एकीकृत बाल विकास योजना | Integrated Child Development Scheme | ICDS

देश के बच्चों को पूरक पोषण, टीकाकरण और प्री-स्कूल शिक्षा (Supplementary nutrition, vaccination and pre-school education) प्रदान करने वाली एकीकृत बाल विकास योजना | Integrated Child Development Scheme | ICDS को 1975 में शुरू किया गया था। यह योजना बच्चों के समग्र विकास के लिए सेवाओं का एक एकीकृत पैकेज प्रदान करती है। ICDS योजना दुनिया के सबसे बड़े कार्यक्रमों में से एक है। यह योजना राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपने सभी जिलों को कवर करने के साथ कार्यान्वित की जाती है।

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एकीकृत बाल विकास योजना | Integrated Child Development Yojana | ICDS

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमो में से एक है। इस कार्यक्रम के तहत बच्चो को टीकाकरण, पोषण और प्री स्कुल तक शिक्षा प्रदान करना मुख्य लक्ष्य है। समन्वित बाल विकास योजना या एकीकृत बाल विकास योजना | Integrated Child Development Scheme | ICDS का नाम बदलकर अब आंगनवाड़ी सेवा योजना (Anganwadi Services Scheme) कर दिया गया है। सेवाएं अब सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के रूप में जानी जाती हैं। केंद्र सरकार द्वारा 15वें वित्त आयोग की अवधि यानी 2021 से 2026 तक के लिए एक एकीकृत पोषण सहायता कार्यक्रम 2.0 शुरू किया है।

2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या में 0-6 साल के आयु वर्ग के बच्चों की संख्या लगभग 15.8 करोड़ हैं | देश के ये बच्चे ही भारत का भविष्य हैं| इन सभी बच्चो मे कुपोषणविकृतिकम सीखने की क्षमता और मृत्यु दर (Malnutrition, deformities, reduced learning ability and mortality) को कम करने की चुनौती के जवाब में अपने बच्चों और नर्सिंग माताओं के लिए सरकार द्वारा ICDS नामक एक योजना का आरंभ किया गया है |

एकीकृत बाल विकास योजना | Integrated Child Development Scheme | ICDS

बच्चों के कल्याण, विकास और संरक्षण के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय विभिन्न योजनाओं को कार्यान्वित करती है | एकीकृत बाल विकास योजना | Integrated Child Development Scheme | ICDS योजना को 2 अक्टूबर 1975 को शुरू किया गया था | एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) योजना भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है |

ICDS योजना के तहत लाभार्थी के रूप में 0-6 साल के आयु वर्ग के बच्चे , गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को समाविष्ठ किया गया है | इस योजना का ज़्यादातर कार्यान्वयन Anganwadi के माध्यम से किया जाता है |

योजना का नाम एकीकृत बाल विकास योजना
योजना शुरू सन 1975
विभाग महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
अंतर्गत केंद्र सरकार पूर्ण वित्त पोषित
लागू देश के सभी जिलों में
आधिकारिक वेबसाइट icds-wcd.nic.in

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आईसीडीएस में 4 अलग-अलग घटक | 4 different components in ICDS

  • प्रारंभिक बचपन देखभाल शिक्षा और विकास (ECCE – Early Childhood Care and Education)
  • देखभाल और पोषण परामर्श (Care and Nutrition Counseling)
  • स्वास्थ्य सेवाएं (Health Services)
  • सामुदायिक मोबलाइजेशन जागरूकता, वकालत और सूचना (Community Mobilization Awareness, Advocacy, and Information)
  • शिक्षा और संचार उद्देश्य (Educational and Communication Objectives)

एकीकृत बाल विकास योजना का उद्देश्य | Objective of Integrated Child Development Scheme

  • 0-6 साल आयु वर्ग के बच्चों की पोषण और स्वास्थ्य स्थिति में सुधार लाना |
  • बच्चे के उचित मनोवैज्ञानिक, शारीरिक और सामाजिक विकास के लिए नींव रखना |
  • मृत्यु दर, विकृति, कुपोषण और स्कूल छोड़ने की घटनाओं को कम करना |
  • बाल विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विभागों के बीच नीति और कार्यान्वयन के प्रभावी समन्वय को प्राप्त करना |
  • बाल विकास को बढ़ावा देने के लिए आंगनवाड़ी (Anganwadi) केंद्रों की स्थापना |
  • उचित पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से बच्चे के सामान्य स्वास्थ्य और पोषण संबंधी आवश्यकताओं की देखभाल करने के लिए मां की क्षमता को बढ़ाना |
  • बच्चो को साल के 300 दिनों में 500 कैलोरी की ऊर्जा और 12-15 ग्राम प्रोटीन तथा माताओं को 600 कैलोरी की ऊर्जा और 18-20 ग्राम प्रोटीन देना |

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समेकित बाल विकास योजना (ICDS) | Integrated Child Development Scheme (ICDS)

