SOAR Programme: अब स्कूलों में AI की पढ़ाई! कक्षा 6 से 12 तक के लिए!

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Ministry of Skill Development ने शुरू किया SOAR Programme, जिससे मिलेगी कक्षा 6 से 12 तक AI Learning | AI Literacy Lessons for Grades 6–12 | Restructured Skill India Programme | PMKVY

क्या आपने कभी सोचा है कि स्कूलों में बच्चे गणित, विज्ञान और अंग्रेज़ी के साथ-साथ अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) भी सीखेंगे? जी हां, भारत सरकार ने शिक्षा की दुनिया में एक क्रांतिकारी पहल की है। Skill India SOAR Programme के तहत अब कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को AI की बुनियादी शिक्षा दी जाएगी। यह पहल न केवल तकनीकी ज्ञान बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित हो सकती है। SOAR यानी Skilling for AI Readiness प्रोग्राम का उद्देश्य छात्रों को डिजिटल युग के अनुरूप बनाना है, जहाँ AI हर क्षेत्र में बदलाव ला रहा है। इस लेख में हम जानेंगे कि यह प्रोग्राम क्या है, कैसे काम करेगा, और इसका हमारे बच्चों और देश के भविष्य पर क्या असर पड़ने वाला है।

this is the image of AI Literacy Programme in india under PMKVY

Skill India Mission (स्किल इंडिया मिशन) OR प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना | Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojana | PMKVY 

SOAR प्रोग्राम क्या है? | What is the SOAR program?

SOAR (स्किलिंग फॉर AI रेडीनेस) एक राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम है, जिसे कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) ने शुरू किया है। इसका उद्देश्य स्कूल स्तर पर, विशेष रूप से कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से परिचित कराना और उन्हें इसके व्यावहारिक अनुप्रयोगों के लिए तैयार करना है। इस प्रोग्राम में छात्रों के लिए तीन 15-घंटे के मॉड्यूल शामिल हैं, जिनके नाम हैं:

  1. AI to be Aware: AI की मूल बातें और इसकी बुनियादी अवधारणाएँ।
  2. AI to Acquire: AI के तकनीकी और व्यावहारिक पहलुओं को सीखना।
  3. AI to Aspire: AI के नैतिक उपयोग, साइबर सुरक्षा, और करियर संभावनाओं पर ध्यान।

इसके अलावा, शिक्षकों के लिए एक 45-घंटे का मॉड्यूल भी तैयार किया गया है, जिसका नाम है AI for Educators। यह मॉड्यूल शिक्षकों को AI की शिक्षा देने के लिए प्रशिक्षित करता है, ताकि वे छात्रों को प्रभावी ढंग से पढ़ा सकें।

SOAR प्रोग्राम का लक्ष्य भारत के युवा शिक्षार्थियों को न केवल AI की समझ प्रदान करना है, बल्कि उन्हें इसका उपयोग वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने में सक्षम बनाना है। यह पहल विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण का हिस्सा है, जो भारत को एक वैश्विक तकनीकी शक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारत स्किल नेक्स्ट 2025 और SOAR का शुभारंभ | India Skills Next 2025 and SOAR launched

22 जुलाई 2025 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में स्किल इंडिया मिशन की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारत स्किल नेक्स्ट 2025 कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने SOAR प्रोग्राम की शुरुआत की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा:

“अगले छह महीनों में, भारत की स्कूल जाने वाली आबादी एक सशक्त वैश्विक संदेश दे सकती है—कि हम युवा शिक्षार्थियों के दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क का घर हैं, जिन्हें न केवल AI से परिचित कराया जा रहा है, बल्कि वे सक्रिय रूप से इसका उपयोग और अनुप्रयोग भी कर रहे हैं।”

इस अवसर पर कई अन्य महत्वपूर्ण पहलें भी शुरू की गईं, जिनमें शामिल हैं:

  • इंडियास्किल्स 2025-2026 के लिए परिचालन दिशानिर्देश और पंजीकरण पोर्टल।
  • कौशलवर्स डिजिटल एंटरप्राइज़ पोर्टल, जो व्यावसायिक प्रशिक्षण को सुव्यवस्थित करने के लिए राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (NCVET) द्वारा शुरू किया गया।
  • स्किल इम्पैक्ट बॉन्ड (SIB), जो कौशल विकास को रोज़गार परिणामों से जोड़ने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा परिणाम-आधारित विकास प्रभाव बॉन्ड है। इसने 14.4 मिलियन डॉलर जुटाए हैं।
  • अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण पोर्टल, जो युवाओं को उद्योग-आधारित प्रशिक्षण प्रदान करने में मदद करेगा।

