प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया कार्यक्रम | Pradhan Mantri Digital India Program | PMDIP

प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया कार्यक्रम | Pradhan Mantri Digital India Program | PMDIP एक ऐसा कार्यक्रम है जिसके माध्यम से भारत को ज्ञान भविष्य के रूप में तैयार किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में प्रोद्योगिकि (Technology) को केंद्र बनाने पर सबसे अधिक फोकस किया जा रहा है। आपको बता दें कि इस कार्यक्रम में कोई एक विभाग नहीं बल्कि राज्यों और केंद्र साशित प्रदेशों (union territories) के कई अन्य विभाग और केंद्रीय मंत्रालाय शामिल है जो डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहें है। इस कार्यक्रम के माध्यम से बड़ी संख्या में विचारों और सुझावों को एक व्यापक दृष्टि में बुना जा रहा है और इसमें प्राप्त किए हर सुझाव और विचार को एक बड़े लक्ष्य के रूप में देखा जा रहा है।

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प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया कार्यक्रम | Pradhan Mantri Digital India Program | PMDIP

इसे वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था। इसका शुभारंभ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने किया। कार्यक्रम को कई महत्त्वपूर्ण सरकारी योजनाओं जैसे- भारतनेट, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और स्टैंडअप इंडिया, औद्योगिक गलियारों आदि के लिये समर्थ बनाया गया है।

प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया कार्यक्रम | Pradhan Mantri Digital India Program | PMDIP भारत को डिजिटल (Digital) तौर पर सशक्त बनाने के लिए शुरू किया गया कार्यक्रम है। इस अभियान के तहत शिक्षा, अस्‍पताल समेत सभी स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं और सरकारी दफ्तरों को गांव को देश की राजधानी से जोड़ा जाएगा। जिसके लिए 2019 तक 2.5 लाख गांवों में ब्रॉडबैंड (Broadband) सेवा उपलब्ध होगा। जिसके माध्यम से आम janta सरकार से प्रत्यक्ष तौर पर जुड़ेगा। सके अलावा सरकार देशभर में वाई-फाई (Wi-Fi) की सुविधा उपलब्ध कराएगी। ताकि आम आदमी को किसी भी काम के लिए इंतजार न करना पड़े। इसके साथ ही सारे काम ऑनलाइन होने से कागज की भारी बचत होगी जिससे पर्यावरण को भी फायदा होगा।

प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया कार्यक्रम | Pradhan Mantri Digital India Program | PMDIP

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प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की जिम्मेदारियां | Responsibilities of Prime Minister Digital India Program

  • भारत सरकार को नेतृत्व के साथ समर्थन प्रदान करने में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी। जिसके माध्यम से डिजिटल इंडिया और अन्य सभी संबंधित नीतियों के कार्यान्वयन पहलों को चलाया जाएगा और साथ ही डिजिटल भुगतान और लेनदेन को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का समर्थन करने के लिए आईसीटी डोमेन (ICT Domaim) में चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों और योनजनाओं और डिजिटल इंडिया विजन के हिस्से के रूप में आपनी पहलों को आगे बढ़ाना होगा।
  • उत्तरदायित्व, दक्षता, प्रभावकारिता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए ई-गवर्नेंस (e-governance) रणनीतियों को तैयार करने में केंद्र और राज्यों दोनों के मंत्रालयों/विभागों और अन्य हितधारकों का समर्थन करना आवश्यक है।
  • डिजिटल पहलों के माध्यम से नागरिकों के सशक्तिकरण को बढ़ावा देना भी एक अहम जिम्मेदारी है जिसमें नवाचार (Inovation) को बढ़ावा और उसके लिए मॉडल का विकास करने के साथ सोशल मिडिया (Social Media) सहित अन्य प्लेटफॉर्मों के माध्यम से सराकार की भागीदारी और नागिरक जुड़ाव को बढ़ावा देना है।
  • केंद्र और राज्य सरकार के अधीन आईसीटी डोमेन, मंत्रालयों को विभागों में साइबर सुरक्षा के लिए में हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, नेटवर्क, साइबर सुरक्षा कानूनों, मानकों, गुणवत्ता और परीक्षण आदि के लिए विशेष तकनीकी से कुशल जनशक्ति के साथ-साथ सरकार के भीतर दोनों बाजारों से स्रोत (source)को उपलब्ध कराना है।
  • डीआईसी कि अन्य जिम्मेदारियों में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस अकादमी की स्थापना भी शामिल है। जिसके माध्यम से मानव पूंजी निर्माण को बढ़ावा दिया जा सके और केंद्र और राज्यों की क्षमता निर्माण के लिए प्रशिक्षण पैकेज/ मॉड्यूल के मूल्यांकल और विकास के साथ सरकार और इसकी एजेंसियों की क्षमता निर्माण के लिए संस्थागत तंत्र की स्थापना की जा सकें। ताकि आईसीटी डोमेन की परियोजनाओं के सफल कार्यन्वयन के लिए समय और लागत में आवश्यक कटौती की जा सके।
  • 16 मई 2017 को कंपनी बोर्ड की एक बैठक में डिजिटल इंडिया के विजन के अनुरूप लक्ष्य और उद्देश्यों को एक बार फिस तैयार करने को लेकर मंजूरी दी गई है।

