EPFO के बड़े बदलाव: पासबुक लाइट लॉन्च, PF ट्रांसफर और क्लेम अब और आसान! | Passbook Lite | Annexure K | UMANG
EPFO launches Passbook Lite: अब तक, कर्मचारियों को अंशदान और निकासी का विवरण देखने के लिए एक अलग पासबुक पोर्टल पर लॉग इन करना पड़ता था। पासबुक लाइट के लॉन्च के साथ, सदस्य अब केवल एक लॉगिन का उपयोग करके सीधे ईपीएफओ सदस्य पोर्टल पर यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने सदस्यों की सुविधा, पारदर्शिता और सेवा दक्षता को बढ़ाने के लिए कई बड़े सुधारों की घोषणा की है। 18 सितंबर 2025 को केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने तीन प्रमुख बदलावों की शुरुआत की –
- पासबुक लाइट (Passbook Lite)
- अनुलग्नक K तक ऑनलाइन पहुँच (Annexure K Access)
- तेज़ दावा निपटान के लिए सरलीकृत प्रक्रिया (Faster Settlements)
इन सुधारों का मुख्य उद्देश्य है – शिकायतों में कमी, सदस्य अनुभव को बेहतर बनाना और डिजिटल इंडिया की दिशा में EPFO की सेवाओं को और अधिक सरल बनाना। आइए इन बदलावों को विस्तार से समझते हैं।
Passbook Lite: एक नज़र में बैलेंस जानकारी
पुरानी व्यवस्था में समस्या
अभी तक EPFO सदस्यों को अपनी भविष्य निधि (PF) पासबुक देखने के लिए अलग से पासबुक पोर्टल पर लॉगिन करना पड़ता था।
- यह दोहरी लॉगिन प्रणाली समय लेने वाली थी।
- कई बार पासवर्ड सिंक्रोनाइज़ेशन और पोर्टल पर तकनीकी समस्याओं के कारण शिकायतें आती थीं।
नया सुधार – पासबुक लाइट
अब EPFO ने सदस्य पोर्टल पर “पासबुक लाइट” नाम की सुविधा शुरू की है।
- यह संक्षिप्त और सरल प्रारूप में योगदान (Contribution), निकासी (Withdrawals) और मौजूदा बैलेंस (Current Balance) की जानकारी देता है।
- इसके लिए अलग पोर्टल पर जाने की ज़रूरत नहीं है।
- यह सीधे सदस्य लॉगिन से उपलब्ध होगा।
लाभ
- एकल लॉगिन (Single Login): अब अलग पोर्टल की आवश्यकता नहीं।
- त्वरित जानकारी: पीएफ बैलेंस और लेनदेन का स्नैपशॉट तुरंत मिलेगा।
- कम सर्वर लोड: इससे अलग पासबुक पोर्टल पर ट्रैफिक घटेगा और स्पीड बढ़ेगी।
- विस्तृत विवरण की सुविधा: जिन सदस्यों को ग्राफिकल डिस्प्ले या विस्तृत हिस्ट्री चाहिए, वे अभी भी पुराने पोर्टल का उपयोग कर सकते हैं।
यह सुधार सीधे तौर पर करोड़ों कर्मचारियों के लिए आसान और तेज़ PF जानकारी उपलब्ध कराता है।
Annexure K तक ऑनलाइन पहुँच: पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम
अनुलग्नक K क्या है?
- जब कोई कर्मचारी नौकरी बदलता है, तो उसका PF खाता ऑनलाइन फॉर्म 13 के माध्यम से नए नियोक्ता के पास ट्रांसफर किया जाता है।
- ट्रांसफर पूरा होने के बाद, पिछला PF कार्यालय एक स्थानांतरण प्रमाणपत्र (Annexure K) तैयार करता है और नए कार्यालय को भेजता है।
- इस दस्तावेज़ में कर्मचारी के PF बैलेंस और सेवा अवधि (Service Period) की जानकारी होती है।
पहले की स्थिति
- अब तक Annexure K केवल PF कार्यालयों के बीच साझा किया जाता था।
- सदस्य को यह दस्तावेज़ पाने के लिए विशेष अनुरोध करना पड़ता था।
- इससे पारदर्शिता की कमी और देरी की समस्या रहती थी।
नया सुधार
अब सदस्य सीधे EPFO पोर्टल से Annexure K को PDF फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते हैं।
लाभ
- सीधी पहुँच: PF कार्यालय पर निर्भर नहीं रहना होगा।
- स्थानांतरण ट्रैकिंग: सदस्य अपने ऑनलाइन ट्रांसफर की स्थिति खुद देख पाएंगे।
- विवरण सत्यापन: यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि बैलेंस और सेवा अवधि नए खाते में सही तरीके से अपडेट हुई है।
- डिजिटल रिकॉर्ड: सदस्य भविष्य के लिए Annexure K को सुरक्षित रख सकते हैं।
इस कदम से PF ट्रांसफर प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता और भरोसा आएगा।
Process-Flow: How to Upload Annexure K?
