“पीएम जनमन योजना 2024 | PM-JANMAN Yojana 2024” की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 15 नवंबर 2023 को की गई थी। इस योजना का लाभ कमजोर जनजाति समूह के नागरिकों को प्रदान किया जाता हैं। अनेक नागरिकों तक इस योजना की जानकारी पहुंच चुकी है तो वहीं दूसरी तरफ अभी अनेक नागरिक इस योजना की जानकारी से वंचित है। पीएम-जनमन एक व्यापक मिशन है जो सभी आदिवासी समुदायों को पोषण सहायता प्रदान करता है। ऐसे में आज इस लेख के अंतर्गत हम पीएम जनमन योजना से जुड़ी लगभग संपूर्ण जानकारी को जानेंगे।
सभी राज्यों के अंतर्गत तथा केंद्र शासित प्रदेशों में से 75 ऐसे समुदाय पहचाने गए हैं जो की कमजोर जनजातीय समूह के अंतर्गत आते हैं। ऐसे समूह के लाभार्थियों को इस योजना के चलते आर्थिक सहायता तथा अनेक प्रकार की सुविधा प्रदान की जाएगी जिससे कि जनजातीय समूह का विकास हो सके। अनेक उद्देश्यों के साथ इस योजना की शुरुआत की गई है। लगभग 24,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ पीएम-जनमन, 9 मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों पर केंद्रित है और इसका उद्देश्य पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं से संतृप्त करके शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, बिजली, सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी और स्थायी आजीविका के अवसरों तक बेहतर पहुंच स्थापित करके पीवीटीजी (PVTG) की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार लाना है।
Pradhan Mantri Janjati Adivasi Nyaya Maha Abhiyan = PM-JANMAN
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प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान | Pradhan Mantri Janjati Adivasi Nyaya Maha Abhiyan | PM-JANMAN | PM Tribal Justice Maha Abhiyan
इस योजना का मुख्य लक्ष्य उन्हें सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, और स्वच्छता जैसी मूलभूत सुविधाएँ प्रदान करना है, ताकि शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, बिजली, सड़क सुविधाएं, दूरसंचार कनेक्टिविटी, और स्थायी आजीविका के अवसरों तक उनकी पहुँच को सुगम बनाया जा सके। इस प्रकार, पीवीटीजी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। उदाहरण के रूप में, 15 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री-जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के 1 लाख लाभार्थियों को पहली किस्त जारी की गई। प्रधानमंत्री ने पीएम-जनमन के लाभार्थियों से बातचीत भी की।
प्रधानमंत्री ने 15 जनवरी 2024 को कहा कि पीएम-जनमन महाअभियान का लक्ष्य आदिवासी समुदाय के प्रत्येक सदस्य को सरकारी योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित करना है। दो महीने के भीतर, पीएम-जनमन मेगा अभियान ने ऐसे परिणाम हासिल किए हैं जिनका अन्य लोग केवल सपना देख सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश तभी विकसित हो सकता है जब समाज में कोई भी पीछे न छूटे और सरकारी योजनाओं का लाभ सभी तक पहुँचे। देश के लगभग 190 जिलों में सर्वाधिक पिछड़े आदिवासी समुदाय निवास करते हैं। दो महीने के भीतर 80,000 से अधिक आयुष्मान कार्ड वितरित किये गये हैं।
सरकार ने अत्यंत पिछड़े आदिवासी समुदाय के लगभग 30,000 किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि से जोड़ा है, और 40,000 ऐसे लाभार्थियों के बैंकों में एकाउंट खोले गए हैं। 30,000 से अधिक वंचितों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं। लगभग 11,000 लोगों को वन-अधिकार अधिनियम के तहत भूमि के पट्टे दिए गए हैं। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए अपना पूरा प्रयास कर रही है कि सरकार की हर योजना जल्द से जल्द हमारे सबसे पिछड़े आदिवासी समुदायों तक पहुंँचे।
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पीएम जनमन योजना 2024 का संखिप्त विवरण | Brief description of PM Janman Yojana 2024
विवरण | जानकारी |
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योजना का नाम | पीएम जनमन योजना 2024 | PM-JANMAN Yojana 2024 |
पहली किश्त | 15 जनवरी 2024 |
योजना का उद्देश्य | देश के कमजोर जनजातीय समूहों को लाभ पहुंचाना और उनका आर्थिक व सामाजिक कल्याण सुनिश्चित करना। |
योजना की शुरुआत | 2023 |
कुल बजट | 24000 करोड़ रुपए |
योजना का क्षेत्र | केंद्र सरकार |
योजना का मंत्रालय | जनजातीय कार्य मंत्रालय |
वर्तमान स्थिति | सक्रिय |