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वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत शुरू की गई पहल | The initiative currently launched by the Ministry of Electronics and Information Technology under the Prime Minister’s Digital India Program

आधार कार्ड (Adhar card)

आधार कार्ड भारत के प्रत्येक नागरिक को 12 अंकों की बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय आधारित पहचान (Biometric and Demographic Based Identification ) प्रदान करता है जो अद्वितीय, आजीवन, ऑनलाइन और प्रामाणिक है। 26 मार्च 2016 में आधार अधिनियम 2016 अधिसूचित किया गया था और करीब 135.5 करोड़ निवासियों को नामांकन किया गया था।

डिजीलॉकर (Digilocker)

डिजिटल रिपॉजिटरी (digital repository) में दस्तावेजों को अपलोड (upload) करने के लिए जारीकर्ताओं के लिए रिपॉजिटरी और गेटवे (Repository and Gateway) के संग्रह के साथ एक पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) प्रदान करता है। इस समय डिजीलॉकर के 13.7 करोड़ यूजर हैं और इस सेवा के माध्यम से 562 करोड़ से अधिक दस्तावेजों को लोगों के लिए उपलब्ध करवाया गया है।

सामान्य सेवा केंद्र (Common Service Center)

सामान्य सेवा केंद्र, ग्राम स्तर के उद्यमियों (village level entrepreneurs) के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल मोड (digital mode) में सरकारी और व्यावसायिक 400 से अधिक डिजिटल सेवाओं की पेशकश की जा रही। देश भर में अब तक 5.21 लाख सीएससी कार्यात्मक (शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों सहित) हैं, जिनमें से 4.14 लाख सीएससी ग्राम पंचायत स्तर पर कार्य कर रहे हैं।

न्यू-एज गवर्नेंस (उमंग) एकीकृत मोबाइल एप्लिकेशन (New-Age Governance (UMANG) Integrated Mobile Application)

ये एप्लिकेशन (Application) मोबाइल के माध्यम से नागरिकों को सरकारी सेवाएं प्रदान करने के लिए बनाई गई है। उमंग पर 1668 से अधिक ई-सेवाएं और 20,197 से अधिक बिल भुगतान सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

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ई-हस्ताक्षर ( e-Signature)

ये सेवा कानूनी रूप से स्वीकार्य रूप में नागरिकों द्वारा प्रपत्रों/दस्तावेजों पर तुरंत ऑनलाइन हस्ताक्षर करने की सुविधा प्रदान करती है। यूआईडीएआई (UIDAI) की ओटीपी आधारित (OTP Based) प्रमाणीकरण सेवाओं का उपयोग करते हुए विभिन्न अनुप्रयोगों द्वारा सेवाओं का लाभ उठाया जा रहा है। सभी एजेंसियों द्वारा 31.08 करोड़ से अधिक ई-साइन जारी किए गए, जबकि सीडीएसी द्वारा 7.01 करोड़ ई-साइन जारी किए गए।

मेरी पहचान (My identity)

मेरी पहचान नामक नेशनल सिंगल साइन-ऑन (National Single Sign-On) (NSSO) प्लेटफॉर्म को जुलाई 2022 में लॉन्च किया गया है, ताकि नागरिकों को सरकारी पोर्टलों तक आसानी सेपहुंचाया जा सके।

MyGov

यह एक नागरिक जुड़ाव मंच है जिसे सहभागी शासन की सुविधा के लिए विकसित किया गया है। वर्तमान में, 2.76 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता MyGov एप परपंजीकृत हैं, जो MyGov प्लेटफॉर्म पर चलाई गई विभिन्न गतिविधियों में भाग ले रहे हैं।

डिजिटल गांव (Digital Village)

