डिजिटल भारत का सपना! NeGP, भारत को बना रहा स्मार्ट | National e-Governance Plan | Digital India, Digital Citizen
पिछले कुछ वर्षों में, National e-Governance Plan (NeGP) के युग की शुरुआत करने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों ने कई पहल की हैं। सार्वजनिक सेवाओं की डिलीवरी में सुधार और उनकी पहुँच को आसान बनाने के लिए कई स्तरों पर निरंतर प्रयास किए गए हैं। भारत में ई-गवर्नेंस, सरकारी विभागों के कम्प्यूटरीकरण से लेकर नागरिक-केंद्रितता, सेवा अभिविन्यास और पारदर्शिता जैसे शासन के महत्वपूर्ण पहलुओं को समाहित करने वाली पहलों तक लगातार विकसित हुआ है। पहले की ई-गवर्नेंस पहलों से मिले सबक ने देश की प्रगतिशील National e-Governance Plan (NeGP) रणनीति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह मान्यता प्राप्त की गई है कि राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर पर सरकार के विभिन्न अंगों में National e-Governance Plan (NeGP) के कार्यान्वयन को तेज करने के लिए एक कार्यक्रम दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है, जो सामान्य दृष्टि और रणनीति द्वारा निर्देशित हो।
इस दृष्टिकोण से कोर और सहायक बुनियादी ढांचे को साझा करने, मानकों के माध्यम से अंतर-संचालन को सक्षम करने और नागरिकों के लिए सरकार का एक सहज दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के जरिए लागत में बड़ी बचत की संभावना है। National e-Governance Plan (NeGP) देश भर में ई-गवर्नेंस पहलों का समग्र दृष्टिकोण अपनाती है, उन्हें एक सामूहिक दृष्टि और साझा उद्देश्य में एकीकृत करती है। इस विचार के चारों ओर एक विशाल बुनियादी ढाँचा विकसित हो रहा है, जो दूर-दराज के गांवों तक पहुँचने में सहायक है, और इंटरनेट पर आसान, विश्वसनीय पहुँच सुनिश्चित करने के लिए अभिलेखों का बड़े पैमाने पर डिजिटलीकरण हो रहा है। अंतिम उद्देश्य सार्वजनिक सेवाओं को नागरिकों के निकट लाना है, जैसा कि National e-Governance Plan (NeGP) के विज़न स्टेटमेंट में व्यक्त किया गया है।
सरकार ने 18 मई, 2006 को 27 मिशन मोड परियोजनाओं और 8 घटकों वाली National e-Governance Plan (NeGP) को मंजूरी दी थी। वर्ष 2011 में, 27 मिशन मोड परियोजनाओं को बढ़ाकर 31 किया गया, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, पीडीएस और डाक शामिल हैं। सरकार ने National e-Governance Plan (NeGP) के लिए विजन, दृष्टिकोण, रणनीति, प्रमुख घटकों, कार्यान्वयन पद्धति और प्रबंधन संरचना (Vision, vision, strategy, key components, implementation methodology and management structure) को मंजूरी दी है। हालांकि, NeGP की मंजूरी सभी मिशन मोड परियोजनाओं के लिए वित्तीय मंजूरी नहीं है। विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों, राज्यों और राज्य विभागों द्वारा चल रही परियोजनाओं को National e-Governance Plan (NeGP) के उद्देश्यों के साथ संरेखित किया जाएगा। ई-गवर्नेंस को समग्र रूप से बढ़ावा देने के लिए, कोर और सहायक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विभिन्न नीतिगत पहल और परियोजनाएं शुरू की गई हैं।
- मुख्य कोर अवसंरचना घटकों (core infrastructure components) में राज्य डेटा केंद्र (State Data Center (SDC), राज्य व्यापी क्षेत्र नेटवर्क (State Wide Area Network (SWAN), सामान्य सेवा केंद्र (Common Service Center (CSC) और मिडलवेयर गेटवे (middleware gateway) शामिल हैं, जैसे राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण गेटवे (National e-Governance Service Delivery Gateway (NSDG), राज्य ई-गवर्नेंस सेवा वितरण गेटवे (State e-Governance Service Delivery Gateway (SSDG), और मोबाइल ई-गवर्नेंस सेवा वितरण गेटवे (Mobile e-Governance Service Delivery Gateway (MSDG)।
- महत्वपूर्ण सहायक घटकों में सुरक्षा, मानव संसाधन, नागरिक सहभागिता, सोशल मीडिया, मेटाडेटा, इंटरऑपरेबिलिटी, एंटरप्राइज़ आर्किटेक्चर, और सूचना सुरक्षा (Security, Human Resources, Civic Engagement, Social Media, Metadata, Interoperability, Enterprise Architecture, and Information Security) से संबंधित मानकों पर कोर नीतियां और दिशानिर्देश शामिल हैं। नई पहलों में प्रमाणीकरण के लिए ढांचे जैसे ई-प्रमाण और जी-आई क्लाउड शामिल हैं, जो ई-गवर्नेंस परियोजनाओं के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग के लाभों को सुनिश्चित करेगा।
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National e-Governance Plan (NeGP) क्या है?
