम्मेदारियाँ क्या हैं?
एक महिला पुलिस स्वयंसेवक से अपेक्षा की जाती है कि वह महिलाओं में उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करेगी, कानून और व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस की सहायता करेगी, महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों की रिपोर्ट करेगी और पुलिस और समुदाय के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करेगी।
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Q. क्या महिला पुलिस स्वयंसेवक योजना महिलाओं के विरुद्ध अपराध रोकने में कारगर है?
हां, महिला पुलिस swayamsewak योजना महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों को रोकने और रिपोर्ट करने में सफल रही है। स्वयंसेवकों ने महिलाओं में उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करने और समुदाय के बीच विश्वास और भरोसा पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
Q. सरकार इस योजना के समक्ष आने वाली चुनौतियों का समाधान कैसे कर सकती है?
सरकार विभिन्न माध्यमों, जैसे सोशल मीडिया और सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रमों के माध्यम से योजना के बारे में अधिक जागरूकता पैदा कर सकती है। यह प्रभावी प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए स्वयंसेवकों को पर्याप्त प्रशिक्षण और संसाधन भी प्रदान कर सकता है।
Q. क्या महिला पुलिस स्वयंसेवक योजना को अन्य देशों में लागू किया जा सकता है?
महिला पुलिस स्वयंसेवक योजना एक अनूठी पहल है जो भारत में सफल रही है। हालाँकि इस योजना को अन्य देशों में सीधे तौर पर लागू नहीं किया जा सकता है, लेकिन महिलाओं को सशक्त बनाने और एक सुरक्षित वातावरण बनाने के इसके अंतर्निहित सिद्धांतों को विभिन्न संदर्भों में अपनाया जा सकता है।
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