Right Issue क्या होता है? क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए?

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शेयर बाजार में Right Issue क्या है? इसकी प्रक्रिया, विशेषताएँ और निवेशकों के लिए फायदे | Right issue in Hindi

आपने कभी न कभी Right Issue शब्द जरूर सुना होगा, खासकर अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं। यह एक ऐसा शब्द है जो अक्सर कंपनियों के बारे में खबरों में आता रहता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राइट इश्यू होता क्या है? राइट इश्यू एक ऐसा तरीका है जिसमें कंपनियाँ अपने मौजूदा शेयरधारकों को कम कीमत पर अतिरिक्त शेयर (Shares) खरीदने का मौका देती हैं। मान लीजिए आप किसी कंपनी के 100 शेयर के मालिक हैं और वह कंपनी राइट इश्यू ला रही है। इसका मतलब यह है कि आपको मौजूदा शेयरधारक होने के नाते कंपनी के नए शेयर खरीदने का पहला अधिकार मिलेगा। इस प्रक्रिया में, कंपनी नए शेयरों की कीमत बाजार मूल्य से कम रखती है, जिससे निवेशकों को सस्ता शेयर खरीदने का फायदा मिलता है। लेकिन क्या यह वास्तव में एक अच्छा निवेश विकल्प है? क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए? इस ब्लॉग में हम राइट इश्यू की पूरी जानकारी आसान भाषा में समझेंगे।

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राइट इश्यू क्या है? | What is Right Issue?

राइट इश्यू एक तरीका है जिसके जरिए कंपनियां अपने मौजूदा निवेशकों को छूट (Discount) पर नए शेयर खरीदने का मौका देती हैं। यह कंपनी द्वारा पूंजी (Fund) जुटाने का एक साधन होता है, जिससे वे अपने व्यापार का विस्तार कर सकती हैं, कर्ज चुका सकती हैं या वित्तीय स्थिति सुधार सकती हैं। इस प्रक्रिया में, निवेशकों को बाजार मूल्य से कम कीमत पर अतिरिक्त शेयर खरीदने का अवसर मिलता है, जिससे वे कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकते हैं।

हालांकि, इसमें भाग लेना पूरी तरह स्वैच्छिक (Voluntary) होता है। निवेशक चाहें तो सभी ऑफर किए गए शेयर खरीद सकते हैं, कुछ शेयर खरीद सकते हैं या शेयर खरीदने के लिए इंकार भी कर सकते है। अगर कंपनी इसकी अनुमति देती है, तो निवेशक अपने अधिकार (Rights) को बाजार में बेच भी सकते हैं, जिससे अन्य लोग इन शेयरों को खरीदने का मौका पा सकते हैं। राइट इश्यू का मुख्य उद्देश्य कंपनी के लिए पूंजी जुटाना होता है, जिससे उसका वित्तीय ढांचा मजबूत हो सके और भविष्य की योजनाओं को पूरा किया जा सके।

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राइट इश्यू कैसे काम करता है? | How does a Right Issue work?

राइट इश्यू एक प्रक्रिया है जिसमें कंपनियां मौजूदा निवेशकों को नए शेयर खरीदने का अवसर देती हैं। यह आमतौर पर व्यापार के विस्तार, कर्ज चुकाने या पूंजी जुटाने के लिए किया जाता है। आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं:

1. घोषणा (Announcement): सबसे पहले, कंपनी यह घोषणा करती है कि वह अपने मौजूदा निवेशकों को नए शेयर खरीदने का अवसर देने वाली है। यह जानकारी निवेशकों को दी जाती है ताकि वे समय पर फैसला ले सकें।

2. अनुपातिक आवंटन (Proportional Allocation): निवेशकों को उनके पास पहले से मौजूद शेयरों के अनुपात में नए शेयर खरीदने का अधिकार दिया जाता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी निवेशक के पास पहले से 100 शेयर हैं और कंपनी 1:5 के अनुपात में राइट इश्यू दे रही है, तो उसे 20 नए शेयर खरीदने का मौका मिलेगा।

