नरेगा श्रमिकों के लिए खुशखबरी! बढ़ गई मजदूरी, इस राज्य को मिला सबसे ज्यादा फायदा! | MNREGA Wages Increased in Uttar Pradesh | Centre hikes MGNREGA wages by 2-7% for FY 2025-26 | UP MNREGA | NREGA state | NREGA UP | NREGA job card
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (M-NREGA) के अंतर्गत मजदूरी दरों में वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र सरकार द्वारा वृद्धि की गई है। यह कदम ग्रामीण मजदूरों की आय में सुधार के उद्देश्य से उठाया गया है और इसका सीधा लाभ देश के करोड़ों श्रमिकों को मिलेगा। यह बदलाव ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा 18 अप्रैल 2025 को अधिसूचित किया गया।
क्या आपको पता है कि सरकार ने M-NREGA के तहत मजदूरी दरों में एक बार फिर बदलाव किया है? वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र सरकार ने श्रमिकों की दिहाड़ी में 2% से 7% तक की बढ़ोतरी की है, जो सीधे तौर पर करोड़ों ग्रामीण परिवारों की आय पर असर डालेगी। यह बदलाव किन राज्यों में कितना प्रभावी होगा? क्या यह वृद्धि महंगाई के मुकाबले पर्याप्त है? और सबसे बड़ी बात — क्या मनरेगा मजदूरों को इससे असल फायदा मिलेगा? ऐसे ही कई सवालों के जवाब इस लेख में विस्तार से जानें। पढ़ते रहिए पूरा लेख!
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Centre hikes MGNREGA wages by 2-7% for FY 2025-26 Notification
नई मजदूरी दरों की घोषणा!
सरकार द्वारा अधिसूचित दरों के अनुसार, MGNREGA के अंतर्गत मजदूरी में 2.33% से लेकर 7.48% तक की वृद्धि की गई है। इस संशोधन के अनुसार श्रमिकों की दैनिक मजदूरी में ₹7 से लेकर ₹26 तक की वृद्धि देखने को मिली है। यह नई दरें 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो चुकी हैं।
उत्तर प्रदेश में मजदूरी वृद्धि का उदाहरण
उत्तर प्रदेश में मनरेगा के अंतर्गत काम करने वाले श्रमिकों की मजदूरी को ₹237 से बढ़ाकर ₹252 प्रतिदिन कर दिया गया है। यानी ₹15 की सीधी वृद्धि। यह फैसला लाखों ग्रामीण श्रमिकों के जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास माना जा रहा है।
क्या है महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA)?
मनरेगा (MGNREGA – Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसे 2005 में शुरू किया गया था| इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना और बेरोजगारी को कम करना है|
इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में हर परिवार को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिन का रोजगार गारंटी दी जाती है| यह योजना विशेष रूप से उन लोगों के लिए बनाई गई है जो बेरोजगार हैं और स्थायी नौकरी नहीं कर सकते हैं| मनरेगा के तहत तालाब खुदाई, सड़क निर्माण, जल संरक्षण, वृक्षारोपण जैसे कार्य किए जाते हैं| मजदूरी का भुगतान सीधे श्रमिकों के बैंक खातों में किया जाता है| इसमें महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है और न्यूनतम 33% रोजगार महिलाओं के लिए आरक्षित होता है|
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MGNREGA योजना की संरचना और उद्देश्य
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 के तहत शुरू की गई यह योजना भारत सरकार की एक प्रमुख सामाजिक सुरक्षा योजना है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका की गारंटी देना और बेरोजगारी को कम करना है।
मुख्य प्रावधान:
- प्रत्येक ग्रामीण परिवार, जिसके वयस्क सदस्य अकुशल श्रम करने के लिए तैयार हैं, को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 100 दिन का रोजगार देने का प्रावधान है।
- कार्यों में तालाब खुदाई, जल संरक्षण, वृक्षारोपण, सड़क निर्माण आदि शामिल होते हैं।
- मजदूरी का भुगतान सीधे बैंक खाते में किया जाता है।
- कम से कम 33% नौकरियाँ महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
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नरेगा मजदूरी वृद्धि: मुख्य बिंदु | NREGA wage hike: Key points
1. वेतन वृद्धि का अवलोकन
- नरेगा मजदूरी वृद्धि 7 रुपये से 26 रुपये प्रतिदिन तक है ।
- हरियाणा में मजदूरी में सर्वाधिक 26 रुपये की वृद्धि हुई है जिससे इसकी मजदूरी दर 400 रुपये प्रतिदिन हो गयी है |
- आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, नागालैंड और तेलंगाना में प्रतिदिन 7 रुपये की सबसे कम वृद्धि दर्ज की गई है ।
- नई मजदूरी दरें 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगी ।
2. नरेगा के तहत मजदूरी निर्धारण
नरेगा की मजदूरी दरें कृषि मजदूरों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-AL) में परिवर्तन के आधार पर तय की जाती हैं , जो ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति को दर्शाता है। यह सुनिश्चित करता है कि योजना के तहत मजदूरी जीवन यापन की लागत के साथ तालमेल बनाए रखे ।
3. नरेगा रोजगार कैसे सुनिश्चित करता है?
