मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की मोदी सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना | Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana | PMMSY को शुरू करने की घोषणा की गयी है। इस योजना की शुरुआत केंद्र सरकार के द्वारा 10 सितम्बर 2020 को किया गया था। 20050 करोड़ रुपए की लागत वाली यह केंद्रीय योजना और केंद्र प्रयोजित योजना के रूप में लागू की जाएगी। इसमें केंद्र की हिस्सेदारी 9407 और राज्य की हिस्सेदारी 4880 तथा लाभार्थियो की हिस्सेदारी 5763 करोड़ रुपए होगी। इस योजना को वित्त वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक 5 वर्ष की अवधी में लागू किया जाएगा। भारत विश्व में मछली का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और अंतर्देशीय मत्स्य पालन का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। मत्स्य क्षेत्र देश में 11 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है।
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा इस योजना को ‘नीली क्रांति’ का नाम दिया है। इस स्कीम के अंतर्गत जलीय कृषि करनें वाले किसानों को बैंक ऋण, बीमा आदि अनेक प्रकार की सुविधाएँ प्रदान की जाएँगी | Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana (PMMSY) भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक ऐसी योजना है, जिसके माध्यम से मछली पालन व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों की आय में वृद्धि करनें के साथ ही उनके जीवन स्तर में सुधार करना है | दरअसल सरकार इस स्कीम के अंतर्गत जलीय कृषि को बढ़ावा देना चाहती है, जिससे जलीय क्षेत्रों में व्यवसाय को एक बड़े पैमानें तक बढ़ाया जा सके।
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प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना | Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana | PMMSY
भारत में, मत्स्य पालन और जलीय कृषि भोजन, पोषण, रोजगार और आय के महत्वपूर्ण स्रोत हैं। मछली पकड़ने का उद्योग प्राथमिक स्तर पर लगभग 16 मिलियन मछुआरों और मछली किसानों को रोजगार देता है और मूल्य श्रृंखला को लगभग दोगुना कर देता है। केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है | हम सभी जानते है, कि देश की अर्थव्यवस्था में कृषि का अहम् योगदान है | इसके लिए सरकार द्वारा किसानों की आवश्यकताओं के अनुरूप विभिन्न प्रकार की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है | वर्तमान समय में सरकार द्वारा मछली पालन अर्थात जलीय कृषि करनें वाले किसानों को बढ़ावा दिया जा रहा है | भारत में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की गई है |
- भूख और कुपोषण को कम करने के लिए स्वास्थ्यप्रद विकल्पों में से एक है क्योंकि यह पशु प्रोटीन का एक सस्ता और प्रचुर स्रोत है।
- मत्स्य पालन के विकास की अपार संभावनाओं को देखते हुए और इस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए, सरकार ने 2019-20 के अपने केंद्रीय बजट में एक नई योजना, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की घोषणा की।
- हालाँकि, Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana योजना को 10 सितंबर 2020 से मत्स्य विभाग, मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा लागू किया गया है।
- PMMSY योजना का उद्देश्य मत्स्य पालन क्षेत्र के सतत और जिम्मेदार विकास के माध्यम से भारत में नीली क्रांति लाना है , जिसमें अनुमानित निवेश रुपये है। फिशर कल्याण सहित समग्र मत्स्य विकास के लिए 20050 करोड़।
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना | Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana वित्तीय वर्ष 2020-21 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक पांच वर्ष की अवधि के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की जा रही है।
- PMMSY का उद्देश्य मत्स्य पालन की मूल्य श्रृंखला में महत्वपूर्ण अंतराल को समाप्त करना है, जैसे कि
- मछली उत्पादन (Fish Production)
- उत्पादकता, और गुणवत्ता (Productivity and Quality)
