देश तेजी से डिजिटल हो रहा है। क्या गांव? क्या शहर? हर जगह लोग ऑनलाइन पेमेंट का इस्तेमाल करते है। हालांकि जितनी रफ्तार से ऑनलाइन पेमेंट बढ़ रहा है, उतनी ही रफ्तार से Online Money Fraud की संख्या में इजाफा हो रहा है। ऐसे में कई बार लोग ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं। अगर आपके अकाउंट से भी ऑनलाइन पैसे कट गए हैं, तो हम आपको ऑनलाइन पेमेंट रिफंड के बारे में बता रहे हैं, जिसकी मदद से यूजर्स ऑनलाइन फ्रॉड के नुकसान की भरपाई कर पाएंगे। ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायत आप लोकल पुलिस और साइबर क्राइम ब्रांच में कर सकते हैं | पुलिस में फ्रॉड की शिकायत आपको घटना के 3 दिनों में ही कर देनी चाहिए | इसके अलावा आप ऑनलाइन भी इसके लिए शिकायत दर्ज कर सकते हैं |
रिजर्व बैंक (RBI) ने एक ट्वीट करते हुए कहा है- ‘अगर अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन से आपका नुक़सान हुआ हो, तो आपकी देयता सीमित हो सकती है, बल्कि शून्य भी हो सकती है, अगर आप अपने बैंक को तुरन्त सूचित करते हैं | मतलब साफ है कि अगर आपके खाते से कोई गैरकानूनी ट्रांजेक्शन हुई है तो उसकी सूचना तुरंत अपने बैंक को दें | बिना देरी करे सूचना देने से आप बच सकते हैं | ऐसा करना से आपके सारे पैसे आपको मिल सकते हैं |
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Online Money Fraud: अगर बैंक खाते से कट गए हैं पैसे, तो क्या करे?
Internet का चलन आज बहुत ही बढ़ता जा रहा है। जिसके चलते Frauds के मामलों में भी वृद्धि हो रही है। नए-नए तरीकों के द्वारा लोगों के साथ फ्रॉड किया जा रहा है। Online Fraud जिसको Internet Fraud भी कह सकते हैं। वैसे यहां साइबर क्राइम की श्रेणी में आता है। इस क्राइम में क्रिमिनल इंटरनेट या कॉल का इस्तेमाल करके किसी भी व्यक्ति को जाल में फंसा सकता है और उससे निजी जानकारियां हासिल कर लेता है, पैसों की धोखाधड़ी कर सकता है। लगभग व्यक्ति को किसी भी प्रकार का लालच देकर क्रिमिनल उसके साथ ठग कर सकता है।
आरबीआई के पास सूचना जाने के बाद बैंक अपना काम ठीक से करते हैं, इतना ही नहीं पुलिस कंप्लेन भी है तो कस्टमर की तरफ से पूरी फॉर्मेलिटी हो जाती है | फिर आपको कहीं भागने-दौड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी | इसके 3 से 21 दिन के भीतर आपको पैसा वापस मिल जाता है | आजकल जितना ऑनलाइन फ्रॉड बढ़ रहा है, भारतीय रिजर्व बैंक ग्राहकों के पैसे को बचाने के लिए उतने ही कड़े सेफ्टी रूल्स बना रहा है और समय समय पर सर्कुलर जारी करता रहता है | अगर आपके साथ कोई भी फ्रॉड होता है तो आपको पैसा मिल सकता है, लेकिन आपको आरबीआई की इन शर्तों के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है |
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Online Money Fraud मामले में RBI की गाइडलाइन्स
आरबीआई के अनुसार अगर किसी जानकारी के अभाव में, बैंक की कमी या अन्य किसी तरीके से फ्रॉड हो जाता है, फिर वह चाहे फोन से, नेट बैंकिंग से, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड से या ऑनलाइन पेमेंट गेटवे से होता है, तो शिकायत के बाद पैसा मिल सकता है | इसके अलावा अगर किसी थर्ड पार्टी ब्रीच के चलते, सिस्टम के चलते अकाउंट से पैसा जाता है, जिसमें न बैंक और न ही कस्टमर की गलती होती है, तो भी पैसा वापस मिल जाता है |