  • Integrated Child Development Scheme (ICDS) योजना बच्चों को पूरक पोषण, टीकाकरण और स्कूल पूर्व शिक्षा प्रदान करती है।
  • एकीकृत या समेकित बाल विकास योजना (ICDS) एक लोकप्रिय सरकारी प्रमुख पहल है।
  • यह दुनिया के सबसे बड़े कार्यक्रमों में से एक है, जिसे 1975 में लॉन्च किया गया था, और यह बच्चे के समग्र विकास के लिए सेवाओं का एक एकीकृत पैकेज प्रदान करता है।
  • ICDS एक संघ द्वारा वित्त पोषित कार्यक्रम है जो राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा संचालित है।
  • यह प्रणाली राष्ट्रीय दायरे में है, जिसमें देश भर के सभी जिले शामिल हैं।
  • 1975 में शुरू हुई यह पहल बच्चों के संपूर्ण विकास के साथ-साथ माताओं के सशक्तिकरण पर केंद्रित है।
  • यह एक ऐसी प्रणाली है जो केंद्र प्रायोजित है।
  • यह पहल ज्यादातर आंगनवाड़ी केंद्र के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है।
  • महिला एवं बाल विकास मंत्रालय कार्यक्रम का प्रभारी है।
  • अम्ब्रेला आईसीडीएस महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा चलाया जाता है। इसे पहली बार 1975 में पेश किया गया था।
  • ICDS राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कार्यान्वित एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
  • यह प्रणाली राष्ट्रीय दायरे में है, जिसमें देश भर के सभी जिले शामिल हैं। इस योजना को अब आंगनवाड़ी सेवा के रूप में जाना जाता है।

एकीकृत बाल विकास योजना लाभार्थी | Integrated Child Development Scheme Beneficiaries

  • 0-6 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चे (Children in the age group 0-6 years)
  • गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएँ (Pregnant women and breastfeeding mothers)
  • किशोर लड़कियां (14-18 वर्ष) (Adolescent girls aged 14-18 years)

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एकीकृत बाल विकास कार्यक्रम में ये योजनायें शामिल हैं | These schemes are included in the Integrated Child Development Program

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एकीकृत बाल विकास सेवा योजना की सेवाएं | Services of Integrated Child Development Services Scheme

  • इस प्रकार अभिसरण योजना कार्यान्वयन में बेहतर शासन के लिए आईसीडीएस (ICDS) योजना के मूलभूत तत्वों में से एक है।
  • एकीकृत बाल विकास योजना (ICDS) अभिसरण योजना में बनाया गया है, जो सभी योजना सेवाओं के वितरण के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों के रूप में एक मंच प्रदान करता है।
  • Integrated Child Development Scheme (ICDS) योजना छह सेवाओं का एक सेट प्रदान करती है, जिनमें शामिल हैं:
    • पोषक तत्वों की खुराक (Nutrient Dosage)
    • गैर-औपचारिक पूर्व-विद्यालय शिक्षा (Informal Pre-primary Education)
    • स्वास्थ्य और पोषण शिक्षा (Health and Nutrition Education)
    • प्रतिरक्षा (Immunization)
    • स्वास्थ्य परीक्षण (Health Examination)
    • रेफरल सेवाएं (Referral Services)
  • अंतिम तीन सेवाएं स्वास्थ्य से संबंधित हैं और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) और स्वास्थ्य प्रणाली के माध्यम से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय/विभाग द्वारा आपूर्ति की जाती हैं।
  • सेवाओं के पैकेज की पेशकश की धारणा ज्यादातर इस तथ्य पर आधारित है कि यदि कई सेवाएं एकीकृत तरीके से बढ़ती हैं तो कुल प्रभाव बहुत अधिक होगा, क्योंकि किसी विशिष्ट सेवा की प्रभावकारिता संबंधित सेवाओं से प्राप्त समर्थन पर निर्भर होती है।

रोग-प्रतिरक्षण, स्वास्थ्य जांच और परामर्श सेवाएं स्वास्थ्य से संबंधित हैं और स्वास्थ्य प्रणाली के माध्यम से NRHM स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रदान की जाती हैं |

सेवाएं लक्ष्य समूह किसके द्वारा सेवाएं प्रदान की जाएंगी
पूरक पोषण 6 साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सहायक
पूर्व स्कूल गैर औपचारिक शिक्षा 3-6 साल के बच्चे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सहायक
पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा 15-45 साल की महिलाएं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सहायक
टीकाकरण 6 साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सहायक
स्वास्थ्य जांच 6 साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सहायक
परामर्श सेवाएं 6 साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सहायक

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आंगनबाड़ी केंद्र से दी जाने वाली सेवाएँ | Services provided by Anganwadi center

  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 की धारा 4, 5 एवं 6 के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्र से 6 वर्ष से छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं के लिए पोषाहार के विस्तृत प्रावधान है।
  • कानून के अनुसार मध्ह्यान भोजन की तरह आंगनबाड़ी में भी प्रत्येक 3 से 6 वर्ष के पंजीकृत बच्चों को प्रत्येक दिन (अवकाश के दिनों को छोड़कर) मेनू (menu) के अनुसार सुबह का नाश्ता एवं दोपहर को गर्म पका – पकाया भोजन दिया जाता है।
  • अगर किसी कारण से किसी भी दिन (छुट्टी के दिन को छोड़कर) सुबह का नाश्ता एवं गर्म पका – पकाया भोजन नहीं मिलता है तो आंगनबाड़ी केंद्र से पंजीकृत प्रत्येक 3 से 6 साल के बच्चे को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 8 के अंतर्गत खाद्य सुरक्षा भत्ता पाने का अधिकार है।
  • उपरोक्त नियम का उल्लंघन होने की स्थिति में जिला के जिला शिकायत निवारण अधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज की जा सकती है।

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