Mystery of Flight 571: दुनिया का सबसे रहस्यमयी प्लेन हादसा!

Mystery of Flight 571: आज हम बात करेंगे एक ऐसे विमान हादसे की जो इतिहास में सबसे रहस्यमय और अविश्वसनीय घटनाओं में से एक है। उरुग्वे एयर फोर्स (Uruguayan Air Force) फ्लाइट 571, यह नाम शायद कई लोगों के लिए नया होगा, लेकिन इस हादसे ने दुनिया को हैरान कर दिया था। एंडीज पर्वत श्रृंखला में दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद, यात्रियों को 72 दिनों तक बर्फ और ठंड में जीवित रहने के लिए संघर्ष करना पड़ा। इस दौरान उन्हें न केवल प्रकृति के प्रकोप का सामना करना पड़ा, बल्कि मानवता के सबसे गहरे डरों का भी। आइए जानते हैं इस हादसे के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य और कैसे इन यात्रियों ने इस मुश्किल परिस्थिति में जीवित रहने का जज़्बा दिखाया।

इंडोनेशिया के जकार्ता में एक यात्री विमान सोमवार सुबह उड़ान भरने के 13 मिनट बाद समुद्र में क्रैश हो गया। इसमें सवार 189 लोगों के मारे जाने की खबर है। थे। हालांकि अभी तक क्रैश के पीछे की वजह का पता नहीं चल पाया है। वैसे तो हर साल दुनिया के किसी न किसी कोने में प्लेन क्रैश की खबरें आती रहती हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे प्लेन क्रैश की घटना के बारे में बता रहे हैं, जिसमें सवार यात्रियों को करीब 72 दिनों बाद रेस्क्यू किया गया था। इतना ही नहीं, जिंदा बचे लोगों ने अपने भूख मिटाने के लिए प्लेन क्रैश में मारे गए कुछ यात्रियों का मांस भी खा लिया था। जिस पर बाद में हॉलीवुड फिल्म भी बन चुकी है। इतिहास में ये दुर्घटना 1972 एंडीज फ्लाइट डिजास्टर या मिरेकल ऑफ एंडीज के नाम से जानी जाती है। ये दुर्घटना उस फ्लाइट में सवार उरुग्वे के ओल्ड क्रिश्चियन क्लब की रग्बी टीम के उन दो खिलाड़ियो के हौसले के लिए भी जानी जाती है, जिन्होंने अंत तक हार नहीं मानी और कई लोगों की जिंदगी बचा ली। Mystery of Flight 571

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72 दिन बाद जिंदा मिले लोगों की खौफनाक कहानी! ‘सोसाइटी ऑफ द स्नो’: एंडीज में फ्लाइट 571 के दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण क्या था?

इस दुर्घटना में शुरू में 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 33 लोग बच गए, जिनमें से कई घायल हो गए। लगभग 11,500 फीट (3,500 मीटर) की ऊँचाई पर, समूह को बर्फ और ठंड के मौसम का सामना करना पड़ा। हालाँकि विमान का धड़ काफी हद तक बरकरार था, लेकिन इसने कठोर तत्वों से सीमित सुरक्षा प्रदान की। इसके अलावा, अल्प खाद्य आपूर्ति – मुख्य रूप से कैंडी बार और वाइन – लगभग एक सप्ताह में खत्म हो गई। एक लंबी चर्चा के बाद, भूखे बचे लोगों ने लाशें खाने का सहारा लिया। अगले कुछ हफ्तों में छह अन्य लोगों की मौत हो गई, और 29 अक्टूबर को और भी मुश्किलें आईं, जब एक हिमस्खलन ने धड़ को दफन कर दिया और इसका एक हिस्सा बर्फ से भर गया, जिससे आठ और लोगों की मौत हो गई।

