प्रधानमंत्री वन धन योजना | Pradhan Mantri Van Dhan Yojana | PMVDY योजना की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा की गयी है जिसका मुख्य लक्ष्य है देश भर में वनों की घटती हुई कमी को पूरी करना ताकि देश में हरियाली लायी जा सके और हर साल जो सूखा पड़ता है वो भी बंद हो जाएगा क्योकि सूखे की वजह से फसल उत्पादन सही से नहीं हो पाता है और किसान आत्महत्या कर लेते है इन्ही सब तथ्यों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री वन धन योजना की शुरुआत की है.
प्रधानमंत्री वन धन योजना | Pradhan Mantri Van Dhan Yojana | PMVDY
वन धन योजना | Pradhan Mantri Van Dhan Yojana | PMVDY “14 अप्रैल, 2018” को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनजातीय मामलों के मंत्रालय के साथ केंद्रीय स्तर पर नोडल विभाग के रूप में और राष्ट्रीय स्तर पर नोडल एजेंसी (nodal agency) के रूप में शुरू की गई, सामाज के लिए एक अच्छी सोच वाला मास्टर प्लान है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश की जनजातीय आबादी का आर्थिक विकास करना है.
जिसके तहत सरकार साल 2021 में तीन हजार वन धन केन्द्रों की स्थापना करेगी इन केन्द्रों का मुख्य कार्य वन संपदा का विकास करना ही रहेगा और साथ ही जो लोग पेड़ काटकर वनों की अल्पता ला रहे है उस पर भी ये केंद्र ध्यान देंगे ताकि वनों की सघनता को बढ़ाया जा सके | वन देश की अहम् सम्पति है जिसका कुल मूल्य दो लाख करोड़ प्रतिवर्ष है इसलिए सरकार इनके सरंक्षण की तरफ विशेष ध्यान दे रही है |
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- आदिवासी सभाओं के लिए आजीविका सृजन को लक्षित करना और उन्हें उद्यमियों में बदलना।
- आइडिया मुख्य रूप से वनाच्छादित जनजातीय जिलों में वन धन विकास केन्द्रों (VDVK) के स्वामित्व वाले जनजातीय समुदाय को स्थापित करना है।
- एक केंद्र 15 आदिवासी एसएचजी (SHG) का गठन करेगा, जिसमें प्रत्येक में 20 आदिवासी एनटीएफपी (NTFP) इकट्ठा करने वाले कारीगर होंगे, जो प्रति वन धन केंद्र के लगभग 300 लाभार्थी होंगे।
- 100% केंद्र सरकार ने रुपये प्रदान करने की कोशिश की। प्रत्येक 300 सदस्य वन धन केंद्र के लिए 15 लाख।
इन चरणों को उप-चरणों में विभाजित किया गया है जो इस प्रकार हैं | These steps are divided into sub-steps which are as follows
1. स्वामित्व सृजित करने के लिए जनजातीय संग्राहक 1000/सदस्य का योगदान
2. पंचायतों/जिला प्रशासन को उपलब्ध कराना
3. स्वयं सहायता समूहों के लिए परिचालन परिसर
4. सुविचारित उपयुक्त परियोजना रिपोर्ट- निगमित
- वार्षिक एमएफपी (Annual MFP) एकत्र करने की योजना,
- मूल्यवर्धन प्रकार: छँटाई और ग्रेडिंग, प्रसंस्करण
- व्यापार की योजना
5. उपकरणों की खरीद (SIA/DIU द्वारा GeM/निविदा)
6. मास्टर प्रशिक्षकों की पहचान (मूल्यवर्धन)
7. उपकरण उपयोग, उद्यम प्रबंधन में प्रशिक्षण
8. एमएफपी (MFP) मूल्य वर्धित उत्पादों के लिए स्थानीय, जिला स्तर, राज्य स्तर, राष्ट्रीय, वैश्विक खरीदारों की पहचान
9. रसद और परिवहन के लिए व्यवस्था
10. ब्रांडिंग और मार्केटिंग (Branding and marketing)
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प्रधानमंत्री वन धन योजना के प्रमुख काम | Major works of Pradhan Mantri Van Dhan Yojana
वन धन योजना का प्रमुख काम आदिवासी लोगों के लिए आजीविका सृजन को लक्षित करना और उन्हें उद्यमियों में बदलना है. इसके अलावा वनाच्छादित जनजातीय जिलों में वन धन विकास केन्द्रों (VDVK) के स्वामित्व वाले जनजातीय समुदाय को स्थापित करना है. केंद्र सरकार इस योजना के तहत देश के जनजातीय क्षेत्रों में 50,000 ‘वन धन विकास केंद्र’ स्थापित करेगी, ताकि वन उपज के लिए प्राथमिक प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके और जनजातियों के लिए रोजगार उपलब्ध हो सके. बता दें कि इस योजना के तहत देशभर में अभी तक 141 आउटलेट खोले जा चुके हैं, जहां जनजातीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है.
