राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन | National Health Mission | NHM

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन | National Health Mission | NHM राज्‍य सरकारों को लचीला वित्‍त पोषण उपलब्‍ध कराकर ग्रामीण और शहरी स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र को पुर्नजीवित करने का सरकार का स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम है। राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन में चार घटक शामिल हैं। जिनके नाम हैं- राष्‍ट्रीय ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य मिशन, राष्‍ट्रीय शहरी स्‍वास्‍थ्‍य मिशन, तृतीयक देखभाल कार्यक्रम और स्‍वास्‍थ्‍य तथा चिकित्‍सा शिक्षा के लिए मानव संसाधन।

राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन, प्रजनन और बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य से परे ध्‍यान केंद्रित कर स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का विस्‍तार करने के सरकार के प्रयास को दर्शाता है। इसलिए इसके तहत संक्रामक और गैर-संक्रामक बीमारियों के दोहरे बोझ से निपटने के साथ ही जिला और उप जिला स्‍तर पर बुनियादी ढांचा सुविधाओं में सुधार किया गया है। राष्‍ट्रीय शहरी स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के बेहतर कार्यान्‍वयन के लिए राष्‍ट्रीय ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य मिशन की सीख को राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन में समन्वित किया गया है। वर्ष 2017-18 के लिए राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के वास्‍ते 26,690 करोड़ रूपये आवंटित किए गए हैं, जो भारत सरकार की केंद्र प्रायोजित सबसे बड़ी योजनाओं में से एक है।

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन | National Health Mission | NHM

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन | National Health Mission | NHM एक स्वास्थ्य सुधार के लिए स्वास्थ्य कार्यक्रम है। यह योजना 12 April 2005 को शुरू की गयी। आरंभ में यह मिशन केवल सात साल (2005-2012) के लिए रखा गया है, यह कार्यक्रम स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) द्वारा चलाया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुरक्षा में केंद्र सरकार की यह एक प्रमुख योजना है। इसका प्रमुख उद्देश्य पूर्णतया कार्य कर रही, सामुदायिक स्वामित्व की विकेंद्रित स्वास्थ्य प्रदान करने वाली प्रणाली विकसित करना है। यह ग्रामीण क्षेत्रों में सुगमता से वहनीय और जवाबदेही वाली गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सेवायें मुहैया कराने से संबंधित है।

राष्ट्रीय स्वस्थ्य मिशन (NHM) में दो उप-मिशन शामिल हैं | पहला राष्ट्रीय ग्रामीण स्वस्थ्य मिशन (NRHM)और दूसरा राष्ट्रीय शहरी स्वस्थ्य मिशन (NUHM)| ग्रामीण और शहरी क्षेत्रो में स्वस्थ्य प्रणाली के सुदृढ़ीकरण में प्रमुख कार्यक्रम सम्बन्धी संघटक  हैं-   प्रजनन-मातृ नवजात शिशु और किशोर स्वस्थ्य (Reproductive-Maternal, Newborn, Child and Adolescent Health) (RMNCA-A) और संक्रामक तथा गैर – संक्रामक रोग |

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन | National Health Mission | NHM

यह योजना विभिन्न स्तरों पर चल रही लोक स्वास्थ्य सुपुर्दगी प्रणाली को मजबूत बनाने के साथ-साथ विद्यमान सभी कार्यक्रमों (जैसे- प्रजनन बाल स्वास्थ्य परियोजना, एकीकृत रोग निगरानी, मलेरिया, कालाज़ार, तपेदिक तथा कुष्ठ आदि) के लिए एक ही स्थान पर सभी सुविधाएं प्रदान करने से संबंधित है। इस योजना को पूरे देश में, विशेषकर 18 राज्यों में जिनमें स्वास्थ्य अवसंरचना अत्यंत दयनीय तथा स्वास्थ्य संकेतक निम्न हैं, लागू किया गया है। इस योजना के क्रियान्वयन में लगीं प्रशिक्षित आशा की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। लगभग प्रति 1000 ग्रामीण जनसंख्या पर 1 आशा कार्यरत है। 2012-13 के संघीय बजट में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के संबंध में 18115 करोड़ रूपये की धनराशि आवंटित की गयी है।

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संदर्भ | Reference

  • NHM को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2013 में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (वर्ष 2005 में शुरू) और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (वर्ष 2013 में शुरू) को मिलाकर शुरू किया गया था।
  • मुख्य कार्यक्रम संबंधी घटकों में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्रजनन-मातृ-नवजात-बाल और किशोर स्वास्थ्य (RMNCH+A) तथा संचारी एवं गैर-संचारी रोगों के लिये स्वास्थ्य प्रणाली को मज़बूत करना शामिल है।
  • NHM न्यायसंगत, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुँच की परिकल्पना करता है जो लोगों की ज़रूरतों के प्रति जवाबदेह और उत्तरदायी है।
  • NHM सहायता में मातृ स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य, किशोर स्वास्थ्य, परिवार नियोजन, सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम और तपेदिक जैसी प्रमुख बीमारियों तथा वेक्टर जनित बीमारियों जैसे- मलेरिया, डेंगू , काला आजार  (विसरल लीशमैनियासिस या ब्लैक फीवर या दमदम बुखार) एवं कुष्ठ रोग आदि से संबंधित मुफ्त सेवाओं का प्रावधान है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कितने प्रकार के होते हैं -Types of National Healthmission in Hindi