3. सब्सक्रिप्शन मूल्य (Subscription Price): कंपनी नए शेयरों की कीमत तय करती है, जो आमतौर पर बाजार कीमत से कम होती है। कम कीमत पर शेयर मिलने से निवेशकों को इसमें भाग लेने का अधिक फायदा होता है।

4. राइट्स की खरीद-बिक्री (Trading of Rights): कई मामलों में, निवेशक अपने राइट्स को शेयर बाजार में बेच भी सकते हैं। यदि कोई निवेशक नए शेयर नहीं खरीदना चाहता, तो वह अपने अधिकार को किसी अन्य निवेशक को बेच सकता है।

5. समय सीमा (Exercise Period): कंपनी एक निश्चित समय सीमा तय करती है, जिसके भीतर निवेशकों को अपने राइट्स का उपयोग करके नए शेयर खरीदने होते हैं। यदि कोई निवेशक इस अवधि के भीतर अपने अधिकार का उपयोग नहीं करता, तो वे राइट्स बेकार हो सकते हैं।

इस तरह, राइट इश्यू निवेशकों को सस्ते दामों पर शेयर खरीदने का एक मौका देता है और कंपनी को आवश्यक पूंजी जुटाने में मदद करता है।

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राइट इश्यू की विशेषताएँ | Features of Right Issue

राइट इश्यू एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कंपनियां मौजूदा निवेशकों को नए शेयर खरीदने का अवसर देती हैं। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं:

राइट इश्यू एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कंपनियां मौजूदा निवेशकों को नए शेयर खरीदने का अवसर देती हैं। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं:

1. मौजूदा निवेशकों को प्राथमिकता – राइट इश्यू का लाभ सिर्फ उन्हीं निवेशकों को मिलता है जो पहले से कंपनी के शेयरधारक हैं। उन्हें नए शेयर खरीदने का पहला मौका दिया जाता है।

2. निश्चित अनुपात में शेयर आवंटन – कंपनी नए शेयर एक तय अनुपात में देती है। उदाहरण के लिए, यदि राइट इश्यू का अनुपात 1:5 है, तो हर 5 शेयरों पर निवेशक को 1 नया शेयर खरीदने का अधिकार मिलेगा।

3. बाजार मूल्य से कम कीमत – नए शेयरों की कीमत आमतौर पर मौजूदा बाजार मूल्य से कम होती है, जिससे निवेशकों को यह एक आकर्षक निवेश अवसर लगता है।

4. निवेशकों की स्वतंत्रता – निवेशक अपनी पसंद के अनुसार नए शेयर खरीद सकते हैं, आंशिक रूप से इसमें भाग ले सकते हैं या इस अवसर को छोड़ भी सकते हैं।

5. राइट्स की खरीद-बिक्री की सुविधा – कई मामलों में, यदि कोई निवेशक नए शेयर नहीं खरीदना चाहता, तो वह अपने अधिकार को शेयर बाजार में बेच सकता है, जिससे अन्य इच्छुक निवेशकों को इसमें भाग लेने का मौका मिलता है।

6. केवल पात्र निवेशकों को लाभ – जो निवेशक एक्स-डेट (Ex-Date) से पहले शेयर खरीदते हैं, केवल वे ही राइट इश्यू का लाभ उठा सकते हैं। जो निवेशक इसके बाद शेयर खरीदते हैं, उन्हें इसका अधिकार नहीं मिलता।

7. कर्ज नहीं बढ़ता – राइट इश्यू के जरिए कंपनी नए फंड जुटाती है, लेकिन इसके लिए उसे किसी से कर्ज लेने की जरूरत नहीं होती। इससे कंपनी की ऋण-से-इक्विटी अनुपात (Debt-to-Equity Ratio) बेहतर होती है।

8. शेयरों की संख्या में बढ़ोतरी – नए शेयर जारी होने से कंपनी के कुल शेयरों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे प्रति शेयर आय (Earnings Per Share – EPS) और वोटिंग अधिकारों (Voting Right) में कमी आ सकती है, खासकर उन निवेशकों के लिए जो नए शेयर नहीं खरीदते।

राइट इश्यू कंपनियों और निवेशकों दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसमें निवेश करने से पहले इसकी शर्तों को समझना जरूरी होता है।

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कंपनियाँ राइट इश्यू क्यों जारी करती हैं? | Why do companies issue Right Issues?