- तकनीकी (Technology)
- कटाई के बाद की ढांचागत सुविधाएं, और (Post-Harvest Infrastructure)
- विपणन (Processing)
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (pradhan mantri matsya sampada yojana pmmsy) का उद्देश्य मूल्य श्रृंखला को आधुनिक बनाना और मजबूत करना, पता लगाने की क्षमता में सुधार करना और मछुआरों और मछली किसानों की सामाजिक आर्थिक भलाई सुनिश्चित करते हुए एक मजबूत मत्स्य प्रबंधन ढांचा स्थापित करना है।
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प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का विवरण | Details of Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana
संबंधित विभाग-
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PMMSY योजना फुल फॉर्म | प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना | Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana | PMMSY |
PMMSY योजना की घोषणा की गई | केंद्रीय बजट 2019-20 |
PMMSY योजना में शुरू की गई | 10 सितंबर 2020 |
PMMSY योजना द्वारा लागू किया गया | “मत्स्य पालन विभाग”, “मत्स्य मंत्रालय” के तहत। |
PMMSY योजना मोटो | “सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन” |
PMMSY योजना बजट आवंटन | 20050 करोड़ रुपये |
PMMSY योजना परिचालन अवधि | “5 वर्ष: वित्त वर्ष 2020-2021 से वित्त वर्ष 2024-2025 तक” |
PMMSY योजना का लक्ष्य | टिकाऊ मत्स्य पालन क्षेत्र को विकसित करके 5 वर्षों की अवधि में “नीली क्रांति” लाने का प्रयास करना। |
आधिकारिक वेबसाइट | pmmsy.dof.gov.in |
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प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लाभार्थी | Beneficiaries of Prime Minister Matsya Sampada Yojana
- मछुआरे (Fishermen).
- मछली-किसान (Fisherman-Farmer).
- मछली-श्रमिक और मछली-विक्रेता (Fishery Laborers and Fish Traders).
- मत्स्य विकास निगम (एफडीसी) (Fishery Development Corporation – FDC).
- मत्स्य क्षेत्र में ” स्वयं सहायता समूह / संयुक्त-देयता समूह” (Self-Help Groups / Joint Liability Groups in the Fisheries Sector).
- मत्स्य-सहकारिता (FCs) (Fishery Cooperatives).
- मत्स्य संघ (FFs) (Fishery Federations).
- उद्यमी और निजी फर्म (Entrepreneurs and Private Farms).
- मछली-किसान उत्पादक संगठन/कंपनियां (FFPOs/Cs) (Fisherman Farmer Producer Organizations/Companies).
- एससी, एसटी, महिलाएं और अलग-अलग विकलांग व्यक्ति (Scheduled Castes, Scheduled crews, Women, and disabled Individuals).
- राज्य सरकारें, केंद्र शासित प्रदेश और उनकी संस्थाएं जिनमें शामिल हैं (State Governments, Union Territories, and their Institutions).
- “राज्य मत्स्य विकास बोर्ड (एसएफडीबी)” (State Fisheries Development Boards – SFDB).
- केंद्र सरकार और इसकी संस्थाएं (Central Government and its Institutions).
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के उद्देश्य | Objectives of Prime Minister Matsya Sampada Yojana
- मत्स्य पालन क्षेत्र की क्षमता का टिकाऊ, उत्तरदायी, समावेशी और न्यायसंगत तरीके से उपयोग करना।
- भूमि और जल के विस्तार, सघनीकरण, विविधीकरण और उत्पादक उपयोग के माध्यम से मत्स्य उत्पादन तथा उत्पादकता बढ़ाना।
- फसल कटाई के बाद प्रबंधन और गुणवत्ता में सुधार सहित मूल्य शृंखला को आधुनिक एवं मज़बूत बनाना।
- मछुआरों और मत्स्य किसानों की आय दोगुनी करना तथा सार्थक रोज़गार के अवसर उत्पन्न करना।
- कृषि सकल मूल्य वर्द्धित (Gross Value Added- GVA) और निर्यात में मत्स्य पालन क्षेत्र का योगदान बढ़ाना।
- मछुआरों और मत्स्य किसानों हेतु सामाजिक, भौतिक एवं आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- मज़बूत मत्स्य पालन प्रबंधन और नियामक ढाँचा स्थापित करना।
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मत्स्य संपदा योजना के लिए दस्तावेज | Documents for Matsya Sampada Yojana
- मछली पालन जल श्रोत प्रमाण पत्र (Fish Farming Water Source Certificate).
