दिल दहला देने वाले! दुनिया के सबसे खतरनाक 9 रेलवे ट्रैक जहाँ हर पल मौत का साया मंडराता रहता है!
World’s Dangerous Railway Tracks: कौन ट्रेन की यात्रा से प्यार नहीं करता है? खासकर जब बात हो रोमांच से भरपूर सफर की। ट्रेन की सवारी एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करती है जो घने जंगलों, ऊंचे पहाड़ों और खूबसूरत नदियों के बीच से गुजरती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कुछ ऐसे रेलवे ट्रैक भी हैं जो अपनी खूबसूरती के साथ-साथ खतरों से भी भरे हुए हैं? ये रेलवे ट्रैक खड़ी ढलानों, तेज मोड़ों और अक्सर बदलते मौसम के कारण बेहद खतरनाक होते हैं। फिर भी, हर साल हजारों साहसी यात्री इन खतरनाक रास्तों पर यात्रा करने का रोमांच लेते हैं। क्या आप जानते हैं कि दुनिया में ऐसा कौन सा रेलवे ट्रैक है जहां ट्रेनें समुद्र के ऊपर से गुजरती हैं? या फिर कौन सा ट्रैक इतना ऊंचाई पर है कि नीचे से देखने पर सिर चकरा जाए? आइए आज हम आपको दुनिया के कुछ सबसे खतरनाक और रोमांचक रेलवे ट्रैकों (World’s Dangerous Railway Tracks) के बारे में बताते हैं जो न केवल प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर हैं बल्कि हर यात्री के लिए एक चुनौती भी हैं।
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दुनिया भर में कई खूबसूरत रेलवे ट्रैक हैं जो प्राकृतिक दृश्यों और इंजीनियरिंग के चमत्कारों को प्रदर्शित करते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो अपनी खतरनाक यात्रा के लिए जाने जाते हैं। आइए दुनिया के कुछ सबसे खतरनाक रेलवे ट्रैक के बारे में जानें:
1. डेथ रेलवे ट्रैक, इक्वाडोर (Death Railway Track, Ecuador)
- निर्माण: 1908
- निर्माता: अमेरिकी इंजीनियरों ने इक्वाडोर सरकार के लिए
- लंबाई: लगभग 100 किलोमीटर
- समुद्र तट से ऊंचाई: अधिकतम 3,000 मीटर
- खतरनाक होने का कारण: खड़ी ढलानें, तंग सुरंगें, भूस्खलन का खतरा, अक्सर बादल छाए रहना
इक्वाडोर के एंडीज पर्वत श्रृंखला में स्थित डेथ रेलवे, दुनिया के सबसे खतरनाक रेलवे ट्रैकों में से एक है। 1908 में अमेरिकी इंजीनियरों द्वारा इक्वाडोर सरकार के लिए निर्मित, यह लगभग 100 किलोमीटर लंबा है और समुद्र तट से अधिकतम 3,000 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचता है। खड़ी ढलानें, तंग सुरंगें, और भूस्खलन का लगातार खतरा इस रेलवे को अत्यंत खतरनाक बनाते हैं। अक्सर बादल छाए रहने के कारण दृश्यता भी कम होती है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा और बढ़ जाता है-World’s Dangerous Railway Tracks।
डेथ रेलवे का निर्माण इक्वाडोर के पश्चिमी भाग को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने के लिए किया गया था। यह रेलवे खनिजों और अन्य संसाधनों को परिवहन के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग था। हालांकि, अपनी खतरनाक परिस्थितियों के कारण, इस रेलवे का उपयोग सीमित हो गया है और अब यह मुख्य रूप से पर्यटकों को आकर्षित करता है जो रोमांच की तलाश में होते हैं। यात्री इस रेलवे में सवार होकर एंडीज पर्वतों की मनोरम प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं, लेकिन साथ ही उन्हें खतरे का भी सामना करना पड़ता है।
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2. नारोबी-मोगादिशु रेलवे ट्रैक, केन्या (Nairobi-Mogadishu Railway Track, Kenya)
- निर्माण: 19वीं सदी के अंत में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान निर्माण शुरू हुआ था।
