दिल्ली दहशत में! क्या वाकई था कोई मंकी मैन? 2001 का रहस्य अब तक अनसुलझा! काला बंदर का सच क्या है?
दिल्ली का बंदर-आदमी (Monkey Man Mystery of Delhi), जिसे Face Scratcher (मुंहनोचवा) के नाम से भी जाना जाता है, एक अज्ञात विसंगति है जिसके बारे में बताया गया था कि वह 2001 के मध्य में दिल्ली में घूम रहा था। इस पूरी घटना को भारत में सामूहिक उन्माद का एक उदाहरण बताया गया है
साल 2001 की गर्मियों के दौरान कई महीने तक देश की राजधानी दिल्ली में मंकीमैन (Monkey Man Mystery of Delhi) का खौफ था। तब उसे kala bandar भी कहा जाने लगा था। यहां तक कि तथाकथित रूप से कुछ लोगों पर मंकी मैन ने हमला भी किया था। यहां तक कि लोगों ने अपने शरीर पर मंकी मैन के पंजे के निशान तक दिखाए थे। उस वक्त कुछ लोगों ने ये दावा किया कि उन्होंने मंकीमैन को देखा भी है। उन लोगों ने बताया था कि मंकीमैन की लंबाइ 4 फीट थी। इसके साथ सारे बदन पर काले घने बाल थे और चेहरा हेलमेट से ढंका हुआ था। कुछ लोगों ने तो यहां तक कहा था कि मंकी मैन के हाथ पर मेटल के पंजे लगे होते थे। कुछ लोगों ने को यहां तक दावा किया था कि वह इस मेटल के पंजे से ही लोगों पर हमले करता था। वहीं, शिकायतें बढ़ने पर जांच की गई तो पीड़ितों के शरीर पर नाखून से खरोंचने के निशान मिलते थे।
पुलिस ने जब जांच की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जांच में यह भी पता चला कि ऐसा कोई जानवर या शख्स था ही नहीं। दरअसल ये लोगों की सॉइकोलॉजिकल क्रिएशन (psychological creation) थी यानी लोगों के दिमाग की उपज थी। इतना ही वहीं, इस विषय पर बॉलीवुड फिल्म ‘दिल्ली-6’ भी बनी। मंकीमैन की घटना सबसे पहले दिल्ली के यमुनापार इलाके में सामने आई थी और देखते ही देखते ये दिल्ली के शालीमार बाग, साहिबाबाद, ओखला, मोदी नगर, संगम विहार जैसे इलाकों में फैल गया। कहा जाता था कि वह लोगों की छतों से कूदता हुआ आता था और लोगों पर हमला कर ऐसे ही भाग निकलता था। हैरत की बात है कि धीरे-धीरे ये घटना खुद-ब-खुद बंद हो गई। फिर मंकी मैन कौन था, कहां गया था भी या नहीं? इसका सही जवाब देश को अब तक नहीं मिला है।
काले बन्दर ने पहले दस्तक कहाँ दी ? Monkey Man Mystery of Delhi
इस पर भी लोगों में मतभेद है, ख़ैर ऐसे किस्सों में मतभेद होना लाज़मी ही है| जहाँ तक मुझे याद है यह सब पूर्वी दिल्ली से शुरू हुआ था, तब गर्मियों में पावर कट आम बात थी और लोग बिजली चले जाने पर घरों की छत्तों पर आ जाते थे या भर गलियों घूमने लगते थे | ऐसी ही एक रात में एक व्यक्ति आपने छत पर सो रहा था तभी उसने एक काले रंग की विशाल आकृति देखीं मनो उसे तब सांप सुंग गया हो | वो आकृति तेज़ी से उसकी तरफ बढ़ने लगी | जब तक वो व्यक्ति कुछ समझ पता उससे पहले ही उस काले बन्दर (Monkey Man Mystery of Delhi) ने हमला कर दिया | यह बात मोहल्ले में फैली फिर ऐसे किसी रोज सुनने को मिलने लगे | लोगों ने रात को पेहरा देना शुरू किया लेकिन हमले कम नहीं हुए बल्कि अब सारी दिल्ली, गाजियाबाद और नॉएडा तक आतंक फैल गया | दो लोगों ने छत से गिर कर अपनी जान भी गवा दी थी | रात होते ही लोग आपने को घरों में बंद करने लगते थे | छतों पर ग्रिल और जाल लगा दिए गए | पुलिस ने भी गश्त तेज़ कर दी थी | काले बन्दर की आड़ में कुछ शरारती तत्त्व ने लोगों को लूटना और चोरियां भी करना शुरू कर दिया था | २ महीनो से ज़्यादा यह सिलसिला चला और हताश पुलिस लोगों के बयान के अनुसार दो स्केच बनाकर उसके पोस्टर सरे शहर में लगा दिए थे | अंत में पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली और यह केस अनसुलझा ही रहा | यह आज भी पहेली है की वो सच में कोई काला बन्दर था या कोई सिरफिरा इंसान भेष बदल कर हमले कर रहा था |
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