56 साल बाद गांव पहुंचा Air Force soldier Malkhan Singh का शव, 32 साल इंतजार कर पत्नी सालों पहले तोड़ चुकी दम! 1968 plane crash | Dead body of soldier Malkhan Singh | plane crash in Rohtang
Dead body of soldier Malkhan Singh: सियाचिन में 1968 में प्लेन क्रैश होने पर शहीद हुए सहारनपुर के नानौता निवासी मलखान सिंह का शव 56 साल बाद गांव पहुंचा। गांव में शव पहुंचते ही हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। सभी ने शहीद सैनिक के दर्शन किए, उसके बाद सैन्य सम्मान से उनका अंतिम संस्कार किया गया। सहारनपुर के कस्बा नानौता के गांव फतेहपुर निवासी मलखान सिंह पुत्र रामदिया वायुसेना में थे। वर्ष 1968 में सियाचिन ग्लेशियर के पास उनका प्लेन क्रैश हो गया था, जिसमें उनका कोई सुराग नहीं लग सका था। 56 साल बाद उनका शव सेना के जवान पहले चंडीगढ़, वहां से सरसावा वायु स्टेशन (Sarsawa Air Station) और वहां से सड़क मार्ग द्वारा नानौता स्थित गांव तक लाया गया।
शव गांव में पहुंचते ही ग्रामीणों के आंसू छलक उठे। ग्रामीण कई किमी पहले ही शव के इंतजार में खड़े हो गए थे। हजारों की भीड़ ने हाईवे पर ही सेना के काफिले का देशभक्ति नारों के बीच आगमन स्वीकार किया। विशाल यात्रा के बीच शव गांव पहुंचा। रविदास मंदिर में उनके पार्थिव शरीर को रखा गया, जहां परिजनों समेत ग्रामीणों ने अंतिम दर्शन किए। शाम करीब साढ़े पांच बजे नम आंखों के बीच शव का अंतिम संस्कार किया। शव को मुखाग्नि पौत्र गौतम ने दी। कैराना सांसद इकरा हसन, गंगोह विधायक किरत सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष महेंद्र सैनी समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने गांव पहुंचकर नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की। Dead body of soldier Malkhan Singh
साल 1968 में इंडियन एयर फोर्स का AN-12 विमान रोहतांग दर्रे के पास क्रैश हो गया था | इसमें वायु सेना में तैनात मलखान सिंह भी थे | जिस समय ये हादसा हुआ उस समय मलखान सिंह की उम्र 23 साल थी और उनकी पत्नी गर्भवती थी | मलखान सिंह समेत कई जवान हादसे के बाद लापता हो गए थे | अब सेना को ग्लेशियरों में मलखान सिंह का शव मिल गया है |
बता दें कि जब मलखान सिंह सेना के विमान क्रैश में लापता हुए, उसके कुछ ही समय पहले उनकी शादी हुई थी | उनके लापता होने के बाद परिवार ने उनकी पत्नी की शादी मलखान सिंह के छोटे भाई चंद्रपाल सिंह से करवा दी थी | मलखान सिंह के लापता होने के समय उनकी पत्नी गर्भवती थी, जिसका पालन-पोषण बाद में उनके छोटे भाई ने किया | इस परिवार ने कभी भी मलखान सिंह को मृतक नहीं माना | इसलिए इन लोगों ने कभी भी आत्मा की शांति के लिए कोई तर्पण या संस्कार नहीं किया |
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कौन थे शहीद मलखान सिंह?
