कैसे मिलेगा ग्रामीणों को e-Sampatti Card, गांवों की तस्वीर बदलने में PM Svamitva Yojana का क्या होगा योगदान? Svamitva Sampatti Card | Property card | SVAMITVA card
Svamitva Yojana card 2024: स्वामित्व योजना, जो भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है, ग्रामीण नागरिकों को संपत्ति स्वामित्व अधिकार प्रदान करने और पारदर्शिता लाने का उद्देश्य रखती है। Svamitva Yojana card 2024, जिसे e-Sampatti Card भी कहा जाता है, इस योजना के तहत एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति का कानूनी प्रमाण प्रदान करता है। 2024 के तहत, अब नागरिक अपना ई-संपत्ति कार्ड प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं, जो एक डिजिटल संपत्ति कार्ड है और संपत्ति विवादों को सुलझाने में मदद करता है, साथ ही सरकारी लाभ प्राप्त करने का रास्ता भी खोलता है। यह योजना मुख्य रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों पर केंद्रित है, जहां भूमि रिकॉर्ड कभी भी स्पष्ट या नियमित नहीं थे। आधुनिक तकनीक, जैसे ड्रोन सर्वेक्षण, का उपयोग करते हुए, यह पहल संपत्तियों की सीमाओं को मानचित्रित करती है और स्पष्ट स्वामित्व प्रदान करती है, जिससे विवादों की संभावना कम हो जाती है।
e-Sampatti Card (Svamitva Yojana card 2024) के माध्यम से लोग वित्तीय सेवाओं, जैसे ऋण और सब्सिडी, तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं, साथ ही संपत्ति लेन-देन को आसानी से कर सकते हैं। कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए, पात्र लाभार्थियों को अपनी संपत्ति का विवरण ऑनलाइन प्रदान करना होता है और सरकारी प्लेटफॉर्म के माध्यम से सत्यापन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। यह कार्ड डिजिटल रूप में जारी किया जाता है, जिससे नागरिकों के लिए सुविधा होती है और सरकारी कार्यालयों में जाने की आवश्यकता कम होती है। ग्रामीण नागरिकों के लिए यह योजना केवल संपत्ति के कानूनी प्रमाणपत्र ही नहीं, बल्कि आर्थिक विकास और अवसरों का भी एक नया द्वार खोलती है। E-Property Card under Swamitva Scheme एक महत्वपूर्ण कदम है, जो संपत्ति अधिकारों के दस्तावेजीकरण को सरल बनाता है, विवादों को कम करता है और ग्रामीण सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है। इस क्रांतिकारी कार्यक्रम का लाभ उठाने के लिए नागरिकों को आज ही आवेदन करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
e-Sampatti Card (Svamitva Yojana card 2024) के लिये अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम दिये गए हैं। उदाहरण के लिये हरियाणा में ‘टाइटल डीड’ (Title Deed), ‘कर्नाटक में रूरल प्रॉपर्टी ओनरशिप रिकॉर्ड्स’ (Rural Property Ownership Records- RPOR), मध्य प्रदेश में ‘अधिकार अभिलेख’ (Adhikar Abhilekh), महाराष्ट्र में ‘सनद’ (Sannad), उत्तराखंड में ‘स्वामित्व अभिलेख’ (Svamitva Abhilekh) तथा उत्तर प्रदेश में ‘घरौनी’ (Gharauni)।
Also, read: PM Svamitva Yojana 2024: अब जमीन होगी आपकी, मिलेगा मालिकाना हक!
PM Svamitva Yojana क्या है?
