Mysterious Things Inside Ice: बर्फ के अंदर मिले ये 8 अद्भुत खजाने!

अविश्वसनीय खोजें जो आपको हैरान कर देंगी! बर्फ में दबे इतिहास के 8 रहस्य | Mysterious Things Inside Ice

Mysterious Things Inside Ice: बर्फ, हमारी दुनिया का एक अद्भुत तत्व है जो अपने भीतर कई रहस्य छिपाए हुए है। इस लेख में, हम आपको बर्फ के अंदर मिले कुछ सबसे रहस्यमयी और आश्चर्यजनक चीजों के बारे में बताएंगे। इन खोजों ने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है और हमारे ग्रह के इतिहास के बारे में नई समझ प्रदान की है। एक ऐसी ही खोज थी, जब अंटार्कटिका में बर्फ के नीचे एक पूरी तरह से संरक्षित प्राचीन जंगल मिला। यह जंगल, जो लाखों साल पुराना था, बर्फ की परतों के नीचे दबा हुआ था। वैज्ञानिकों ने इस खोज से पृथ्वी के प्राचीन वातावरण और वनस्पति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।

showing the iamge of Mysterious Things Inside Ice

एक और अविश्वसनीय खोज (Mysterious Things Inside Ice) थी, जब बर्फ के अंदर एक 40,000 साल पुराना शेर का शव मिला। यह शेर, जिसका नाम “शेरा” रखा गया था, बर्फ के अंदर इतनी अच्छी तरह संरक्षित था कि वैज्ञानिकों ने इसके डीएनए का अध्ययन करने में सफलता प्राप्त की। यह खोज, प्राचीन जीवों के बारे में हमारी समझ को गहराई से प्रभावित करती है। इनके अलावा, बर्फ के अंदर कई अन्य रहस्यमयी चीजें भी मिली हैं, जैसे कि प्राचीन मानव उपकरण, अनोखे जीवाश्म, और यहां तक कि एक पूरी तरह से संरक्षित प्राचीन शहर। ये खोजें (Mysterious Things Inside Ice) न केवल हमारे ग्रह के इतिहास के बारे में जानकारी प्रदान करती हैं, बल्कि यह भी बताती हैं कि बर्फ हमारे अतीत के रहस्यों को कैसे संरक्षित कर सकता है।

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1. सबग्लेशियल झील में जीवनरूप (Lifeforms in a Subglacial Lake)

  • कब मिला: 2013
  • कहाँ मिला: एंटार्कटिका में विल्क्स बेसिन के नीचे (Below Wilkes Basin in Antarctica)
  • कितने साल पहले का है: जीवाणुओं की उम्र का सटीक अनुमान लगाना मुश्किल है, लेकिन वे लाखों साल पुराने हो सकते हैं।
  • आगे की राह: वैज्ञानिक इन जीवाणुओं का जीनोम अनुक्रमण कर रहे हैं ताकि उनके विकास और पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की जा सके।
  • अब कहाँ रखा है: नमूने को एंटार्कटिका से वापस प्रयोगशाला में लाया गया है और क्रायोजेनिक तापमान पर सुरक्षित रखा गया है।
  • प्रारूप: ये सूक्ष्मजीव मुख्यतः एककोशिकीय जीवाणु (unicellular bacteria) हैं और नग्न आंखों से दिखाई नहीं देते।
  • विनिर्देश: इन जीवाणुओं में अत्यधिक ठंड, अंधेरे और पोषक तत्वों की कमी वाले वातावरण में जीवित रहने की अद्भुत क्षमता है।

सबग्लेशियल झीलें, जो कि मोटी बर्फ की चादरों के नीचे स्थित होती हैं, पृथ्वी पर जीवन के कुछ सबसे अद्भुत रहस्यों को समेटे हुए हैं। 2013 में, वैज्ञानिकों ने एंटार्कटिका में विल्क्स बेसिन के नीचे एक सबग्लेशियल झील (Subglacial Lake) में जीवन के अस्तित्व का प्रमाण पाया। इस खोज ने वैज्ञानिक समुदाय में हलचल मचा दी, क्योंकि यह सुझाव देता है कि जीवन पृथ्वी पर उन जगहों पर भी पनप सकता है जहां पहले कभी इसकी कल्पना भी नहीं की गई थी।

