शनिदेव की कृपा का चमत्कार: भारत के इस गांव में घरों में नहीं लगे हैं दरवाजे, कभी नहीं होती है चोरी!
The Indian village with no doors: आज जब हर दिन चोरी, छीना झपटी और डकैती की खबरें सामने आती है, वहीं भारत में ऐसी जगह भी है जहां किसी घर से एक सुई तक गायब नहीं होती है। शायद दुनिया का यह पहला गांव होगा जहां के घर बिना दरवाजा के हैं। इतना ही नहीं यहां स्थित बैंक और बड़ी-बड़ी दुकानों में भी ताले नहीं लगाए जाते हैं। जी हां आपने सही सुना कलुयग के इस दौर में भी बिना दरवाजा और ताले वाले घरों में कभी कोई चोरी नहीं होती है। पैसा तो छोड़िए यहां चोर कोई छोटी सी चीज भी छूने से थर-थर कांपने लगते हैं। तो चलिए आज हम भारत के इस अनोखे गांव के बारे में विस्तार से जानते हैं।
भारत अपनी खूबसूरती के लिए पूरे विश्व में मशहूर है| यहां की ऐतिहासिक इमारतें पर्यटकों को अपनी ओर खींचने पर मजबूर कर देती हैं| यह दुनिया का सबसे बड़ा दूसरा जनसंख्या वाला देश भी है और साथ ही भूमि क्षेत्र में भी दुनिया का सातवां सबसे बड़ा देश है| यह एक विविध और समृद्धि से भरा हुआ देश है जो अपनी भाषा, सांस्कृतिक विविधता और इतिहास के लिए भी प्रसिद्ध है| इस देश में एक ऐसा गांव हैं जहां लोग अपने घरों के दरवाजों पर ताला नहीं लगाते (The Indian village with no doors) हैं| आइए जानते हैं उस अनोखे गांव के बारे में विस्तार से:
- मंदिर का नाम: शनि शिंगणापुर (Shani Shingnapur)
- लोकेशन: नेवासा तालुका गांव, अहमदनगर, महाराष्ट्र
- शिरडी से 70 किलोमीटर दूर
ऐसा ही एक सातडा गांव सौराष्ट्र में भी है,जो कि राजकोट से 23 किमी दूर स्थित है | जहां पर भैरवदादा का मंदिर है | इस गांव के घरों में एक भी दरवाजा नहीं है | इसलिए घर पर ताला लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है | गांव में रहने वाले भैरव दादा गांव की रक्षा करते हैं | इसलिए इस गांव को सौराष्ट्र के शनि शिंगणापुर के नाम से जाना जाता है |
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यहाँ किसी भी घर-दुकान में नहीं लगता है ताला!
भारत का यह अनोखा गांव महाराष्ट्र में स्थित है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं शनि शिंगणापुर के बारे में। यह गांव भगवान शनिदेव के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। दूर-दूर से भक्त यहां शनिदेव महाराज के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां भगवान शनि की 5 फीट ऊंची मूर्ति स्थित है। कहते हैं कि शनि देव ही शिंगणापुर गांव की रक्षा करते हैं। आपको बता दें कि शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। वो मनुष्य के हर अच्छे-बुरे कर्मों का हिसाब रखते हैं। बुरे कामों को करने वाले को शनि देव दंडित करते हैं और पुण्य कार्यों को करने वाले को अपना आशीर्वाद देते हैं। इसी वजह से कहा जाता है कि शनि देव की दृष्टि चाहे तो राजा को रंक और रंक को राजा बना सकते हैं।
शनि शिंगणापुर गांव के लोगों की इस बात पर अटूट आस्था और विश्वास है कि शनिदेव उनकी और उनके घरों की सदैव रक्षा करेंगे। आज भी इस गांव के लोग इन्हीं मान्यताओं पर कायम है और घरों में कोई दरवाजा या दुकानों पर ताला नहीं लगाते हैं। आपको इस गांव में सभी घर बिना दरवाजे के मिल जाएगा। जानकारी के मुताबिक, यूको बैंक ने शनि शिंगणापुर में अपनी पहली लॉकलेस शाखा को इंस्टॉल किया है। गांव वालों की मान्यताओं को देखते हुए बैंक के दरवाजे पर कोई लॉक नहीं लगाया गया है। यहां सिर्फ शीशे का एंट्रेंस बनाया गया है।
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शनि शिंगणापुर में चोरी नहीं होने की क्या है वजह?