PM Svamitva Yojana, पंचायती राज मंत्रालय की एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसे 9 राज्यों में योजना के पायलट चरण (2020-2021) के सफल समापन के बाद 24 अप्रैल 2021 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर माननीय प्रधान मंत्री द्वारा राष्ट्रव्यापी लॉन्च किया गया था। यह योजना ग्रामीण बसे हुए (आबादी) क्षेत्रों में संपत्ति के स्पष्ट स्वामित्व की स्थापना, ड्रोन तकनीक का उपयोग करके भूमि पार्सल की मैपिंग और संपत्ति मालिकों को कानूनी स्वामित्व कार्ड (संपत्ति कार्ड/शीर्षक विलेख) जारी करने के साथ गांव के घरेलू मालिकों को ‘अधिकारों का रिकॉर्ड‘ प्रदान करने की दिशा में एक सुधारात्मक कदम है। यह योजना पंचायती राज मंत्रालय, राज्य राजस्व विभाग, राज्य पंचायती राज विभाग और भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सहयोगी प्रयासों से कार्यान्वित की जाती है। इस योजना में बहुविध पहलुओं को शामिल किया गया है जैसे संपत्तियों के मुद्रीकरण की सुविधा और बैंक ऋण को सक्षम करना और संपत्ति संबंधी विवादों को कम करना|
Property card or e-Sampatti Card or Svamitva Yojana card 2024 or Svamitva Sampatti Card or SVAMITVA card
लक्ष्य:-
- ग्रामीण भारत के नागरिकों को ऋण और अन्य वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए, अपनी संपत्ति को एक वित्तीय परिसंपत्ति के रूप में प्रयोग करने में सक्षम बनाते हुए उन्हें वित्तीय स्थिरता प्रदान करना।
- ग्रामीण नियोजन हेतु सटीक भूमि अभिलेखों और जीआईएस नक्शों का निर्माण।
- संपत्ति कर का निर्धारण।
- संपत्ति संबंधी विवादों को कम करना।
Also, read: Link Aadhaar and PAN with DIGILOCKER: आधार और पैन को डिजिलॉकर से लिंक करें!
क्या है संपत्ति कार्ड? Svamitva Yojana card 2024
गांव में रहने वाली एक बड़ी आबादी के पास अपने रहने वाले घर-जमीन के कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं होते हैं | इस कार्ड में गांव में रहने वाले लोगों के खेती व मकान सभी प्रकार की संपत्ति का ब्यौरा होगा | इससे ग्रामीणों को उनके आवासीय जमीन की संपत्ति का अधिकार मिल सकेगा | अपनी संपत्ति को कोई भी व्यक्ति वित्तीय संपत्ति की तौर पर इस्तेमाल कर पाएगा |
इस कार्ड से लोन के लिए आवेदन भी कर सकते हैं | साथ ही इसका कई तरह के आर्थिक लाभ के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है | अक्सर गांवों में जमीन के कागजात नहीं होने के कारण विवाद होते रहते हैं | इससे ऐसे विवाद को निपटाने में मदद मिलेगी |
- यह ड्रोन तकनीक और सतत् संचालन संदर्भ प्रणाली (Continuous Operating Reference System- CORS) का उपयोग करते हुए ग्रामीण आबादी क्षेत्रों में भूमि पार्सल (Land Parcels) का नक्शा और प्रत्येक गाँव के लिये GIS आधारित नक्शे तैयार करेगा।
- अब भारत की नई मानचित्र नीति के अनुसार, भारतीय संस्थाएँ देश के मानचित्र डेटा का freely उपयोग कर सकती हैं।
Also, read: प्रधानमंत्री हेल्थ आईडी कार्ड योजना | Pradhan Mantri Health ID Card Yojana
Svamitva Yojana card 2024 के अंतर्गत प्रमुख बिंदु
- e-Sampatti Card का वितरण: इस अवसर पर 4.09 लाख संपत्ति मालिकों को उनके ई-संपत्ति कार्ड दिये जाएंगे, जिसके साथ ही देश भर में स्वामित्व योजना के कार्यान्वयन की शुरुआत हो जाएगी।
- कवरेज: इस योजना में 2021-2025 के दौरान पूरे देश में लगभग 6.62 लाख गाँवों को शामिल किया जाएगा।
- यह योजना बिना सर्वेक्षण वाले अबादी क्षेत्रों (Un-surveyed Abadi Areas) के लिये है। यह सर्वेक्षण किये गए ऐसे क्षेत्रों में भी लागू होता है, जहाँ गुजरात, तमिलनाडु और ओडिशा जैसे राज्य पहले के रिकॉर्ड को बदलने के तैयार हैं।
- ड्रोन सर्विसिंग: इस योजना को वर्तमान में लगभग 50,000 गाँवों में लागू किया गया है, जिसमें से लगभग 32000 गाँवों में ड्रोन की सर्विसिंग पूरी हो चुकी है और लगभग 29000 गाँवों में ड्रोन डेटा को संसाधित किया गया है।
- MoU पर हस्ताक्षर: राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे भारत के सर्वेक्षण के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करें और जहाँ भी आवश्यक हो कानूनों में परिवर्तन करें।
- आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा ने अपने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
Also, read: आरएसबीवाई का स्मार्ट हेल्थ कार्ड | RSBY Smart Health Card
कैसे बनेगा Sampatti Card (Svamitva Yojana card 2024)?