इन पहलों का उद्देश्य भारत के कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना और इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है।

SOAR कार्यक्रम: कई आईआईटी देंगे प्रशिक्षण | SOAR Programme, So many IITs will provide training

आईआईटी, हैदराबाद, तेलंगाना के संगारेड्डी में इलेक्ट्रॉनिक्स, हाइड्रोकार्बन और पूंजीगत वस्तुओं के क्षेत्रों में सीएनसी प्रोग्रामर और एआई-एमएल इंजीनियर जैसे पदों के लिए 280 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करेगा। आईआईटी, पटना, बिहार के पटना में कृषि, हरित रोजगार और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में 1,440 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करेगा। पदों में ईवी सेवा तकनीशियन, एआर/वीआर इंजीनियर और बुजुर्गों की देखभाल करने वाला शामिल है। एनआईटी, अगरतला, पश्चिमी त्रिपुरा में ऑटोमोटिव आईओटी, बांस वर्क आर्टिसन और एआई-डेटा साइंस जैसे क्षेत्रों में 370 उम्मीदवारों को प्रशिक्षण देगा।

आईआईटी के अलावा ये संस्थान भी देंगे प्रशिक्षण | Apart from IIT, these institutes will also provide training

आरआरयू गुजरात के गांधीनगर में 240 उम्मीदवारों के लिए योग वेलनेस ट्रेनर से लेकर अग्नि सुरक्षा अधिकारी तक, डिजिटल और वेलनेस-उन्मुख कौशलों को मिलाकर प्रशिक्षण आयोजित करेगा। एनएसटीआई मुंबई ने व्यावसायिक प्रशिक्षण और परियोजना-आधारित कौशल विकास के माध्यम से ग्रामीण इनक्यूबेशन और उद्यमिता को समर्थन देने के लिए आईसीआईसीआई फाउंडेशन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

पीएमकेवीवाई संस्थागत सुदृढ़ीकरण रणनीति के तहत डिक्सन टेक्नोलॉजीज, माइक्रोसॉफ्ट और एचसीएल जैसी कंपनियों के साथ कई लचीले समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए, जिनका उद्देश्य वर्तमान उद्योग आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षण को अनुकूलित करना है।

SOAR प्रोग्राम का महत्व | Importance of the SOAR program

SOAR प्रोग्राम भारत के लिए एक क्रांतिकारी कदम है, क्योंकि यह स्कूल स्तर पर ही तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देता है। निम्नलिखित बिंदु इसके महत्व को रेखांकित करते हैं:

  1. भविष्य के लिए तैयार कार्यबल: SOAR प्रोग्राम का लक्ष्य छात्रों को AI के क्षेत्र में प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करना है, ताकि वे भविष्य की तकनीकी मांगों के लिए तैयार हों। यह उन्हें नौकरी और उद्यमिता के अवसरों के लिए सशक्त बनाता है।
  2. शिक्षा में तकनीकी एकीकरण: यह प्रोग्राम शिक्षा प्रणाली में तकनीक को एकीकृत करने का एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। यह पारंपरिक शिक्षा को आधुनिक तकनीकों के साथ जोड़ता है।
  3. वैश्विक प्रतिस्पर्धा: भारत का लक्ष्य अगले छह महीनों में दुनिया के सबसे बड़े AI-जागरूक स्कूली छात्रों का नेटवर्क बनाना है। यह भारत को वैश्विक तकनीकी नेतृत्व की दौड़ में आगे ले जाएगा।
  4. नैतिक और सुरक्षित उपयोग: SOAR प्रोग्राम में AI के नैतिक उपयोग और साइबर सुरक्षा जैसे विषय शामिल हैं, जो छात्रों को जिम्मेदार तकनीकी उपयोगकर्ता बनने के लिए प्रेरित करते हैं।
  5. शिक्षकों का सशक्तिकरण: शिक्षकों के लिए विशेष मॉड्यूल सुनिश्चित करता है कि वे AI की शिक्षा देने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित हों, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होता है।