योजना के लाभार्थी | देश के कमजोर जनजातीय समूह |
आवेदन प्रक्रिया | आवश्यकता नहीं |
आधिकारिक वेबसाइट | https://www.narendramodi.in/cabinet-approves-pradhan-mantri-janjati-adivasi-nyaya-maha-abhiyan-576406 |
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पीएम जनमन योजना 2024 के अंतर्गत कुछ महत्वपूर्ण बिंदु | Some important points under PM Janman Yojana 2024
- पीएम-जनमन एक सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य सभी विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समुदायों को मुख्यधारा में लाना है।
- यह योजना (केंद्रीय क्षेत्र तथा केंद्र प्रायोजित योजनाओं के एकीकरण) जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा राज्य सरकारों एवं PVTG समुदायों के सहयोग से कार्यान्वित की जाएगी।
- यह योजना 9 संबंधित मंत्रालयों द्वारा देख-रेख किये जाने वाले 11 महत्त्वपूर्ण कार्यप्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो PVTG वाले गाँवों में मौजूदा योजनाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेगी।
- इसमें पीएम-आवास योजना के तहत सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल तक पहुँच, बेहतर स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, पोषण, सड़क एवं दूरसंचार कनेक्टिविटी के साथ-साथ स्थायी आजीविका (Secure housing, access to clean drinking water, better health care, education, nutrition, road and telecommunication connectivity as well as sustainable livelihoods.)के अवसर सहित विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं।
- इस योजना में वन उपज के व्यापार के लिये वन धन विकास केंद्रों की स्थापना, 1 लाख घरों के लिये ऑफ-ग्रिड सौर ऊर्जा प्रणाली तथा सौर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था शामिल है।
- इस योजना से PVTG के साथ भेदभाव एवं उनके बहिष्कार के विविध व प्रतिच्छेदन रूपों का समाधान कर राष्ट्रीय एवं वैश्विक विकास में उनके अद्वितीय व मूल्यवान योगदान को मान्यता और महत्त्व देकर PVTG के जीवन की गुणवत्ता तथा कल्याण में वृद्धि होने की उम्मीद है।
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विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTG) कौन हैं? | Who are Particularly Vulnerable Tribal Groups (PVTG)?
भारत सरकार ने विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTG) को अनुसूचित जनजाति या अनुसूचित जनजाति के अनुभाग का एक उप-वर्गीकरण माना है | इसे पहले आदिम जनजातीय समूह (PTG) के नाम से जाना जाता था | PVTG को नियमित अनुसूचित जनजाति से ज़्यादा कमज़ोर माना जाता है | इन समूहों की पहचान करने के मानदंड ये हैं:
- प्रौद्योगिकी का पूर्व-कृषि स्तर,
- साक्षरता का निम्न स्तर,
- आर्थिक पिछड़ापन
- वर्ष 1973 में ढेबर आयोग ने आदिम जनजातीय समूहों (PVTG) को एक विशिष्ट श्रेणी के रूप में स्थापित किया, जिसमें घटती या स्थिर आबादी, पूर्व-कृषि प्रौद्योगिकी का उपयोग, आर्थिक पिछड़ेपन और कम साक्षरता वाले जनजातीय समुदायों को शामिल किया गया।
- इन समूहों को जनजातीय समुदायों के बीच कम विकसित के रूप में पहचाना जाता है।
- वर्ष 2006 में भारत सरकार ने PTG का नाम बदलकर PVTG कर दिया। वे दूरदराज़ और दुर्गम इलाकों में रहते हैं तथा खराब बुनियादी ढाँचे और प्रशासनिक सहायता के कारण चुनौतियों का सामना करते हैं।
- भारत में 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 75 PVTG समुदाय रहते हैं।
- ओडिशा में PVTG (15) की संख्या सबसे अधिक है, इसके बाद आंध्र प्रदेश (12), बिहार और झारखंड (9), मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ (7), तमिलनाडु (6) तथा केरल एवं गुजरात (5 प्रत्येक) हैं।
शेष समुदाय महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, उत्तराखंड, राजस्थान, त्रिपुरा और मणिपुर में फैले हुए हैं। - अंडमान में सभी चार और निकोबार द्वीप समूह में एक जनजातीय समूह को PVTG के रूप में मान्यता प्राप्त है।
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भारत के राज्य और उनमें पाए जाने वाले कुछ प्रमुख आदिवासी जातियां | States of India and some major tribal castes found in them
भारत में 543 अनुसूचित जनजातियां हैं, और प्रत्येक राज्य में कई उप-जनजातियां हैं। “जनजाति” और “उप-जनजाति” की कोई एकल, सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत परिभाषा नहीं है। समय के साथ जनजातीय समुदायों का नामकरण, वर्गीकरण और जनसांख्यिकी बदलते रहते हैं। नीचे दी गई टेबल में भारत के कुछ प्रमुख राज्यों की कुछ प्रमुख जातियों का ही विवरण दिया गया है |
