वन रैंक, वन पेंशन योजना 2024 | One Rank, One Pension Yojana 2024 | OROP

5 सितम्बर 2015 के दिन वन रैंक, वन पेंशन योजना 2024 | One Rank, One Pension Yojana 2024 | OROP पर सरकार ने दिया एतिहासिक फैसला | 40 वर्षो के बाद इस पर किसी सरकार ने फैसला लिया हैं | रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर  ने प्रेस कांफ्रेंस करके सारी शर्ते सामने रखी | उन्हें साफ़ शब्दों में कहा कि पूर्व सरकार के पास वन रैंक वन पेंशन को लेकर कोई मजबूत रोड मेप नहीं था | इस पुरे OROP में सरकार का एस्टीमेट 10 हजार करोड़ का होगा जो बढ़ता रहेगा | जिससे सरकार पर काफी बदलाव आयेंगे लेकिन यह एक अहम् मुद्दा हैं जिस पर फैसला सुनाना अनिवार्य था | रक्षा मंत्री मनोहर परिकर ने बीजेपी अध्यक्ष अमीत शाह  से मीटिंग करने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में सरकार की तरफ से अपनी बात रखी जिसमे उन्होंने कहा की सरकार ने वन रैंक वन पेंशन को लागु करने का फैसला ले लिया हैं | यह पेंशन जुलाई 2014 से लागु की जायेगी |एरियर 4 किश्तों में देने का ऐलान किया गया हैं |

पेंशन रिविसन (pension revision) की अवधि सरकार द्वारा 5 वर्ष रखी गई हैं | VRS अर्थात पूर्व रिटायरमेंट लेने वाले सैनिक को वन रैंक वन पेंशन के तहत लाभ नहीं मिलेगा | VRS के मुद्दे को लेकर सरकार अभी भी विचार में हैं इसलिए इसके लिए एक कमेटी बनाई जायेगी जो छह महीने में फैसला सुनाएगी | सैनिको की विधवाओ को एक मुश्त पैसा दिया जायेगा | रक्षा मंत्री की कांफ्रेंस के बाद पूर्व जनरल सतबीर सिंह  ने अपनी बात कही | उन्होंने 40 वर्षो से अटके इस मामले पर सरकार की सकारात्मक भूमिका की प्रशंसा की लेकिन वे अभी सरकार के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं | उनका कहना हैं अभी सरकार ने OROP के तहत 6 बड़े मुद्दों में से एक पर ही हामी भरी हैं ऐसे में वे इस फैसले का सम्मान नहीं कर सकते | सतबीर सिंह ने स्पष्ट किया कि VRS के अंतर्गत आने वाले सैनिकों की संख्या लगभग 40 % हैं |

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Table of Contents

वन रैंक, वन पेंशन का इतिहास | History of One Rank, One Pension

  • रिटायर सैनिकों में समान पेंशन की मांग लंबे समय से है | इतिहास के पन्नों को पलटा जाए तो पता चलता है कि 1973 तक सशस्त्र बलों में ‘वन रैंक, वन पेंशन’ योजना थी और उन्हें अन्य कर्मचारियों से ज्यादा वेतन मिलता था | लेकिन 1973 में आए तीसरे वेतन आयोग ने सैनिकों की तनख्वाह आम लोगों के समान कर दी थी |
  • 2008 में पूर्व सैनिकों ने इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट (Indian Ex-Servicemen Movement (ISM) नाम से एक संगठन बनाकर ‘वन रैंक, वन पेंशन’ की मांग को लेकर एक बड़ा आंदोलन किया था | दिल्ली के जंतर-मंतर  पर यह आंदोलन लगातार 85 दिन चला था | पीएम नरेंद्र मोदी के आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ था |
  • यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा | सितंबर 2009 में सुप्रीम कोर्ट ने ‘वन रैंक, वन पेंशन’ पर आगे बढ़ने का आदेश दिया. 2010 में रक्षा पर बनी संसद की स्थाई समिति ने ‘वन रैंक, वन पेंशन’ योजना को लागू करने की सिफारिश की थी |
  • सितंबर, 2013 में लोकसभा चुनाव  प्रचार के दौरान बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने पर ‘वन रैंक, वन पेंशन’ योजना लागू करने का वादा किया था |
  • आम चुनावों से पहले फरवरी, 2014 यूपीए सरकार ने ‘वन रैंक, वन पेंशन’ योजना को लागू करने का फैसला किया और इस मद में 500 करोड़ रुपये का बजट का आवंटन किया थी |
  • लेकिन मई में सत्ता परिवर्तन हुआ और जुलाई, 2014 में एनडीए सरकार ने इस मद में 1000 करोड़ के बजट का प्रावधान किया, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया. फरवरी, 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने के भीतर ‘वन रैंक, वन पेंशन’ योजना को लागू करने का आदेश दिया था |

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वन रैंक, वन पेंशन योजना 2024 | One Rank, One Pension Yojana 2024 | OROP