e-Sampatti Card (Svamitva Yojana card 2024) के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं होगा | राज्य सरकारें इसे घर-घर पहुंचाएंगी | इस योजना के तहत लगभग एक लाख जमीन-संपत्ति मालिक अपने मोबाइल फोन पर SMS से प्राप्त होने वाले लिंक से संपत्ति कार्ड डाउनलोड कर पाएंगे | जिसके पास SMS से लिंक नहीं पहुंचेगा, उनको राज्य सरकारें संपत्ति कार्ड घर पहुंचाएंगी |
इसके तहत 6 राज्यों के 763 गांवों के लोग लाभान्वित होंगे | इसमें उत्तर प्रदेश के 346, हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100, मध्य प्रदेश के 44, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के 2 गांव शामिल हैं |
सभी को मिलेगा e-Sampatti Card (Svamitva Yojana card 2024)
जैसे-जैसे मैपिंग, सर्वे का काम पूरा होगा सरकार उन गांवों के लोगों को संपत्ति कार्ड देती जाएगी | सर्वे पूरा होने के बाद डेटा को पंचायती राज मंत्रालय के ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर भी अपलोड किया जाएगा | संपत्ति कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन या रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा |
Also, read: आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड 2024 | Ayushman Bharat Golden Card 2024
सरकार कैसे तैयार कर रही है e-Sampatti Card (Svamitva Yojana card 2024)?
ड्रोन से गांवों की सीमा के भीतर आने वाली हर प्रॉपर्टी का एक डिजिटल नक्शा तैयार होगा | सर्वे पूरा होने के बाद जमीनों के मालिकों से उसे प्रूफ मांगे जाएंगे | जिसके पास कागजात होंगे वो इसे तुरंत जमा कर सकेंगे | अगर किसी के पास कोई प्रूफ नहीं हुआ, उस स्तिथि में जमीन पर काबिज व्यक्तियों को घरौनी नाम का एक दस्तावेज बनाकर दे दिया जाएगा |
Property card or e-Sampatti Card क्या होगा इसका फायदा?
- संपत्ति के मालिक को उसका मालिकाना हक आसानी से मिलेगा |
- ग्रामीणों को अपनी जमीन और संपत्ति को एक वित्तीय संपत्ति के तौर पर इस्तेमाल करने की सुविधा मिलेगी|
- ग्रामीण इस कार्ड से बैंकों से कर्ज और दूसरे वित्तीय फायदा उठा सकेंगे|
- पंचायत स्तर पर टैक्स व्यवस्था में सुधार होगा|
Also, read: राशन कार्ड कैसे बनवाएं | How to make ration card?
