भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 08 मार्च 2018 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राजस्थान के झुंझुनू में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण मिशन | Pradhan Mantri National Poshan Mission | PMNPM की शुरुआत की। अच्छा पोषण स्वस्थ एवं समृद्ध समाज की आधारशिला है। अपने नागरिकों के लिए पर्याप्त पोषण के महत्व को पहचानते हुए, भारत ने कुपोषण को दूर करने, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार और समग्र कल्याण सुनिश्चित करने के लक्ष्य के साथ राष्ट्रीय पोषण मिशन (एनएनएम) शुरू किया।
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प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण मिशन | Pradhan Mantri National Poshan Mission | NPM
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण मिशन | Pradhan Mantri National Poshan Mission | PMNPM की शुरुआत प्रधानमंत्री द्वारा मार्च, 2018 में किया गया था। इस योजना के तहत तीन वर्ष तक के बच्चों व गर्भवती महिलाओं को लाभ प्रदान किया जाएगा। उनके लिए संतुलित भोजन की व्यवस्था कराई जाएगी ताकि उन्हें संतुलित भोजन मिल सके व उन्हें कुपोषण का शिकार होने से बचाया जा सके। भारत जैसे विविधतापूर्ण और आबादी वाले देश में, अपने नागरिकों के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करना एक महत्वपूर्ण कार्य है।
देश के समग्र विकास में पोषण की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, भारत सरकार ने 2018 में Pradhan Mantri National Poshan Mission शुरू किया, जिसे पोषण अभियान के रूप में भी जाना जाता है। इस महत्वाकांक्षी पहल का उद्देश्य कुपोषण की लगातार समस्या का समाधान करना और पोषण की स्थिति में सुधार करना है। भारत के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की। अपने बहुआयामी दृष्टिकोण और लक्षित हस्तक्षेपों के साथ, एनएनएम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और अधिक समृद्ध भारत की कल्पना करता है।
इसमें 96,646 करोड़ रूपए की राशि खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है जिसे तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। इस योजना को आँगनवाड़ी केंद्रों (anganwadi centre) के माध्यम से संचालित किया जाएगा अर्थात इसका क्रियान्वन्त किया जाएगा। आँगनवाड़ी(anganwadi) में कार्यरत महिलाएं इस प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण मिशन योजना(Prime Minister National Nutrition Mission Scheme) के कार्य को संभालेंगे जिसके लिए उन्हें 500 रूपए अतिरिक्त प्रदान किए जाएंगे।
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क्या होता है कुपोषण और अल्प-पोषण (What is malnutrition and under-nutrition?)
- कुपोषण: पोषण की ऐसी स्थिति जब व्यक्ति को अपनी आवश्यकतानुसार कम पोषक तत्व मिले या आवश्यकता से अधिक पोषक तत्व मिले, कुपोषण कहलाती है। कुपोषण में अल्पपोषण और अत्यधिक पोषण दोनों शामिल होते हैं।
- अल्प-पोषण: कुपोषण की ऐसी स्थिति जिसमें पोषक तत्व गुण व मात्रा में शरीर के लिये काफी नहीं होते यानी एक या एक से ज़्यादा पोषक तत्वों की कमी पायी जाती है, अल्प-पोषण कहलाती है। मसलन आयरन की कमी से एनीमिया होना।
कुपोषण और उसके कारण (Malnutrition and its causes)
- कुपोषण में पौष्टिक भोजन की कमी होने से शरीर कमज़ोर हो जाता है उसका पूरा विकास नहीं हो पता है। किसी भी व्यक्ति के शरीर के विकास के लिए प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट(carbohydrate) की ज़रूरत होती है।