वन रैंक, वन पेंशन (OROP) योजना सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए एक पेंशन योजना है। इसका उद्देश्य समान रैंक और समान सेवा अवधि वाले सभी सैनिकों को समान पेंशन प्रदान करना है, चाहे वे किसी भी समय सेवानिवृत्त हुए हों। 2014 में सत्ता में आते ही केंद्र की बीजेपी सरकार ने रिटायर सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की थी | तीन साल पहले इस योजना को लागू कर दिया गया था | वन रैंक-वन पेंशन स्कीम के तहत अलग-अलग समय पर रिटायर हुए एक ही रैंक के दो सैनिकों की पेंशन राशि में ‍बड़ा अंतर नहीं होगा | भले ही वे कभी भी रिटायर हुए हों | इस बीच रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सैनिकों के लिए जारी कल्याणकारी योजनाओं का बजट लगातार बढ़ाया जा रहा है |

योजना के मुख्य बिंदु:

  • यह योजना 1 जुलाई 2014 से लागू है।
  • यह योजना 30 जून 2014 तक सेवानिवृत्त हुए सभी सैनिकों पर लागू होती है।
  • पेंशन की गणना रैंक, सेवा अवधि और अंतिम वेतन के आधार पर की जाती है।
  • पेंशन को हर साल वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार संशोधित किया जाता है।

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वन रैंक, वन पेंशन योजना के अंतर्गत क्या थी मांग | What was the demand under One Rank, One Pension Scheme?

जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में लगभग 25 लाख रिटायर्ड सैनिक हैं | सैनिकों की मांग थी कि जो अफसर कम से कम 7 साल कर्नल की रैंक पर रहा हो, उसे समान रूप से पेंशन मिले | ऐसे अफसरों की पेंशन 10 साल तक कर्नल रहे अफसरों से कम नहीं होगी, बल्कि उनके बराबर होगी | 2008 में पूर्व सैनिकों ने इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट (आइएसएम) नाम से एक संगठन बनाकर लंबे समय तक संघर्ष भी किया| दिल्ली के जंतर-मंतर पर लगातार धरने-प्रदर्शन किए गए |

वन रैंक, वन पेंशन योजना की मुख्य विशेषताएं | Key Features of One Rank, One Pension Scheme

  • OROP योजना में सशस्त्र बलों के सभी हिस्सों – थल सेना, नौसेना और वायु सेना – के सेवानिवृत्त कर्मियों (Retired personnel of Army, Navy and Air Force) को शामिल किया गया है।
  • इसका उद्देश्य उन लोगों के लिए पेंशन लाभ में अंतर को कम करना है जो एक विशिष्ट तिथि से पहले सेवानिवृत्त हुए और जो बाद में सेवानिवृत्त हुए।
  • यह योजना सुनिश्चित करती है कि समान रैंक पर सेवानिवृत्त हुए और समान अवधि तक सेवा करने वाले सैन्य कर्मियों को समान पेंशन मिले, चाहे उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख कुछ भी हो। इससे सेवानिवृत्त कर्मियों को समान और उचित व्यवहार मिलता है।
  • ओआरओपी के तहत पेंशन राशि की समय-समय पर समीक्षा और संशोधन किया जाता है, आमतौर पर हर 5 साल में। ऐसा पेंशन को मौजूदा वेतन दरों और मुद्रास्फीति के अनुरूप रखने के लिए किया जाता है। नियमित संशोधन यह सुनिश्चित करते हैं कि सेवानिवृत्त सशस्त्र बल कर्मियों को पेंशन मिलती रहे जो समय के साथ इसके मूल्य को बनाए रखे।
  • संशोधित पेंशन की बकाया राशि का भुगतान एकमुश्त किया जाता है, जिसमें सेवानिवृत्ति की तारीख से लेकर ओआरओपी योजना के कार्यान्वयन तक की अवधि शामिल होती है।

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वन रैंक, वन पेंशन योजना की पात्रता या लाभार्थी | Eligibility or beneficiaries of One Rank, One Pension Scheme

  • सेना, नौसेना और वायु सेना के सेवानिवृत्त सशस्त्र बल कर्मी ओआरओपी योजना के लिए पात्र हैं।
  • यह योजना उन कर्मियों को कवर करती है जो समान रैंक से सेवानिवृत्त हुए हैं और समान अवधि के लिए सेवा की है, चाहे उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख कुछ भी हो।
  • मृत सशस्त्र बल कर्मियों की विधवाएं और पात्र आश्रित भी ओआरओपी योजना के तहत लाभ उठा सकते हैं।

वन रैंक, वन पेंशन योजना का महत्व | Importance of One Rank, One Pension Scheme

  • ओआरओपी योजना पेंशन लाभों में विसंगतियों को दूर करके निष्पक्षता और समानता सुनिश्चित करती है।
  • इससे हमारे सशस्त्र बलों के कर्मियों का मनोबल बढ़ता है, क्योंकि उन्हें उनकी उचित पेंशन मिलने का आश्वासन मिलता है।
  • यह योजना देश की सुरक्षा की रक्षा में हमारे दिग्गजों द्वारा दिए गए बलिदान को स्वीकार करती है और उसकी सराहना करती है।
  • यह सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों को वित्तीय स्थिरता और सहायता प्रदान करता है, जिससे उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने की अनुमति मिलती है।