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इस दौरान, कई बचे हुए लोग, “अभियानकर्ता”, भागने के रास्ते के लिए क्षेत्र का सर्वेक्षण कर रहे थे। 12 दिसंबर को, जब केवल 16 लोग जीवित थे, तो तीन अभियानकर्ता मदद के लिए निकल पड़े, हालाँकि बाद में एक मलबे में वापस आ गया। एक कठिन यात्रा के बाद, अन्य दो लोग अंततः 20 दिसंबर को चिली के लॉस मैतेनेस गांव में तीन चरवाहों से मिले। हालांकि, चिली के लोग नदी के दूसरी तरफ थे, जिसके शोर के कारण सुनना मुश्किल था। चरवाहों ने संकेत दिया कि वे अगले दिन वापस आएँगे। अगली सुबह, चिली के लोग फिर से दिखाई दिए, और दोनों समूहों ने कागज पर नोट लिखकर संवाद किया, जिसे उन्होंने फिर एक चट्टान के चारों ओर लपेटा और पानी के पार फेंक दिया। बचे हुए लोगों के शुरुआती नोट की शुरुआत हुई, “मैं एक विमान से आया हूँ जो पहाड़ों में गिर गया।” अधिकारियों को सूचित किया गया, और 22 दिसंबर को दो हेलीकॉप्टर मलबे के पास भेजे गए। छह बचे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन खराब मौसम के कारण आठ अन्य को अगले दिन तक बचाया नहीं जा सका। Mystery of Flight 571

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एयरफोर्स के विमान में कौन लोग थे? 

यह दर्दनाक हादसा 13 अक्टूबर 1972 को हुआ था। इसमें उरुग्वे के ओल्ड क्रिश्चियन क्लब की रग्बी टीम शिकार हुई थी। ये टीम चिली के सैंटियागो में मैच खेलने जा रही थी। उरुग्वे एयरफोर्स का प्लेन टीम के प्लेयर्स और मैनेजर्स के साथ उनके परिवार और दोस्तों को लेकर एंडीज के ऊपर से गुजर रहा था।

प्लेन में कुल 45 लोग सवार थे। उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही मौसम खराब होने लगा था। एंडीज के सफेद बर्फीले पहाड़ों में पायलट को कुछ नजर नहीं आ रहा था। मौसम खराब था और पायलट को संभावित खतरा नजर आने लगा था। Mystery of Flight 571

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कैसे हुआ ये हादसा ? 

पायलट फेराडास ने इससे पहले 29 बार एंडीज के पार उड़ान भरी थी। इस उड़ान पर वह सह-पायलट लागुरारा को प्रशिक्षित कर रहे थे, जो नियंत्रण में थे। जब वे एंडीज के ऊपर से उड़ रहे थे, बादलों ने नीचे पहाड़ों को छिपा दिया। विमान चार साल पुराना था और एयरफ्रेम पर 792 घंटे थे।

विमान को पायलटों द्वारा “लीड-स्लेड” उपनाम दिया गया था क्योंकि वे इसे कम शक्ति वाला मानते थे। इस विमान और अन्य विमानों के धड़ को 1.83 मीटर (छह फीट) सेक्शन जोड़ने के लिए बढ़ाया गया था, जिससे यात्री क्षमता 52 से बढ़कर 56 हो गई, और कॉकपिट और यात्री केबिन के बीच अधिक कार्गो के लिए जगह बन गई। कुल 78 FH-227 विमान बनाए गए, जिनमें से 23 दुर्घटनाग्रस्त हो गए। एंडीज उड़ान आपदा 42 वर्षों में 10वीं FH-227 दुर्घटना थी। Mystery of Flight 571