Svamitva Sampatti Card कार्ड की जमीनी स्तर की प्रक्रिया
- एक संपत्ति कार्ड बनाने की बहु-चरणीय प्रक्रिया भारतीय सर्वेक्षण विभाग (SoI) और संबंधित राज्य सरकारों के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने के साथ शुरू होती है।
- एक बार समझौता ज्ञापन हो जाने के बाद एक सतत् संचालन संदर्भ प्रणाली (CORS) नेटवर्क स्थापित किया जाता है, जो जमीनी नियंत्रण बिंदुओं को स्थापित करने में सहायता करता है, जो कि सटीक भू-संदर्भ के लिये एक महत्त्वपूर्ण गतिविधि है।
- इसके अतिरिक्त सर्वेक्षण किये जाने वाले गाँवों की पहचान करना और इस प्रक्रिया में गाँव के आबादी क्षेत्र (आवासीय क्षेत्र) का सीमांकन किया जाता है।
- ड्रोन का उपयोग ग्रामीण आबादी क्षेत्रों के मानचित्रण के लिये किया जाता है, ड्रोन से प्राप्त हुई छवियों के आधार पर, 1:500 पैमाने पर एक GIS डेटाबेस, और ग्राम मानचित्र तैयार किये जाते हैं।
- इसके अलावा जाँच/आपत्ति प्रक्रिया और विवाद समाधान पूरा हो जाता है जिसके बाद अंतिम संपत्ति कार्ड उत्पन्न होते हैं।
- ये कार्ड डिजिटल प्लेटफॉर्म पर या गाँव के घर के मालिकों को हार्ड कॉपी के रूप में उपलब्ध हैं।
Also, read: One Nation-One Ration Card योजना 2024 | ONORC
Svamitva Yojana के अंतर्गत ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया
स्वामित्व योजना पंजीकरण औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए, आप निम्नलिखित रणनीति अपना सकते हैं:
- पंचायती राज मंत्रालय (egramswaraj) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- पोर्टल के होम पेज पर ‘login’ विकल्प चुनें।
- आप ‘New User Registration’ विकल्प चुन सकते हैं।
- अपना नाम, निवास विवरण और संपर्क जानकारी सहित जानकारी प्रदान करें। इसके अतिरिक्त, आपको पंजीकरण फ़ॉर्म में अपनी ज़मीन के बारे में भी जानकारी देनी पड़ सकती है।
- अपना फॉर्म सबमिट करने से पहले उसकी सावधानीपूर्वक समीक्षा करें।
- ‘submit’ पर क्लिक करने के बाद आवेदन संख्या के साथ एक पुष्टि रसीद उपलब्ध होगी।
Also, read: Aadhar Card Update 2024: जानिए पूरी प्रक्रिया, जरूरी दस्तावेज और शुल्क
स्वामित्व संपत्ति कार्ड ऑनलाइन डाउनलोड करने के चरण:
- स्वामित्व – पंचायती राज मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट या myScheme पर जाएं।
- वेबसाइट के होमपेज पर “Download Property Card” का चयन करें।
- मालिक की जानकारी, संपत्ति आईडी, मालिक की जानकारी या कोई अन्य जानकारी सहित अपेक्षित विवरण प्रदान करें।
- जानकारी सुरक्षित रूप से दर्ज करने के बाद, आप आगे बढ़ सकते हैं और पीएम स्वामित्व योजना से जुड़े Property Card or Title Deed को डाउनलोड कर सकते हैं।
- डाउनलोड किए गए दस्तावेज़ की सटीकता और पूर्णता की जाँच करें। यदि कोई विसंगति है, तो सहायता के लिए सहायता टीम से संपर्क करें।
Also, read: PAN Card Apply: घर बैठे मिनटों में बनाएं अपना पैन कार्ड!
भारत में e-Sampatti Card (Svamitva Yojana card 2024) वितरण की जानकारी
भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा स्वामित्व योजना के तहत बनाए गए मानचित्रों के आधार पर संपत्ति कार्ड तैयार करना और वितरण करना संबंधित राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। 6 दिसंबर 2023 तक राज्यों द्वारा 1.63 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए जा चुके हैं। स्वामित्व योजना के तहत राज्यों द्वारा तैयार किए गए संपत्ति कार्डों पर राज्य-वार और वर्ष-वार डेटा (संचयी डेटा) नीचे दिया गया है:
