अंधेपन से प्रतिभा तक: Ram Bhadracharya की उल्लेखनीय कहानी
माता शची देवी और पिता पण्डित राजदेव मिश्र के पुत्र जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य का जन्म 14 जनवरी 1950 को एक वसिष्ठ गोत्रिय सरयूपारीण ब्राह्मण परिवार में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के सांडीखुर्द गाँव में हुआ।
1988 में, उन्हें रामानंद संप्रदाय के चार जगद्गुरुओं में से एक बनाया गया था।
वह तुलसी पीठ के 42वें पीठाधीश्वर भी हैं, जो एक प्रमुख हिंदू मठ है जो उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में स्थित है।
चार महाकाव्यों की कर चुके हैं रचना
राम भद्राचार्य को 'अखिल भारतीय गणित युगपुरुष' का उपाधि प्राप्त है।
सरकार ने किया पद्मविभूषण से सम्मानित
राम जन्मभूमि मामले में जगतगुरु रामभद्राचार्य की कोर्ट के सामने गवाही