GST for E-commerce: जानिए वो जरूरी बातें जो हर ऑनलाइन बिज़नेस को पता होनी चाहिए!

ई-कॉमर्स (E-commerce) का मतलब है ऐसी प्रक्रिया जिसमें इंटरनेट के माध्यम से सामान या सेवाएं खरीदी और बेची जाती हैं। इसमें ग्राहक मोबाइल फोन, लैपटॉप या कंप्यूटर के जरिए किसी वेबसाइट या ऐप पर जाकर अपनी पसंद की चीज़ें चुन सकते हैं और ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं। इसके बाद सामान सीधे उनके घर पर पहुंचा दिया जाता है। व्यापारी (Seller) भी बिना किसी दुकान के, अपने प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेच सकते हैं। इस प्रक्रिया में समय की बचत होती है, ज्यादा विकल्प मिलते हैं और यह आज के डिजिटल दौर में व्यापार का एक बेहद आसान और तेज़ तरीका बन गया है।

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Table of Contents

इ-कॉमर्स सेलर किसे कहते है? | Who is an E-commerce Seller?

E-commerce Seller वह व्यक्ति या कंपनी होती है जो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने प्रोडक्ट्स या सेवाएं ग्राहकों को बेचती है। इनका फिजिकल स्टोर (दुकान) हो सकता है और नहीं भी हो सकता, लेकिन ये ऑनलाइन वेबसाइट्स या ऐप्स जैसे Amazon, Flipkart, Meesho, Myntra आदि पर रजिस्टर होकर प्रोडक्ट्स लिस्ट करते हैं और वहां से ऑर्डर मिलने पर ग्राहक को डिलीवरी भेजते हैं।

उदाहरण: एक दुकानदार जो मोबाइल कवर Amazon पर बेच रहा है – E-commerce Seller है।

कोई महिला जो घर से बने अचार Meesho के ज़रिए बेचती है – वह भी E-commerce Seller है।

एक कंपनी जो ऑनलाइन कपड़े बेचती है, जैसे Bewakoof या FabIndia – ये भी Seller हैं।

इ-कॉमर्स ऑपरेटर कौन होता है? | Who is an E-commerce Operator?

E-commerce Operator वह प्लेटफॉर्म या कंपनी होती है जो E-commerce Sellers और ग्राहकों के बीच का माध्यम बनती है। यह एक ऑनलाइन वेबसाइट या मोबाइल ऐप के रूप में काम करती है, जहाँ Sellers अपना सामान अपलोड करते हैं और ग्राहक उन्हें देख कर खरीदते हैं।

E-commerce Operator का काम होता है:

  • Sellers को प्लेटफॉर्म देना
  • प्रोडक्ट्स की लिस्टिंग और डिस्प्ले करना
  • पेमेंट प्रोसेस करना
  • ग्राहक को सामान की डिलीवरी करवाना
  • टैक्स (जैसे TCS (Tax Collected at Source) कटौती करना और सरकार को जमा करना

उदाहरण: Amazon, Flipkart, Snapdeal, Meesho, Myntra, Ajio ये सब E-commerce Operators हैं।

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ई-कॉमर्स Seller के लिए GST क्यों जरूरी है? | Why is GST necessary for e-commerce sellers?

ई-कॉमर्स में GST का होना कई कारणों से जरूरी है, जिनमें से मुख्य कारण नीचे दिए गए हैं:

  1. सरकारी टैक्स नियमों का पालन (Compliance): ई-कॉमर्स में बिक्रेता (Seller) देश के किसी भी कोने से किसी भी राज्य में उत्पाद बेच सकता है। ऐसे में GST एक एकीकृत टैक्स सिस्टम के रूप में काम करता है, जिससे हर राज्य में समान नियम लागू होते हैं। GST रजिस्ट्रेशन के बिना व्यापारी को वैध रूप से व्यापार करना संभव नहीं होता।
  2. इनवॉइस और बिलिंग में पारदर्शिता: GST के तहत सभी बिक्रेताओं को प्रॉपर इनवॉइस (बिल) जारी करना होता है, जिसमें टैक्स की सही दर और रकम स्पष्ट रूप से लिखी जाती है। इससे ग्राहक को यह पता चलता है कि वह किन सेवाओं/उत्पादों पर कितना टैक्स दे रहा है और सरकार को टैक्स चोरी से बचाया जा सकता है।
  3. Input Tax Credit (ITC) का लाभ: जो व्यापारी GST रजिस्ट्रेशन लेते हैं, वे अपनी खरीद पर दिया गया टैक्स Input Tax Credit (ITC) के रूप में क्लेम कर सकते हैं। यानी उन्हें दोबारा टैक्स नहीं देना पड़ता। यह सुविधा बिना GST के संभव नहीं होती।
  4. E-commerce Platforms पर बिक्री के लिए अनिवार्य: Amazon, Flipkart, Meesho जैसे बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सेलर बनने के लिए GSTIN (GST नंबर) देना जरूरी होता है। बिना GST नंबर के कोई भी व्यक्ति इन प्लेटफॉर्म्स पर बिक्री नहीं कर सकता।
  5. TCS और TDS की गणना के लिए जरूरी: ई-कॉमर्स ऑपरेटर्स हर ट्रांजैक्शन पर TCS (Tax Collected at Source) काटते हैं और इसे सरकार को जमा करते हैं। यह प्रक्रिया तभी संभव है जब सेलर GST के अंतर्गत रजिस्टर्ड हो और वह रिटर्न फाइल करता हो।
  6. कानूनी पहचान और भरोसे का प्रतीक: GST रजिस्ट्रेशन होने से व्यापारी को एक वैध कारोबारी पहचान मिलती है। इससे ग्राहकों का भरोसा भी बढ़ता है और बैंक, मार्केटप्लेस, डीलर आदि के साथ काम करना आसान हो जाता है।

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ई-कॉमर्स सेलर्स के लिए GST रिटर्न | GST Returns for E-commerce Sellers

अगर आप ई-कॉमर्स के ज़रिए ऑनलाइन व्यापार करते हैं, तो GST के तहत कुछ रिटर्न समय पर भरना ज़रूरी होता है। आइए आसान भाषा में समझते हैं कि किन-किन रिटर्न्स को कब और कैसे फाइल करना होता है:

GSTR-1 – बिक्री से जुड़ा मासिक या तिमाही रिटर्न

यह रिटर्न आपकी सभी आउटवर्ड सप्लाई यानी बिक्री की जानकारी देता है।

  • QRMP स्कीम के तहत, यदि आपका सालाना Turnover ₹5 करोड़ से कम है, तो आप इसे तिमाही आधार पर भर सकते हैं।
  • मासिक फाइलिंग की डेडलाइन: हर महीने की 11 तारीख
  • तिमाही फाइलिंग की डेडलाइन: तिमाही समाप्त होने के बाद 13 तारीख

GSTR-3B – खरीद और बिक्री का संक्षिप्त सारांश

यह रिटर्न कुल इनवर्ड (खरीद) और आउटवर्ड (बिक्री) सप्लाई का सारांश प्रस्तुत करता है।

  • यदि आप QRMP स्कीम में शामिल हैं और टर्नओवर ₹5 करोड़ से कम है, तो आप इसे तिमाही आधार पर भर सकते हैं।
  • फाइलिंग की आखिरी तारीख: हर महीने की 20 तारीख

GSTR-9 – वार्षिक रिटर्न

यदि आपका सालाना टर्नओवर ₹2 करोड़ से अधिक है, तो आपको साल में एक बार GSTR-9 भरना होता है। इसमें पूरे साल की GST से जुड़ी सारी डिटेल्स होती हैं।

  • डेडलाइन: अगले वित्तीय वर्ष की 31 दिसंबर तक

GSTR-9C – वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट

अगर किसी व्यवसाय का टर्नओवर ₹5 करोड़ से अधिक है, तो उसे GSTR-9 के साथ-साथ GSTR-9C भी भरना होता है। यह रिटर्न ऑडिट की गई रिपोर्ट के रूप में काम करता है।

  • डेडलाइन: GSTR-9 के साथ, यानी 31 दिसंबर

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विक्रेताओं के लिए जीएसटी पंजीकरण प्रक्रिया | GST Registration Process for E-commerce Sellers

अगर आप किसी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (जैसे Amazon, Flipkart, Meesho आदि) पर अपना सामान या सेवाएं बेचते हैं, तो आपको GST रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है। नीचे इसकी आसान प्रक्रिया दी गई है:

  1. सबसे पहले GST पोर्टल पर जाएं: www.gst.gov.in पर जाकर ‘Register Now’ पर क्लिक करें।
  2. मोबाइल नंबर और ईमेल डालें: आपका मोबाइल और ईमेल OTP के ज़रिए वेरिफाई किया जाएगा।
  3. TRN (Temporary Reference Number) जनरेट करें: OTP के बाद आपको एक TRN नंबर मिलेगा, जिससे आप आगे की प्रक्रिया पूरी करेंगे।
  4. जरूरी डॉक्यूमेंट अपलोड करें: आपको ये दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे:
    • पैन कार्ड
    • आधार कार्ड
    • बैंक खाता विवरण
    • दुकान का पता/प्रमाण (रेंट एग्रीमेंट या बिजली बिल)
    • पासपोर्ट साइज फोटो
  5. बिज़नेस की जानकारी भरें: व्यापार का नाम
    • बिजनेस का प्रकार (प्रोप्राइटरशिप, फर्म आदि)
    • ई-कॉमर्स ऑपरेटर का नाम (जैसे Amazon)
  6. डिजिटल सिग्नेचर या ई-आधार से वेरिफिकेशन करें: आपका आवेदन इलेक्ट्रॉनिक रूप से सत्यापित किया जाएगा।
  7. आवेदन सबमिट करें और ARN नंबर पाएं: आवेदन के बाद आपको ARN (Application Reference Number) मिलेगा जिससे आप अपने आवेदन की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।
  8. 7 दिनों में GSTIN मिल जाता है: अगर सब कुछ सही होता है, तो आपको 7 कार्यदिवसों में आपका 15 अंकों का GST नंबर (GSTIN) मिल जाता है।

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FAQs: GST for E-commerce in Hindi

1. क्या ई-कॉमर्स पर सामान बेचने के लिए GST रजिस्ट्रेशन जरूरी है?

हाँ। अगर आप किसी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (जैसे Amazon, Flipkart, Meesho आदि) पर सामान बेचते हैं, तो आपको GST रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है, चाहे आपका टर्नओवर कितना भी हो।

2. क्या छोटे व्यापारियों को भी ई-कॉमर्स पर GST भरना होता है?

हाँ। ई-कॉमर्स पर सामान बेचने वाले सभी विक्रेताओं को GST के नियमों का पालन करना होता है, भले ही उनका वार्षिक टर्नओवर ₹20 लाख से कम हो।

3. क्या डिजिटल सेवाओं की बिक्री पर भी GST लागू होता है?

हाँ। यदि आप डिजिटल प्रोडक्ट्स या सेवाएं बेचते हैं (जैसे ई-बुक्स, कोर्सेज, सॉफ्टवेयर आदि), तो उस पर भी GST लागू होता है।

4. क्या मैं एक से ज़्यादा राज्यों में ई-कॉमर्स के लिए अलग-अलग GST नंबर ले सकता हूँ?

हाँ। अगर आपके पास अलग-अलग राज्यों में गोदाम या व्यवसायिक ठिकाने हैं, तो आपको हर राज्य में अलग GSTIN लेना होगा।

5. क्या GST रजिस्ट्रेशन एक बार कराने के बाद हमेशा वैध रहता है?

नहीं। अगर आप लंबे समय तक कोई रिटर्न नहीं भरते या व्यापार बंद कर देते हैं, तो GST नंबर कैंसिल हो सकता है। नियमित फाइलिंग जरूरी है।

6. क्या रिटर्न फाइल न करने पर जुर्माना लगता है?

हाँ। समय पर GST रिटर्न न भरने पर ₹50 प्रति दिन तक का जुर्माना और ब्याज देना पड़ सकता है।

7. क्या GSTIN को ई-कॉमर्स वेबसाइट पर दिखाना जरूरी है?

हाँ। यदि आप खुद की वेबसाइट या ऐप से बिक्री करते हैं, तो GSTIN नंबर का उल्लेख इनवॉइस और वेबसाइट पर होना जरूरी है।

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निष्कर्ष (Conclusion)

GST ने ई-कॉमर्स क्षेत्र में पारदर्शिता और समानता लाने में मदद की है। हालांकि, इसके नियमों और प्रक्रियाओं को समझना और उनका पालन करना आवश्यक है, ताकि आप अपने ऑनलाइन व्यवसाय को सुचारु रूप से चला सकें और किसी भी कानूनी जटिलता से बच सकें।

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