हालांकि आरबीआई ने अपनी गाइडलाइंस में यह स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर किसी के साथ फ्रॉड होता है तो घटना के 3 दिन के अंदर बैंक को इसकी सूचना लिखित में देनी ही होगी | अगर कस्टमर 4 से 7 दिन के भीतर बैंक को सूचित करता है, तो भी कुछ संभावना रहती है कि पैसा रिफंड हो सके, लेकिन उसके लिए भी लिमिटेशंस हैं | इसके बाद सूचना देने पर बैंक बोर्ड की जो भी नीति होती है, उसके अनुसार ही चीजें होंगी |
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Online Money Fraud के कुछ प्रकार | Some types of Online Money Fraud
1. लाटरी के जरिये फ्रॉड (lottery fraud)
इस प्रकार के फ्रॉड में भोले भाले लोगों को निशाना बनाया जाता है क्योंकि ऐसे लोगों को इंटरनेट का ज्ञान नहीं होता हैं। उनको पहले अनजान नंबर से कॉल या ईमेल, व्हाट्सएप पर पैसे जीतने का मैसेज आता है। फिर लॉटरी का लालच दिया जाता है। जिसमें यहां कहा जाता है कि आपकी ऑनलाइन लॉटरी लगी है और फिर लॉटरी के लिए पैसे यानी कि टैक्स लेने की मांग करते हैं व बैंक अकाउंट्स जानकारी भी मालूम करने का प्रयास करते हैं।
ऐसे में अगर कोई व्यक्ति क्रिमिनल की बातों में आ जाए और पैसे क्रिमिनल के पास ट्रांसफर कर दे तो क्रिमिनल कोई नया सा बहाना बनाकर ओर पैसे ट्रांसफर करने का अनुरोध करता है। इस बार आप अगर पैसे देने के लिए इंकार कर देते हैं तो क्रिमिनल आपको ब्लॉक कर देता है। दूसरी तरफ अगर आप क्रिमिनल को बैंक अकाउंट डिटेल बता देते हैं तो वहां आपके बैंक अकाउंट को खाली कर देता है। इस प्रकार आप ठग के शिकार बन सकते हैं।
2. KYC के माध्यम से फ्रॉड (Fraud through KYC)
इस प्रकार के फ्रॉड में क्रिमिनल द्वारा KYC का बहाना लिया जाता है। क्रिमिनल सबसे पहले कॉल करता है और फिर बोलता है कि आपका केवाईसी कंप्लीट नहीं है या आधार कार्ड से लिंक नहीं है तो फिर क्रिमिनल कहता है कि हम आपकी केवाईसी को कंप्लीट कर देंगे। ऐसी स्थिति में क्रिमिनल आपसे ओटीपी हासिल करने के लिए अनुरोध या बैंक अकाउंट डिटेल्स प्राप्त करने के लिए मजबूर करता है। आप अगर ओटीपी या बैंक अकाउंट डिटेल्स बता देते हैं तो ऐसे में आपके बैंक अकाउंट में से पैसे कट सकते हैं। आपको पता भी नहीं चलेगा कब आपका बैंक अकाउंट खाली हो गया। कई सारे लोगों ने ऐसे फ्रॉड मामले में अपने सारे पैसे गंवाए है।
3. UPI के माध्यम से फ्रॉड (Fraud through UPI)
आज के मॉडर्न जमाने में लगभग सभी मोबाइल के द्वारा बैंक का इस्तेमाल करते हैं। मतलब सभी लोग फोनपे, पेटीएम, गूगल पे, अमेजॉन पे, इत्यादि यूपीआई आधारित पेमेंट्स ऐप का इस्तेमाल करते हैं। इसमें क्रिमिनल UPI id का सहारा लेकर फ्रॉड करते हैं। आपने अक्सर देखा हुआ कि कई बार ई मेल या मैसेज आते हैं। जिसमें लिखा हुआ होता है कि आपकी UPI id चेंज हो चुकी है या फिर कोई सा नया बहाना बनाकर आपको गुमराह किया जाता है और फिर जब कोई व्यक्ति है इस जाल में फंस जाता है तो उससे ओटीपी बताने के लिए कहा जाता है। इसके बाद जब ओटीपी क्रिमिनल को प्राप्त हो जाते हैं तब आपके बैंक अकाउंट में मौजूद पैसे क्रिमिनल के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाते हैं।
4. ओटीपी के जरिये फ्रॉड (Fraud through OTP)
