राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना | National Apprenticeship Promotion Scheme | NAPS, भारत सरकार की एक योजना है जो भारत में प्रशिक्षुता को बढ़ावा देने के लिए उद्देश्य से लागू की गयी है। यह योजना 19 दिसंबर, 2016 को कानपुर में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आरम्भ की गयी और इसके तहत 15 प्रतिष्ठानों को प्रतिपूर्ति चेक का वितरण किया गया। यह योजना 19 अगस्त, 2016 से प्रभावी है। इस योजना ने पहले से चल रही प्रशिक्षु प्रोत्साहन योजना का स्थान लिया है।
योजना का परिव्यय 10,000 करोड़ रुपये है। योजना का लक्ष्य वर्ष 2019-2020 तक 50 लाख प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित करना है। यह पहली योजना है जिसमें प्रशिक्षुओं के प्रशिक्षण में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए नियोक्ताओं को वित्तीय प्रोत्साहन देने की व्यवस्था है।
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राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना | National Apprenticeship Promotion Scheme | NAPS
आदिकाल से ही कौशल का स्थानांतरण प्रशिक्षुओं (Trainee) की परम्परा के माध्यम से होता आ रहा है। एक युवा प्रशिक्षु एक मास्टर दस्तकार से कला सीखने की परम्परा के तहत काम करेगा, जबकि मास्टर दस्तकार को बुनियादी सुविधाओं के माध्यम से प्रशिक्षु को प्रशिक्षण देने के बदले में श्रम का एक सस्ता साधन प्राप्त होगा। कौशल विकास की इस परम्परा के द्वारा नौकरी हेतु प्रशिक्षण देना समय की कसौटी पर खरा उतरा है और यही दुनिया के अनेक देशों में कौशल विकास कार्यक्रमों का आधार भी बना है।
उल्लेखनीय है कि विश्व के अनेक देशों में प्रशिक्षुता मॉडल को लागू किया जा रहा है। जापान में 1 करोड़ से अधिक प्रशिक्षु हैं, जबकि जर्मनी में 30 लाख, अमेरिका में ५ लाख प्रशिक्षु हैं। जबकि भारत जैसे विशाल देश में केवल 3 लाख प्रशिक्षु ही मौजूद हैं। भारत की वृहद जनसंख्या को देखते हुए देश में 18 से 35 वर्ष की आयु वर्ग के 30 करोड़ लोग मौजूद होने के बावजूद इतने कम प्रशिक्षु ही मौजूद हैं। देश में उपस्थित इसी क्षमता का आकलन करते हुए भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कुशल भारत अभियान (Skill India Program) तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (Ministry of Skill Development and Entrepreneurship) का नवंबर, 2014 में गठन किया।
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राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना के प्रमुख बिंदु | Key points of National Apprenticeship Promotion Scheme
- उल्लेखनीय है कि दुनिया के अनेक देशों में प्रशिक्षुता मॉडल को लागू किया जा रहा है। जापान में 10 मिलियन से अधिक प्रशिक्षु हैं, जबकि जर्मनी में तीन मिलियन, अमेरिका में 0.5 मिलियन प्रशिक्षु हैं, जबकि भारत जैसे विशाल देश में केवल 0.3 मिलियन प्रशिक्षु (Trainee) ही मौजूद हैं।
- भारत की वृहद जनसंख्या तथा जनसांख्यिकीय लाभांश को देखते हुए देश में 18 से 35 वर्ष की आयु वर्ग के 300 मिलियन लोग मौजूद होने के बावजूद यह संख्या बहुत कम है।
- देश में उपस्थित इसी जनसांख्यिकी लाभांश की क्षमता का आकलन करते हुए भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कौशल भारत अभियान (Skill India Program) तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (Ministry of Skill Development and Entrepreneurship) का नवंबर, 2014 में गठन किया।
- इस अभियान का उद्देश्य भारत को दुनिया की कौशल राजधानी के रूप में विकसित करना है |
- इसके साथ-साथ देश में प्रशिक्षु के मॉडल को अपनाने की भावना को बढ़ावा देने के लिये निम्न दो प्रमुख कदम भी उठाए गए हैं –प्रशिक्षु अधिनियम (Apprentices Act 1961) में संशोधन तथा प्रशिक्षु प्रोत्साहन योजना की जगह राष्ट्रीय प्रशिक्षु प्रोत्साहन योजना (National Apprenticeship Promotion Scheme) की शुरुआत करना।
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प्रशिक्षु अधिनियम 1961 | Apprentice Act 1961
- प्रशिक्षु अधिनियम, 1961 को नौकरी हेतु प्रशिक्षण देने के लिए उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग करते हुए उद्योग में प्रशिक्षु के प्रशिक्षण को नियमित करने के उद्देश्य से विनियमित किया गया था।
- इस अधिनियम के तहत नियोक्ताओं के लिये एक अनिवार्य प्रावधान किया गया है|