राज्य | आदिवासी |
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आंध्र प्रदेश और तेलंगाना | बोदो गदबा, बोन्डो पोरोजा, चेन्चू, डोंगारिया खोंड, गुटोब गदबा, खोंड पोरोजा, कोलाम, कोंडा रेड्डी, कोंडा सवरा, कुटिया खोंड, पारेंगी पोरोजा, थोटी |
बिहार और झारखंड | असुर, बिरहोर, बिरजिया, पहाड़ी खरिया, कोंवास, माल पहाड़िया, परहिया, सौदा पहाड़िया, सवारा |
गुजरात | कथोडी, कोहवालिया, पधार, सिद्दी, कोल्घा |
कर्नाटक | जेनू कुरुबा, कोरागा |
केरल | चोलनायकन (कट्टुनायकन का एक वर्ग), कदर, कट्टुनायकन, कुरुंबास, कोरागा |
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ | अबुझमाफिया, बैगा, भेरिया, पहाड़ी कोरबा, कामार, सहरिया, बिरहोर |
महाराष्ट्र | कटकारिया (कथोडिया), कोलाम, मारिया गोंड |
मणिपुर | मर्राम नागा |
ओडिशा | बिरहोर, बोन्डो, दिदाई, डोंगरिया-खोंड, जुआंग, खारिया, कुटिया कोंध, लांजिया सौरा, लोधा, मांकड़िया, पौड़ी भुयान, सौरा, चुकटिया भुनजिया |
राजस्थान | सहरिया |
तमिलनाडु | कट्टू नायकन, कोटास, कुरुंबास, इरुलस, पनियान, टोडा |
त्रिपुरा | रियांग |
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड | बक्सास, राजी |
पश्चिम बंगाल | बिरहोर, लोधा, टोटो |
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह | ग्रेट अंडमानी, जारवा, ओंगे, सेंटिनली, शोर्न पेंस |
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प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान मे क्या–क्या सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएँगी | What facilities will be provided in the Prime Minister’s Tribal Justice Campaign?
- PVTG क्षेत्र में सड़क और टेलीफोन कनेक्टिविटी
- पावर
- सुरक्षित घर
- पीने का साफ पानी
- सफाई
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- पोषण तक बेहतर पहुंच
- रहन-सहन के मौके आदि।
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पीएम-जनमन की शुरुआत के पीछे का उद्देश्य क्या था | What was the objective behind the launch of PM-Janman?
- साल 2011 में हुई जनगणना में सामने आए आंकड़ों के अनुसार देश में अनुसूचित जनजाति की आबादी 10.45 करोड़ थी | जिसमें अब तक काफी वृद्धि हो गई होगी | इनमें से 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप पर रहने वाले ऐसे 75 समुदायों के बारे में जानकारी सामने आई थी, जिन्हें विशेष रूप से कमजोर वर्गीकृत किया था | जो शैक्षिक, आर्थिक और सामाजिक कमजोरियों से जूझ रहे हैं |
- इसी कारण उनका विकास नहीं हो पाया | ऐसे लोगों के कल्याण के लिए पीएम-जनमन की शुरुआत हुई | ताकि इन समुदायों को भी एक विशेष पहचान मिल सके | उनके शिक्षा के स्तर को सुधारा जा सके और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाया जा सके |
- वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में इस बात का ऐलान किया गया था कि प्रधान मंत्री पीवीटीजी विकास मिशन की शुरुआत करके विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को सुधारा जाएगा | उन्हें आवास, शुद्ध पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, के साथ ही उचित पोषण के लिए भी सहायता दी जाएगी |
- सरकार पीएम-जनमन योजना के अंतर्गत 4.90 लाख लोगों को पक्के मकान देने वाली है | जिसमें एक मकान की लागत लगभग 2.39 लाख रुपये होगी | लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा |
पीएम जनमन योजना के लाभ
- पीएम जनमन योजना के चलते जनजातीय समूह के जीवन स्तर में सुधार हेतु प्रयास किए जाएंगे।
- लाभार्थियों के लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड तथा अन्य महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट बनाए जाएंगे जिससे कि अन्य नागरिकों की तरह इन नागरिकों को भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता रहे।
- पीएम किसान सम्मान निधि योजना, किसान क्रेडिट कार्ड तथा आयुष्मान कार्ड इन योजनाओं का लाभ भी जनजातिय समूह के लाभार्थियों को प्रदान किया जाएगा।
- 15 जनवरी 2024 को जनमन योजना की पहली किस्त 540 करोड रुपए की भेजी गई हैं।
- पावर, सुरक्षित घर, पीने का साफ पानी, पोषण तथा बेहतर पहुंच, शिक्षा, टेलीफोन कनेक्टिविटी, पीवीटीजी क्षेत्र में सड़क और स्वास्थ्य सफाई आदि निम्नलिखित सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