ऑनलाइन या डिजिटल प्लैटफॉर्म्स पर पेमेंट करते वक्त यूजर्स की ओर से ही पेमेंट किया जा रहा है, यह कन्फर्म करने के लिए डिवाइस पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आता है। आप ओटीपी डालने के बाद ही पेमेंट कर सकते हैं और यही वजह है कि अपना ओटीपी किसी से न शेयर करने की सलाह दी जाती है। पेमेंट करने वाले नए लोगों से धोखे से ओटीपी पूछकर फ्रॉड करने वाले उन्हें अपना शिकार बना लेते हैं। यह ओटीपी टेक्स्ट मेसेज पर आता है और तय समय तक ही इसे यूज किया जा सकता है। फ्रॉड करने वाले इसकी मदद से बड़ी रकम अकाउंट से गायब कर देते हैं।
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ऐसे भी हो रहा है Online Money Fraud, रहें अलर्ट
- बैंक खाता, एटीएम या क्रेडिट कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने या केवाईसी के बहाने ओटीपी पूछ कर फर्जीवाड़ा
- कार्ड को अचानक ब्लॉक बता या फिर नए ऑफर के साथ पुराने कार्ड को रिन्यू कराने के नाम पर OTP पूछकर ठगी
- एटीएम बूथ में हिडन कैमरा और स्किमर डिवाइस लगाकर डेबिट कार्ड की डिटेल लेकर फर्जीवाड़ा करना
- ठग बैंक या थर्ड पार्टी की मिलीभगत से डुप्लिकेट कार्ड या चेकबुक जारी कराकर फर्जी साइन के जरिए भी करते हैं फ्रॉड
- आजकल साइबर फ्रॉड बैंक के नाम से कोई लिंक भेजकर ऑनलाइन फॉर्म भरवा ले लेते हैं डिटेल फिर करते हैं ठगी
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Online Money Fraud से बचने के उपाय कौन-से हैं?
Online Fraud बहुत ही बढ़ता जा रहा है। पढ़े-लिखे लोग भी आसानी से क्रिमिनल के जाल में फस जाते हैं। फिर अपना बड़े नुकसान को गले लगाते हैं तो दोस्तों हमने नीचे कुछ ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के उपाय बताए हैं जिनको आप ध्यानपूर्वक पढ़ें।
- आपको अपनी बैंक संबंधी निजी जानकारियो को अपने किसी भी दोस्त या रिश्तेदार के साथ साझा नहीं करना चाहिए और यहां तक की आपके पास अगर किसी अनजान व्यक्ति का कॉल आता है और वह व्यक्ति आपसे निजी, बैंक से रिलेटेड, ओटीपी लगभग इत्यादि जानकारियां बटोर रहा है तो आप बिल्कुल भी जानकारियां बताए नहीं।
- UPI एप्लीकेशन का इस्तेमाल ध्यान से और सोच समझकर करें। क्योंकि हमारे देश में ऐसे कई लोग हैं जो अपनी छोटी सी गलती के कारण कई बड़े नुकसान का सामना कर चुके हैं। क्रिमिनल एक कॉल या मैसेज करता है और आप से कहता है कि आप इतने पैसे जीत चुके हैं या लकी ड्रा में आपका नाम, नंबर आया है। बस आपको एक बटन पर क्लिक करना है तो ऐसे में अगर आप क्रिमिनल द्वारा बताए गए बटन पर क्लिक कर देते हैं। आपके अकाउंट का पैसा एक बार में ही उड़ सकता है। दोस्तों यहां एक ध्यान देने वाली बात है आपको ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना है।
- किसी भी फेक एप्लीकेशन, वेबसाइट, पैसे कमाने वाली ऐप इत्यादि (Fake applications, websites, money making apps etc.) पर बिल्कुल भी भरोसा ना करें। यह आपसे आपकी निजी जानकारियों को इकट्ठा करके। आपके साथ फ्रॉड करने की साजिश है। बिल्कुल सोच समझकर एवं सावधानी के साथ किसी भी ऐप में अपनी निजी जानकारियां दर्ज करें।
- आज के मॉर्डन जमाने में अक्सर सोशल मीडिया पर फ्रेंडशिप का माहौल बढ़ता जा रहा है। कई लड़के-लड़कियां ऐसे हैं। जो बिना जानकारी जाने हुए अनजान लोगों को फ्रेंड बनाकर बात करते हैं या अपनी पर्सनल जानकारियों का आदान प्रदान करते हैं तो ऐसे में किसी पर भी आंख बंद करके विश्वास ना करें। क्या पता है यहां आपके साथ एक फ्रॉड हो सकता है। अगर आप ऐसे मामले में फंस जाते हैं तो आपको ब्लैकमेल किया जा सकता है व आप से पैसे भी वसूल किए जा सकते हैं।
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अगर Online Money Fraud हो चुका है, तो क्या करें?