तेज़ दावा निपटान: सरल और त्वरित प्रक्रिया
पुरानी समस्या
EPFO में दावे (Claims) के निपटान में अक्सर देरी होती थी।
- कारण – बहुस्तरीय अनुमोदन प्रक्रिया।
- दावों को उच्च अधिकारियों (Regional PF Commissioner/ In-Charge Officer) तक भेजा जाता था।
- इससे प्रक्रिया लंबी हो जाती और सदस्यों को पैसा मिलने में देर होती।
नया सुधार
अब EPFO ने अनुमोदन पदानुक्रम (Approval Hierarchy) को सरल बनाया है।
- वरिष्ठ अधिकारियों के अधिकार अब सहायक PF आयुक्त (Assistant PF Commissioners) और अन्य अधीनस्थ स्तरों को सौंप दिए गए हैं।
- इससे दावे तेजी से निपटाए जाएंगे।
लाभ
- तेज़ निपटान: दावों की प्रक्रिया में समय की बचत।
- कम विलंब: अनुमोदन की परतें घटाई गईं।
- अधिक जवाबदेही: क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर ज़िम्मेदारी तय होगी।
- पारदर्शिता और संतुष्टि: त्वरित सेवा से सदस्यों का भरोसा बढ़ेगा।
स्वतः निपटान सीमा में बदलाव
- जून 2025 में EPFO ने अग्रिम दावों के लिए ऑटो-सेटलमेंट लिमिट ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी थी।
- यानी, आपातकालीन वित्तीय आवश्यकताओं के समय सदस्य आसानी से पैसा निकाल सकते हैं।
भविष्य की योजनाएँ और संभावित फैसले
EPS-1995 में न्यूनतम पेंशन बढ़ोतरी
- EPFO का केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) 10–11 अक्टूबर 2025 को बेंगलुरु में बैठक करेगा।
- इस बैठक में EPS-1995 योजना के तहत न्यूनतम पेंशन बढ़ाने पर फैसला हो सकता है।
- मौजूदा पेंशन ₹1,500 से बढ़ाकर ₹2,500 प्रति माह करने की संभावना है।
- इसे पेंशनभोगी “दिवाली गिफ्ट” के रूप में देख रहे हैं।
EPFO 3.0 अपग्रेड
- EPFO पोर्टल का पूर्ण नवीनीकरण किया जाएगा।
- Infosys, TCS और Wipro जैसी कंपनियाँ इस अपग्रेड पर काम करेंगी।
- भविष्य में सदस्यों को ATM या UPI के माध्यम से आंशिक निकासी जैसी सुविधाएँ मिल सकती हैं।
- इसका उद्देश्य है – EPF और EPS खातों के लिए निर्बाध डिजिटल लेनदेन।
इन सुधारों से क्या बदलेगा?
सदस्यों के लिए फायदे
- PF बैलेंस चेक करने में आसानी।
- नौकरी बदलने पर PF ट्रांसफर की पारदर्शी प्रक्रिया।
- दावे जल्दी निपटने से वित्तीय राहत।
- भविष्य में और डिजिटल सुविधाएँ जैसे UPI निकासी।
सरकार और EPFO के लिए लाभ
- शिकायतों में कमी।
- सिस्टम पर बोझ घटेगा।
- परिचालन दक्षता (Operational Efficiency) बढ़ेगी।
- डिजिटल इंडिया मिशन को गति मिलेगी।
EPS-1995 और पेंशन योजना की पृष्ठभूमि
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EPS-1995 (Employee Pension Scheme) एक योगदान-आधारित सामाजिक सुरक्षा योजना है।
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फंड का निर्माण होता है –
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नियोक्ता द्वारा कर्मचारी के वेतन का 8.33% योगदान।
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केंद्र सरकार द्वारा 1.16% बजटीय सहायता।
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अधिकतम वेतन सीमा – ₹15,000 प्रति माह।
इतिहास में पेंशन बढ़ोतरी
- मोदी सरकार के कार्यकाल में सितंबर 2014 में पहली बार न्यूनतम पेंशन ₹1,000 प्रति माह तय की गई थी।
- अब फिर से जीवन-यापन की बढ़ती लागत को देखते हुए ₹2,500 प्रति माह करने की तैयारी है।
EPFO सुधारों पर निष्कर्ष!
EPFO के नए सुधार –
- पासबुक लाइट,
- अनुलग्नक K की ऑनलाइन पहुँच, और
- तेज़ दावा निपटान
सदस्यों के अनुभव को और अधिक सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।
इनसे न केवल शिकायतें घटेंगी, बल्कि कर्मचारियों को अपनी मेहनत की कमाई तक आसान, तेज़ और पारदर्शी पहुँच मिलेगी।
भविष्य में EPS पेंशन बढ़ोतरी और EPFO 3.0 के तहत डिजिटल सेवाओं का विस्तार कर्मचारियों के लिए आर्थिक सुरक्षा और डिजिटल सशक्तिकरण दोनों लेकर आएगा।