एनएचएम के दो मुख्य प्रकार हैं, जिन्हें राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के नाम से जाना जाता है। एनआरएचएम के तहत, डीएच ( जिला अस्पताल) स्तर तक सुलभ, सस्ती, जवाबदेह और प्रभावी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों (यूटी) को सहायता प्रदान की जाती है, विशेषकर जनसंख्या के गरीब और कमजोर तबकों को।

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• राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (National Rural Health Mission)

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन 2005 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य मुख्य रूप से देश की ग्रामीण आबादी को सस्ती और अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। इस मिशन में खास तौर पर कमजोर वर्ग पर फोकस किया गया है. इस मिशन का उद्देश्य प्रत्येक स्थान पर पूर्णतः कार्यात्मक स्वास्थ्य प्रणाली स्थापित करना है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की स्थापना जल, स्वच्छता, पोषण, शिक्षा, सामाजिक और लैंगिक समानता जैसी सभी स्थितियों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता निर्धारित करने के लिए की गई है।

राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (National Urban Health Mission)

राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन का मुख्य उद्देश्य शहरी आबादी की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना है, मुख्य रूप से झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों और अन्य कमजोर समूहों पर ध्यान केंद्रित करना है। इस मिशन के अंतर्गत आने वाली जनता को अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जाती हैं। एनयूएचएम उन सभी जिला मुख्यालयों, राज्यों की राजधानियों और अन्य को कवर करता है, जिनकी जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 50 हजार से अधिक है। ऐसे शहर और कस्बे शामिल हैं जिनकी आबादी 50 हजार से कम है उन्हें राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के तहत कवर किया गया है |

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रस्तावित कार्य | Proposed tasks of National Health Mission

  • गांव में स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करना – आशा/ सहिया द्वारा उप केंद्रों की क्षमताओं के विकास के लिए:- जरूरत के अनुसार नये उपकेंद्र उपकेंद्र की बिल्डिंग का निर्माण जरूरत के अनुसार एक और महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता एएनएम की नियुक्ति जो उसी क्षेत्र की होगी।
  • हर उप-केंद्र को रुपया 10,000 की गैर मद निर्धारित अनुदान राशि दी जायेगी जो सरपंच और महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता एएनएम के नाम से बैंक में जमा होगा।
  • महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता इसका इस्तेमाल ग्राम स्वास्थ्य समिति से चर्चा करके कर सकती है।
  • सारी आवश्यक दवाईयां उपलब्ध होंगी।
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के क्रियान्वयन हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 24 घंटे खुले रहेंगे और नर्सिंग की सुविधा उपलब्ध होगी कुछ चुनिंदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 24 घंटे का अस्पताल बनाया जायेगा जिसमें आपातकालीन सेवाएं प्राप्त हो सकें|
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दो और नर्स की नियुक्ति – कुल तीन नर्स जरूरत के अनुसार एक और डॉक्टर  – आयुर्वेदिक, यूनानी होमियोपैथी की नियुक्ति|
  • हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को रुपया 10,000 का अनुदान मिलेगा जिसे स्थानीय स्वास्थ्य संबंधी कार्य के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के रख-रखाव के लिए रुपया 50,000 दिया जायेगा।
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को चलाने के लिए इनमें रोगी कल्याण समिति का गठन।
  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को प्रोत्साहित करने के लिए रुपया 1,00,000 की अनुदान राशि। शर्त यह है कि यह राशि राज्य को तभी दी जाये जब राज्य यह वचन दे कि रोगी कल्याण समित जो पैसा इकटठा करती है उसे वह उसी के पास रहेगा, राज्य के खाते में नहीं जायेगा।
  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए :- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की क्षमता का विकास / उच्च स्तरीय ताकि उनमें 24 घंटे चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध होंगी।

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना का लक्ष्य | Goal of National Health Mission Yojana | NHM

  • खसरा, मंप्स और रूबेल (Measles, Mumps and Rubella) (MMR) को 1/1000 जीवित जन्मों तक कम करें|
  • MMR को घटाकर 25/1000 जीवित जन्म तक लाना |
  • Total Fertility Rate (TFR) को घटाकर 2.1 करें |
  • 15-49 वर्ष की महिलाओं में एनीमिया (Anemia) की रोकथाम और कमी |
  • कुल स्वास्थ्य देखभाल व्यय पर घरेलू खर्च को कम करें |
  • तपेदिक(tuberculosis) से होने वाली वार्षिक घटनाओं और मृत्यु दर को आधे से कम करें |
  • सभी जिलों में कुष्ठ रोग की व्यापकता (prevalence of Leprocy) को कम करके <1/10000 जनसंख्या और घटना को शून्य पर लाना |
  • वार्षिक मलेरिया (malaria) की घटना <1/1000 होनी चाहिए |
  • सभी जिलों में माइक्रोफ़ाइलेरिया (microfilaria) का प्रसार 1 % से कम |
  • 2015 तक काला-अज़ार उन्मूलन, <सभी ब्लॉकों में प्रति 10000 जनसंख्या पर 1 मामला|

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