Over 3.3 crore candidates trained under NSDC and PMKVY schemes in 10 years

स्किल इंडिया मिशन, जिसे 2015 में शुरू किया गया था, ने पिछले एक दशक में भारत के कौशल विकास परिदृश्य को बदल दिया है। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के तहत 3.3 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया गया है। इनमें से 1.6 करोड़ से अधिक उम्मीदवारों को PMKVY के तहत प्रशिक्षित या उन्मुख किया गया है, और 1.29 करोड़ को 30 जून 2025 तक प्रमाणित किया जा चुका है।

इसके अलावा, NSDC ने 2.32 लाख से अधिक प्रशिक्षकों को प्रमाणित किया है, जो प्रशिक्षण की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मिशन ने न केवल तकनीकी कौशल बल्कि ग्रामीण उद्यमिता, महिलाओं के सशक्तिकरण, और पूर्व सैनिकों के पुनर्प्रशिक्षण जैसे क्षेत्रों में भी योगदान दिया है।

10 वर्षों में एनएसडीसी और पीएमकेवीवाई योजनाओं के तहत 3.3 करोड़ से अधिक उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया | SOAR प्रोग्राम का ढांचा और कार्यान्वयन | Structure and implementation of the SOAR program

SOAR प्रोग्राम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए कई शैक्षणिक और औद्योगिक संस्थानों के साथ साझेदारी की गई है। निम्नलिखित संस्थान इस प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षण प्रदान करेंगे:

  1. आईआईटी ऊना: PMKVY 4.0 के तहत 120 उम्मीदवारों को इलेक्ट्रिकल तकनीशियन और सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित करेगा।
  2. आईआईटी हैदराबाद: 280 उम्मीदवारों को इलेक्ट्रॉनिक्स, हाइड्रोकार्बन, और पूंजीगत वस्तुओं के क्षेत्र में प्रशिक्षण देगा, जिसमें CNC Programmer and AI-ML Engineer जैसे पद शामिल हैं।
  3. आईआईटी पटना: 1,440 उम्मीदवारों को कृषि, हरित रोज़गार, और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित करेगा। इसमें EV सर्विस टेक्नीशियन, AR/VR इंजीनियर, और बुजुर्गों की देखभाल करने वाले जैसे पद शामिल हैं।
  4. एनआईटी अगरतला: 370 उम्मीदवारों को Automotive IoT, Bamboo Work Artisan, and AI-Data Science जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण देगा।
  5. आरआरयू गांधीनगर: 240 उम्मीदवारों को योग वेलनेस ट्रेनर और अग्नि सुरक्षा अधिकारी जैसे डिजिटल और वेलनेस-उन्मुख कौशलों में प्रशिक्षण देगा।
  6. एनएसटीआई मुंबई: ICICI फाउंडेशन के साथ साझेदारी में ग्रामीण इनक्यूबेशन और उद्यमिता को बढ़ावा देगा।

इनके अलावा, डिक्सन टेक्नोलॉजीज, माइक्रोसॉफ्ट, और HCL जैसी कंपनियों के साथ फ्लेक्सी MoU पर हस्ताक्षर किए गए हैं, ताकि प्रशिक्षण को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया जा सके।

भारत-फ्रांस सहयोग और वैश्विक दृष्टिकोण | India-France cooperation and global outlook

SOAR प्रोग्राम और स्किल इंडिया मिशन को वैश्विक स्तर पर मजबूत करने के लिए भारत ने फ्रांसीसी गणराज्य के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। फ्रांस के राजदूत थिएरी मथौ ने इस साझेदारी को दोनों देशों के बीच एक सेतु बताया, जो युवाओं को सशक्त बनाने और कौशल-आधारित शिक्षा के माध्यम से सामाजिक गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस समझौते में शामिल हैं:

  • संयुक्त पाठ्यक्रम विकास।
  • उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना।
  • अंतर-देशीय प्रशिक्षण मॉडल।

यह सहयोग भारत को विश्व की सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखने और अपने कौशल विकास ढांचे को और मजबूत करने में मदद करेगा।

स्किल इम्पैक्ट बॉन्ड: रोज़गार से सीधा जुड़ाव

स्किल इम्पैक्ट बॉन्ड (SIB) भारत का पहला और दुनिया का सबसे बड़ा परिणाम-आधारित विकास प्रभाव बॉन्ड है। NSDC के माध्यम से MSDE के नेतृत्व में, इसने 14.4 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। इसका उद्देश्य कौशल विकास को रोज़गार परिणामों से जोड़ना है, ताकि प्रशिक्षित उम्मीदवारों को नौकरी के अवसर आसानी से उपलब्ध हों। यह पहल सुनिश्चित करती है कि प्रशिक्षण केवल सैद्धांतिक न रहे, बल्कि यह व्यावहारिक और रोज़गार-उन्मुख हो।