अक्टूबर 2018 में एमईआईटीवाई ने डिजिटल गांव पायलट प्रोजेक्ट (Digital Village Pilot Project) की शुरुआत की थी। जिसमें 700 ग्राम पंचायत (जीपी)/गांव, कम से कम एक ग्राम पंचायत/गांव प्रति जिला प्रति राज्य/केंद्र शासित प्रदेश को परियोजना के तहत कवर किया जा रहा है। पेश की जा रही डिजिटल सेवाओं में डिजिटल स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा सेवा, वित्तीय सेवाएं, कौशल विकास, सरकार से नागरिक सेवाएं (G2C), व्यवसाय से नागरिक (B2C) सेवाएं सहित सौर पैनल संचालित स्ट्रीट लाइट शामिल हैं।

ई-डिस्ट्रिक्ट एमएमपी का राष्ट्रीय रोलआउट | National Rollout of e-District MMP

ई-डिस्ट्रिक्ट एक मिशन मोड प्रोजेक्ट (MMP) है जिसका उद्देश्य जिला या उप-जिला स्तर पर चिन्हित उच्च मात्रा वाली नागरिक केंद्रित सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी करना है। वर्तमान में भारत भर के 709 जिलों में 4,671 ई-सेवाएं शुरू की गई हैं।

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ओपन गवर्नमेंट डेटा प्लेटफॉर्म | Open Government Data Platform

डाटा शेयरिंग (sharing) को सुविधाजनक बनाने और गैर-व्यक्तिगत डाटा पर नवाचार को बढ़ावा देने के लिए, ओपन गवर्नमेंट डाटा प्लेटफॉर्म विकसित किया गया है। 12,940+ कैटलॉग में 5.93 लाख से अधिक डाटासेट प्रकाशित किए गए हैं। इस प्लेटफॉर्म ने 94.8 लाख डाउनलोड की सुविधा प्रदान की जा रही है।

ई-अस्पताल/ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली | E-Hospital/Online Registration System

ई-अस्पताल एप्लिकेशन अस्पतालों के आंतरिक कार्यप्रवाह और प्रक्रियाओं के लिए अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली है। वर्तमान में, 753 अस्पतालों को ई-हॉस्पिटल पर ऑन-बोर्ड किया गया है और ओआरएस से बुक किए गए 68 लाख से अधिक अपॉइंटमेंट के साथ देश भर के 557 अस्पतालों द्वारा ओआरएस को अपनाया गया है।

को-विन | CO-WIN

यह कोविड-19 (Covid-19) के लिए पंजीकरण, नियुक्ति समय-निर्धारण और टीकाकरण प्रमाणपत्र के प्रबंधन के लिए एक खुला मंच है। इसने 110 करोड़ लोगों को पंजीकृत किया हैऔर टीकाकरण की 220 करोड़ खुराक प्रदान की गई है।

जीवन प्रमाण | life certificate

पेंशनरों के लिए जीवन प्रमाण पत्र हासिल करने की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बनाने की परिकल्पना करता है। इस पहल के साथ, पेंशनभोगी को संवितरण एजेंसी या प्रमाणन प्राधिकरण के सामने खुद को शारीरिक रूप से पेश करने की आवश्यकता नहीं है। 2014 से अब तक 685.42 लाख से अधिक डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र संसाधित किए जा चुके हैं।

एनसीओजी-जीआईएस एप्लीकेशन | NCOG-GIS Application

नेशनल सेंटर ऑफ जियो-इंफॉर्मेटिक्स (एनसीओजी) प्रोजेक्ट, एक जीआईएस प्लेटफॉर्म है जिसे साझा करने, सहयोग, स्थान आधारित विश्लेषण और विभागों के लिए निर्णय समर्थन प्रणाली के लिए विकसित किया गया है।

राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क | National Knowledge Network

उच्च शिक्षा और अनुसंधान के संस्थानों को आपस में जोड़ने के लिए एक उच्च गति डेटा संचार नेटवर्क स्थापित किया गया है।

प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (पीएमजीदिशा) | Prime Minister Rural Digital Literacy Campaign (PMGDISHA)

सरकार ने 6 करोड़ ग्रामीण परिवारों (प्रति परिवार एक व्यक्ति) को कवर करके ग्रामीण भारत में डिजिटल साक्षरता की शुरुआत करने के लिए “प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान (पीएमजीदिशा)” नामक एक नई योजना को मंजूरी दी है।

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यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस | Unified Payment Interface | UPI