- निर्माता: ब्रिटिश इंजीनियरों ने इसका निर्माण करवाया था।
- लंबाई: लगभग 1200 किलोमीटर (यह सटीक लंबाई समय के साथ बदल सकती है)।
- समुद्र तट से ऊंचाई: यह ट्रैक विभिन्न इलाकों से होकर गुजरता है, इसलिए समुद्र तट से ऊंचाई अलग-अलग होगी। कुछ हिस्से पहाड़ी इलाकों से होकर गुजरते हैं, जबकि अन्य समुद्र तल के करीब हैं।
- खतरनाक होने का कारण: सोमालिया में चल रहा गृह युद्ध, बुनियादी ढांचे की खराब स्थिति, चोरी और डकैती की घटनाएं, और अस्थिर राजनीतिक स्थिति।
नारोबी-मोगादिशु रेलवे ट्रैक, पूर्वी अफ्रीका में स्थित एक ऐतिहासिक और बेहद खतरनाक रेलवे मार्ग है जो केन्या की राजधानी नैरोबी को सोमालिया की राजधानी मोगादिशु से जोड़ता है। 19वीं सदी के अंत में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान इस रेलवे का निर्माण शुरू हुआ था। यह रेलवे ट्रैक लगभग 1200 किलोमीटर लंबा है और विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों से होकर गुजरता है।
हालांकि, इस रेलवे ट्रैक को दुनिया के सबसे खतरनाक रेलवे ट्रैकों में से एक माना जाता है। इसका मुख्य कारण सोमालिया में लंबे समय से चल रहा गृह युद्ध है जिसके कारण इस क्षेत्र में अस्थिरता और हिंसा फैली हुई है। इस युद्ध के कारण रेलवे ट्रैक की बुनियादी संरचना क्षतिग्रस्त हो गई है और कई जगहों पर ट्रैक टूटे हुए हैं। इसके अलावा, इस क्षेत्र में चोरी और डकैती की घटनाएं आम हैं, जिससे यात्रियों और मालवाहकों के लिए यात्रा करना बेहद खतरनाक हो गया है।
सोमालिया में अस्थिर राजनीतिक स्थिति भी इस रेलवे ट्रैक को खतरनाक बनाती है। इस क्षेत्र में अक्सर जातीय और धार्मिक संघर्ष होते रहते हैं, जिसके कारण यात्रियों को हमलों का सामना करना पड़ सकता है। इन सभी कारणों के चलते, नारोबी-मोगादिशु रेलवे ट्रैक पर यात्रा करना बेहद जोखिम भरा है और इसे केवल अत्यंत आवश्यक होने पर ही किया जाना चाहिए।
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3. द ट्रांस-साइबेरियन रेलवे ट्रैक, रूस (The Trans-Siberian Railway Track, Russia)
- निर्माण: इसका निर्माण 1891 में शुरू हुआ और 1916 में पूरा हुआ।
- निर्माणकर्ता: रूसी साम्राज्य के ज़ार निकोलस द्वितीय के आदेश पर इसका निर्माण हुआ था।
- लंबाई: यह दुनिया का सबसे लंबा लगातार रेलवे ट्रैक है, जिसकी लंबाई लगभग 9,289 किलोमीटर है।
- समुद्र तट से ऊंचाई: यह ट्रैक विभिन्न भू-भागों से होकर गुजरता है, इसलिए इसकी समुद्र तट से ऊंचाई अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग होती है।
- खतरनाक होने का कारण: यह ट्रैक कई दूरदराज और कठिन भू-भागों से होकर गुजरता है। कठोर मौसम, लंबी दूरी, और कुछ खंडों पर पुराने इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण इसे खतरनाक रेलवे ट्रैक माना जाता है।
ट्रांस-साइबेरियन रेलवे ट्रैक रूस का एक ऐतिहासिक और भौगोलिक चमत्कार है। यह दुनिया का सबसे लंबा लगातार रेलवे ट्रैक है जो मॉस्को को प्रशांत महासागर के तट पर स्थित व्लादिवोस्तोक शहर से जोड़ता है। इस रेलवे ट्रैक का निर्माण 19वीं सदी के अंत में रूसी साम्राज्य के विस्तार और विकास के लिए किया गया था। यह रेलवे ट्रैक साइबेरिया के विशाल और खूबसूरत जंगलों, टुंड्रा और पहाड़ों से होकर गुजरता है।