वैज्ञानिकों ने इस झील से एकत्र किए गए नमूनों में विभिन्न प्रकार के सूक्ष्म जीवों को पाया। ये सूक्ष्म जीव अंधेरे, ठंडे और पोषक तत्वों की कमी वाले वातावरण में जीवित रहने के लिए अद्भुत रूप से अनुकूलित हैं। इस खोज से वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिली है कि जीवन पृथ्वी पर कितना लचीला हो सकता है और यह कि हमें अन्य ग्रहों पर जीवन की खोज करते समय किन परिस्थितियों को ध्यान में रखना चाहिए। इन जीवाणुओं का जीनोम अनुक्रमण करके, वैज्ञानिक पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति और विकास के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने की उम्मीद कर रहे हैं। यह खोज न केवल पृथ्वी विज्ञान के क्षेत्र में बल्कि खगोल जीव विज्ञान के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है।

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2. लौह युग जैकेट (Iron Age Jacket)

  • कब मिला: 2018
  • कहाँ मिला: ऑस्ट्रिया के सिग्लुन म्यूजियम में एक बर्फ से ढके हुए व्यक्ति के शव के साथ
  • कितने साल पहले का है: लगभग 2,500 साल पुराना
  • आगे की राह: वैज्ञानिक जैकेट के कपड़े, डिजाइन और निर्माण तकनीकों का विस्तृत अध्ययन कर रहे हैं ताकि उस समय के फैशन और तकनीक के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की जा सके।
  • अब कहाँ रखा है: जैकेट को सिग्लुन म्यूजियम में संरक्षित करके रखा गया है और इसे विशेष प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया जाता है।
  • प्रारूप: जैकेट चमड़े से बना है और इसमें लोहे के बटन और सजावटी तत्व हैं।
  • विनिर्देश: जैकेट की लंबाई लगभग घुटने तक है और यह पुरुषों के लिए बनाई गई थी।

ऑस्ट्रिया के सिग्लुन म्यूजियम में एक अद्भुत खोज हुई जब एक बर्फ से ढके हुए व्यक्ति के शव के साथ एक लौह युग का जैकेट मिला। यह जैकेट लगभग 2,500 साल पुराना है और यह उस समय के फैशन और तकनीक के बारे में अमूल्य जानकारी प्रदान करता है। जैकेट चमड़े से बना है और इसमें लोहे के बटन और सजावटी तत्व हैं। इस जैकेट की खोज से वैज्ञानिकों को उस समय के लोगों के जीवन शैली और कपड़ों के बारे में अधिक जानने में मदद मिली है। वैज्ञानिक जैकेट के कपड़े, डिजाइन और निर्माण तकनीकों का विस्तृत अध्ययन कर रहे हैं ताकि उस समय के फैशन और तकनीक के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की जा सके। यह जैकेट हमें इतिहास के उस दौर में ले जाता है जब लोग प्रकृति के साथ घनिष्ठ संबंध रखते थे और अपने कपड़े बनाने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते थे। यह खोज हमें याद दिलाती है कि हमारे पूर्वज कितने कुशल थे और उन्होंने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी जीवन यापन करने के लिए कितने नवीन तरीके विकसित किए थे।

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3. वेडेल सागर में रहस्यमयी छेद (Mysterious hole in the Weddell Sea)

