आपदा प्रभावित किसानों के लिए खुशखबरी! केंद्र सरकार, आपदा प्रभावित 30 लाख किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 3,200 करोड़ रुपये जारी करेगी! | Prime Minister Crop Insurance Scheme | PMFBY | Centre to release Rs 3,200 crore under PM Fasal Bima Yojana 2025 for 30 lakh disaster-hit farmers
PM Fasal Bima Yojana 2025: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) भारत के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच है, जो प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसल नुकसान से उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करती है। 2025 में इस योजना ने अपनी नौवीं वर्षगांठ मनाई, जो 18 फरवरी को थी। इस वर्ष, केंद्र सरकार ने आपदा प्रभावित 30 लाख किसानों के लिए 3,200 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की है। यह राशि सोमवार, 11 अगस्त 2025 को डिजिटल तरीके से हस्तांतरित की गई, जो किसानों के लिए बड़ा सहारा बनी है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी घोषणा की, और कहा कि बाद में 8,000 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त भी जारी की जाएगी।
यह योजना 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी, और इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को ओलावृष्टि, सूखा, बाढ़, चक्रवात, भारी बारिश, बीमारियां और कीटों के हमले जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बचाना है। योजना के तहत किसानों को फसल नुकसान की भरपाई मिलती है, जो उनकी आय को स्थिर रखती है और उन्हें नई कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है। 2025 में, जनवरी में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को 2025-26 तक जारी रखने के लिए 69,515.71 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी। यह योजना स्वैच्छिक है, लेकिन 2023-24 में गैर-ऋणी किसानों का कवरेज कुल का 55% तक पहुंच गया, जो इसकी लोकप्रियता दर्शाता है।
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योजना की शुरुआत और उद्देश्य
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत 2016 में हुई थी, जब भारत में कृषि क्षेत्र प्राकृतिक आपदाओं से बुरी तरह प्रभावित हो रहा था। पहले की फसल बीमा योजनाएं जटिल थीं और किसानों को पर्याप्त लाभ नहीं मिलता था। PMFBY ने इसे सरल बनाया, जहां किसान कम प्रीमियम पर बड़ा कवरेज पा सकते हैं। योजना का मुख्य उद्देश्य फसल हानि से पीड़ित किसानों को त्वरित वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
मंत्रालय के आधिकारिक बयान के अनुसार, यह योजना एक जोखिम न्यूनीकरण उपकरण है जो किसानों की आय को सुरक्षित रखती है। उदाहरण के लिए, अगर सूखे के कारण फसल नष्ट हो जाती है, तो किसान को बीमा राशि मिलती है, जो उसके परिवार की जीविका बचाती है। योजना के तहत, केंद्र और राज्य सरकारें प्रीमियम सब्सिडी प्रदान करती हैं, जिससे किसानों का बोझ कम होता है। 2016 से अब तक, योजना ने 1.83 लाख करोड़ रुपये के दावों का वितरण किया है, जबकि किसानों ने केवल 35,864 करोड़ रुपये का प्रीमियम भुगतान किया है। इसका मतलब है कि औसतन, प्रीमियम के पांच गुना से अधिक राशि दावों के रूप में मिली है, जो सरकार की किसान-हितैषी नीति को दिखाता है।
मेरी जानकारी के अनुसार, PMFBY ने कृषि क्षेत्र में क्रांति लाई है। पहले किसान कर्ज में डूब जाते थे, लेकिन अब वे आत्मविश्वास से खेती कर सकते हैं। योजना में शामिल होने के लिए किसान ऑनलाइन या ऑफलाइन पंजीकरण करा सकते हैं, और प्रीमियम फसल के प्रकार पर निर्भर करता है – जैसे खरीफ फसलों के लिए 2%, रबी के लिए 1.5%, और वाणिज्यिक फसलों के लिए 5%।