स्किल इंडिया मिशन की चुनौतियाँ | Challenges of Skill India Mission

हालांकि स्किल इंडिया मिशन ने कई उपलब्धियाँ हासिल की हैं, फिर भी इसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है:

  1. योजनाओं में समन्वय की कमी: PMKVY, PM-NAPS, और JSS जैसी योजनाओं के बीच तालमेल की कमी के कारण उनके प्रभाव में कमी आती है।
  2. उद्योग-प्रशिक्षण मिसमैच: प्रशिक्षण कार्यक्रम अक्सर उद्योग की वर्तमान मांगों के अनुरूप नहीं होते, जिसके कारण प्रशिक्षित उम्मीदवार बेरोजगार रह जाते हैं। उदाहरण के लिए, मार्च 2025 तक PMKVY के तहत 31,55,984 लोगों ने नामांकन किया, लेकिन केवल 14,45,166 को ही प्रमाण-पत्र प्राप्त हुआ, और उनमें से भी बहुत कम को रोज़गार मिला।
  3. तेजी से बदलता जॉब मार्केट: AI, रोबोटिक्स, और डेटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में तेजी से बदलाव के कारण अपस्किलिंग और रीस्किलिंग की आवश्यकता बढ़ रही है।
  4. प्रशिक्षण अवसंरचना की कमी: कई प्रशिक्षण संस्थानों में संसाधनों और रखरखाव की कमी है।
  5. लैंगिक भेदभाव: कौशल विकास और श्रम बाजार में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों की तुलना में कम है।

आगे की राह

इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार ने कई उपाय किए हैं:

  1. डेटा-आधारित दृष्टिकोण: NSDC ने 36 सेक्टर स्किल काउंसिल्स (SSCs) स्थापित किए हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों की कौशल आवश्यकताओं की पहचान करते हैं और योग्यता मानकों को निर्धारित करते हैं।
  2. अनुभव-आधारित शिक्षण: अप्रेंटिसशिप और व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देना।
  3. निजी क्षेत्र की भागीदारी: उद्योगों और सिविल सोसाइटी को शामिल करके प्रशिक्षण को और प्रभावी बनाना।
  4. वैश्विक प्रथाओं से सीख: केन्या के TVVP और यूके के अप्रेंटिसशिप लेवी जैसे मॉडल से प्रेरणा लेकर भारत अपने कौशल ढांचे को बेहतर बना सकता है।

SOAR प्रोग्राम का भविष्य | The future of the SOAR programme

SOAR प्रोग्राम भारत के शैक्षिक और कौशल परिदृश्य में एक नया अध्याय शुरू करता है। यह न केवल छात्रों को तकनीकी ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि उन्हें रचनात्मकता, आत्मविश्वास, और जिज्ञासा के साथ भविष्य के लिए तैयार करता है। विशेष रूप से, यह प्रोग्राम ग्रामीण क्षेत्रों और हाशिए पर पड़े समुदायों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, ताकि समावेशी विकास सुनिश्चित हो।

शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने कहा, “SOAR और AI-एकीकृत शिक्षा जैसी पहल हमारी प्रणाली में सही विकल्प, गतिशीलता, और अवसर निर्माण में प्रमुख भूमिका निभा रही हैं।” यह प्रोग्राम शिक्षा और कौशल को एक साथ लाकर भारत के युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा।

निष्कर्ष: Skill India SOAR Programme

SOAR प्रोग्राम भारत के लिए एक दूरदर्शी पहल है, जो स्कूल स्तर पर ही AI की शिक्षा को शामिल करके देश के युवाओं को भविष्य के लिए तैयार कर रही है। यह न केवल तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देता है, बल्कि नैतिकता, साइबर सुरक्षा, और करियर विकास जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी ध्यान देता है। स्किल इंडिया मिशन के तहत शुरू की गई यह पहल भारत को एक वैश्विक तकनीकी शक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

आने वाले वर्षों में, SOAR प्रोग्राम और इसके जैसे अन्य प्रयास भारत के कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को और मजबूत करेंगे। यह सुनिश्चित करेगा कि भारत का युवा न केवल रोज़गार के लिए तैयार हो, बल्कि वह वैश्विक मंच पर नेतृत्व करने में भी सक्षम हो। विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करने में SOAR जैसे प्रोग्राम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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