  • कब मिला: 2016 और 2017 में पहली बार देखा गया
  • कहाँ मिला: अंटार्कटिका में वेडेल सागर (Weddell Sea) के ऊपर बर्फ की चादर में
  • कितने साल पहले का है: छेद की उत्पत्ति के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन यह एक प्राकृतिक घटना प्रतीत होती है।
  • आगे की राह: वैज्ञानिक इस घटना का अध्ययन कर रहे हैं ताकि इसके कारणों को समझ सकें।
  • अब कहाँ रखा है: यह एक प्राकृतिक घटना है, इसलिए इसे किसी विशेष स्थान पर नहीं रखा गया है।
  • प्रारूप: एक विशाल, गहरा छेद जो समय-समय पर बर्फ की चादर में दिखाई देता है।
  • विनिर्देश: छेद का आकार और गहराई समय के साथ बदलती रहती है, लेकिन यह स्विट्जरलैंड के आकार के बराबर हो सकता है।

अंटार्कटिका, दुनिया का सबसे ठंडा और शुष्क महाद्वीप, कई रहस्यों को अपने में समेटे हुए है। इनमें से एक रहस्यमयी छेद है जो वेडेल सागर के ऊपर बर्फ की चादर में समय-समय पर दिखाई देता है। 2016 और 2017 में इस छेद को पहली बार देखा गया था और इसका आकार इतना बड़ा था कि यह स्विट्जरलैंड के आकार के बराबर था। इस विशाल छेद ने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया और उन्होंने इसके बनने के कारणों को जानने के लिए कई अध्ययन किए।

वैज्ञानिकों का मानना है कि यह छेद समुद्र के पानी के तापमान में परिवर्तन के कारण बन सकता है। जब समुद्र का पानी गर्म होता है, तो यह बर्फ की चादर को नीचे से पिघला देता है और इस तरह एक बड़ा छेद बन जाता है। हालांकि, इस घटना के बारे में अभी भी बहुत कुछ पता नहीं है और वैज्ञानिक इस रहस्य को सुलझाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। यह छेद न केवल वैज्ञानिकों के लिए बल्कि आम लोगों के लिए भी एक रोचक विषय है। यह हमें याद दिलाता है कि हमारी पृथ्वी पर अभी भी बहुत कुछ है जो हमें आश्चर्यचकित कर सकता है।

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4. जमे हुए बेबी मैमथ (Frozen Baby Mammoth)

  • कब मिला: 1977 (सबसे प्रसिद्ध जमे हुए बेबी मैमथ “ल्युबा”)
  • कहाँ मिला: साइबेरिया
  • कितने साल पहले का है: लगभग 40,000 साल पुराना
  • आगे की राह: वैज्ञानिक डीएनए विश्लेषण के माध्यम से मैमथ के बारे में अधिक जानने की कोशिश कर रहे हैं। इसका लक्ष्य मैमथ को क्लोन करने या विलुप्त हो चुके जानवरों को पुनर्जीवित करने के प्रयासों में मदद करना है।
  • अब कहाँ रखा है: अधिकांश जमे हुए मैमथ के अवशेष संग्रहालयों या शोध संस्थानों में सुरक्षित रखे गए हैं।
  • प्रारूप: ल्युबा लगभग 1.3 मीटर लंबी और 50 किलोग्राम वजन की थी।
  • विनिर्देश: इन मैमथों के शव अक्सर परमाफ्रॉस्ट में बेहद अच्छी स्थिति में संरक्षित होते हैं।

साइबेरिया के विशाल टुंड्रा में, बर्फ के अंदर कई अद्भुत खोजें हुई हैं। इनमें से एक सबसे आश्चर्यजनक खोज है – जमे हुए बेबी मैमथ। 1977 में साइबेरिया में पाया गया “ल्युबा” नाम का बेबी मैमथ शायद सबसे प्रसिद्ध है। लगभग 40,000 साल पहले का यह मैमथ शिशु इतनी अच्छी तरह से संरक्षित था कि वैज्ञानिकों को उसके बारे में अविश्वसनीय मात्रा में जानकारी मिली।