- जब किसी के आहार में इन तत्वों की कमी होती है तो शरीर का विकास नहीं हो पाता और कई बीमारियों की वजह से उसकी आयु कम रह जाती है। कुपोषण की वजह से शरीर का सम्पूर्ण विकास नहीं हो पाता है।
- ज़्यादातर कुपोषित बच्चों का कद कम रह जाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता(immunity to disease) कम हो जाती है और लोग कई तरह की बीमारियों के शिकार बन जाते है। शिशुओं की मृत्यु का एक बड़ा कारण कुपोषण ही होता है।
- महिलाओं में कुपोषण की वजह से एनीमिया(anemia) और घेंघा रोग(goitre disease) होता है। बच्चों में कुपोषण की वजह से सूखा रोग और रतौंधी जैसी समस्याएं पैदा होती है। विश्व बैंक(World Bank) के अनुसार भारत शुमार उन देशों में होता रहा है जहाँ कुपोषण की समस्या ने गहराई तक जड़ जमा रखे है।
- International Food Policy Research Institute-IFPRI द्वारा जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट (Global Hunger Index Report) के अनुसार 119 देशों के ग्लोबल हंगर इंडेक्स (Global Hunger Index) में भारत 100वें नंबर पर है और वह उत्तर कोरिया (North Korea) और बांग्लादेश (bangladesh) जैसे देशों से भी पीछे है। इससे पहले भारत इस इंडेक्स (index) में 97वें स्थान पर था।
- इस साल वर्ल्ड हंगर इंडेक्स (World Hunger Index) में भारत तीसरे स्थान और पीछे चला गया है। भारत में कम वज़न वाले बच्चों की संख्या उप सहारा अफ्रीका (Africa) की तुलना में लगभग दोगुनी है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 5 साल से कम उम्र के 38.4% बच्चे कुपोषण की वजह से कम कद के शिकार है जबकि माँ बनने योग्य 51.4% महिलाएं एनीमिक (anemic) हैं। भारत में प्रत्येक साल जितनी मौतें होती हैं उनमें 5 फीसदी का कारण कुपोषण है।
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राष्ट्रीय पोषण मिशन अंतर्गत समितियाँ (Committees under National Nutrition Mission)
- राष्ट्रीय पोषण परिषद (NNC): नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार की अध्यक्षता वाली इस परिषद में 12 केंद्रीय मंत्री और 5 मुख्यमंत्री बारी-बारी से शामिल किए जाते हैं।
- राष्ट्रीय पोषण मिशन की कार्यान्वयन समिति: इस समिति की अध्यक्षता महिला और बाल विकास मंत्रालय के सचिव द्वारा की जाती है।
- नेशनल टेक्निकल बोर्ड ऑन न्यूट्रिशन (NTBN): नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल की अध्यक्षता मे नेशनल टेक्निकल बोर्ड ऑन न्यूट्रिशन (NTBN)।
- उपरोक्त तीन शीर्ष समितियाँ सरकार को पोषण के संबंध में नीति निर्देश प्रदान करती हैं और विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी करने के साथ-साथ विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पोषण स्थिति की समीक्षा करती हैं।
- दिसंबर 2017 में कैबिनेट ने राष्ट्रीय पोषण मिशन को मंजूरी देने के बाद इन समितियों की हर तिमाही में एक बार बैठक किए जाने की अनिवार्यता तय की गयी थी।
- राष्ट्रीय पोषण परिषद की अंतिम बैठक अक्तूबर 2012 में हुई थी और राष्ट्रीय पोषण मिशन के लिए बनी कार्यान्वयन समिति की अंतिम बैठक फरवरी 2020 में हुयी थी।
- इसके अलावा नेशनल टेक्निकल बोर्ड ऑन न्यूट्रिशन (National Technical Board on Nutrition) की बैठक अभी तक मात्र 2 बार ही हुयी है और इस बोर्ड की अंतिम बैठक अगस्त 2018 में हुयी थी।
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कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए सरकारी प्रयास (Government efforts to deal with the problem of malnutrition)
- राष्ट्रीय पोषण रणनीति: साल 2017 की राष्ट्रीय पोषण रणनीति का उद्देश्य 2022 तक भारत को कुपोषण मुक्त देश बनाना है।