- मत्स्य पालन निर्माण क्षेत्र का प्रमाण पत्र (Fish Farm Construction Area Certificate).
- बैंक पास बुक (Bank Passbook).
- आधार कार्ड (Aadhar Card).
- पैन कार्ड (PAN Card).
- निर्धारित प्रारूप पर 100 रुपए का स्टांप पर नोटिस (Notice on a Stamp Paper of 100 Rupees in Specified Format).
- स्थाई निवास प्रमाण पत्र (Permanent Residence Certificate).
मत्स्य संपदा योजना की उपलब्धियां (Achievements of Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana)
- इस योजना के बाद हमारे भारत देश के मत्स्य क्षेत्र ने 2019-20 से 2021-22 तक 14.3% की प्रभावशाली वृद्धि दिखाई है ।
- भारत में मछली उत्पादन के वर्ष 2019-20 के दौरान 141.64 लाख टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया और यह वर्ष 2021-22 के दौरान 161.87 लाख टन तक पहुंच गया।
- हमारे दश के मत्स्य क्षेत्र ने 57,587 करोड़ रुपए मूल्य के 13.64 लाख टन का सर्वकालिक उच्च निर्यात देखा, जिसमें झींगा के निर्यात का वर्चस्व था।
- वर्तमान में हमारे देश से मछलियों को चीन, थाईलैंड, जापान, ताइवान, ट्यूनीशिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, हांगकांग, कुवैत आदि सहित 123 देशों को निर्यात किया जाता है।
- पीएमएमएसवाई ने 22 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों से बीमा कवरेज के तहत 31.47 लाख किसानों का समर्थन किया है।
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प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का प्रभाव (Impact of Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana)
- इस स्कीम के माध्यम से वर्ष 2018-19 में होनें वाले मत्स्य उत्पादन 137.58 लाख मीट्रिक टन को बढाकर 2024-25 तक 220 लाख मीट्रिक टन करने में सहायता मिलेगी।
- पीएमएमएसवाई मत्स्य उत्पादन में लगभग 9 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि को बनाए रखनें में मदद मिलेगी |
- पीएम मत्स्य संपदा स्कीम के अंतर्गत मछली पालन क्षेत्र के जीवीए के कृषि जीवीए में योगदान को 2018-19 की अपेक्षा 7.28% से बढ़कर वर्ष 2024-25 तक लगभग 9 प्रतिशत करने में मदद मिलेगी।
- वर्ष 2018-19 में मत्स्य निर्यात आय 46,589 करोड़ रुपये से बढ़ाकर वर्ष 2024-25 तक लगभग 1 लाख करोड़ रुपये करनें में मदद मिलेगी |
- वर्तमान समय में जलीय कृषि में उत्पादकता औसत 3 टन से बढ़ाकर लगभग 5 टन प्रति हेक्टेयर कर देगी।
- इस योजना के माध्यम से फसलों के नुकसान को रिपोर्ट किए गए 20-25 प्रतिशत से घटाकर लगभग 10 प्रतिशत कर देगी।
- इस स्कीम द्वारा घरेलू मछली की खपत लगभग 5 से 6 किलोग्राम से बढ़ाकर लगभग 12 किलोग्राम प्रति व्यक्ति करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना हेतु पात्रता (Prime Minister Matsya Sampada Yojana Eligibility)
- आवेदक को भारत का स्थाई नागरिक होना आवश्यक है |
- इस योजना के अंतर्गत देश के सभी मत्स्य पालक और किसान आवेदन कर सकते है |
- प्राक्रतिक अपदाओ से पीड़ित लोगो को इस योजना के अंतर्गत लाभ प्रदान किया जायेगा |
ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया (Online Application process)
पीएमएमएसवाई का लाभ लेने के लिए सभी लाभ प्राप्त करने वाले व्यक्ति इस योजना के लिए बड़ी ही आसानी के साथ आवेदन कर सकते हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको एनएफडीबी की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा। इसके लिए एक डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार करने के लिए इसकी वेबसाइट पर एक टेम्पलेट उपलब्ध होता है। फॉर्म भरने वाले व्यक्ति को अपनी गाइडलाइन के अनुसार और टेम्पलेट में दिए गए विवरण का पालन करते हुए ही अपनी डीपीआर तैयार करनी होती है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में आवेदन करने के लिए आपको कुछ स्टेप्स को फॉलो करने की आवश्यकता होगी।