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वन रैंक, वन पेंशन योजना के लाभ | Benefits of One Rank, One Pension Scheme

  • समान पेंशन: ओआरओपी योजना यह सुनिश्चित करती है कि सेवानिवृत्त सशस्त्र बल कर्मियों को समान रैंक और सेवा अवधि के लिए समान पेंशन राशि मिले।
  • बकाया भुगतान: संशोधित पेंशन की बकाया राशि का भुगतान एकमुश्त किया जाता है, जिसमें सेवानिवृत्ति की तारीख से लेकर ओआरओपी योजना के कार्यान्वयन तक की अवधि शामिल होती है।
  • वित्तीय सुरक्षा: यह योजना सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है, जिससे वे अपनी सेवानिवृत्ति के बाद की जरूरतों और खर्चों को पूरा करने में सक्षम होते हैं।
  • गरिमामय जीवन: ओआरओपी यह सुनिश्चित करता है कि पूर्व सैनिक अपर्याप्त पेंशन लाभ की चिंता किए बिना सम्मानजनक जीवन जी सकें।
  • प्रेरणा और मनोबल: यह योजना सशस्त्र बलों को उचित और उचित पेंशन लाभ का आश्वासन देकर उनकी प्रेरणा और मनोबल को बढ़ाती है।

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वन रैंक, वन पेंशन योजना का लक्ष्य और उद्देश्य | Aim and Objective of One Rank, One Pension Scheme

  • सेवानिवृत्त सशस्त्र बल कर्मियों के लिए पेंशन लाभों में समानता और निष्पक्षता स्थापित करना।
  • सेवानिवृत्ति की विभिन्न तिथियों के कारण पेंशन भुगतान में होने वाली असमानताओं को दूर करना।
  • यह सुनिश्चित करना कि सभी दिग्गजों को उनकी रैंक और सेवा के वर्षों के आधार पर उनकी उचित पेंशन मिले।
  • हमारे सशस्त्र बल कर्मियों को उनके सेवानिवृत्त जीवन के दौरान पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान करके उनके बलिदान और योगदान का सम्मान करना।

FAQs

Q. OROP योजना क्या है?

उत्तर: OROP योजना सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए एक पेंशन योजना है। इसका उद्देश्य समान रैंक और समान सेवा अवधि वाले सभी सैनिकों को समान पेंशन प्रदान करना है, चाहे वे किसी भी समय सेवानिवृत्त हुए हों।

Q. OROP योजना कब लागू हुई?

उत्तर: OROP योजना 1 जुलाई 2014 से लागू है।

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Q. OROP योजना के तहत कौन लाभान्वित होता है?

उत्तर: 30 जून 2014 तक सेवानिवृत्त हुए सभी सैनिक OROP योजना के तहत लाभान्वित होते हैं।

Q. OROP योजना के तहत पेंशन की गणना कैसे की जाती है?

उत्तर: पेंशन की गणना रैंक, सेवा अवधि और अंतिम वेतन के आधार पर की जाती है।

Q. OROP योजना को कितनी बार संशोधित किया जाता है?

उत्तर: पेंशन को हर साल वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार संशोधित किया जाता है।

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Q. OROP योजना के तहत पेंशन प्राप्त करने के लिए क्या प्रक्रिया है?

उत्तर: OROP योजना के तहत पेंशन प्राप्त करने के लिए, सैनिकों को रक्षा मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होगा।

Q. OROP योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए कहां संपर्क करें?

उत्तर: OROP योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए, सैनिक रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट या OROP पोर्टल पर जा सकते हैं।

Q. OROP योजना के पक्ष में क्या तर्क हैं?

उत्तर: OROP योजना के पक्ष में कई तर्क हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • यह योजना सैनिकों को समानता और सामाजिक न्याय प्रदान करती है।
  • यह योजना सैनिकों के मनोबल को बढ़ाती है।
  • यह योजना सैनिकों को सेवानिवृत्ति के बाद एक सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करती है।

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Q. OROP योजना के खिलाफ क्या तर्क हैं?

उत्तर: OROP योजना के खिलाफ भी कुछ तर्क हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • यह योजना सरकार के लिए वित्तीय रूप से बोझिल है।
  • इस योजना को लागू करने में कुछ प्रशासनिक चुनौतियां भी हैं।

Q. OROP योजना के बारे में भविष्य क्या है?

उत्तर: OROP योजना के बारे में भविष्य अनिश्चित है। सरकार इस योजना को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन इसे लागू करने में आने वाली वित्तीय और प्रशासनिक चुनौतियों का समाधान करना होगा।

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