यूपीआई (UPI) अग्रणी डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म है। इसने 376 बैंकों को जोड़ा गया है और साथ ही इसमें 11.9 लाख करोड़ रुपये के 730 करोड़ लेनदेन (मात्रा के हिसाब से) की सुविधा दी है।

फ्यूचरस्किल प्राइम | Futureskill prime

NASSCOM के सहयोग से एमईआटीवाई ने फ्यूचरस्किल प्राइम नामक एक कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य 10 नई/उभरती प्रौद्योगिकियों में आईटी पेशेवरों को फिर से कुशल बनाना/कौशल बढ़ाना है, जिसमें संवर्धित/वर्चुअल रियलिटी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग/3डी प्रिंटिंग, क्लाउड शामिल हैं। कम्प्यूटिंग, सामाजिक और मोबाइल, साइबर सुरक्षा और ब्लॉकचेन शामिल किया गया है।

साइबर सुरक्षा (Cyber Security)

सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000 को प्रशासित करके डेटा गोपनीयता और डेटा सुरक्षा के संबंध में चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक उपाय किए हैं, जिसमें डेटा गोपनीयता और डेटा सुरक्षा के लिए आवश्यक प्रावधान हैं। भारत ने 29 जून, 2021 को अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) द्वारा शुरू किए गए वैश्विक साइबर सुरक्षा सूचकांक (GCI) 2020 में शीर्ष 10 में जगह बनाई है।

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प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया कार्यक्रम स्तंभ | Prime Minister’s Digital India Program Pillar

  • सड़क हाइवे की तर्ज़ पर ब्रॉडबैंड हाइवे से शहरों को जोड़ना।
  • सभी नागरिकों की टेलिफ़ोन सेवाओं तक पहुंच
  • सार्वजनिक इंटरनेट ऐक्सेस कार्यक्रम के तहत इंटरनेट सेवाएं मुहैया कराना।
  • ई-गवर्नेंस के तहत तकनीक के माध्यम से शासन प्रशासन में सुधार लाना।
  • ई-क्रांति के तहत विभिन्न सेवाओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप में लोगों को मुहैया कराना।
  • इंफ़ॉर्मेशन फ़ॉर ऑल यानी सभी को जानकारियां उपलब्ध कराना।
  • भारत में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए कल-पुर्जों के आयात को शून्य करना।
  • सूचना प्राद्योगिकी के ज़रिए अधिक नौकरियां पैदा करना।
  • प्रारंभिक कृषि कार्यक्रम

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्‍य | Objective of Digital India Program