शहीद मलखान सिंह का जन्म 18 जनवरी 1945 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के थाना नानौता क्षेत्र के फतेहपुर गांव में हुआ था | वह भारतीय वायुसेना में तैनात थे | 1968 में जब यह विमान हादसा हुआ, उस वक्त मलखान सिंह की उम्र मात्र 23 साल थी | हादसे के बाद से ही उनका कोई पता नहीं चल पाया था | परिवार ने शव की खोज के लिए सेना के माध्मय से कई प्रयास किए और सेना ने भी अपने जवानों के शवों की खोज की | मगर उस समय मलखान सिंह के शव का कुछ पता नहीं चल पाया था | मलखान सिंह के माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्य उनके लौटने की आस में सालों तक इंतजार करते रहे | अब जब 56 साल बाद मलखान सिंह का शव मिला है तो उनके माता-पिता-पुत्र सभी की मौत हो चुकी है | परिवार में सिर्फ उनका छोटा भाई और पोते-पोतियां हैं | Dead body of soldier Malkhan Singh
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Malkhan Singh के पौत्र ने किया अंतिम संस्कार
मलखान सिंह का अंतिम संस्कार अब उनके पौत्र गौतम द्वारा किया गया| परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है| मलखान सिंह के पौत्र मनीष और गौतम आजीविका के लिए मजदूरी करते हैं| मलखान सिंह के छोटे भाई ईशम पाल सिंह ने बताया कि अगर यह शव पहले मिला होता, तो शायद मलखान सिंह के अंतिम संस्कार का सौभाग्य उनकी पत्नी और बेटे को मिल पाता| Dead body of soldier Malkhan Singh
पत्नी ने 32 साल तक किया अपने पति Malkhan Singh का इंतजार
मलखान के सबसे छोटे भाई जिनकी उम्र अब 65 वर्ष है उन्होंने बताया कि परिवार में मलखान की पत्नी और उनका नवजात बेटा था। 32 साल पत्नी इसी इंतजार में रही की पति कभी तो लौट आएगा। 2000 के आस-पास उनकी भी मृत्यु हो गई। 25 साल पहले शव मिलता तो उन्हें भी शांति मिल जाती। भाई को ढूंढने के लिए परिवार ने हर मुमकिन कोशिश की।
सालों की खोज के बाद सभी ने हार मान ली और इस बात से समझौता कर लिया की वो लौट कर नहीं आएंगे। इसके बाद उनकी पत्नी की शादी उनके भाई चंद्रपाल सिंह से कर दी गई। उन्होंने बताया कि मलखान के इकलौते बेटे के दो बेटे और तीन बेटी हुई। उनके बेटे की 2010 में मृत्यु हो गई। मलखान के माता-पिता, पत्नी और बेटे की उनके लौटकर आने की उम्मीद में मौत हो गई। Dead body of soldier Malkhan Singh
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56 साल बाद भी, 23 साल जैसे दिख रहे थे, मलखान सिंह
वायु सैनिक का शव 56 साल बाद भी सही सलामत स्थिति में देखने को मिला। बर्फ में दबे होने के चलते शव को मामूली ही नुकसान पहुंचा था। उस समय के ग्रामीणों को 56 साल बाद भी 23 साल जैसे मलखान सिंह की झलक दिखायी दी। परिजनों को सैनिक का शव दिखाने के लिये पहले ताबूत खोला गया, सभी ने दर्शन करेक श्रद्धांजलि अर्पित की। ग्रामीणों ने देखा कि शव सही सलामत नजर आ रहा था। देखकर ऐसा नहीं लग रहा था कि शव 56 साल पुरानाहै।
शव दर्शन के लिए हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी
मलखान सिंह का पार्थिव शरीर भारतीय वायुसेना के जवानों द्वारा उनके पैतृक गांव फतेहपुर लाया गया | हजारों की संख्या में लोग अंतिम संस्कार के लिए वहां पहुंचे | चारों ओर ‘मलखान सिंह अमर रहें’ के नारे गूंज उठे | मलखान सिंह के पोते गौतम ने उन्हें मुखाग्नि दी और पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार संपन्न हुआ |
गांव के लोगों और परिवार ने सरकार से मांग की है कि मलखान सिंह को शहीद का दर्जा दिया जाए और उनके परिवार को उचित सहायता प्रदान की जाए |ग्रामीणों ने कहा कि यह 56 सालों का एक लंबा और पीड़ादायक इंतजार था, जो अब खत्म हुआ | Dead body of soldier Malkhan Singh
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