हाल की घोषणाएं और हस्तांतरण कार्यक्रम
11 अगस्त 2025 को, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजस्थान के झुंझुनू में एक कार्यक्रम में 30 लाख किसानों को 3,200 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए। यह पहली किस्त है, और मंत्री ने कहा कि जिन किसानों के खातों में आज राशि नहीं पहुंची, उन्हें चिंता न करें, क्योंकि दूसरी किस्त 8,000 करोड़ रुपये की जल्द आएगी। कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, केंद्रीय राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी और राज्य कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा भी शामिल हुए।
राशि का बंटवारा इस प्रकार है: मध्य प्रदेश के किसानों को 1,156 करोड़ रुपये, राजस्थान के 7 लाख किसानों को 1,121 करोड़ रुपये, छत्तीसगढ़ के किसानों को 150 करोड़ रुपये, और अन्य राज्यों के किसानों को 773 करोड़ रुपये। मंत्री ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किया: “आज प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लगभग 30 लाख किसानों के खातों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 3200 करोड़ रुपये जमा किए जाएंगे। यह पहली किस्त है…” उन्होंने वीडियो में कहा कि प्राकृतिक आपदाएं न केवल फसलें नष्ट करती हैं, बल्कि किसानों का जीवन भी, इसलिए PMFBY एक वरदान है।
मंत्री ने किसानों से अपील की कि कोई शिकायत हो तो उन्हें बताएं, क्योंकि “आपकी सेवा ही मेरे लिए ईश्वर की पूजा है।” यह दिखाता है कि सरकार किसानों के साथ खड़ी है। अतिरिक्त जानकारी के रूप में, ऐसे कार्यक्रम किसानों में जागरूकता बढ़ाते हैं और योजना की पहुंच को मजबूत करते हैं।
दावा निपटान में सुधार और दंड प्रावधान
सरकार ने दावा निपटान को सरल बनाया है। नई प्रणाली में, राज्य के प्रीमियम अंशदान की प्रतीक्षा किए बिना, केवल केंद्रीय सब्सिडी पर दावों का भुगतान किया जा सकता है। मंत्री ने कहा कि खरीफ 2025 सीजन से, अगर राज्य सरकार सब्सिडी में देरी करती है, तो उस पर 12% जुर्माना लगेगा। इसी तरह, बीमा कंपनियां अगर समय पर भुगतान नहीं करतीं, तो उन्हें 12% ब्याज देना होगा, जो सीधे किसानों के खाते में जाएगा।
यह प्रावधान किसानों को समय पर सहायता सुनिश्चित करता है। पहले देरी से किसान परेशान होते थे, लेकिन अब कंपनियां जिम्मेदार होंगी। मेरी जानकारी से, यह बदलाव 2024 में लागू हुए थे, और इससे दावा निपटान की गति बढ़ी है। उदाहरण के लिए, अगर दावा मंजूर होने के 21 दिनों में भुगतान न हो, तो ब्याज लागू होता है।
तकनीकी नवाचार और पारदर्शिता
PMFBY में कई तकनीकी नवाचार शामिल किए गए हैं, जैसे YES-TECH (Yield Estimation System using Technology), WINDS पोर्टल (Weather Information and Network Data System), AIDE मोबाइल ऐप, कृषि रक्षक पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर 14447। ये उपकरण दावा निपटान को तेज और पारदर्शी बनाते हैं। YES-TECH से उपज का अनुमान सटीक होता है, WINDS से मौसम डेटा उपलब्ध होता है, और ऐप से किसान गांव स्तर पर पंजीकरण कर सकते हैं।
इनसे न केवल पारदर्शिता बढ़ी है, बल्कि किसानों को आसानी हुई है। अतिरिक्त रूप से, सैटेलाइट इमेजरी और ड्रोन का उपयोग फसल नुकसान आकलन में किया जाता है, जो पहले मैनुअल था और गलतियां होती थीं। सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक सभी दावे डिजिटल हों, जो कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाएगा।
PM Fasal Bima Yojana 2025: योजना के लाभ और प्रभाव!