ल्युबा के शरीर पर बाल, त्वचा और आंतरिक अंग भी मौजूद थे। वैज्ञानिकों ने उसके पेट में उसकी मां का दूध भी पाया। इस तरह के संरक्षण के कारण, वैज्ञानिक मैमथ के जीवनकाल के बारे में अधिक जानने में सक्षम हुए हैं। वे उसके आहार, स्वास्थ्य और यहां तक कि उसके अंतिम क्षणों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करने में सफल रहे हैं।

जमे हुए मैमथों का अध्ययन वैज्ञानिकों को इस विलुप्त प्रजाति के बारे में अधिक जानने में मदद करता है। वे डीएनए विश्लेषण के माध्यम से मैमथ और आधुनिक हाथियों के बीच संबंधों का अध्ययन कर रहे हैं। कुछ वैज्ञानिक तो मैमथ को क्लोन करने या विलुप्त हो चुके जानवरों को पुनर्जीवित करने के तरीकों पर भी काम कर रहे हैं। हालांकि, यह एक जटिल और विवादास्पद विषय है।

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5. एक खोए हुए अभियान की तस्वीर (Photo of a Lost Expedition)

  • कब मिला: 1989
  • कहाँ मिला: ग्रीनलैंड की बर्फ में दबी एक शोध शिविर में
  • कितने साल पहले का है: तस्वीर 1930 के दशक की अनुमानित है
  • आगे की राह: इतिहासकारों और ध्रुवीय शोधकर्ताओं ने इस तस्वीर के आधार पर उस अभियान के बारे में अधिक जानकारी जुटाने की कोशिश की।
  • अब कहाँ रखा है: तस्वीर को डेनमार्क के राष्ट्रीय संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया है।
  • प्रारूप: काला और सफेद फोटोग्राफ, 4×6 इंच
  • विनिर्देश: तस्वीर में एक समूह के लोग स्की और कुत्तों के साथ बर्फ में यात्रा करते हुए दिख रहे हैं।

ग्रीनलैंड की बर्फ की चादरें न केवल प्राचीन जलवायु परिवर्तन के बारे में जानकारी समेटे हुए हैं, बल्कि वे अतीत के खोए हुए रहस्यों को भी उजागर करती हैं। 1989 में, ग्रीनलैंड की बर्फ में दबी एक शोध शिविर में एक अद्भुत खोज हुई। वैज्ञानिकों को एक पुरानी, काली और सफेद तस्वीर मिली जो 1930 के दशक की अनुमानित थी। इस तस्वीर में एक समूह के लोग स्की और कुत्तों के साथ बर्फ में यात्रा करते हुए दिख रहे थे।

यह तस्वीर एक ऐसे अभियान की कहानी बताती है जो शायद कभी पूरा नहीं हुआ होगा। यह संभव है कि यह समूह कभी वापस नहीं लौटा हो और बर्फ के नीचे ही दब गया हो। इस तस्वीर ने ध्रुवीय अन्वेषण के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है और हमें उन लोगों के बारे में सोचने पर मजबूर किया है जिन्होंने अज्ञात को खोजने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली।

यह तस्वीर डेनमार्क के राष्ट्रीय संग्रहालय में सुरक्षित रखी गई है और इतिहासकारों और ध्रुवीय शोधकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। वे इस तस्वीर के आधार पर उस अभियान के बारे में अधिक जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। शायद भविष्य में हमें इस खोए हुए अभियान के बारे में और अधिक पता चल पाए।

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6. प्रथम विश्व युद्ध के अवशेष (Remnants of World War I)

  • कब मिला: 2022 (लगभग)
  • कहाँ मिला: तुर्की के उत्तर पश्चिम सनाक्काले प्रायद्वीप पर एक किले और आसपास के इलाके में मरम्मत के काम के दौरान
  • कितने साल पहले का है: प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के दौरान का
  • आगे की राह: 17 फ्रांसीसी सैनिकों के अवशेषों को फ्रांसीसी सेना के अधिकारियों के सुपुर्द कर दिया गया और उन्हें अन्य शहीद सैनिकों के साथ दफना दिया गया।
  • अब कहाँ रखा है: फ्रांस में अन्य शहीद सैनिकों के साथ दफनाया गया।
  • प्रारूप: मानव अवशेष
  • विनिर्देश: 17 फ्रांसीसी सैनिक

