प्रधानमंत्री सेतु भारतम योजना | Pradnan Mantri Setu Bharatam Yojana | PMSBY, को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 4 मार्च 2016 को ₹102 बिलियन के बजट में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य शीघ्र ही सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को रेलवे क्रॉसिंग से मुक्त करना है। यह योजना सड़क सुरक्षा के महत्व की ओर ध्यान देने के साथ शुरू की गई थी।
केंद्र में मोदी सरकार द्वारा देश में यातायात व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए ‘सेतु भारतम योजना’ नामक एक केंद्रीय योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत देश भर में सभी रेलवे क्रॉससिंग्स और राष्ट्रीय राजमार्गों पर पुल बनाए जा रहे हैं। इन पुलों के बन जाने से देश को ट्राफिक की दिन-ब-दिन बिकराल होती जा रही समस्या से मुक्ति मिलेगी। वहीं सड़क मार्गों पर यात्रा के दौरान लगने वाले समय में भी काफी बचत होगी।
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प्रधानमंत्री सेतु भारतम योजना | Pradnan Mantri Setu Bharatam Yojana | PMSBY
Setu Bharatam Yojana एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसे भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 4 मार्च 2016 को लॉन्च किया था। सेतु भारतम परियोजना का उद्देश्य रोड ओवर ब्रिज या रोड अंडर ब्रिज (Road over bridge or road under bridge) बनाकर राष्ट्रीय राजमार्गों पर रेलवे लेवल क्रॉसिंग को खत्म करना है। इस अवसर पर बोलते हुए सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने बताया कि सेतु भारतम परियोजना का लक्ष्य वर्ष 2019 तक सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को रेलवे स्तरीय क्रॉसिंग से मुक्त बनाना है। क्रॉसिंग पर बार-बार होने वाली दुर्घटनाओं और जान-माल की हानि को रोकने के लिए ऐसा किया जाना है। मंत्री ने जानकारी दी कि योजना में 20,800 करोड़ रुपये की लागत से 208 रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी)/रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी), Railway Over Bridge (ROB)/Railway Under Bridge (RUB) का निर्माण किया जाएगा।
सेतु भारतम परियोजना के तहत ऐसे 208 नए पुलों के निर्माण की परिकल्पना की गई है, जबकि 1500 मौजूदा पुलों को चौड़ा, मरम्मत या बदलने की परिकल्पना की गई है। राजमार्ग यात्रा को सहज और सुरक्षित बनाने के लिए इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 50,000 करोड़ रुपये का कोष अलग रखा गया है। सेतु भारतम परियोजना सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।
इस योजना ने एक टीम की स्थापना की अनुमति दी, जिसे पुलों की गुणवत्ता की जांच करने और उन्हें ग्रेड देने के लिए सौंपा गया था। इस योजना के मुताबिक, जिस पुल की गुणवत्ता जितनी कम होगी, उस पुल के उन्नयन पर उतना ही अधिक ध्यान दिया जाएगा। इस परियोजना के प्रमुख उद्देश्यों में से एक पुलों की गुणवत्ता में सुधार करना था। क्योंकि खराब गुणवत्ता वाले पुल कई दुर्घटनाओं का कारण बन रहे थे।
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प्रारम्भ होने की तारीख | 4 मार्च 2016 |
शुभारम्भ करने वाला व्यक्ति | पीएम नरेंद्र मोदी |
नोडल मंत्रालय | सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) |
लक्ष्य पूरा करने की तिथि | 2019 |
बजट आवंटित | 50,000 करोड़ रुपये |
नए पुलों की संख्या (ग्रीनफील्ड) | 208 |
पुर्नवासित किए जाने वाले पुलों की संख्या (ब्राउनफील्ड) | 1500 |
लाभान्वित होने वाले राज्यों की संख्या | 19 |
सेतु भारतम परियोजना की पृष्ठभूमि | Background of Setu Bharatam Project
- भारत में, आज तक कई मानवयुक्त और मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग मौजूद हैं। लंबे ट्रैफिक जाम के अलावा ये कई मौकों पर घातक सड़क दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण रहे हैं।
- राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau – NCRB) द्वारा 2020 में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार रेलवे क्रॉसिंग दुर्घटनाओं के 1,014 मामले सामने आए, जिसमें 1,185 मौतें और 71 घायल हुए। उत्तर प्रदेश में ऐसी दुर्घटनाओं की सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई, जो लगभग 37.5% दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार है।
- इस चिंताजनक प्रवृत्ति से चिंतित, भारत सरकार द्वारा 2016 में देश के राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क सुरक्षा के साथ-साथ लॉजिस्टिक दक्षता (logistic efficiency) की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए सेतु भारतम परियोजना शुरू की गई थी।
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- ध्यान रखें कि लॉजिस्टिक दक्षता किसी भी देश में ईज ऑफ डूइंग (Ease of doing) बिजनेस के स्तर का एक महत्वपूर्ण घटक है।
- इसका उद्देश्य नए सड़क ओवर ब्रिज (आरओबी) या सड़क के नीचे पुलों के निर्माण, क्षमता वृद्धि, और मौजूदा पुलों की मरम्मत करना है। इस प्रकार, इसमें ग्रीनफील्ड परियोजनाओं (Greenfield projects) के साथ-साथ ब्राउनफील्ड परियोजनाएं (Brownfield projects) भी शामिल हैं।