- इस प्रावधान के अंतर्गत नियोक्ता प्रशिक्षुओं को उद्योग में काम करने के लिये प्रशिक्षण सुनिश्चित करेंगे ताकि स्कूल छोड़ने वालों और आईटीआई से उत्तीर्ण होने वाले लोगों को बेहतर रोज़गार के अवसर प्राप्त हो सकें।
- गौरतलब है कि इनमें स्नातक इंजीनियर, डिप्लोमा और प्रमाणपत्र धारक (Graduate Engineer, Diploma and Certificate Holders) व्यक्तियों का कुशल श्रम आदि का विकास किया जाएगा।
- विचारणीय है कि पिछले कुछ दशकों के दौरान प्रशिक्षु प्रशिक्षण योजना (Apprenticeship Training Scheme-ATS) का प्रदर्शन भारत की अर्थव्यवस्था के अनुरूप नहीं रहा है| इसके अतिरिक्त यह भी पाया गया है कि उद्योगों में उपलब्ध प्रशिक्षण सुविधाओं का सटीक एवं उचित इस्तेमाल भी नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण बेराज़गार युवा एटीएस के लाभ से वंचित रह जाते हैं।
- गौरतलब है कि एटीएस के विषय में प्राप्त शिकायतों के आधार पर प्रशिक्षु अधिनियम, 1961 के प्रावधानों में वर्ष 2014 में कुछ संशोधन किये गए हैं| इन संशोधनों ने 22 दिसंबर, 2014 से प्रभावी रूप (National Apprenticeship Promotion Scheme | NAPS) धारण कर लिया।
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राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना की पात्रता | Eligibility for National Apprenticeship Promotion Scheme
- आईटीआई पाठ्यक्रमों से उत्तीर्ण छात्र आवेदन कर सकते हैं।
- जिन्होंने पीएमकेवीवाई/एमईएस-एसडीआई पाठ्यक्रम (PMKVY/MES-SDI Syllabus) या राज्य सरकार केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है वह आवेदन कर सकते हैं।
- स्नातक/डिप्लोमा धारक या किसी भी स्ट्रीम में स्नातक/डिप्लोमा कर रहे या 10+2 व्यवसायिक प्रमाण पत्र धारक आवेदन कर सकते हैं।
- वह उम्मीदवार जिनके पास किसी ट्रेड के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता है और उन्होंने अभी तक कोई औपचारिक ट्रेड प्रशिक्षण नहीं लिया है वह आवेदन कर सकते हैं |
- इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थी को ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा। नीचे दी गई टेबल (table) के जरिये इस योजना की पात्रता को और अच्छे तरीके से समझने का प्रयास किया गया है :–
श्रेणी | न्यूनतम आयु | अधिकतम आयु | न्यूनतम शैक्षिक योग्यता | आधार संख्या | आधार लिंक बैंक खाता |
---|---|---|---|---|---|
ITI Pass Out | 14 | लागू नहीं | व्यापार के अनुसार | अनिवार्य | अनिवार्य |
Dual -Mode Trainee of ITI | 14 | लागू नहीं | व्यापार के अनुसार | अनिवार्य | अनिवार्य |
PMKVY/MES Pass Out | 14 | लागू नहीं | व्यापार के अनुसार | अनिवार्य | अनिवार्य |
Fresher | 14 | 21 | व्यापार के अनुसार | अनिवार्य | अनिवार्य |
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राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना की प्रमुख विशेषताऐं | Salient features of National Apprenticeship Promotion Scheme
- प्रशिक्षुओं के लिए व्यापक विकल्प (Wide options for trainees) – अन्य योजनाओं के साथ एकीकरण – राज्य सरकार / केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित पाठ्यक्रम जैसे पीएमकेवीवाई, डीडीयू-जीकेवाई आदि को शिक्षुता प्रशिक्षण से जोड़ा जाएगा। इन पाठ्यक्रमों को वैकल्पिक ट्रेडों का दर्जा दिया जाएगा और ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण के लिए प्रासंगिक व्यावहारिक सामग्री संबंधित पाठ्यक्रम अनुमोदन प्राधिकारी द्वारा जोड़ी जाएगी।
- प्रौद्योगिकी के माध्यम से प्रशासन में आसानी (Ease of administration through technology) – एक विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया ऑनलाइन पोर्टल “apprenticeshipindia.org” का उपयोग शिक्षुता प्रशिक्षण ऑनलाइन के संपूर्ण कार्यान्वयन को प्रशासित करने के लिए किया जाएगा। यह उम्मीदवारों, उद्योग, डीजीटी, आरडीएसडीई, एनएसडीसी, एसएए, एसएसडीएम और बीटीपी (Candidates, Industries, DGT, RDSDE, NSDC, SAA, SSDM and BTP) जैसे सभी प्रमुख हितधारकों की आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
- राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की भागीदारी (राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की भागीदारी) – शिक्षु अधिनियम के अनुसार, राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठानों में शिक्षुता प्रशिक्षण की निगरानी संबंधित राज्य सरकारों द्वारा की जाती है। कार्यक्रम को लागू करने में राज्यों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि अधिकांश छोटे उद्योग और MSME राज्य के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। इसलिए सुधारों के इरादे से राज्यों और राज्य कौशल विकास मिशनों (Skill Development Missions (SSDM) और जिला स्तर तक के अधिकारियों को भी संवेदनशील बनाना महत्वपूर्ण और प्राथमिकता का मामला है। केंद्र और राज्य दोनों सरकारों द्वारा प्रवर्तित की जा रही जिला कौशल समितियों को अपने जिले में शिक्षुता के अवसरों की पहचान करने और उनका उचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य किया जाएगा।
- प्रमोटर और फैसिलिटेटर्स/थर्ड पार्टी एग्रीगेटर्स (Promoters and Facilitators/Third Party Aggregators (TPA) – चूंकि इस योजना में कई हितधारक शामिल हैं, शिक्षुओं को जुटाने के लिए फैसिलिटेटर्स या थर्ड पार्टी एग्रीगेटर्स (Facilitators or Third Party Aggregators (TPA) की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है, उनकी प्राथमिकताओं को एपेंटिसशिप अवसरों के लिए प्रतिष्ठानों से मांग के साथ मैप किया जाता है। पोर्टल, और बुनियादी प्रशिक्षण प्रदाताओं की पहचान करने में स्थापना की मदद करना। टीपीए को उनके चयन के लिए एमएसडीई द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार नियुक्त किया जाता है।
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प्रशिक्षुओं की श्रेणियाँ | Categories of Trainees
एनएपीएस प्रशिक्षुता श्रेणियों की एक विविध श्रेणी को पूरा करता है, जो समावेशिता और पहुंच सुनिश्चित करता है:–
- व्यापार शिक्षुता (Trade apprenticeship) : 8वीं कक्षा से लेकर बी.एस.सी. तक की योग्यता वाले व्यक्तियों के लिए प्रशिक्षुता उपलब्ध है। यह श्रेणी शिक्षार्थियों के व्यापक स्पेक्ट्रम को शामिल करती है।
- स्नातक शिक्षुता (Graduate apprenticeship) : इंजीनियरों और स्नातकों के लिए डिज़ाइन की गई यह श्रेणी उच्च शिक्षा प्राप्त करने वालों को विशेष प्रशिक्षुता प्रदान करती है।
- तकनीशियन शिक्षुता (Technician apprenticeship) : डिप्लोमा धारकों के लिए, यह श्रेणी उनके चुने हुए क्षेत्रों में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने के अवसर प्रदान करती है।
- तकनीकी शिक्षुता (Technical apprenticeship) : 10+2 स्नातकों को सेवा प्रदान करने वाली यह श्रेणी अकादमिक शिक्षा और व्यावहारिक अनुभव के बीच के अंतर को पाटती है।
- वैकल्पिक व्यापार शिक्षुता (Alternative Trade Apprenticeship) : यह श्रेणी व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास को बढ़ावा देते हुए 5वीं कक्षा तक की न्यूनतम योग्यता वाले लोगों को प्रशिक्षुता प्रदान करती है।
शिक्षुता प्रशिक्षण के मार्ग | Apprenticeship training routes
एनएपीएस व्यक्तियों को उनकी प्रशिक्षुता यात्रा शुरू करने के लिए कई मार्ग प्रदान करता है:
1. आईटीआई पासआउट (ITI Passout)
- बुनियादी प्रशिक्षण अवधि: आवश्यक नहीं (Basic training duration: Not required)
- व्यावहारिक प्रशिक्षण/नौकरी पर प्रशिक्षण अवधि: न्यूनतम 1 वर्ष, अधिकतम 2 वर्ष (Practical training/job training duration: Minimum 1 year, Maximum 2 years)
2. पीएमकेवीवाई/एमईएस-एसडीआई पाठ्यक्रम या राज्य/केंद्र सरकार की मंजूरी वाले प्रशिक्षु (PMKVY/MSDE approved program or state/central government approved trainee)
- बुनियादी प्रशिक्षण अवधि: आवश्यक नहीं (Basic training duration: Not required)
- व्यावहारिक प्रशिक्षण/नौकरी पर प्रशिक्षण अवधि: न्यूनतम 1 वर्ष, अधिकतम 2 वर्ष (Practical training/job training duration: Minimum 1 year, Maximum 2 years)
3. स्नातक/डिप्लोमा धारक या इंजीनियरिंग, मेडिकल, या पैरामेडिकल में स्नातक/डिप्लोमा कर रहे हैं (Graduate/diploma holder or pursuing graduation/diploma in engineering, medical, or paramedical)
- बुनियादी प्रशिक्षण अवधि: आवश्यक नहीं (Basic training duration: Not required)
- व्यावहारिक प्रशिक्षण/नौकरी पर प्रशिक्षण अवधि: अधिकतम 1 वर्ष (Practical training/job training duration: Maximum 1 year)
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4. कला, वाणिज्य या विज्ञान स्ट्रीम में स्नातक/डिप्लोमा धारक/10+2 व्यावसायिक प्रमाणपत्र धारक (Graduate/diploma holder or 10+2 vocational certificate holder in arts, commerce, or science stream)