कंपनियाँ अपने मौजूदा निवेशकों को राइट इश्यू के जरिए नए शेयर खरीदने का अवसर देती हैं, जिससे वे अतिरिक्त पूंजी (Fund) जुटा सकें। इस फंड का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे:

1. व्यवसाय का विस्तार: कंपनियां अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने, नए उत्पाद लॉन्च करने या नए बाजारों में प्रवेश करने के लिए राइट इश्यू से जुटाए गए धन का उपयोग करती हैं।

2. आर्थिक स्थिति मजबूत करना: जब कंपनियां ऋण (Loan) लेने के बजाय इक्विटी पूंजी (Shares) जारी करती हैं, तो उनकी वित्तीय स्थिरता बढ़ती है और ब्याज चुकाने का बोझ कम हो जाता है।

3. ऋण चुकाना: कई बार कंपनियां राइट इश्यू से मिले पैसे का इस्तेमाल अपने पुराने कर्ज को चुकाने में करती हैं, जिससे उनकी बैलेंस शीट सुधरती है और क्रेडिट रेटिंग (Credit Rating) बेहतर होती है।

4. तत्काल धन जुटाना: यदि किसी कंपनी को अस्थायी रूप से नकदी की जरूरत होती है, तो वह राइट इश्यू के जरिए जल्दी से पूंजी जुटाकर अपने वित्तीय संकट को दूर कर सकती है, बिना नए कर्ज लिए।

इस तरह, राइट इश्यू कंपनियों के लिए एक प्रभावी तरीका है, जिससे वे अपने व्यापार को बढ़ा सकती हैं और वित्तीय मजबूती हासिल कर सकती हैं।

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राइट इश्यू में निवेश करने के फायदे | Benefits of investing in Rights Issue

राइट इश्यू में भाग लेने से मौजूदा निवेशकों को कई फायदे मिलते हैं। आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं:

1. सस्ते दाम पर शेयर खरीदने का मौका – राइट इश्यू के जरिए निवेशकों को बाजार कीमत से कम दाम पर नए शेयर खरीदने का अवसर मिलता है, जिससे उन्हें अधिक लाभ हो सकता है।

2. मालिकाना हक और वोटिंग अधिकार बनाए रखना – अगर निवेशक नए शेयर खरीद लेते हैं, तो उनकी हिस्सेदारी (Ownership) बनी रहती है और उनका वोटिंग पावर कम नहीं होता।

3. कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत होती है – जब कंपनी राइट इश्यू के जरिए फंड जुटाती है, तो वह अपने कर्ज को कम कर सकती है और अपने व्यवसाय को विस्तार देने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकती है, जिससे भविष्य में निवेशकों को फायदा हो सकता है।

4. भविष्य में ग्रोथ के संकेत – जब कोई कंपनी छूट पर शेयर जारी करती है, तो यह दर्शाता है कि उसे अपने बिजनेस की ग्रोथ पर भरोसा है, जिससे निवेशकों का भी कंपनी पर विश्वास बढ़ सकता है।

इसलिए, राइट इश्यू में भाग लेना मौजूदा निवेशकों के लिए एक अच्छा अवसर हो सकता है, लेकिन इसमें निवेश करने से पहले सभी पहलुओं को समझना जरूरी है।

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निवेशकों को कब राइट इश्यू में भाग लेना चाहिए? | When should investors participate in Right Issues?