पौराणिक प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, एक बार गांव में भारी वर्षा हुई थी उसी दौरान ग्रामीणों को काली चट्टान का एक बड़ा शिला मिला और जब लोगों ने उसे दबा कर देखा तो उसमें से खून बह रहा था। उसी रात के बाद गांव के मुखिया में एक सपना देखा, जहां शनिदेव ने उन्हें गांव में एक मंदिर बनाने का आदेश दिया और कहा कि मंदिर में कोई नहीं रहना चाहिए। शनिदेव ने मुखिया से कहा की वे इस गांव की हमेशा रक्षा करेंगे। इस तरह यहां शनिदेव का मंदिर बनाया गया। मान्यताओं के मुताबिक, शनिदेव साक्षात इस गांव में मौजूद हैं और गांव वालों की रक्षा करते हैं।
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यहाँ के लोग, किस तरह रखते हैं कीमती सामान!
यह गांव एक कम आबादी वाला गांव है। यहां रहने वाले लोग अपने घरों में कोई अलमारी या फिर सूटकेस भी नहीं रखते हैं। वहीं, सोने जेवरात जैसे कीमती सामान को लोग किसी कपड़े में ढककर या फिर किसी डिब्बे में रख देते हैं। 24 घंटे घर का मुख्य प्रवेश द्वार खुला रहता है। क्योंकि, यहां पर कोई दरवाजा ही नहीं (The Indian village with no doors) होता है। हालांकि, लोग जानवर से बचने के लिए लकड़ी की एक बाड़ लगा देते हैं।
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बैंकों में भी मौजूद नहीं हैं दरवाजे!
खास बात यह है कि यहां मौजूद बैंकों में भी दरवाजे मौजूद नहीं है, जिससे यह गांव और भी खास बन जाता है। ऐसे में यह ऐसा गांव बन जाता है, जहां बिना दरवाजे वाले बैंक हैं। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, यहां बड़े-बड़े मेलों में भी लोग अपने घरों को खुला रखते हैं और कोई चोरी नहीं होती है। बता दें कि शनिदेव, शिंगणापुर गांव की खुद रक्षा करते हैं | यहां के घरों में कोई दरवाजा या दुकानों पर ताला नहीं लगाता है | इतना ही नहीं जानकारी के मुताबिक, यूको बैंक ने शनि शिंगणापुर में अपनी पहली लॉकलेस शाखा को इंस्टॉल किया है | लेकिन इस बैंक के दरवाजे पर कोई लॉक नहीं लगाया गया है | यह एक इकलौता गांव है जहां चोर चोरी करने से डरते हैं |
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शनि शिंगणापुर मंदिर में, महिलाओं को दर्शन की अनुमति नहीं!
इस मंदिर में महिला भक्तों को पूजा करने की अनुमति नहीं है। शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं को अपवित्र होने का दावा करते हुए मुख्य मंदिर क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाती है। यह अनुमति न देने की एक पुरानी प्रथा का पालन करता है। यह एक प्राचीन परंपरा है कि महिलाओं को तेल चढ़ाने और शनिदेव की पूजा करने के लिए मंदिर की सीढ़ियाँ चढ़ने से रोका जाता है।
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गाँव वालों ने, क्यों छोड़ा सब भगवान भरोसे ?
स्थानीय किंवदंती के अनुसार, गांव का इतिहास 300 साल पुराना है जब विनाशकारी बाढ़ के बाद काली चट्टान का एक विशाल स्लैब उभर आया था। खोज करने पर, ग्रामीणों ने चट्टान से खून बहता देखा, जिससे ग्राम प्रधान को स्वयं भगवान शनि से एक भविष्यसूचक सपना प्राप्त हुआ। सपने में, देवता ने उनके सम्मान में एक मंदिर के निर्माण का आदेश दिया, इस शर्त के साथ कि यह बिना छत के रहेगा ताकि वे बिना किसी बाधा के गांव की रक्षा कर सकें। तब से, शनि शिंगणापुर ने पारंपरिक सुरक्षा उपायों का प्रयोग यहां पर नहीं किया जाता है। ग्रामीणों ने अपनी सुरक्षा पूरी तरह से भगवान शनि को सौंप दी है। घर खुले रहते हैं, और क़ीमती सामान बिना सुरक्षा के छोड़ दिया जाता है, जो ग्रामीण जीवन के हर पहलू में व्याप्त गहन आस्था का प्रतीक है। यहां तक कि गांव की सुविधाएं, जैसे शौचालय, भी ईश्वर के साथ खुला संबंध बनाए रखने के पक्ष में पारंपरिक दरवाजों से दूर (The Indian village with no doors) रहती हैं |
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