बर्फ के अंदर मिलने वाले खजाने सिर्फ प्राकृतिक ही नहीं होते, बल्कि इतिहास के पन्ने भी पलट सकते हैं। 2022 में, तुर्की के उत्तर पश्चिम सनाक्काले प्रायद्वीप पर एक किले और आसपास के इलाके में मरम्मत के काम के दौरान एक ऐसी ही खोज हुई। इस क्षेत्र में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मित्र सेनाओं ने उस्मानी तुर्कों के खिलाफ गलीपोली अभियान के दौरान लड़ाई लड़ी थी। मरम्मत के दौरान, 17 फ्रांसीसी सैनिकों के अवशेष मिले। ये सैनिक प्रथम विश्व युद्ध के दौरान गलीपोली के युद्ध में जान गंवा बैठे थे और लगभग एक सदी बाद उनकी पहचान हुई।

यह खोज इतिहास के एक अंधेरे अध्याय को फिर से जीवंत करती है। इन सैनिकों के अवशेषों को ढूंढना न केवल उनके परिवारों के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए एक भावनात्मक क्षण था। यह हमें याद दिलाता है कि युद्ध के निशान कितने गहरे होते हैं और कैसे समय बीतने के साथ भी वे हमें प्रभावित करते रहते हैं। इन सैनिकों को सम्मान के साथ दफनाया गया और उनके बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा। यह खोज हमें इतिहास के संरक्षण और युद्ध के दुष्परिणामों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रेरित करती है।

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7. एक आदिम झील (A Primitive Lake)

  • कब मिला: 2012
  • कहाँ मिला: कनाडा के आर्कटिक क्षेत्र में
  • कितने साल पहले का है: झील की आयु लाखों वर्ष आंकी जा रही है
  • आगे की राह: वैज्ञानिक इस झील के पानी और तलछट का विस्तृत अध्ययन कर रहे हैं ताकि पृथ्वी के प्राचीन जलवायु और जीवन के विकास के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की जा सके।
  • अब कहाँ रखा है: नमूने को कनाडा की एक प्रयोगशाला में सुरक्षित रखा गया है।
  • प्रारूप: झील गहरी और अंधेरी है।
  • विनिर्देश: झील में अद्वितीय सूक्ष्मजीवों की उपस्थिति वैज्ञानिकों के लिए एक रोमांचक खोज है।

अगर कोई ऐसी चीज़ है जिसकी आप बर्फ़ के नीचे मिलने की उम्मीद नहीं करेंगे, तो वह है तरल पानी। लेकिन जैसा कि पता चलता है, यह ज़रूरी नहीं है कि यह सच हो। 19वीं सदी में ही वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया था कि अंटार्कटिक बर्फ़ की चादर के नीचे तरल मीठा पानी मौजूद हो सकता है। भूतापीय तापन के कारण, उन्होंने तर्क दिया कि बर्फ़ की चादरों के नीचे का तापमान इतना ज़्यादा हो सकता है कि बर्फ़ पिघल जाए और जिसे हम अब सबग्लेशियल झील कहते हैं, वह बन जाए। 1970 के दशक तक इन झीलों के अस्तित्व की पुष्टि बर्फ़-भेदक रडार का उपयोग करके नहीं की गई थी, और 90 के दशक तक हमें दुनिया की सबसे बड़ी सबग्लेशियल झील – वोस्तोक झील की खोज नहीं हुई थी, जो पूर्वी अंटार्कटिक बर्फ़ की चादर के केंद्र में स्थित है। लेकिन सिर्फ़ इसलिए कि हम जानते थे कि यह वहाँ है, इसका मतलब यह नहीं था कि हम वास्तव में वहाँ पहुँच सकते थे। वोस्तोक दो मील बर्फ़ के नीचे दबा हुआ था और 2013 तक रूसी वैज्ञानिक इसे ड्रिल करके बर्फ़ का कोर प्राप्त करने में सफल नहीं हुए थे। उस समय तक, वोस्तोक झील 15 मिलियन वर्षों से बाकी दुनिया से अलग-थलग थी, इसलिए कोई भी वास्तव में नहीं जानता था कि इसमें क्या मिलेगा।