करीब 14 हजार फीट की ऊंचाई पर न जाने क्या हुआ कि पायलट अपनी पोजिशन समझ नहीं पाया और एक झटके में प्लेन एंडीज पर्वत की एक चोटी से टकरा गया। तूफानी रफ्तार वाले प्लेन के एंडीज पर्वत से टकराते ही जोरदार धमाका हुआ। दूसरे ही पल धू-ध कर जलता एंडीज पर्वत में गुम हो गया। – इस भयानक हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई। बाकी 27 लोग जैसे-तैसे बच तो गए, लेकिन एंडीज की हाड़ कंपा देने वाली बर्फ के बीच जिंदगी उनके लिए मौत से बदतर साबित हो रही थी।

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सर्च ऑपरेशन के दौरान कोई नहीं मिला

  • हादसे की जानकारी मिलते ही उरुग्वे की सरकार ने सक्रियता दिखाई और बचाव अभियान शुरू किया, लेकिन प्लेन का रंग सफेद होने के कारण बर्फ से ढंके सफेद एंडीज पर उसे ढूंढना घास के ढेर में सुई ढूंढने के बराबर था।
  • लगातार 10 दिनों तक असफलता हाथ लगने पर 11वें दिन बचाव अभियान बंद कर दिया गया।
  • सबका मानना था कि एंडीज के विषम मौसम में बिना खाना और पानी के किसी का भी इतने दिनों तक जिंदा रहना नामुमकिन है। Mystery of Flight 571

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बचे हुए लोगों के बीच भूख से लड़ने की जंग, जिन्दा रहने के लिए एक दूसरे को ही खाना पड़ा 

  • उधर, दूसरी तरफ बचे हुए 27 लोगों में से कुछ घायलों की जान चली गई। बाकी बचे लोगों ने अपने पास उपलब्ध भोजन को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट दिया, ताकि वो ज्यादा दिन तक चल सके।
  • पानी की कमी को दूर करने के लिए उन्होंने प्लेन में से एक ऐसे मेटल के टुकड़े को निकाला, जो धूप में बहुत जल्दी गर्म हो सके।
  • फिर उस पर बर्फ रखकर उसे पिघला कर पानी इकट्ठा करने लगे। इससे उनकी पानी कि समस्या तो हल हो गई, पर कुछ ही दिनों में भोजन समाप्त हो गया।
  • भोजन खत्म होने के बाद बचे हुए लोग भूख से इस कदर परेशान हो चुके थे कि उन्होंने अपने साथियों की लाश के टुकड़े करके खाना शुरू कर दिया। एक झटके में आई मौत से बचे ये लोग अब असहनीय अंत की ओर बढ़ रहे थे। Mystery of Flight 571

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आखिर कैसे बची उन यात्रियों की जान 

अब केवल 16 लोग ही जिंदा बचे थे और हादसे को 60 दिन बीत चुके थे। मदद की कोई उम्मीद दिखाई नहीं दी, तो दो फुटबॉल प्लेयर्स नैन्डो पैरेडो और रॉबर्ट केनेसा ने सोचा कि यहां पड़े-पड़े मरने से अच्छा है कि मदद की तलाश में निकला जाए।

60 दिनों के अंदर दोनों का शरीर कमजोर हो चुका था, बर्फ पर ट्रैकिंग करने के लिए उनके पास पर्याप्त साधन नहीं थे। लेकिन दोनों खिलाड़ी थे और दोनों के अंदर अंत तक हार नहीं मानने का जज्बा भी था। दोनों जैसे-तैसे चिली के आबादी वाले क्षेत्र तक पहुंच गए, जहां दोनों ने रेस्क्यू टीम को अपने साथियों की लोकेशन बताई। Mystery of Flight 571

हादसे के 72 दिनों बाद 16 लोगों का बचना भी किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा था। पैरोडा ने इस पूरे हादसे और अपने संघर्ष को एक किताब की शक्ल भी दी है। इस भयावह घटना पर पियर्स पॉल रीड ने 1974 में एक किताब ‘अलाइव’ लिखी थी। इसी विषय पर 1993 में निर्देशक फ्रेंक मार्शल ने फिल्म भी बनाई थी।

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