- सुविधाओं के मिलने के चलते आर्थिक रूप से कमजोर जनजातीय समूहों कि नागरिकों की आर्थिक स्थिति के अंतर्गत सुधार देखने को मिलेगा अनेक प्रकार के बेहतर विकल्प उनके लिए उपलब्ध रहेंगे।
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पीएम-जनमन योजना का बजट | PM Janman Yojana Budget
वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में इस बात का ऐलान किया गया था कि प्रधान मंत्री पीवीटीजी विकास मिशन की शुरुआत करके विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को सुधारा जाएगा | उन्हें आवास, शुद्ध पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, के साथ ही उचित पोषण के लिए भी सहायता दी जाएगी |
सरकार पीएम-जनमन योजना के अंतर्गत 4.90 लाख लोगों को पक्के मकान देने वाली है. जिसमें एक मकान की लागत लगभग 2.39 लाख रुपये होगी | लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा | पीएम जनमन योजना का बजट करीब 24,000 करोड़ रुपये है, इसमें 9 मंत्रालय शामिल कियें गए हैं|
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FAQs
Q. PM-JANMAN Yojana 2024 में कितने मंत्रालय का सहयोग रहेगा?
पिछले 10 वर्षों में जनजातीय स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका के क्षेत्रों में काम करने वाली 200 से अधिक गैर सरकारी संगठनों को 250 से अधिक कल्याणकारी योजनाओं के तहत 900 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त हुए। पीएम-जनमन मिशन के शुभारंभ के पहले 75 दिनों में 120 आदिवासी बहुल जिलों में 9000 से अधिक शिविर आयोजित किए गए।
Q. PM-JANMAN Yojana 2024 कब शुरू हुई?
पीएम-जनमन मिशन के तहत, उपयोगिता ने विभिन्न जिलों में आदिवासी परिवारों के 2,395 घरों को बिजली प्रदान की। उपमुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने योजना के कार्यान्वयन को प्राथमिकता दी, जो 15 नवंबर, 2023 को शुरू हुई।
Q. प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (PM-JANMAN Yojana 2024) क्या है?
पीएम-जनमन भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है जिसका उद्देश्य देश भर के आदिवासी समुदायों को सामाजिक न्याय और अधिकार प्रदान करना है। यह योजना विभिन्न सरकारी योजनाओं और सेवाओं तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करती है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, आजीविका और कानूनी सहायता शामिल हैं।
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Q. PM-JANMAN Yojana 2024 के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?
- आधारभूत सुविधाओं तक पहुंच: पीएम-जनमन का लक्ष्य आदिवासी समुदायों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता, बिजली और सड़क संपर्क जैसी बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करना है।
- सामाजिक कल्याण: इस योजना में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ उठाने में आदिवासी समुदायों की सहायता करना शामिल है।
- आर्थिक सशक्तिकरण: पीएम-जनमन का लक्ष्य कौशल विकास, उद्यमिता और आजीविका के अवसरों के माध्यम से आदिवासी समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
- कानूनी सहायता: यह योजना आदिवासी समुदायों को उनके कानूनी अधिकारों और न्याय तक पहुंच प्रदान करने पर भी ध्यान केंद्रित करती है।
Q. इस योजना के लाभार्थी कौन हैं?
पीएम-जनमन देश भर के सभी अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों के सदस्यों को लाभान्वित करता है। इसमें विशेष रूप से कमजोर और हाशिए पर रहने वाले आदिवासी समूह, जैसे कि वनवासी और लघु वनवासी शामिल हैं।
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Q. योजना का क्रियान्वयन कैसे किया जा रहा है?
पीएम-जनमन को केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा मिलकर क्रियान्वित किया जा रहा है। विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को योजना के विभिन्न घटकों को लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
Q. PM-JANMAN Yojana 2024 के प्रभाव क्या हैं?
पीएम-जनमन अभी भी एक नई योजना है, और इसके दीर्घकालिक प्रभावों का आकलन करना अभी बाकी है। हालांकि, प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि इस योजना ने शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्रों में आदिवासी समुदायों के जीवन स्तर में सुधार करने में मदद की है।
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