PMFBY ने किसानों की आय स्थिर की है और उन्हें जोखिम से मुक्त किया है। 2023-24 में स्वैच्छिक कवरेज 55% पहुंचना इसकी सफलता है। योजना से किसान नई फसलें उगा सकते हैं और निवेश बढ़ा सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक किसान अगर 10,000 रुपये प्रीमियम देता है, तो नुकसान पर लाखों मिल सकते हैं।
मंत्री ने कहा कि यह योजना वरदान है, क्योंकि आपदाएं जीवन नष्ट करती हैं। मेरी जानकारी से, योजना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है, और आत्महत्याओं में कमी आई है। हालांकि, कुछ चुनौतियां हैं जैसे जागरूकता की कमी, लेकिन सरकार अभियान चला रही है।
FAQs: PM Fasal Bima Yojana 2025 for 30 lakh disaster-hit farmers
1. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का टोल फ्री नंबर
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़ी किसी भी समस्या या सवाल के लिए आप टोल फ्री नंबर 14447 पर संपर्क कर सकते हैं।
2. फसल बीमा के पैसों में देरी पर कंपनी को देना होगा ब्याज
इस योजना के तहत बीमा कंपनियों को निर्धारित समय में क्लेम की राशि किसानों को देना अनिवार्य है। यदि राशि समय पर नहीं दी जाती, तो कंपनी को 12% ब्याज के साथ भुगतान करना होता है। यह ब्याज सीधा किसानों के बैंक खाते में जमा होता है।
3. आपदा पीड़ितों के लिए वरदान योजना
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आपदा पीड़ित किसानों के लिए लाभकारी है। फसल को नुकसान होने पर किसानों को समय पर मुआवजे की राशि मिलती है, जिससे उन्हें कर्ज के जाल में फंसने से राहत मिलती है।
4. अगर खाते में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का पैसा न आए तो क्या करें
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से PM Fasal Bima Yojana 2025 PMFBY पहली किस्त जारी कर रहे हैं, जिसके तहत 30 लाख किसानों के खातों में लगभग 3,200 करोड़ रुपये भेजे जाएंगे। यदि आपके खाते में राशि नहीं आती, तो चिंता की बात नहीं है। यह पहली किस्त है, और जिन किसानों को आज भुगतान नहीं मिलेगा, उनके खातों में लगभग 8,000 करोड़ रुपये की राशि बाद में भेजी जाएगी।
5. खरीफ फसल बीमा 2025 (Kharif Crop Insurance 2025) की अंतिम तिथि
उत्तर प्रदेश के किसान 2025 खरीफ सीजन के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसलों का बीमा 31 जुलाई 2025 तक करा सकते हैं।
6. फसल बीमा की राशि और प्रीमियम दरें
इस योजना के तहत खरीफ फसल के लिए 2%, रबी फसल के लिए 1.5% और बागवानी फसल के लिए 5% प्रीमियम पर बीमा कराया जा सकता है।
7. फसल बीमा के लिए आवश्यक दस्तावेज
फसल बीमा के लिए किसान को आधार कार्ड, खतौनी, बैंक पासबुक और जिस फसल का बीमा कराना है उसका विवरण देना होगा। पंजीकरण बैंक, कॉमन सर्विस सेंटर या पोर्टल www.pmfby.gov.in पर स्वयं भी किया जा सकता है।
निष्कर्ष: PM Fasal Bima Yojana for 30 lakh disaster-hit farmers
PMFBY 2025 में 30 लाख किसानों को 3,200 करोड़ का सहारा देकर साबित हुई है कि सरकार किसानों की साथी है। दूसरी किस्त 8,000 करोड़ की जल्द आएगी, और दंड प्रावधान से समयबद्धता सुनिश्चित होगी। किसान इस योजना में शामिल हों और शिकायतें साझा करें। भविष्य में, अधिक तकनीक से यह और बेहतर होगी। कुल मिलाकर, PMFBY किसानों का मजबूत आधार है।