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना: भारत सरकार ने मातृत्व सहयोग के मक़सद से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना शुरू किया है। इस योजना के तहत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले जीवित जन्म के लिए 6000 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान किया जाता है।
- पोषण अभियान: इस अभियान को मार्च 2018 में राजस्थान के झुंझुनू ज़िले में लॉन्च किया गया था। इसका मकसद, गर्भवती महिलाओं, माताओं व बच्चो के पोषण ज़रूरतों को पूरा करना है। इसके अलावा इसका लक्ष्य बच्चों, महिलाओं में खून की कमी यानी अनीमिया को दूर करना भी है। यह महिला व बाल विकास मंत्रालय का फ्लैगशिप कार्यक्रम है।
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम: इसका मक़सद लोगों को सस्ती दर पर पर्याप्त मात्रा में बेहतर खाद्यान्न उपलब्ध कराना है ताकि उन्हें खाद्य और पोषण सुरक्षा मिले और वे सम्मान के साथ जीवन जी सकें। इस क़ानून का खास ज़ोर गरीब-से-गरीब व्यक्ति, महिलाओं और बच्चों की जरूरतें पूरी करने पर है।
- मध्याह्न भोजन योजना: बच्चों में पौषणिक स्तर में सुधार करने के मक़सद से मध्याह्न भोजन योजना प्रारम्भ किया गया है। इसके तहत हर सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल के प्रत्येक बच्चे को न्यूनतम 200 दिनों के लिए 8-12 ग्राम प्रतिदिन प्रोटीन और ऊर्जा के न्यूनतम 300 कैलोरी अंश के साथ मध्याह्न भोजन परोसा जाता है।
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राष्ट्रीय पोषण मिशन के उद्देश्य (Objectives of National Nutrition Mission)
राष्ट्रीय पोषण मिशन स्पष्ट उद्देश्यों के साथ शुरू किया गया था जिसका उद्देश्य कुपोषण के विभिन्न पहलुओं को संबोधित करना और कमजोर आबादी की पोषण स्थिति में सुधार करना था। कुछ प्रमुख उद्देश्यों में शामिल हैं:
- बौनेपन और अल्पपोषण को कम करना: मिशन का लक्ष्य बच्चों, किशोरों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के बीच बौनेपन, अल्पपोषण और एनीमिया की व्यापकता को कम करना है।
- अधिक वजन और मोटापे की रोकथाम और नियंत्रण: एनएनएम कुपोषण के दोहरे बोझ को पहचानता है, जिसमें न केवल अल्पपोषण बल्कि अधिक वजन और मोटापे की बढ़ती दर भी शामिल है। मिशन इन मुद्दों को रोकने और नियंत्रित करने का प्रयास करता है, खासकर बच्चों और किशोरों के बीच।
- इष्टतम शिशु और छोटे बच्चे के आहार प्रथाओं को बढ़ावा देना: उचित स्तनपान प्रथाओं को प्रोत्साहित करना और समर्थन करना, पूरक खाद्य पदार्थों की समय पर शुरूआत, और शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए उचित पोषण एनएनएम के आवश्यक घटक हैं।
- मिशन प्रारंभिक चरण में 112 उच्च बोझ वाले जिलों पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसका लक्ष्य पूरे देश को कवर करने से पहले इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार हासिल करना है।
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राष्ट्रीय पोषण मिशन की विशेषताएँ (Features of National Nutrition Mission)
- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण योजना को तीन चरणों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
- पहला चरण 2017-18 में, दूसरा 2019 में और तीसरा 2020 में शुरू हुआ था।
- इस प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण मिशन योजना का मुख्य उद्देश्य देश से कुपोषण जैसी महामारी को खत्म करना है। गरीब परिवार अपने बच्चों और गर्भवती महिलाओं को संतुलित भोजन उपलब्ध नहीं करा पाते हैं। सरकार प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण मिशन के जरिए उन्हें संतुलित भोजन मुहैया कराना चाहती है.