33,360 वन धन विकास केंद्रों को मिली मंजूरी | 33,360 Van Dhan Vikas Kendras got approval
ट्राईफैड के अनुसार, 31 मार्च, 2021 तक ट्राईफैड के द्वारा 18 महीने से भी कम समय में 2224 वीडीवीकेसी (वन धन विकास केंद्र क्लस्टर) के प्रत्येक समूह में शामिल 300 वन निवासियों के साथ 33,360 वन धन विकास केंद्रों को मंजूरी दे दी गई है. ट्राईफैड ने बताया कि एक विशिष्ट वन धन विकास केंद्र में 20 जनजातीय सदस्य शामिल हैं. ऐसे 15 वन धन विकास केंद्रों मिलकर 1 वन धन विकास केंद्र समूह बनाते हैं. वन धन विकास केंद्र समूह 23 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के वन धन विकास केंद्रों को व्यापक आर्थिक लाभ, आजीविका और बाजार से जोड़ने के साथ-साथ जनजातीय वन सभाओं को उद्यमशीलता के अवसर प्रदान करेंगे.
पूर्वोत्तर इस मामले में नेतृत्व कर रहा है जहां 80 प्रतिशत वीडीवीके स्थापित हैं. इसके बाद महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश ऐसे अन्य राज्य हैं जहां इस योजना को शानदार परिणामों के साथ अपनाया गया है. यह बाजार से संबंध स्थापित करने में सफल रहा है. इनमें से कई जनजातीय उद्यम बाजारों से जुड़े हैं.
भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ | Tribal Cooperative Marketing Development Federation of India (TRIFED):
1. गठन (Build)
- TRIFED का गठन वर्ष 1987 में जनजातीय कार्य मंत्रालय के तत्त्वावधान में राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में किया गया।
- इसे बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 1984 (Multi-State Cooperative Societies Act) के तहत पंजीकृत गया था।
- इसने अपने कार्यों की शुरुआत वर्ष 1988 में नई दिल्ली स्थित मुख्य कार्यालय से की।
2. उद्देश्य (Objective)
जनजातीय लोगों का सामाजिक-आर्थिक विकास, आर्थिक कल्याण को बढ़ावा देना, ज्ञान, उपकरण और सूचना के साथ जनजातीय लोगों का सशक्तीकरण एवं क्षमता निर्माण करना।
3. कार्य (Work)
यह मुख्य रूप से दो कार्य करता है पहला-लघु वन उपज ( Minor Forest Produce (MFP) विकास, दूसरा खुदरा विपणन एवं विकास (Retail Marketing and Development) हैं।
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प्रधानमंत्री वन धन योजना की पहल और भागीदारी | Prime Minister Van Dhan Yojana Initiatives and Participation
- TRIFED द्वारा वर्ष 1999 में नई दिल्ली में ट्राइब्स इंडिया (Tribes India) नामक अपने पहले रिटेल आउटलेट के माध्यम से आदिवासी कला और शिल्प वस्तुओं की खरीद और विपणन का कार्य शुरू किया गया।
- TRIFED द्वारा वन धन योजना (Van Dhan Yojana) के तहत उत्पादन को बढ़ाने के लिये वन धन इंटर्नशिप कार्यक्रम (Van Dhan Internship Programme) का आयोजन किया गया है।
- TRIFED द्वारा जनजातियों में उद्यमशीलता को विकसित करने के लिये राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों (Institutes of National Importance-INI) के साथ मिलकर एक परिवर्तनकारी टेक फॉर ट्राइबल्स प्रोग्राम (Transformational Tech For Tribals Program) को शुरू किया गया है।
- सूक्ष्म वन उत्पादों के संवर्द्धित मूल्य को बढ़ावा देने के लिये ट्राईफूड योजना (TRIFOOD Scheme) खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, जनजातीय मामलों के मंत्रालय और TRIFED की एक संयुक्त पहल है।
- सूक्ष्म वन उत्पादों (Minor Forest Produce-MFP) के विपणन के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price-MSP) के माध्यम से एक तंत्र विकसित किया गया तथा वर्ष 2013 में MFP के लिये एक मूल्य श्रृंखला को लागू किया गया था ताकि वन निवासी अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribes-STs) और अन्य पारंपरिक वनवासियों के उत्पादों का उचित मूल्य सुनिश्चित किया जा सके।
- TRIFED द्वारा संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (United Nations Children’s Fund- यूनिसेफ) एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation- WHO) के सहयोग से COVID -19 महामारी पर वेबिनार का आयोजन किया है।