ट्रांस-साइबेरियन रेलवे ट्रैक की यात्रा एक अविस्मरणीय अनुभव है। यात्री इस यात्रा के दौरान रूस के विभिन्न संस्कृतियों और लोगों से मिल सकते हैं। हालांकि, इस ट्रैक की यात्रा आसान नहीं है। यह ट्रैक कई दूरदराज और कठिन भू-भागों से होकर गुजरता है। कठोर मौसम, लंबी दूरी, और कुछ खंडों पर पुराने इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण इसे खतरनाक रेलवे ट्रैक माना जाता है। इसके बावजूद, यह ट्रैक दुनिया भर के यात्रियों को आकर्षित करता है जो रूस के इस विशाल देश को एक अलग नजरिए से देखना चाहते हैं।
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4. द क्यूरा रेलवे ट्रैक, अर्जेंटीना (The Cura Railway Track, Argentina)
- निर्माण: 19वीं सदी के अंत में
- निर्माता: ब्रिटिश इंजीनियरों
- रेलवे ट्रैक की लंबाई: लगभग 75 किलोमीटर
- समुद्र तट से ऊंचाई: 3000 मीटर से अधिक
- खतरनाक होने का कारण: खड़ी ढलानें, तेज मोड़, अस्थिर भू-भाग, और अक्सर खराब मौसम
दुनिया के सबसे खतरनाक रेलवे ट्रैक में से एक, द क्यूरा रेलवे, अर्जेंटीना के एंडीज पर्वत श्रृंखला में स्थित है। यह ट्रैक अपनी खड़ी ढलानों, तेज मोड़ों और अस्थिर भू-भाग के लिए जाना जाता है। ब्रिटिश इंजीनियरों द्वारा 19वीं सदी के अंत में निर्मित, यह ट्रैक लगभग 75 किलोमीटर लंबा है और समुद्र तट से 3000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है।
द क्यूरा रेलवे की यात्रा एक रोमांचक अनुभव हो सकती है, लेकिन यह बेहद खतरनाक भी है-World’s Dangerous Railway Tracks। खड़ी ढलानें और तेज मोड़ रेलगाड़ी को धीरे-धीरे चलने के लिए मजबूर करते हैं, जिससे यात्रा लंबी हो जाती है। अस्थिर भू-भाग के कारण भूस्खलन का खतरा हमेशा बना रहता है। इसके अलावा, एंडीज पर्वत श्रृंखला में मौसम अक्सर खराब रहता है, जिससे दृश्यता कम हो जाती है और यात्रा और भी खतरनाक हो जाती है।
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5. द दारजेलिंग हिमालयन रेलवे ट्रैक, भारत (The Darjeeling Himalayan Railway Track, India)
- निर्माण: 1881 में शुरू हुआ और 1899 में पूरा हुआ।
- निर्माणकर्ता: ब्रिटिश इंजीनियरों ने इसका निर्माण करवाया था।
- रेलवे ट्रैक की लंबाई: लगभग 88 किलोमीटर।
- समुद्र तल से ऊंचाई: न्यूनतम 700 मीटर से अधिकतम 2,258 मीटर तक।
- खतरनाक होने का कारण: खड़ी ढलानें, तेज मोड़, संकरी सुरंगें, भूस्खलन का खतरा और बारिश के मौसम में पटरियों पर मिट्टी और पत्थर आ जाना।
भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित दार्जेलिंग, हिमालयन रेलवे ट्रैक को दुनिया के सबसे खतरनाक और खूबसूरत रेलवे ट्रैकों में से एक माना जाता है। यह रेलवे ट्रैक दार्जेलिंग शहर को सिलीगुड़ी शहर से जोड़ता है। इस रेलवे ट्रैक का निर्माण ब्रिटिश शासनकाल में हुआ था। यह रेलवे ट्रैक अपनी खड़ी ढलानों, तेज मोड़ों और संकरी सुरंगों के लिए जाना जाता है। इस रेलवे ट्रैक पर यात्रा करते समय यात्रियों को अद्भुत प्राकृतिक दृश्य देखने को मिलते हैं। इस रेलवे ट्रैक को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में भी शामिल किया गया है।
दारजेलिंग हिमालयन रेलवे ट्रैक को “टॉय ट्रेन” के नाम से भी जाना जाता है। यह रेलवे ट्रैक अपनी धीमी गति और छोटी ट्रेनों के लिए प्रसिद्ध है। इस रेलवे ट्रैक पर यात्रा करते समय यात्रियों को लगता है कि वे समय पर पीछे जा रहे हैं। दार्जेलिंग हिमालयन रेलवे ट्रैक पर यात्रा करना एक अविस्मरणीय अनुभव होता है।
हालांकि, इस रेलवे ट्रैक पर यात्रा करना थोड़ा खतरनाक भी हो सकता है। खड़ी ढलानें, तेज मोड़ और भूस्खलन का खतरा इस रेलवे ट्रैक को यात्रा करने को खतरनाक बनाते हैं। बारिश के मौसम में इस रेलवे ट्रैक पर यात्रा करना और भी खतरनाक हो जाता है क्योंकि इस दौरान पटरियों पर मिट्टी और पत्थर आ जाते हैं।
