संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट बताती है कि दुनिया प्लास्टिक कचरे के महासागर में डूब रही है। प्लास्टिक प्रदूषण से निपटना दुनिया भर में कई संगठनों और सरकारों के लिए प्राथमिकता बन गई है। वे इसके उपयोग को कम करने के लिए रचनात्मक तरीके से काम कर रहे हैं। लेकिन उस कचरे का क्या जो पहले से ही मौजूद है? यह बेहिसाब कचरा लैंडफिल और फिर हमारे जल निकायों में जाता है | हालांकि इस समस्या के निपटने की दिशा में छत्तीसगढ़ के ‘गारबेज कैफे’ (garbage cafe) ने बड़ा कदम उठाया है। दरअसल प्लास्टिक से वातावरण को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ की अंबिकापुर नगर निगम (AMC) ने प्लास्टिक कचरे के बदले रैगपिकर्स (कूड़ा बीनने वाले) और बेघरों को फ्री में भोजन कराने के लिए गारबेज कैफे (garbage cafe) खोले हैं, जहाँ 1 kg कचरा देने पर 1 full plate खाना और 500 gm कचरा देने पर नाश्ता देने की एक अद्भुद मुहीम शुरू की है |
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अब कचरे के बदले मिलेगा खाना: Garbage Cafe | Now you will get food in exchange of garbage: Garbage Cafe
प्लास्टिक प्रदूषण पूरे विश्व में है | भारत में एक नई तरह की पहल चल निकली है। अलग-अलग शहरों में गारबेज कैफ़े खोले जा रहे हैं। यंहा पर एक किलो प्लास्टिक के बदले पूरा खाना और आधा किलो प्लास्टिक के बदले नाश्ता मिलता है। यह गरीब बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। वो आराम से इज़्ज़त के साथ इन कैफ़े में भोजन करते हैं। यानी इनकी मदद भी हो रही हैं, और प्लास्टिक का सुरक्षित निस्तारण भी।
अंबिकापुर नगर निगम द्वारा वर्ष 2019 में शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए “MORE THE WASTE – BETTER THE TASTE” इस स्लोगन के साथ गार्बेज कैफे की शुरूआत की गई थी | इसका मकसद शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाना है | इस योजना के तहत, गरीब और बेघर लोगों को प्लास्टिक कचरा चुनकर लाने पर 1 किलो प्लास्टिक कचरे के बदले खाने की थाली दी जाती है | 500 ग्राम कचरे पर 20 रुपये कीमत का नाश्ता दिया जाता है | एक किलोग्राम प्लास्टिक कचरा लाने पर 40 रुपये मूल्य का भोजन मिलता है | खाने में रोटी, चावल, दाल के अलावा दो तरह की सब्ज़ी दी जाती है | गार्बेज कैफ़े में कॉफ़ी मिलती है, लेकिन अल्कोहल, बीयर, कॉकटेल, और ज़्यादा नशीली शराब नहीं मिलती | यह कैफ़े सोमवार से रविवार तक सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है |
राज्य सरकार ने अंबिकापुर में गार्बेज कैफे के लिए शुरुआत में ₹5,00,000 के बजट की घोषणा की थी। यह वास्तव में उन बेघर लोगों को रहने के लिए जगह उपलब्ध कराने की भी पहल है, जो प्लास्टिक कचरा चुनते हैं और जिनके पास घर नहीं है। अंबिकापुर में प्लास्टिक से बनी हुई एक सड़क पहले से मौजूद है। राज्य में बनाया गया इस तरह का पहला रोड 8,00,000 प्लास्टिक बैग को मिलाकर बनाया गया है। प्लास्टिक और सल्फेट को मिलाकर बनाया गया यह सड़क आम सड़क की तुलना में ज्यादा समय तक टिकती है।
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गार्बेज कैफ़े में इकठ्ठा हुए कचरे का क्या होता है ? | What happens to the waste collected in Garbage Café?
प्लास्टिक से बने रोड लंबे समय तक चलते हैं, इसलिए गार्बेज कैफे (garbage cafe) में जमा प्लास्टिक को रिसाइकल कर सड़कों की मरम्मत और नई सड़कों के बनाने में इस्तेमाल किया जा रहा है। अंबिकापुर में प्लास्टिक कचरे से तैयार एक रोड में 800000 प्लास्टिक बैग और स्पाइडर एस्फाल्ट का इस्तेमाल हुआ है। यह प्लास्टिक के कचरे को किसी सही काम में लगाने का बेहतरीन तरीका है। इससे रोड लंबे समय तक चलते हैं और बाढ़ और पानी से होने वाले नुकसान से भी सुरक्षित रहते हैं।
शहरों में प्लास्टिक कचरे की वजह से जिस तरह से समस्याएं बढ़ रही हैं, उससे निजात पाने का यह एक कारगर तरीका है। अंबिकापुर को इंदौर के बाद मध्यप्रदेश का दूसरा सबसे साफ शहर माना गया है। यहां 100 फीसदी कचरे के कलेक्शन का दावा किया जाता है। साथ ही प्लास्टिक कचरे से रीसाइकिल्ड पेपर का निर्माण भी किया जाता है, जिससे लगभग 1.2 मिलियन रुपए की उगाही होती है।
प्लास्टिक कचरे के बदले खाना दिए जाने का प्रचलन देश में तेजी से बढ़ रहा है। पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में भी कचरे के बदले खाना दिए जाने की पहल की गई है, वहीं तेलंगाना में भी मुलुगू में 1 किलो प्लास्टिक के बदले 1 किलो चावल दिया जा रहा है।
एक अनुमान के अनुसार देशभर में हर दिन 25,000 टन से ज्यादा का प्लास्टिक कचरा पैदा होता है। इसमें से सिर्फ 14000 टन कचरा इकट्ठा हो पाता है। गार्बेज कैफे जैसे अनूठे प्रयासों से देश में सफाई अभियान में तेजी लाई जा सकती है। साथ ही इससे शहर को साफ सुथरा बनाए रखने के लिए भी लोगों को उत्साहित किया जा सकता है।
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FAQs
Q. Garbage Cafe क्या है?
यह एक अनोखी पहल है जहाँ लोग प्लास्टिक कचरे के बदले में मुफ्त भोजन प्राप्त कर सकते हैं। इसका उद्देश्य प्लास्टिक प्रदूषण को कम करना और लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है।
Q. Garbage Cafe कैसे काम करता है?
लोग प्लास्टिक की बोतलें, थैलियां और अन्य प्लास्टिक कचरे को कैफे में लाते हैं। कचरे के वजन के अनुसार उन्हें भोजन दिया जाता है।
Q. Garbage Cafe का क्या फायदा है?
- यह प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में मदद करता है।
- यह लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करता है।
- यह जरूरतमंद लोगों को भोजन प्रदान करता है।
- यह कचरे से खाद बनाने को बढ़ावा देता है।
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Q. Garbage Cafe कहाँ-कहाँ है?
पहला Garbage Cafe छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में खोला गया था। अब कई शहरों में ऐसे कैफे खुल रहे हैं।
Q. मैं Garbage Cafe में कैसे योगदान दे सकता हूँ?
- आप प्लास्टिक कचरा इकट्ठा करके कैफे में ला सकते हैं।
- आप कैफे में स्वयंसेवी रूप से काम कर सकते हैं।
- आप कैफे के बारे में जागरूकता फैलाने में मदद कर सकते हैं।
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