- बुनियादी प्रशिक्षण अवधि: आवश्यक नहीं (Basic training duration: Not required)
- व्यावहारिक प्रशिक्षण/नौकरी पर प्रशिक्षण अवधि: अधिकतम 1 वर्ष (Practical training/job training duration: Maximum 1 year)
5. आईटीआई से डुअल-लर्निंग मोड (Dual learning mode from ITI)
- बुनियादी प्रशिक्षण अवधि: आवश्यक नहीं (Basic training duration: Not required)
- व्यावहारिक प्रशिक्षण/नौकरी पर प्रशिक्षण अवधि: न्यूनतम 5 महीने, अधिकतम 9 महीने (Practical training/job training duration: Minimum 5 months, Maximum 9 months)
6. नवसिखुआ प्रशिक्षु (Fresh trainee)
- बुनियादी प्रशिक्षण अवधि: 3 महीने (Basic training duration: 3 months)
- व्यावहारिक प्रशिक्षण/नौकरी पर प्रशिक्षण अवधि: न्यूनतम 1 वर्ष, अधिकतम 2 वर्ष (Practical training/job training duration: Minimum 1 year, Maximum 2 years)
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राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना के लाभ | Benefits of National Apprenticeship Promotion Scheme
National Apprenticeship Promotion Scheme, प्रशिक्षुता के अवसर प्रदान करने तक ही सीमित नहीं है अपितु यह नियोक्ताओं और प्रशिक्षुओं दोनों का समर्थन करने वाली एक मत्वपूर्ण योजना है |
- लागत-साझाकरण (Cost-sharing): सरकार प्रशिक्षण की लागत को नियोक्ताओं के साथ साझा करती है, जिससे प्रशिक्षुता व्यवसायों के लिए वित्तीय रूप से व्यवहार्य हो जाती है।
- पाठ्यक्रम कवरेज (Course coverage): एनएपीएस में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), मॉड्यूलर रोजगार योग्य कौशल और राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा अनुमोदित अन्य कार्यक्रमों के तहत पाठ्यक्रम शामिल हैं, जो कौशल विकास के दायरे को व्यापक बनाते हैं।
- सीट और रिक्ति की जानकारी (Seat and vacancy information): आवेदक आधिकारिक पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध प्रशिक्षुता सीटों और रिक्तियों के बारे में आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जिससे पारदर्शिता बढ़ती है।
- निगरानी (Supervision): आधिकारिक पोर्टल जवाबदेही और गुणवत्ता सुनिश्चित करने, प्रशिक्षुता प्रशिक्षण के लिए एक निगरानी उपकरण के रूप में भी कार्य करता है।
- ऑनलाइन लेनदेन (Online transactions): NAPS प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाते हुए सरकार के हिस्से के ऑनलाइन भुगतान और दावों को प्रस्तुत करने की सुविधा प्रदान करता है।
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राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना के आवश्यक दस्तावेज | Necessary documents of National Apprenticeship Promotion Scheme
- आधार कार्ड (Aadhar Card)
- पैन कार्ड (PAN Card)
- बैंक अकाउंट जानकारी (Bank Account Information)
- शिक्षा संबंधी सभी दस्तावेज (Educational Documents)
- जाति प्रमाण पत्र (Caste Certificate)
- आय प्रमाण पत्र (Income Certificate)
- स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र (Residence Certificate)
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राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना में आवेदन करे | Apply for National Apprenticeship Promotion Scheme
इस स्कीम के लाभार्थी बनने हेतु आप को यहाँ दिए गए प्रक्रिया को फॉलो करना होगा।
- सबसे पहले National Apprenticeship Promotion Scheme की ऑफिसियल वेबसाइट www.apprenticeshipindia.gov.in पर जाएँ।
- होम पेज पर Apply For Apprenticeship Training के विकल्प पर क्लिक करें।
- अगले पेज पर आवेदाब पत्र खुल जाएगा।
- यहाँ पूछी गयी सभी जानकारी को भरें जैसे – Establishment Name, Region, State, District आदि। इसके बाद आप सर्च पर क्लिक करें।
- अब आप के सामने इस्टैब्लिशमेंट विवरण खुल जाएगा। सुविधा के अनुसार किसी एक पर क्लिक करें।
- इस के बाद आप को सर्च पर क्लिक कर दें।
- इस के बाद आप के सामने आवेदन पत्र खुल जाएगा। जिसमें पूछी गयी सभी जानकरी भरने के बाद आप को Submit पर क्लिक करें।
- इस तरह आप की आवेदन की प्रक्रिया पूरी होती है।
FAQs
प्रश्न 1: राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (NAPS) क्या है?