  • डिजिटल लॉकर प्रणाली का उद्देश्‍य वस्‍तुगत दस्‍तावेजों के उपयोग को न्‍यूनतम करना और विभिन्‍न एजेंसियों में ई-दस्‍तावेज की हिस्‍सेदारी में समर्थ बनाना है। ई-दस्‍तावेज की हिस्‍सेदारी पंजीकृत संग्राहकों के माध्‍यम से की जाएगी, जिससे ऑनलाइन दस्‍तावेजों की प्रमाणिकता सुनिश्चित होगी।
  • माईगव डॉट इन ”डिस्‍कस” ”डू” और ”डिसिमिनेट” पहुंच के द्वारा शासन में लगे प्रत्‍येक नागरिक के लिए एक प्‍लेटफॉर्म के रूप में लागू की गई है। माईगोव के लिए मोबाइल ऐप एक मोबाइल फोन पर प्रयोगकर्ताओं के लिए ये विशिष्‍टताएं उपलब्‍ध कराई जाएंगी।
  • स्‍वच्‍छ भारत मिशन (एसबीएम) मोबाइल ऐप का उपयोग स्‍वच्‍छ भारत मिशन के उद्देश्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए जनता और सरकारी संगठनों द्वारा किया जा सकेगा।
  • ई-हस्ताक्षर ढांचे से नागरिक आधार प्रामाणिता उपयोग करते हुए ऑनलाइन दस्‍तावेजों पर डिजिटल रूप से हस्‍ताक्षर कर सकेंगे।
  • ई-हॉस्पिटल एप्लीकेशन के अधीन ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन सिस्‍टम (ओआरएस) शुरू किया गया है। यह एप्लीकेशन ऑनलाइन पंजीकरण, शुल्‍क और मिलने के निश्चित समय का भुगतान, ऑनलाइन निदान रिपोर्ट, ऑनलाइन रक्‍त की उपलब्‍धता की जानकारी जैसी मुख्‍य सेवायें उपलब्‍ध कराएगी।
  • नेशनल स्‍कॉलरशिप पोर्टल से छात्रों के आवेदन पत्र जमा करने, सत्‍यापन, स्‍वीकृति और सभी लाभार्थियों को भारत सरकार द्वारा उपलब्‍ध कराई जा रही छात्रवृत्तियों के वितरण तक की प्रक्रिया का एक मुश्‍त समाधान हो सकेगा।
  • इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने देश में व्‍यापक स्‍तर पर रिकॉर्ड को डिजिटाइज करने के लिए डिजिटाइज इंडिया प्‍लेटफॉर्म (डीआईपी) नामक एक पहल शुरू की गई है, जो नागरिकों को कुशल सेवायें प्रदान करेगी।
  • भारत सरकार ने भारत नेट नामक एक पहल शुरू की है, जो देश की ढ़ाई लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ने के लिए उच्‍च गति का डिजिटल हाईवे है।
  • बीएसएनएल (BSNL) ने 30 साल पुराने एक्‍सचेंजों को हटाने के लिए नेस्‍ट जनरेशन नेटवर्क (Next Generation Network) (एनजीएन) शुरू किया है, जो वॉयस, डाटा, मल्‍टीमीडिया/वीडियो और अन्‍य सभी प्रकार की पैकेट स्विच संचार सेवाओं को नियंत्रित करने के लिए आईपी आधारित प्रौद्योगिकी है।
  • बीएसएनएल ने पूरे देश में वाई-फाई, हॉटस्‍पोट्स की तैनाती की है। इससे उपयोगकर्ता अपने मोबाइल उपकरणों द्वारा बीएसएनएल वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग कर सकता है।
  • नागरिक सेवायें इलेक्‍ट्रॉनिक रूप से उपलब्‍ध कराने और नागरिकों तथा प्राधिकारियों की एक दूसरे के साथ बातचीत में सुधार लाने के लिए यह देशव्‍यापी जुड़ाव बहुत जरूरी है। सरकार ने इस जरूरत को महसूस किया है और यह डिजिटल इंडिया में ब्रॉडबैंड हाईवे को डिजिटल इंडिया का एक मुख्‍य स्‍तम्‍भ के रूप में शामिल करके दर्शाया गया है। देश के नागरिकों को सेवाओं की आपूर्ति में सहायता करने के लिए प्रौद्योगिकीको उपलब्‍ध कराने और समर्थ बनाने के लिए जुड़ाव एक मानदंड है।
  • इलेक्‍ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने ई-शासन में ई-क्रांति ढांचा, भारत सरकार के लिए ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर अपनाने पर नीति, ई-शासन प्रणालियों में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर अपनाने के लिए ढांचा, भारत सरकार के लिए ओपन एप्‍लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेसेज (एपीआई) के लिए नीति, भारत सरकार की ई-मेल नीति, भारत सरकार की सूचना प्रौद्योगिकी संसाधनों के उपयोग पर नीति, सरकारी एप्‍लीकेशन के साधन कोड को खोलने के लिए सहयोगपूर्ण एप्‍लीकेशन विकास पर नीति, कलाउड रेडी एप्‍लीकेशन के लिए एप्‍लीकेशन विकास एवं रि-इंजीनियरिंग दिशानिर्देश जैसी नीति पहल शुरू की हैं।
  • विभिन्‍न पूर्वोत्‍तर राज्‍यों और अन्‍य राज्‍यों के छोटे और मुफस्सिल शहरों में बीपीओ केन्‍द्र खोलने के लिए बीपीओ नीति को मंजूरी दी गई है।
  • इलेक्‍ट्रॉनिक्स विकास निधि (ईडीएफ) नीति का उद्देश्‍य नवाचार, अनुसंधान और विकास, उत्‍पाद और विकास को प्रोत्‍साहन देने उपक्रम निधियों के आत्मनिर्भर पारिस्थितिकी प्रणाली का सृजन करने के लिए देश में आईपी का संसाधन पूल स्‍थापित करना है।
  • फिलेक्सिबल इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स के उभरते हुये क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्‍साहित करने के लिए फलेक्सिबल इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स के लिए राष्‍ट्रीय केन्‍द्र एक पहल है।
  • इंटरनेट ऑन थिंक्‍स (आईओटी) के लिए उत्‍कृष्‍टता केन्‍द्र इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, ईआरएनईटी और नेस्‍सोकेम की संयुक्‍त पहल है।

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