वैज्ञानिकों का मानना है कि यह झील लाखों सालों से बाहरी दुनिया से पूरी तरह अलग रही है। इस कारण से, इस झील में ऐसे सूक्ष्मजीव पाए जा सकते हैं जो पृथ्वी पर कहीं और नहीं पाए जाते। इन सूक्ष्मजीवों का अध्ययन करके, वैज्ञानिक जीवन के विकास के बारे में नई जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और यह समझ सकते हैं कि जीवन पृथ्वी पर सबसे कठिन परिस्थितियों में भी कैसे पनप सकता है। इस झील में पाए जाने वाले सूक्ष्मजीव, वैज्ञानिकों को अन्य ग्रहों पर जीवन की संभावना के बारे में भी महत्वपूर्ण सुराग प्रदान कर सकते हैं।

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8. ओट्ज़ी द आइसमैन (Otzi the Iceman)

  • कब मिला: 1991
  • कहाँ मिला: इटली और ऑस्ट्रिया की सीमा पर ऑट्ज़ाल आल्प्स (Autzal Alps) में
  • कितने साल पहले का है: लगभग 5,300 साल पुराना
  • आगे की राह: वैज्ञानिक ओट्ज़ी के शरीर और उसके साथ मिले सामानों का अध्ययन करके उस काल के जीवन के बारे में अधिक जानने की कोशिश कर रहे हैं।
  • अब कहाँ रखा है: ओट्ज़ी को विशेष रूप से डिजाइन किए गए एक फ्रीजर में रखा गया है जो लगातार -6 डिग्री सेल्सियस तापमान पर बना रहता है।
  • प्रारूप: ओट्ज़ी एक पुरुष था जिसकी ऊंचाई लगभग 160 सेंटीमीटर थी।
  • विनिर्देश: उसके शरीर पर कई टैटू थे और उसके पास तीर-कमान, एक कुल्हाड़ी और अन्य उपकरण थे।

1991 में इटली और ऑस्ट्रिया की सीमा पर ओट्ज़ल आल्प्स में दो जर्मन पर्यटकों द्वारा खोजा गया, ओटजी एक ऐसे व्यक्ति की बर्फ की ममी थी जो 5,300 साल से भी पहले, ताम्र युग के दौरान रहता था। वह बर्फीले पहाड़ों को पार करने की कोशिश कर रहा था जब उस पर हमला किया गया और उसे तीर से मार दिया गया। संभवतः, वह खून की कमी से मर गया और हज़ारों सालों तक बर्फ में उल्लेखनीय रूप से सुरक्षित रहा। उसके साथ, वैज्ञानिकों ने ओटजी के पास मौजूद सभी वस्तुओं को भी बरामद किया, जिसमें उसके कपड़े, उपकरण और हथियार शामिल थे। उनकी सबसे प्रभावशाली संपत्ति एक उत्तम कुल्हाड़ी थी जो 99.7 प्रतिशत शुद्ध तांबे से बनी थी, जो उस समय की एक दुर्लभ और अविश्वसनीय रूप से मूल्यवान वस्तु थी। अपनी खोज के बाद से 30 वर्षों में, ओटजी का गहराई से अध्ययन किया गया था, फिर भी हम अभी भी उसकी ममी की बदौलत उसके और ताम्र युग के लोगों के बारे में नई चीजें सीख रहे हैं।

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