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश | संपत्ति कार्ड की संख्या | |||
वित-वर्ष -2020-2021 | वित्त-वर्ष -2021-2022 | वित-वर्ष-2022-2023 | 6 दिसम्बर 2023 तक | |
अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह | 0 | 0 | 7,409 | 7,409 |
आंध्र-प्रदेश | 0 | 0 | 0 | 0 |
छत्तीसगढ़ | 0 | 0 | 17,556 | 17,556 |
दादरा नगर हवेली , दमन दीव | 0 | 0 | 4,397 | 4,397 |
गोवा | 0 | 0 | 6,72,466 | 6,72,466 |
गुजरात | 0 | 0 | 60,360 | 2,62,000 |
हरियाणा | 2,39,037 | 11,85,012 | 25,15,646 | 25,15,646 |
हिमाचल प्रदेश | 0 | 0 | 1,200 | 1,200 |
जम्मू और कश्मीर | 0 | 3,306 | 9,100 | 10,116 |
कर्नाटक | 10,121 | 1,90,048 | 6,91,492 | 9,37,829 |
लद्दाख | 0 | 23 | 2,796 | 2,796 |
मध्य प्रदेश | 1,03,353 | 2,74,353 | 19,40,353 | 23,14,204 |
महाराष्ट्र | 23,000 | 2,35,868 | 8,16,838 | 18,66,661 |
मिजोरम | 0 | 0 | 420 | 1,155 |
ओडिशा | 0 | 316 | 1,187 | 1,500 |
पंजाब | 0 | 0 | 5,347 | 15,231 |
पुददुचेररी | 0 | 0 | 2,801 | 2,801 |
राजस्थान | 616 | 616 | 47,918 | 1,72,527 |
उत्तर प्रदेश | 2,94,845 | 23,06,805 | 34,18,765 | 72,81,790 |
उत्तराखंड | 67,865 | 2,63,752 | 2,78,229 | 2,78,229 |
कुल | 7,38,837 | 44,60,099 | 1,04,94,280 | 1,63,65,513 |
6 दिसंबर 2023 तक 2,88,942 गांवों में ड्रोन उड़ाने का काम पूरा हो चुका है| स्वामित्व योजना के तहत राज्यों द्वारा तैयार किए गए संपत्ति कार्डों का राज्य-वार डेटा नीचे दिया गया है:
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश | उन गांवों की संख्या जिनमें ड्रोन उड़ाने का काम पूरा हो चुका है |
अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह | 186 |
आंध्र-प्रदेश | 13,176 |
अरुणाचल प्रदेश | 2,197 |
आसाम | 900 |
छत्तीसगढ़ | 13,079 |
दादरा नगर हवेली ,दमन दीव | 80 |
दिल्ली | 31 |
गोवा | 410 |
गुजरात | 12,372 |
हरियाणा | 6,260 |
हिमाचल प्रदेश | 10,735 |
जम्मू और कश्मीर | 4,053 |
झारखंड | 240 |
कर्नाटक | 8,225 |
केरल | 203 |
लद्दाख | 232 |
लक्षद्वीप | 10 |
मध्य प्रदेश | 43,014 |
महाराष्ट्र | 36,819 |
मिजोरम | 215 |
ओडिशा | 2,435 |
पुददुचेरी | 96 |
पंजाब | 8,040 |
राजस्थान | 27,366 |
सिक्किम | 1 |
तमिलनाडु | 3 |
तेलंगाना | 5 |
त्रिपुरा | 1 |
उत्तर प्रदेश | 90,908 |
उत्तराखंड | 7,441 |
कुल | 2,88,942 |
6 दिसंबर 2023 तक स्वामित्व योजना के तहत 354.52 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। स्वामित्व योजना के तहत जारी धनराशि का वर्षवार डेटा नीचे दिया गया है:
वित वर्ष | जारी की गई धनराशि
(रुपए में) |
2020-21 | 79.65 करोड़ |
2021-22 | 139.99 करोड़ |
2022-23 | 105.00 करोड़ |
2023-24 ( 06.12.2023 को ) | 29.88 करोड़ |
कुल | 354.52 करोड़ |
स्वामित्व योजना के दिशानिर्देशों/ढांचे के अनुसार, राज्य सरकार भविष्य में ग्रामीण आबादी संपत्ति डेटा के किसी भी अद्यतनीकरण और नियमित आधार पर सर्वेक्षण आयोजित करने के लिए जिम्मेदार होगी। किसी राज्य के संपत्ति डेटा और मानचित्रों के भविष्य के अद्यतनीकरण की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा तय की जाएगी। संपत्ति संबंधी डेटा का अद्यतनीकरण राज्य राजस्व विभाग के नियमित डेटा रखरखाव के एक भाग के रूप में किया जाएगा। संपत्ति डेटा को अद्यतन करना राज्य राजस्व विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी है।
Also, read: NPS PRAN card: जानिये, अपना PRAN नंबर कैसे प्राप्त करें!