इलेक्ट्रॉनिक गवर्नेंस या ई-गवर्नेंस अब दुनिया भर में एक लोकप्रिय अवधारणा है। भारत जैसी मांग वाली अर्थव्यवस्था में, जो तेज़ी से बढ़ रही है, ई-गवर्नेंस आवश्यक है। इसे सरकार द्वारा सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के उपयोग के रूप में परिभाषित किया जाता है, ताकि व्यवसायों और नागरिकों को विभिन्न सेवाएँ प्रदान की जा सकें, तथा सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सके, आदि। संचार और विभिन्न व्यक्तिगत सेवा प्रणालियों को एक साथ लाना भी ई-गवर्नेंस की कार्यक्षमताओं के अंतर्गत आता है। राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (NeGP) को प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (DARPG), इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (ME&IT) तथा कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2006 में तैयार किया गया था।
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National e-Governance Plan (NeGP) के उद्देश्य क्या हैं?
ई-गवर्नेंस का उद्देश्य सभी सरकारी सेवाओं को आम आदमी तक आसानी से पहुँचाना है, साथ ही दक्षता, विश्वसनीयता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। ये सभी सेवाएँ आम आदमी को उनकी बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए किफ़ायती कीमत पर उपलब्ध कराई जाती हैं। NeGP ने डिजिटल इंडिया पहल में मदद की। UMANG की परियोजना (नए युग के शासन के लिए एकीकृत मोबाइल एप्लीकेशन) ने NeGP को संभव बनाया।
“आम आदमी को उसके इलाके में सभी सरकारी सेवाएँ सुलभ कराना, सामान्य सेवा वितरण आउटलेट के माध्यम से, और आम आदमी की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए किफ़ायती लागत पर ऐसी सेवाओं की दक्षता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना”
- भारत के नागरिकों को सभी सरकारी सेवाएँ इलेक्ट्रानिक माध्यमों से उपलब्ध कराना है।
- सूचना प्रदान करने में आसानी
- राज्यों के बीच या केंद्र और राज्य के बीच काम करने में दक्षता बढ़ाना
- व्यवसायों और विभिन्न उद्योगों के साथ बातचीत में सुधार
- सरकारी मामलों में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना
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National e-Governance Plan (NeGP) भारत को कैसे बदल सकता है?
ई-गवर्नेंस का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह समावेशीपन पर जोर देता है। इससे देश के सामाजिक परिवर्तन में मदद मिलती है। राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना यूपीएससी के प्रश्न आमतौर पर निम्नलिखित के बारे में पूछे जाते हैं:
- MyGov – इसका उद्देश्य सरकार और नागरिकों के बीच एक कड़ी स्थापित करना है। उमंग मोबाइल एप्लीकेशन की शुरुआत |
- डिजिलॉकर (DigiLocker)- एक ऐसा प्लेटफॉर्म जहां नागरिक सुरक्षित तरीके से सेवा प्रदाताओं के साथ दस्तावेजों का आदान-प्रदान कर सकते हैं और उन्हें स्टोर कर सकते हैं |
- ई-हॉस्पिटल ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फ्रेमवर्क (e-Hospital Online Registration Framework (ORF)– मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालों में ऑनलाइन ओपीडी अपॉइंटमेंट लेने की पहल |
- कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित करना- भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण |
- डिजिटल भुगतान- भीम-यूपीआई, भारत क्यूआर कोड, राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (BHIM-UPI, Bharat QR Code, National Electronic Toll Collection) जैसे डिजिटल भुगतान टूल को लागू करना |
- आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (Aadhaar Enabled Payment System (AEPS)– बैंकिंग सेवाओं और डिजिटल भुगतान के लिए
- दर्पण (Darpan)- राज्यवार लागू की गई महत्वपूर्ण और हाई प्रोफाइल परियोजनाओं पर नज़र रखने के लिए ऑनलाइन टूल हैं |
- प्रो-एक्टिव गवर्नेंस और समय पर कार्यान्वयन (Pro Active Governance and Timely Implementation (PRAGATI)– एक ऐसी प्रणाली जिसका उद्देश्य ई-जवाबदेही स्थापित करना और ई-पारदर्शिता को लागू करना है |
- मोबाइल सेवा- लोगों को उनके मोबाइल फोन और टैबलेट पर सेवाएँ |
- राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (National Scholarship Portal (NSP)– छात्रों के लिए छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने और प्राप्त करने के लिए एक केंद्रीकृत प्लेटफ़ॉर्म |
- राष्ट्रीय भू-सूचना विज्ञान केंद्र (National Center for Geo-informatics (NCOG)– एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म जो भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) प्लेटफॉर्म |
- कॉमन सर्विस सेंटर 2.0 (Common Service Center 2.0 (CSC 2.0) – सूचना प्रौद्योगिकी ताकि नागरिकों को सामाजिक, सरकारी और निजी सेवाएं उनके दरवाजे पर ही मिल सकें।
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National e-Governance Plan (NeGP) के सामने क्या चुनौतियाँ हैं?