- सेतु भारतम परियोजना के हिस्से के रूप में और भारतीय पुल प्रबंधन प्रणाली (Indian Bridge Management System – IBMS) की स्थापना सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा नोएडा के राजमार्ग इंजीनियरों के लिए भारतीय अकादमी के साथ की गई है।
- यह परियोजना के हिस्से के रूप में निर्मित या पुनर्वासित सभी पुलों के सर्वेक्षण और सूची का एक इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस है।
- सेतु भारतम परियोजना को मोबाइल इंस्पेक्शन यूनिट्स (MIU) के डेटा से फीड किया जाता है। यह परियोजना के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है।
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सेतु भारत योजना का उद्देश्य | Objective of Setu Bharat Scheme
- राष्ट्रव्यापी फोकस: यह परियोजना राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय राजमार्गों पर केंद्रित है। देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए पुलों का निर्माण एक प्राथमिक उद्देश्य था।
- रेलवे ट्रैक ब्रिज: इस परियोजना का उद्देश्य देश भर में लगभग 280 रेलवे ट्रैक के नीचे और ऊपर पुलों का निर्माण करना है। इस उद्देश्य के लिए गठित टीम की मदद से विभिन्न राज्यों को कवर किया गया।
- अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी: इस परियोजना का उद्देश्य पुलों के सफल निर्माण के लिए वैज्ञानिक तकनीकों जैसे आयु, दूरी, देशांतर, अक्षांश सामग्री और डिजाइन का उपयोग करना है। नए पुलों के मानचित्रण और निर्माण में तकनीक उपयोगी साबित हुई है।
- ब्रिज मैपिंग: 2016 में परियोजना की शुरुआत करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय पुल प्रबंधन प्रणाली के तहत देश भर में 1,50,000 पुलों की मैपिंग की जाएगी। तब से यह परियोजना इस उद्देश्य के लिए राज्यों का दौरा कर रही है।
- यात्रा में आसानी: पुल बनने से ट्रैफिक की समस्या कम होगी। इससे यात्रियों को गाड़ी चलाने के लिए ज्यादा जगह मिलेगी।
- सुरक्षित यात्रा: सुरक्षित रेलवे और राष्ट्रीय राजमार्ग पुल होने से यात्रियों में सुरक्षा की भावना भी आएगी। राजमार्ग और रेलवे ट्रैक आमतौर पर दुर्घटनाओं का स्थान होते हैं। पुलों के निर्माण से इस समस्या का समाधान होगा।
- गुणवत्ता में सुधार: परियोजना के प्रमुख उद्देश्यों में से एक पुलों की गुणवत्ता में सुधार करना था। खराब गुणवत्ता वाले पुल कई दुर्घटनाओं का कारण बन रहे थे।
- ग्रेडिंग ब्रिज: इस योजना ने एक टीम की स्थापना की अनुमति दी जिसे पुलों की गुणवत्ता की जांच करने और उन्हें ग्रेड देने के लिए सौंपा गया था। गुणवत्ता जितनी कम होगी, पुल के उन्नयन पर उतना ही अधिक ध्यान दिया जाएगा।
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परियोजना में चिन्हित किए गए आरओबी का राज्यवार विवरण | State wise details of ROBs identified in Project
सेतु भारतम कार्यक्रम के तहत बनाए जाने वाले नए रोड ओवर ब्रिज (Road Over Bridges – ROBs) और रोड अंडर ब्रिज (Road Under Bridges – RUBs) की संख्या नीचे दी गई है:
क्र.सं. | राज्य | सेतु भारतम योजना के तहत पहचाने गए आरओबी/आरयूबी की संख्या |
1 | आंध्र प्रदेश | 33 |
2 | पश्चिम बंगाल | 22 |
3 | बिहार | 20 |
4 | कर्नाटक | 17 |
5 | असम | 12 |
6 | महाराष्ट्र | 12 |
7 | झारखंड | 11 |
8 | हरियाणा | 10 |
9 | पंजाब | 10 |
10 | राजस्थान Rajasthan | 9 |
11 | तमिलनाडु | 9 |
12 | उत्तर प्रदेश | 9 |
13 | गुजरात | 8 |
14 | मध्य प्रदेश | 6 |
15 | छत्तीसगढ | 5 |
16 | हिमाचल प्रदेश | 5 |
17 | केरल | 4 |
18 | उड़ीसा | 4 |
19 | उत्तराखंड | 2 |
कुल | 208 |
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पूछे जाने वाले प्रश्न
Q. क्या सेतु भारतम पूरा हो गया है?
हां, सेतु भारतम परियोजना 2019 में पूरी हुई थी।
Q. सेतु भारतम का उद्देश्य क्या है?
सेतु भारतम परियोजना का अंतिम लक्ष्य 2019 तक सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को रेलवे लेवल क्रॉसिंग के बिना बनाना है।
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Q. सेतु भारतम परियोजना से कितने राज्यों को लाभ हुआ है?
सेतु भारतम परियोजना के पूरा होने से अब तक 19 राज्यों को लाभ हुआ है।
Q. सेतु भारतम परियोजना के तहत कितने पुलों का निर्माण किया गया?
सेतु भारतम परियोजना के तहत लगभग 1500 पुलों का पुनर्निर्माण किया गया है।
निष्कर्ष | Conclusion
सेतु भारतम परियोजना सड़क और राजमार्ग के बुनियादी ढांचे, रेलवे और सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में एक गेम-चेंजर साबित हो सकती है।
सड़क के ऊपर से पुल और सड़क के नीचे के पुलों के निर्माण से निर्माण और लोहा और इस्पात उद्योगों में भी तेजी आएगी। यह कई लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेगा, साथ ही व्यापार करने में आसान और कम रसद लागत के कारण औद्योगिक गतिविधि में वृद्धि के माध्यम से अप्रत्यक्ष रोजगार भी प्रदान करेगा।
हालांकि प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) के हालिया आंकड़ों के अनुसार केवल 123 ऐसे पुलों के निर्माण के लिए मंजूरी दी गई थी। इस प्रकार, परियोजना पहले से ही अपनी समय सीमा से परे है और परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए काम तेज किया जाना चाहिए।
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