- इस योजना के माध्यम से तीन साल के बच्चों को आंगनवाड़ी के तहत संतुलित भोजन की व्यवस्था करनी है।
- इस योजना के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को संतुलित पोषण प्रदान करके उन्हें कुपोषण से बचाया जा सकता है, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा सकता है कि मां से जन्म लेने वाला बच्चा स्वस्थ हो।
- योजना का उद्देश्य लगभग 10 करोड़ बच्चों और महिलाओं को इस योजना के तहत लाभ प्रदान करना है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों को इसका लाभ मिलेगा।
- इस योजना के जरिए सरकार पहले चरण में कम वजन वाले बच्चों की संख्या में 2% की कमी लाना चाहती है।
- इसके साथ ही एनीमिया और खून की कमी से पीड़ित बच्चों और महिलाओं की संख्या में हर साल 3% की कमी की जानी चाहिए।
- इस मिशन का एक अन्य लक्ष्य 2022 तक स्टंटिंग (stunting) को 4% से घटाकर 25% करना है।
- देश की एक बड़ी आबादी व्यापक कुपोषण (widespread malnutrition) से पीड़ित है, जिनमें से अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं। ऐसी स्थिति में देश के विकास में बाधा उत्पन्न होने की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है।
- जब महिलाएं कुपोषित रहती हैं, तो उनके बच्चे स्वतः ही कुपोषित हो जाते हैं। ऐसे में उनसे देश के विकास में भागीदारी की उम्मीद नहीं की जा सकती. मानवाधिकारों की दृष्टि से भी कुपोषण एक बड़ी समस्या है।
- लगभग आधी आबादी होने के बावजूद महिलाओं का पिछड़ापन विकास के लिए एक बड़ी चुनौती है, जबकि बच्चे स्वयं कम का भविष्य हैं। यदि वे पिछड़े हुए तो देश का भविष्य भी अंधकार में हो सकता है।
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प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण मिशन योजना के तहत वहन की जाने वाली राशि (Prime Minister National Nutrition Mission: Amounts)
इस प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण मिशन योजना में खर्च की जाने वाली राशि में 60 प्रतिशत हिस्सा केन्द्र सरकार का व 40 % हिस्सा संबंधित राज्य सरकार देंगी। लेकिन स्टेट वाइज (state wise) योजना के लिए राज्य बजट का आधा रूपया राज्य सरकार व आधा आईआरडी / एमबीडी (IRD/MBD) द्वारा दिया जाएगा। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण मिशन योजना के तहत उत्तर पूर्वी राज्यों व हिमाचल प्रदेंश में 90 % केंन्द्र सरकार व 10 % राज्य सरकार वहन करेगी। जिन राज्यों में विधानमंडल (Legislature) नही हैं वहा पूरी राशि केन्द्र सरकार वहन करेगी।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण मिशन योजना के लिए आवेदन (Prime Minister National Nutrition Mission: Registration)
- अगर आप प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण मिशन योजना के लिए आवेदन करना चाहते है तो सबसे पहले आपको Ministry of health & Family Welfare Government of India की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा ।
- ऑफिसियल वेबसाइट पर जाने के बाद आपके सामने होम पेज खुल जायेगा ।
- आपको इस होम पेज पर लॉगिन फॉर्म दिखाई देगा ।अगर आप पहले से ही रजिस्टर है तो आपको सीधे लॉगिन करना होगा ।
- अगर आप रेजिस्टर्ड नहीं है तो आपको लॉगिन फॉर्म के नीचे प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पोषण मिशन योजना के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
- ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद आपके सामने आगे का पेज खुल जायेगा। इस पेज पर आपको रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल जायेगा। इस रजिस्ट्रेशन फॉर्म में आपको पूछी गयी सभी जानकारी जैसे स्टेट ,डिस्ट्रिक्ट प्रोफाइल सर्विस प्रोवाइडेड आदि भरनी होगी।
- सभी जानकारी भरने के बाद आपको कंटिन्यू के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
- इसके बाद आपकी स्क्रीन पर आपको एक यूनिक आईडी कोड (unique ID code) प्रदर्शित होगा आप उसे सुरक्षित रखें।
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