- सबसे पहले आपको एनएफडीबी की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा।
- फिर आपको वहां टेम्पलेट आप्शन (template option) दिखाई देगा।
- जिसमें से आपको मत्स्य पालन परियोजनाओं के लिए डीपीआर तैयार करने के लिए टेम्पलेट विकल्प का चयन करना होगा।
- जैसे ही आप इस टेम्पलेट के आप्शन पर क्लिक करते हैं आपके सामने बहुत से आप्शन आ जाएंगे, जिसमें से आपको किसी एक आप्शन को चुनना होगा।
- अब आपको प्रदान किए गए प्रारूप के अनुसार आने प्रोजेक्ट की एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करनी होगी और उसमें आपको केवल सही जानकारी ही भरनी होगी।
- आवेदकों को एनएफडीबी (NFDB) और मत्स्य पालन विभाग को सहायक दस्तावेजों के साथ अपनी डीपीआर (DPR) जमा करनी होगी।
- यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि डीपीआर की दो प्रतियां एनएफडीबी को जबकि एक प्रति डीओएफ को भेजी जानी होती है।
मत्स्य संपदा योजना के तहत प्रश्न एवं उत्तर | FAQs under Matsya Sampada Yojana
Q. मत्स्य संपदा योजना क्या है ?
मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की मोदी सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना 2023 को शुरू करने की घोषणा की गयी है।
Q. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का उद्देश्य क्या है ?
Q. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना कब शुरू हुई ?
10 सितम्बर 2020 को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना शुरू हुई।
Q. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को किस विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा है ?
PMMSY योजना को मत्स्य विभाग, मत्स्य पालन विभाग तथा पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार मिलकर संचालन कर रही हैं।
Q. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की समय अवधि कितनी है ?
सरकार के द्वारा अगले 5 वर्षो की अवधि के लिए (2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25) तक सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में योजना को लागू कर किसानो की आय में वृद्धि करने का लक्ष्य रखा गया है।
Q. मछली पालन के लिए लोन कहां से मिलेगा?
एक्सिस बैंक किसानों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किसान मत्स्य लोन प्रदान करता है, उनके लिए जो ताज़ा / खारे पानी की मछली या झींगा कृषिकरण व्यवसाय में हैं। किसान मत्स्य लोन 1 से 5 साल के फ्लेक्सिबल लोन (flexible loan) कार्यकाल और 150 लाख रुपये तक की राशि के लिए उपलब्ध हैं। एक्सिस बैंक के किसान मत्स्य लोन आकर्षक ब्याज दरों और कम प्रक्रिया शुल्क पर उपलब्ध हैं। आप किसान मत्स्य लोन के लिए अपने निकटतम क्षेत्रीय ग्रामीण लोन कार्यालय (क्षेत्रीय ग्रामीण उधार कार्यालय) में आवेदन कर सकते हैं।
Q. समुद्री मछली पालन से संबंधित प्रश्न की जानकारी
- सहायक आयुक्त (Fisheries) मत्स्य विभाग,
- मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
- कमरा नंबर 479, कृषि भवन, नई दिल्ली – 110001
- दूरभाष नंबर: (011) 2309-7014
- ईमेल आईडी: sanjay.rpandey@gov.in
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