राइट इश्यू में भाग लेने से पहले निवेशकों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। यदि निम्नलिखित स्थितियाँ लागू होती हैं, तो यह एक अच्छा अवसर हो सकता है:

1. कंपनी का विस्तार (Company Expansion): यदि कंपनी फंड का उपयोग अपने विकास योजनाओं के लिए कर रही है, तो इसमें भाग लेने से लंबे समय में अच्छा मुनाफा मिल सकता है।

2. योग्यता (Eligibility): राइट इश्यू में भाग लेने के लिए शेयरधारक को रिकॉर्ड डेट से पहले शेयर रखने होंगे। इसलिए, यह जरूरी है कि आप रिकॉर्ड डेट चेक करें और यह सुनिश्चित करें कि आप योग्य हैं की नहीं।

3. छूट ऑफर (Discounted Offer): जब राइट इश्यू का मूल्य बाजार कीमत से काफी कम होता है, तो यह कंपनी में निवेश करने का एक अच्छा मौका हो सकता है, क्योंकि आपको कम दाम पर शेयर मिलते हैं।

4. रिकॉर्ड डेट (Record Date): यह वह दिन होता है जब कंपनी अपने रिकॉर्ड की जांच करती है यह सुनिश्चित करने के लिए कि कौन से शेयरधारक राइट इश्यू के लिए योग्य हैं।

5. एक्स-डेट (Ex-Date): एक्स-डेट वह दिन होता है जिसके बाद खरीदे गए शेयर्स को राइट इश्यू के लिए योग्य नहीं माना जाता। यदि आप शेयर एक्स-डेट या इसके बाद खरीदते हैं, तो वे आपके खाते में रिकॉर्ड डेट तक नहीं आ पाएंगे, जिससे आप राइट इश्यू के लिए योग्य नहीं होंगे।

इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, निवेशक राइट इश्यू में भाग लेने का निर्णय ले सकते हैं।

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FAQs: Right Issue in Hindi

1. राइट इश्यू में शेयर खरीदने की प्रक्रिया क्या है?

आपको ब्रोकर के माध्यम से आवेदन करना होगा और राइट इश्यू के लिए आवेदन राशि का भुगतान करना होगा।

2. राइट इश्यू में कितने शेयर खरीदने होंगे?

आप राइट इश्यू में जितने शेयर चाहें खरीद सकते हैं, लेकिन आपको अपने पास पहले से मौजूद शेयरों के अनुपात में शेयर खरीदने का अधिकार मिलता है।

3. राइट इश्यू में निवेश करने से पहले क्या करना चाहिए?

राइट इश्यू के बारे में अच्छी तरह से रिसर्च करें, कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन का अध्ययन करें, और अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।

4. राइट इश्यू के लिए क्या दस्तावेज़ ज़रूरी हैं?

आमतौर पर आपको कोई अतिरिक्त दस्तावेज़ की ज़रूरत नहीं होती है, लेकिन कुछ मामलों में ब्रोकर से दस्तावेज़ मांगे जा सकते हैं।

5. क्या राइट इश्यू में निवेश करने पर टैक्स लगता है?

हाँ, राइट इश्यू में निवेश करने पर भी टैक्स लग सकता है।

6. राइट इश्यू में निवेश करने के लिए न्यूनतम राशि क्या है?

राइट इश्यू में निवेश करने के लिए न्यूनतम राशि कंपनी द्वारा निर्धारित की जाती है।

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निष्कर्ष | Conclusion

राइट इश्यू एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसके माध्यम से कंपनियाँ अपने मौजूदा शेयरधारकों को नए शेयर खरीदने का अवसर देती हैं। यह तरीका कंपनियों को अपने वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने और नए निवेश जुटाने में मदद करता है। शेयरधारकों को राइट इश्यू के द्वारा नए शेयर कम मूल्य पर प्राप्त करने का मौका मिलता है, जिससे उन्हें लाभ हो सकता है। हालांकि, राइट इश्यू के बाद कंपनी के शेयरों की कीमत पर प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन यह निवेशकों के लिए एक अच्छा अवसर हो सकता है। कुल मिलाकर, राइट इश्यू कंपनियों और निवेशकों दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है, यदि इसे सही तरीके से समझा और उपयोग किया जाए। इसलिए, राइट इश्यू के बारे में जानकारी और समझ होना जरूरी है, ताकि निवेशक सही निर्णय ले सकें।

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