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6. द बर्मूडा रेलवे ट्रैक, बर्मूडा (The Bermuda Railway Track, Bermuda)
- निर्माण: 31 अक्टूबर, 1931
- निर्माणकर्ता: बरमूडा सरकार
- रेलवे ट्रैक की लंबाई: 21.7 मील (34.9 किमी)
- समुद्र तट से ऊंचाई: विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग
- खतरनाक होने का कारण: संकीर्ण पटरियां, तेज मोड़, उष्णकटिबंधीय जलवायु के कारण होने वाली पटरियों की क्षति, और द्वीप के भौगोलिक स्थिति के कारण आने वाली चुनौतियां।
बरमूडा रेलवे ट्रैक, बरमूडा में स्थित एक ऐतिहासिक रेलवे ट्रैक था। यह ट्रैक 31 अक्टूबर, 1931 को बरमूडा सरकार द्वारा बनाया गया था और 1 मई, 1948 तक संचालित रहा। 21.7 मील (34.9 किमी) लंबा यह ट्रैक बरमूडा के विभिन्न हिस्सों को जोड़ता था। हालांकि, यह ट्रैक अपनी खूबसूरती के साथ-साथ अपनी खतरनाक यात्रा के लिए भी जाना जाता था।
बरमूडा रेलवे ट्रैक की पटरियां काफी संकीर्ण थीं और ट्रैक में तेज मोड़ भी थे। इसके अलावा, उष्णकटिबंधीय जलवायु के कारण पटरियां समय-समय पर क्षतिग्रस्त हो जाती थीं। द्वीप की भौगोलिक स्थिति के कारण भी इस ट्रैक पर यात्रा करना चुनौतीपूर्ण था। समुद्र तट के पास स्थित होने के कारण, यह ट्रैक तूफान और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के खतरे में भी रहता था। इन सभी कारणों से बरमूडा रेलवे ट्रैक को दुनिया के सबसे खतरनाक रेलवे ट्रैकों में से एक माना जाता था।
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7. डेविल्स नोज़ रेलवे ट्रैक, इक्वाडोर (Devil’s Nose Railway Track, Ecuador)
- निर्माण: 1908 में निर्माण शुरू हुआ और 1920 में पूरा हुआ।
- निर्माणकर्ता: अमेरिकी इंजीनियरों ने इक्वाडोर सरकार के लिए इस रेलवे ट्रैक का निर्माण किया।
- लंबाई: लगभग 64 किलोमीटर
- समुद्र तट से ऊंचाई: उच्चतम बिंदु पर लगभग 2000 मीटर
- खतरनाक होने का कारण: ज़िगज़ैग मोड़, खड़ी ढलानें, घने जंगल, भूस्खलन का खतरा, और ऊंचाई।
इक्वाडोर के एंडीज पर्वत श्रृंखला में स्थित डेविल्स नोज़ रेलवे ट्रैक, दुनिया के सबसे खतरनाक और रोमांचक रेलवे ट्रैकों में से एक है। 1908 से 1920 के बीच अमेरिकी इंजीनियरों द्वारा निर्मित, यह लगभग 64 किलोमीटर लंबा ट्रैक समुद्र तट से लगभग 2000 मीटर की ऊंचाई पर है।
इस ट्रैक का नाम इसके ज़िगज़ैग मोड़ों और खड़ी ढलानों के कारण पड़ा है, जो शैतान के नाक की तरह दिखते हैं। घने जंगलों और खड़ी चट्टानों के बीच से गुजरते हुए, यह ट्रैक यात्रियों को एक अद्भुत दृश्य प्रदान करता है। हालांकि, इसकी खूबसूरती के साथ-साथ यह कई खतरों से भी भरा हुआ है। भूस्खलन का खतरा, ऊंचाई और तेज मोड़ इस ट्रैक को बेहद चुनौतीपूर्ण बनाते हैं।-World’s Dangerous Railway Tracks
डेविल्स नोज़ रेलवे ट्रैक इक्वाडोर के पश्चिमी तट पर स्थित शहर गुआयाकिल को देश के अंदरूनी हिस्सों से जोड़ता है। यह ट्रैक न केवल एक परिवहन मार्ग है, बल्कि एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण भी है। जो लोग रोमांच पसंद करते हैं, वे इस ट्रैक पर यात्रा करके एक अविस्मरणीय अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।
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8. चेन्नई से रामेश्वरम रूट रेलवे ट्रैक, पाम्बन पुल (Chennai to Rameshwaram Route Railway Track, Pamban Bridge)