अगर आपको UPI फ़्रॉड होता है, तो आपको UPI सर्विस प्रोवाइडर (GPay, PhonePe या Paytm वगैरह) को सूचित करना चाहिए | आप UPI ऐप में सर्विस प्रोवाइडर को फ़्रॉड ट्रांज़ैक्शन की जानकारी देते हुए रिफ़ंड की मांग कर सकते हैं | अगर आपको UPI सर्विस प्रोवाइडर से मदद नहीं मिलती है, तो आप नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया (NPCI) की वेबसाइट npci.org.in पर जाकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं |
- अगर आप ठगी होने के तीन दिनों (वर्किंग डे यानी कामकाजी दिन) के भीतर बैंक को जानकारी देते हैं, तो आपको 100 फ़ीसदी पैसे वापस मिलने की संभावना होती है | अगर आपकी गलती या किसी लापरवाही की वजह से आपके साथ ठगी हुई है, तो ऐसी स्थिति में आपको बैंक पैसे वापस नहीं देता |
- आपके साथ अगर जाने अनजाने में Fraud हो चुका है तो आप बिल्कुल भी घबराएं नहीं। आप कुछ नीचे दिए गए उपायों को फॉलो करके अपनी स्वयं की हेल्प कर सकते हैं। आइये जानते हैं-
- आप केंद्रीय गृह मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर 1930 डायल करके मदद ले सकते हैं।
- या फिर आप केंद्रीय गृह मंत्रालय के साइबर पोर्टल www |cybercrime |gov |in पर भी अपनी फ्रॉड संबंधी शिकायत कर सकते हैं।
- पैसे निकाले जाने की जनकारी बैंक को देने के साथ ही अपने एरिया की पुलिस को भी इस मामले की जानकारी दें। इसके अलावा आप अपने एरिया के साइबर सेल में इसकी शिकायत कर सकते हैं।
- बस इसमें आपको ध्यान रखना होता है कि अगर आपकी गलती या किसी लापरवाही की वजह से आपके साथ ठगी हुई है, तो ऐसी स्थिति में आपको बैंक पैसे वापस नहीं देता है।
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Online Money Fraud से बचने के लिए, इन बातों का रखें ध्यान
कभी भी किसी को मोबाइल पर आया कोई भी OTP न बताये, वर्ण आप ठगी का शिकार हो सकते हैं | बैंक का कोई भी कर्मचारी आपसे आपके बैंक अकाउंट का नंबर, आपका ATM card नंबर, OTP और अन्य बैंक से जुडी हुई जानकारी लेने के लिए कभी आपको आपके मोबाइल पर संपर्क नहीं कर सकता, क्युकी ऐसा करना हर किसी की बैंक पॉलिसीस के खिलाफ होता है, और यह जमकारी आपको बैंक के द्वारा मिले हुए डाक्यूमेंट्स पर लिखी हुई होती है |अगर कोई भी जानकारी आपसे मांगी जाये तो आप वह जानकारी अपनी बैंक की शाखा में जाकर ही दे |
- अगर आप एटीएम कार्ड या क्रेडिट कार्ड लेते हैं तो फोन बैंकिंग जरूर अपडेट करें और अपना फोन नंबर अपडेट रखें।
- फोन बैंकिंग अपडेट नहीं होने पर फर्जीवाड़ा होने पर आपको रिटर्न मिलने में बड़ी दिक्कत हो सकती है।
- खुद ओटीपी नंबर या कार्ड की डिटेल शेयर नहीं करें। अगर फ्रॉड हो जाए तो 3 दिन में बैंक में शिकायत करें।
- आप हमेशा बैंक में लगे एटीएम बूथ से ही पैसे निकाले और यह भी देखें कि वहां सिक्योरिटी रहती हो।
- गूगल से कस्टमर केयर का नंबर नहीं निकालें, क्योंकि ठग अपने नंबर को अपलोड कर लोगों को बना रहे हैं शिकार
- ANI DESK, QS, TEAM VIEWER जैसे रिमोट ऐप को कभी डाउनलोड ना करें और ना ही किसी झांसे में आएं
