उत्तर प्रदेश के 260 गांवों को ईको विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा, होगी प्राकृतिक खेती, रसायनो का प्रयोग नहीं! ईको विलेज में केवल प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग होगा और सारे ईको विलेज सौर ऊर्जा से ही जगमगाएंगे। UP eco villages Development
UP eco villages Development: उत्तर प्रदेश के 260 गांवों को ईको विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां केवल प्राकृतिक खेती की जाएगी। इन गांवों में किसी भी प्रकार के रासायनिक उर्वरकों या कीटनाशकों का उपयोग नहीं होगा। ईको विलेज में केवल प्राकृतिक संसाधनों का ही प्रयोग होगा, और सारा क्षेत्र नवीकरणीय ऊर्जा, जैसे सौर ऊर्जा, से रोशन किया जाएगा। जल संरक्षण के लिए रिसाइक्लिंग तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जिसका उपयोग सिंचाई से लेकर अन्य दैनिक कार्यों में होगा। इन गांवों को ग्राम पर्यटन के रूप में भी विकसित करने की योजना है, जिससे इन्हें प्रमुख पर्यटन स्थलों से जोड़ा जाएगा।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर लोगों की जीवनशैली में सुधार लाना और पर्यावरण को सुरक्षित रखना है। प्राकृतिक खेती को इस योजना में प्राथमिकता दी गई है, जिसमें रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का पूरी तरह से निषेध किया गया है, ताकि मिट्टी, जल, और वायु की गुणवत्ता बनी रहे।
किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसके लिए प्रशिक्षण केंद्र भी खोले जाएंगे। किसानों को देसी गाय पालन के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा, क्योंकि प्राकृतिक खेती में मवेशियों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। किसानों को बीजामृत, जीवामृत, और घन जीवामृत बनाने की विधि सिखाई जाएगी, ताकि वे जैविक खादों का सही ढंग से उपयोग कर सकें। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर पर्यावरण की सुरक्षा और लोगों की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाना है। UP eco villages Development
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ईको विलेज में एग्री पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
खेती-बाड़ी से विमुख होती नई पीढ़ी को प्रकृति के नजदीक लाने तथा उन्हें खेती की तकनीक से अवगत कराने के साथ-साथ उन्हें विभिन्न फसलों की किस्मों की जानकारी देने के लिए ईको बिलेज में एग्री टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा। नई पीढ़ी को ईको विलेज में कृषि से जुड़े ज्ञान के साथ मनोरंजन से जोड़ने के लिए वहां तालाबों में मत्स्य पालन करने की सुविधाएं मुहैय्या कराई जाएगी।
पर्यटन का भी केन्द्र बनेगा ईको विलेज
इसके अलावा जल संरक्षण के लिए रिसाइकिल तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा| जिससे सिंचाई से लेकर पेयजल तक में इस्तेमाल किया जाएगा| सभी चयनित ईको विलेज को पर्यटक ग्राम (टूरिस्ट विलेज) के रूप में भी विकसित करने की योजना है| लिहाजा इन सभी गांवों को मुख्य मार्गो से भी जोड़ा जाएगा| सरकार ने परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत पूर्वांचल में 170 से अधिक गांवों समेत अन्य क्षेत्रों के 92 गांव को ईको विलेज के रूप में विकसित करने के लिए चिन्हित किया है| ईको विलेज में चयनित ज्यादातर गांव प्रदेश की प्रमुख नदियां गंगा, राप्ती, घाघरा, सरयू तथा बेतवा नदी के किनारे बसा है| राज्य सरकार प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से गांव को ईको विलेज के रूप में विकसित करने की योजना तैयार की है| UP eco villages Development
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प्राकृतिक खेती के प्रशिक्षण की मिलेगी सुविधा
ईको विलेज में किसानों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें किसानों को देसी गाय का पालन कर, उससे प्राकृतिक खेती करने की विधि सिखाई जाएगी। साथ ही बीजामृत, जीवामृत, घन जीवामृत, नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, अग्नियास्त्र, सोठास्त्र, सप्तधान्यांकुर, पंचगव्य, खट्टी छाछ और दशपर्णी (Bijamrit, Jeevamrit, Ghan Jeevamrit, Neemastra, Brahmastra, Agniyastra, Sothastra, Saptadhayankur, Panchgavya, sour buttermilk and Dashaparni.) जैसे जैविक उत्पादों के निर्माण की विधियाँ भी सिखाई जाएंगी।
ईको विलेज के अंतर्गत प्राकृतिक खेती के लिए विशेष प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएंगे, जहां किसानों को देसी गाय पालन के महत्व और मवेशियों के सहयोग से खेती करने की तकनीक सिखाई जाएगी। किसानों को जैविक खादों का उपयोग करने की विधि बताई जाएगी, ताकि वे अपनी खेती में इनका प्रभावी ढंग से प्रयोग कर सकें। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके न केवल किसानों की जीवनशैली को सुधारना है, बल्कि पर्यावरण की रक्षा करना भी है। ईको विलेज योजना में प्राकृतिक खेती को केंद्र में रखा गया है। UP eco villages Development
ईको विलेज का मुख्य फोकस
- पर्यावरण संरक्षण
- ऊर्जा संरक्षण
- जल संरक्षण
- स्वस्थ जीवविज्ञान
- मनोविज्ञान विकास
- पर्यटन
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