- निर्माण: 19वीं सदी के अंत में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान।
- निर्माता: ब्रिटिश इंजीनियरों ने भारतीय रेलवे के विस्तार के तहत इसका निर्माण करवाया था।
- रेलवे ट्रैक की लंबाई: लगभग 600 किलोमीटर।
- समुद्र तट से ऊंचाई: ट्रैक का अधिकांश हिस्सा समुद्र तल से कम ऊंचाई पर है, कुछ हिस्से पश्चिमी घाट के तलहटी से होकर गुजरते हैं।
- खतरनाक होने का कारण: समुद्र के किनारे होने के कारण चक्रवात और तूफान का खतरा, पुराने पुलों की स्थिति, और कुछ खंडों में भूस्खलन का खतरा।
चेन्नई से रामेश्वरम का रेलवे ट्रैक, दक्षिण भारत के सबसे खूबसूरत और साथ ही खतरनाक रेलवे मार्गों में से एक है। यह ट्रैक 19वीं सदी के अंत में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान बनाया गया था और भारतीय रेलवे के विस्तार में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। लगभग 600 किलोमीटर लंबा यह ट्रैक बंगाल की खाड़ी के तट के समानांतर चलता है और कई छोटे-छोटे शहरों और कस्बों से होकर गुजरता है। ट्रैक का अधिकांश हिस्सा समुद्र तल से कम ऊंचाई पर है, जिसके कारण चक्रवात और तूफान का खतरा हमेशा बना रहता है।
यह ट्रैक पश्चिमी घाट के तलहटी से भी होकर गुजरता है, जहां भूस्खलन का खतरा रहता है। इसके अलावा, ट्रैक पर कई पुराने पुल हैं जिनकी मरम्मत की आवश्यकता है। इन सभी कारणों से, चेन्नई से रामेश्वरम का रेलवे ट्रैक भारत के सबसे खतरनाक रेलवे मार्गों (World’s Dangerous Railway Tracks) में से एक माना जाता है। हालांकि, इस ट्रैक से यात्रा करना एक अविस्मरणीय अनुभव हो सकता है, क्योंकि यात्री खूबसूरत समुद्र तटों, मंदिरों और प्राकृतिक दृश्यों का लुत्फ उठा सकते हैं।
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9. एसो मियामी रूट रेलवे ट्रैक, जापान (Aso Miami Route Railway Track, Japan)
- निर्माण: 1921
- निर्माता: जापानी सरकार
- लम्बाई: लगभग 72 किलोमीटर
- समुद्र तट से ऊंचाई: कई हिस्सों में समुद्र तल से 100 मीटर से अधिक
- खतरनाक होने का कारण: तेज मोड़, खड़ी ढलानें, भूस्खलन का खतरा, तूफान और भूकंप की आशंका
जापान के सबसे खूबसूरत और साथ ही साथ सबसे खतरनाक रेलवे ट्रैकों में से एक है असो मियामी रूट। यह रेलवे ट्रैक क्यूशू द्वीप के दक्षिणी भाग में स्थित है और ओइता शहर को मियाज़ाकी शहर से जोड़ता है। 1921 में निर्मित, यह ट्रैक अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। यह ट्रैक समुद्र तट के समानांतर चलता है और कई सुरंगों और पुलों से होकर गुजरता है। यात्रियों को यहां से समुद्र के शानदार दृश्य देखने को मिलते हैं।
लेकिन इस ट्रैक की खूबसूरती के साथ-साथ इसके खतरे भी कम नहीं हैं-World’s Dangerous Railway Tracks। यह ट्रैक तेज मोड़ों और खड़ी ढलानों के लिए जाना जाता है। इसके अलावा, यह क्षेत्र भूस्खलन के लिए भी प्रवण है। जापान में अक्सर आने वाले तूफान और भूकंप भी इस ट्रैक को और अधिक खतरनाक बना देते हैं। इन सभी कारणों से, असो मियामी रूट को दुनिया के सबसे खतरनाक रेलवे ट्रैकों में से एक माना जाता है।
हालांकि, इन सभी खतरों के बावजूद, यह ट्रैक रेलवे उत्साही लोगों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य बना हुआ है। जो लोग रोमांच पसंद करते हैं, वे इस ट्रैक पर यात्रा करके एक अनोखा अनुभव ले सकते हैं। लेकिन इस ट्रैक पर यात्रा करने से पहले सभी सुरक्षा निर्देशों का पालन करना बहुत जरूरी है।
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