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साइबर फ्रॉड (Online Money Fraud) के लिए करा सकते हैं इंश्योरेंस
अगर आप चाहें तो साइबर फ्रॉड से बचने के लिए इंश्योरेंस भी करा सकते हैं | बजाज एलियांज और HDFC अर्गो जैसी कंपनियां ऐसे इंश्योरेंस मुहैया कराती हैं | इसमें अगर आपके खाते में कोई साइबर फ्रॉड होता है तो आपको आपके पैसे वापस मिल जाएंगे | ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के चलते साइबर फ्रॉड से बचने के इंश्योरेंस का स्कोप भी काफी बढ़ गया है |
रिजर्व बैंक ने ग्राहक सुरक्षा, अनाधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेन-देन में ग्राहकों की सीमित देनदारी (कस्टमर प्रोटेक्शन लिमिटिंग लाइबिलिटी ऑफ कस्टमर्स इन अनऑथराइज्ड इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग ट्रांजैक्शन) पर नए दिशानिर्देश जारी किए हुए हैं | The Reserve Bank has issued new guidelines on customer protection and limiting liability of customers in unauthorized electronic banking transactions.
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साइबर क्राइम (Online Money Fraud) की शिकायत ऑनलाइन दर्ज करने के लिए लॉगिन या रेसिस्टर कैसे करें | How to login or register to file complaint of cyber crime (Online Money Fraud) online
इस तरह के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारतीय सरकार ने साइबर क्राइम पोर्टल पेश कर रखा है जिसमें यूजर्स अपनी शिकायतों को तुरंत दर्ज कर सकते हैं। अगर कोई साइबर क्राइम का शिकार हो जाए तो वो इस साइट पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकता है। आइए जानते हैं कि कैसे घर बैठे में साइबर क्राइम की रिपोर्ट की जा सकती है।
- सबसे पहले साइबर क्राइम की आधिकारिक वेबसाइट पर जाये |
- फिर कर लें साइट पर लॉग इन
- लॉग इन करने के लिए अपनी डिटेल्स दें।
- अगर पहली बार लॉग इन कर रहे हैं तो पहले आईडी क्रिएट (create id) कर लें।
- इसके लिए ‘Citizen Login’ को सिलेक्ट करें।
- इसके बाद अपने राज्य, अपना नाम और मोबाइल नंबर एंटर करें।
- आपके रजिस्टर्ड फोन नंबर पर एक ओटीपी आएगा।
- ओटीपी और कैप्चा को दर्ज करने के बाद सबमिट का बटन दबा दें।
- लॉनइन करने के बाद एक और पेज ओपन होगा जिसमें एक फॉर्म शो होगा।
- इस फॉर्म में 4 पार्ट होते हैं जिसमें आपको अपनी जरूरी जानकारी एंटर करनी होगी।
- फॉर्म में इंसिडेंट, सस्पेक्ट, कंप्लेंट डिटेल्स समेत प्रीव्यू और सबमिट शामिल है (Preview and submit including incident, suspect, complaint details.)
- सभी जानकारी को दर्ज करने के साथ सेव एंड नेक्स्ट (Save and Next) पर क्लिक करना होगा।
- सभी जानकारी को review करके submit पर टैप कर सकते हैं।
साइबर क्राइम की शिकायत कैसे दर्ज करें?
- सबसे पहले साइबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in ओपन करें।
- यहां पर ‘File A Complaint’ का विकल्प होगा, उस पर क्लिक करें।
- इसके बाद नियम और शर्तें (Terms and Conditions) स्वीकार करें।
- अब ‘Report Under Cyber Crime’ बटन पर टैब करें।
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