- इस वेबिनार में COVID -19 के लिये बेसिक दिशा-निर्देशों के संदर्भ में TRIFED प्रशिक्षक और स्वयंसेवक संघों (Self Help Groups-SHG) के लिये एक आभासी प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।
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इन राज्यों में हैं सबसे ज्यादा आदिवासी | These states have the highest number of tribals
आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव, लक्षद्वीप और पुदुचेरी।
प्रधानमंत्री वन धन योजना की मुख्या विषताएँ | Main features of Pradhan Mantri Van Dhan Yojana
- इस योजना के अन्दर सरकार ईट के निर्माण व महुआ फूल भण्डारण केंद्र तथा चिरोंजी को साफ़ करने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाएगी |
- शुरुआत में तो वन धन विकास केंद्र की स्थापना एक पंचायत भवन में होगी तथा बाद में भवन कार्य पूर्ण होने के बाद में वन केंद्र उसमे ट्रांसफर कर दिए जायेंगे |
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य जमीनी स्तर पर जनजातीय समुदाय को सुव्यस्थित करना है |
- इस योजाना की शुरुआत बाबा भीमराव आंबेडकर के जन्मदिवस पर आदीवासी क्षेत्रो की हालत में सुधार लाने के उद्देश्य से की गयी है |
प्रधानमंत्री वन धन योजना से मिलने वाले लाभ | Benefits of Pradhan Mantri Van Dhan Yojana
- पीएम वन धन योजना के आ जाने से आदिवासी समाज की आय में दुगुनी वृद्धि होगी |
- इस योजना के अंतर्गत युवाओं को कौशल प्रसिक्षण की विशेष ट्रेनिंग भी दी जायेगे तथा साथ ही मार्केटिंग भी सिखाई जायेगी
- बाजार में उत्पादों की कीमतों में उतर चढाव आता रहता है लेकिन इस योजना के अंतर्गत जनजातीय लोगो के लिए भावान्तर योजना की तरह सरकार पात्र उम्मेद्वारो को उनका समर्थन मूल्य प्रदान करेगी
- इस योजाना के आ जान से आदीवासी समाज के युवा भी रोजगार पा सकेंगे |
प्रधानमंत्री वन धन योजना आवेदन करने हेतु जरुरी डॉक्यूमेंट | Documents required to apply for Pradhan Mantri Van Dhan Yojana
- आपके पास बैंक खाता होना चाहिए (You should have a bank account)
- आवेदक के पास अनिवार्य रूप से आधार कार्ड होना चाहिए और वो उसके बैंक खाते से जुड़ा हुआ होना अनिवार्य है | (The applicant must possess a mandatory Aadhar card, and it is essential for it to be linked to their bank account.)
- पहचान पात्र (Identification Proof)
- वोटर आईडी कार्ड (Voter ID Card)
- राशन कार्ड (Ration Card)
- पेन कार्ड (PAN Card)
- पासपोर्ट साइज़ फोटो ग्राफ (Passport-sized Photograph)
- मोबाइल नंबर (Mobile Number)
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प्रधानमंत्री वन धन योजना का विवरण | Details of Pradhan Mantri Van Dhan Yojana
योजना का नाम | योजना का प्रकार | योजना शुरू की गयी | उद्देश्य | लाभार्थी |
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प्रधानमंत्री वन धन योजना | सरकारी योजना | केंद्र सरकार द्वारा | लोगों को रोजगार प्रदान करना | देश के नागरिक |
इस योजना के अंतर्गत आवेदन प्रक्रिया | Application process under this scheme
- इस योजना में आवेदन करने के लिए आपको सरकार की ऑफिसियल वेबसाइट https://trifed.tribal.gov.in/ पर विजिट करना होगा |
- इस वेबसाइट के होम पेज पर जाते ही आपको प्रधानमंत्री वन धन योजना का आवेदन पत्र मिल जाएगा |
- आवेदन पत्र में मांगी गयी सारी जानकारी जैसे आपका नाम, पता, आधार संख्या व दस्तावेज संबंधी सारी जानकारी को भरकर तथा मांगे गए सभी आवश्यक डॉक्यूमेंट स्कैन करके अटेच करे |
- आवेदन पत्र को सबमिट कर दे और आपका पंजीयन सफलतापूर्वक हो जाएगा इसके बाद आपके दस्तावेजो की विभागीय जांच होगी और आपको इसकी जानकारी ईमेल के माध्यम से कर दी जायेगी.
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