मनरेगा अधिनियम, 2005 के तहत , प्रत्येक ग्रामीण परिवार जिसके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक कार्य करने के लिए तैयार हैं, को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिन का मजदूरी रोजगार प्राप्त करने का अधिकार है । हालाँकि, कुछ स्थितियों में, अतिरिक्त 50 दिन का काम प्रदान किया जाता है:
- वन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति के परिवार (वन अधिकार अधिनियम, 2016 के अनुसार)।
- गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचित सूखा या प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्र ।
4. 2024-25 में नरेगा का प्रदर्शन
चालू वित्त वर्ष (2024-25) के दौरान 19 मार्च 2025 तक ग्रामीण नौकरी गारंटी योजना के तहत 5.66 करोड़ परिवारों को रोजगार मिला है ।
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वित्त वर्ष 2024-25 में मजदूरी वृद्धि की तुलना
पिछले वित्तीय वर्ष (2024-25) में कुछ राज्यों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई थी। गोवा में मजदूरी दर में 10.56% की वृद्धि सबसे अधिक रही, जबकि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में यह वृद्धि मात्र 3.04% रही। यह अंतर दर्शाता है कि विभिन्न राज्यों में मूल्य वृद्धि और मजदूरी नीति अलग-अलग प्रभाव डालती है।
रोजगार की सीमाएं और विशेष प्रावधान
हालांकि अधिनियम में कहा गया है कि 100 दिन का रोजगार न्यूनतम है, लेकिन वास्तव में यह ऊपरी सीमा बन गई है। MGNREGA सॉफ्टवेयर परिवारों के लिए 100 दिन से अधिक कार्य दर्ज नहीं करता जब तक कि राज्य/संघ राज्य क्षेत्र द्वारा विशेष अनुरोध न किया गया हो।
विशेष परिस्थितियों में अतिरिक्त रोजगार:
- वन क्षेत्रों में रहने वाले अनुसूचित जनजाति के परिवारों को 150 दिनों तक रोजगार का प्रावधान है, यदि उनके पास वन अधिकार अधिनियम, 2016 के अंतर्गत प्राप्त भूमि अधिकारों के अतिरिक्त कोई निजी भूमि नहीं है।
- सूखा या प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्रों में, सरकार MGNREGA की धारा 3(4) के अंतर्गत अतिरिक्त 50 दिन का रोजगार उपलब्ध करा सकती है।
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अन्य राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश की स्थिति
जहाँ एक ओर हरियाणा ने 400 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी के साथ नया कीर्तिमान स्थापित किया है, वहीं उत्तर प्रदेश में मजदूरी दर में वृद्धि अपेक्षाकृत कम है। ₹15 की बढ़ोतरी के बावजूद, राज्य की मजदूरी दर अन्य कई राज्यों से कम बनी हुई है। यह इस बात की ओर इशारा करता है कि राज्य सरकारों को स्थानीय आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार और अधिक सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता हो सकती है।
सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करने की प्रक्रिया
सरकार MGNREGA अधिनियम की धारा 6(1) के अंतर्गत मजदूरी दरों को अधिसूचित करती है। यह अधिसूचना प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल से प्रभावी होती है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजना में शामिल सभी राज्यों में समय पर नई दरें लागू हों।
M-NREGA Wage Rate Notification FY 2025-26.pdf
क्या यह वृद्धि पर्याप्त है?