उत्तर: NAPS भारत सरकार की एक पहल है जो युवाओं को रोजगार योग्य बनाने के लिए प्रशिक्षुता को बढ़ावा देती है। यह योजना कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) द्वारा संचालित है।
प्रश्न 2: NAPS का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: NAPS का मुख्य उद्देश्य युवाओं को उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें रोजगार योग्य बनाना है।
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प्रश्न 3: NAPS के तहत कौन-कौन से लाभ मिलते हैं?
उत्तर: NAPS के तहत प्रशिक्षुओं को कई लाभ मिलते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- प्रशिक्षण के दौरान वजीफा (Stipend during training)
- सामाजिक सुरक्षा (Social security)
- रोजगार के अवसर (Employment opportunities)
- कौशल प्रमाणन (Skill certification)
प्रश्न 4: NAPS के लिए पात्रता क्या है?
उत्तर: NAPS के लिए पात्रता मानदंड निम्नलिखित हैं:
- आवेदक की आयु 15 से 29 वर्ष के बीच होनी चाहिए। (The applicant should be between 15 and 29 years old.)
- आवेदक ने कम से कम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण की हो। (The applicant must have passed at least the 10th grade.)
- आवेदक को संबंधित क्षेत्र में रुचि और योग्यता होनी चाहिए। (The applicant should have interest and qualification in the relevant field.)
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प्रश्न 5: NAPS के लिए आवेदन कैसे करें?
उत्तर: NAPS के लिए आवेदन ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है।
- ऑनलाइन आवेदन: NAPS की आधिकारिक वेबसाइट [अमान्य यूआरएल हटाया गया] पर जाकर आवेदन किया जा सकता है।
- ऑफलाइन आवेदन: आवेदन पत्र NAPS के कार्यालयों से प्राप्त किए जा सकते हैं।
प्रश्न 6: NAPS के बारे में अधिक जानकारी कहां से प्राप्त करें?
उत्तर: NAPS के बारे में अधिक जानकारी निम्नलिखित स्रोतों से प्राप्त की जा सकती है:
- NAPS की आधिकारिक वेबसाइट: https://www.apprenticeshipindia.gov.in/
- NAPS के कार्यालय: https://apprenticeshiptraining.delhi.gov.in/apprenticeshiptraining/naps
- MSDE की वेबसाइट: https://msde.gov.in/
प्रश्न 7: NAPS कितनी सफल रही है?
उत्तर: NAPS एक सफल योजना रही है। 2023 तक, NAPS के तहत 50 लाख से अधिक प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया गया है।
प्रश्न 8: NAPS के भविष्य के बारे में क्या है?
उत्तर: NAPS को और अधिक मजबूत बनाने के लिए सरकार कई पहल कर रही है। इन पहलों में शामिल हैं:
- NAPS के तहत प्रशिक्षुओं की संख्या बढ़ाना (Increasing the number of trainees under NAPS)
- NAPS के तहत प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार करना (Improving the quality of training under NAPS)
- NAPS के बारे में जागरूकता बढ़ाना (Increasing awareness about NAPS)
प्रश्न 9: NAPS के बारे में आपकी क्या राय है?
उत्तर: NAPS एक महत्वपूर्ण योजना है जो युवाओं को रोजगार योग्य बनाने और भारत में कुशल श्रम बल को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है |
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