- बिजली, इंटरनेट आदि जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव
- ई-गवर्नेंस एक महंगा उपाय है और इसके लिए भारी मात्रा में सार्वजनिक धन की आवश्यकता होगी।
- सुरक्षा मानक और डेटा की सुरक्षा एक बड़ी चिंता है।
- सरकारी सेवाओं के उपयोगकर्ताओं और गैर-उपयोगकर्ताओं के बीच भारी असमानता
- विविध जनसंख्या के कारण सेवाओं का असमान वितरण और उपयोग
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ई-क्रांति, National e-Governance Plan (NeGP) को कैसे बढ़ावा देती है?
ई-क्रांति (E-KRAANTI) का तात्पर्य मिशन मोड प्रोजेक्ट्स (एमएमपी) पोर्टफोलियो के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक सेवा वितरण से है, जो सरकार के विभिन्न विभागों को कवर करता है। यह पूरे भारत में ई-गवर्नेंस के प्रसार और दक्षता में तेजी लाने के लिए कार्यरत है। डिजिटल इंडिया पहल में ई-क्रांति के प्रमुख फोकस निम्नलिखित हैं:
- ई-शिक्षा: शिक्षा में प्रौद्योगिकी का उपयोग, विशेषकर स्कूलों को ब्रॉडबैंड से जोड़ना, जिसमें मुफ़्त वाईफ़ाई प्रदान किया जाता है। राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
- ई-हेल्थकेयर: स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का उपयोग, जिसमें दवा की ऑनलाइन आपूर्ति, ऑनलाइन मेडिकल रिकॉर्ड और ऑनलाइन परामर्श शामिल हैं।
- किसानों के लिए प्रौद्योगिकी: यह किसानों को आवश्यक वस्तुओं को ऑनलाइन ऑर्डर करने, मोबाइल बैंकिंग सेवाओं के माध्यम से राहत भुगतान प्राप्त करने, ऑनलाइन ऋण सुविधाओं का लाभ उठाने और वास्तविक समय की कीमतों की जानकारी हासिल करने में (Helping farmers order essential commodities online, receive relief payments through mobile banking services, avail online loan facilities and access real-time price information.) सक्षम बनाती है।
- सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकी: यह नागरिकों को जीवन और संपत्ति के नुकसान को कम करने के लिए आपदा से संबंधित सेवाएं प्रदान करती है।
- वित्तीय समावेशन के लिए प्रौद्योगिकी: इसमें मोबाइल बैंकिंग, डाकघर सेवाएँ और माइक्रो-एटीएम जैसी सुविधाएँ शामिल हैं।
- न्याय के लिए प्रौद्योगिकी: इसमें ई-जेल, ई-कोर्ट, ई-अभियोजन और ई-पुलिस (E-Jail, E-Court, E-Prosecution and E-Police) जैसे अनुप्रयोग शामिल हैं।
- नियोजन के लिए प्रौद्योगिकी: यह राष्ट्रीय जीआईएस मिशन मोड परियोजना (National GIS Mission Mode Project) के माध्यम से बेहतर परियोजना डिज़ाइनिंग, नियोजन और विकास को संदर्भित करता है।
- साइबर सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकी: यह सुरक्षित और संरक्षित साइबरस्पेस के लिए राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वय केंद्र स्थापित करने पर केंद्रित है।
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