हालांकि MGNREGA मजदूरी दरों में की गई यह वृद्धि एक सकारात्मक कदम है, लेकिन यह बहस का विषय भी है कि क्या यह वृद्धि ग्रामीण मजदूरों की वास्तविक आवश्यकताओं और जीवनयापन की लागत को पूरी तरह से कवर करती है? कई संगठनों और विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा मजदूरी दरें अब भी राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी मानकों से कम हैं और इन्हें और अधिक बढ़ाने की आवश्यकता है।
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2025-26 के लिए राज्यवार नरेगा मजदूरी दरें | State-wise NREGA wage rates for 2025-26
s.no | राज्य/संघ राज्य क्षेत्र | 2024-25 वेतन (₹) | 2025-26 वेतन (₹) | वृद्धि (₹) | बढ़ोतरी (%) |
---|---|---|---|---|---|
1 | आंध्र प्रदेश | 300 | 307 | 7 | 2.33 |
2 | अरुणाचल प्रदेश | 234 | 241 | 7 | 2.99 |
3 | असम | 249 | 256 | 7 | 2.81 |
4 | बिहार | 245 | 255 | 10 | 4.08 |
5 | छत्तीसगढ़ | 243 | 261 | 18 | 7.41 |
6 | गोवा | 356 | 378 | 22 | 6.18 |
7 | गुजरात | 280 | 288 | 8 | 2.86 |
8 | हरियाणा | 374 | 400 | 26 | 6.95 |
9 | हिमाचल प्रदेश (गैर-अनुसूचित क्षेत्र) | 236 | 247 | 11 | 4.66 |
10 | हिमाचल प्रदेश (अनुसूचित क्षेत्र) | 295 | 309 | 14 | 4.75 |
11 | जम्मू और कश्मीर | 259 | 272 | 13 | 5.02 |
12 | लद्दाख | 259 | 272 | 13 | 5.02 |
13 | झारखंड | 245 | 255 | 10 | 4.08 |
14 | कर्नाटक | 349 | 370 | 21 | 6.02 |
15 | केरल | 346 | 369 | 23 | 6.65 |
16 | मध्य प्रदेश | 243 | 261 | 18 | 7.41 |
17 | महाराष्ट्र | 297 | 312 | 15 | 5.05 |
18 | मणिपुर | 272 | 284 | 12 | 4.41 |
19 | मेघालय | 254 | 272 | 18 | 7.09 |
20 | मिजोरम | 266 | 281 | 15 | 5.64 |
21 | नागालैंड | 234 | 241 | 7 | 2.99 |
22 | ओडिशा | 254 | 273 | 19 | 7.48 |
23 | पंजाब | 322 | 346 | 24 | 7.45 |
24 | राजस्थान | 266 | 281 | 15 | 5.64 |
25 | सिक्किम | 249 | 259 | 10 | 4.02 |
26 | सिक्किम (ग्नथांग, लाचुंग, लाचेन) | 374 | 389 | 15 | 4.01 |
27 | तमिलनाडु | 319 | 336 | 17 | 5.33 |
28 | तेलंगाना | 300 | 307 | 7 | 2.33 |
29 | त्रिपुरा | 242 | 256 | 14 | 5.79 |
30 | उत्तर प्रदेश | 237 | 252 | 15 | 6.33 |
31 | उत्तराखंड | 237 | 252 | 15 | 6.33 |
32 | पश्चिम बंगाल | 250 | 260 | 10 | 4.00 |
33 | अंडमान एवं निकोबार (अंडमान) | 329 | 342 | 13 | 3.95 |
34 | अंडमान एवं निकोबार (निकोबार) | 347 | 361 | 14 | 4.03 |
35 | दादरा और नगर हवेली व दमन और दीव | 324 | 340 | 16 | 4.94 |
36 | लक्षद्वीप | 315 | 336 | 21 | 6.67 |
37 | पुदुचेरी | 319 | 336 | 17 | 5.33 |
निष्कर्ष: M-NREGA wage hike
MGNREGA मजदूरी दरों में की गई यह संशोधित वृद्धि एक स्वागतयोग्य कदम है, जो ग्रामीण श्रमिकों की आर्थिक स्थिति को कुछ हद तक सुधारने में सहायक होगी। हालांकि, राज्यों के बीच मजदूरी दरों में बड़ा अंतर और श्रमिकों के लिए 100 दिन की रोजगार सीमा, योजना के प्रभाव को सीमित कर सकती है। आवश्यक है कि भविष्य में सरकार इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार करे और रोजगार की अवधि और मजदूरी दोनों में सुधार लाए, ताकि ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था और अधिक सशक्त हो सके।
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