Scary Mental Disorders: 5 दुनिया के सबसे दुर्लभ मानसिक बीमारियां!

दुनिया के 5 सबसे दुर्लभ और डरावने मानसिक विकार जो आपको हैरान कर देंगे!

Scary Mental Disorders: दुनियाभर में हर साल मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं। नेशनल एलायंस ऑन मेंटल इलनेस (National Alliance on Mental Illness (NAMI) के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में पांच वयस्कों में से लगभग एक व्यक्ति हर साल मानसिक बीमारी का शिकार होता है। इसमें सिजोफ्रेनिया, डिप्रेशन, बाइपोलर डिसऑर्डर और चिंता विकार (Schizophrenia, depression, bipolar disorder and anxiety disorders) से ग्रस्त लोग ज्यादा पाए जाते हैं। इस तरह के मानसिक स्वास्थ्य विकारों को डॉक्टरों, मनोचिकित्स्कों की सहायता से समझा और इनका उपचार किया जा सकता है लेकिन कुछ दुर्लभ मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं ऐसी भी हैं, जिनका सामना करना बहुत ही कठिन हो जाता है।

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मानसिक स्वास्थ्य एक जटिल विषय है, और कभी-कभी, कुछ विकार इतने दुर्लभ और डरावने होते हैं कि वे हमारे समझ के दायरे से बाहर हो जाते हैं। ये विकार न केवल पीड़ित व्यक्तियों के जीवन को प्रभावित करते हैं बल्कि उनके प्रियजनों को भी अत्यधिक परेशानी में डाल देते हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम दुनिया के कुछ Most Scary Mental Disorders पर चर्चा करेंगे। इन विकारों के बारे में जानना न केवल हमें इन बीमारियों के बारे में जागरूक बनाएगा बल्कि हमें उनके प्रति संवेदना और समझ विकसित करने में भी मदद करेगा। ये विकार अक्सर अज्ञात होते हैं और उन्हें समझना मुश्किल होता है, जिससे उन्हें और भी डरावना बना देता है। हम इन विकारों के लक्षणों, कारणों और इलाज के विकल्पों के बारे में बात करेंगे। तो, चलिए शुरू करते हैं और इन Scary Mental Disorders के बारे में जानते हैं।

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1. एलियंस एट्रोलॉजी सिंड्रोम (Alien Etrology Syndrome)

खराब असर (Side-effects):

  • सामाजिक अलगाव
  • मानसिक तनाव
  • दैनिक जीवन में कठिनाइयाँ
  • paranoia (अत्यधिक संदेह)
  • आत्महत्या का खतरा

लक्षण:

  • विश्वास कि शरीर में एलियन रह रहे हैं
  • एलियंस के साथ संवाद करने का दावा
  • शरीर में अजीबोगरीब संवेदनाएं
  • अलौकिक शक्तियों का अनुभव
  • सोचने और समझने में कठिनाई

मूल:

  • इस विकार का सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं है।
  • कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह गंभीर मानसिक बीमारियों, जैसे सिज़ोफ्रेनिया, का एक रूप हो सकता है।
  • कुछ मामलों में, यह तनाव, आघात या दवाओं के दुष्प्रभाव के कारण भी हो सकता है।

एलियंस एट्रोलॉजी सिंड्रोम एक अत्यंत दुर्लभ मानसिक विकार है जिसमें व्यक्ति को यह विश्वास होता है कि उसके शरीर में एलियन रह रहे हैं। इस विकार से पीड़ित लोग अक्सर दावा करते हैं कि वे एलियंस के साथ संवाद करते हैं और उनके शरीर को नियंत्रित करने में सक्षम हैं। वे अजीबोगरीब संवेदनाओं का अनुभव कर सकते हैं, जैसे कि शरीर में झुनझुनाहट, जलन या विद्युत आवेश। ये लोग अक्सर सामाजिक रूप से अलग-थलग पड़ जाते हैं और उन्हें दैनिक जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस विकार का सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं है, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह गंभीर मानसिक बीमारियों, जैसे सिज़ोफ्रेनिया, का एक रूप हो सकता है। इस विकार का इलाज मनोचिकित्सा और दवाओं के माध्यम से किया जा सकता है।

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2. कॉटार्ड सिंड्रोम (Cotard syndrome)

खराब असर (side-effect):

  • अत्यधिक उदासीनता
  • आत्महत्या के विचार
  • भोजन और पानी से इनकार
  • सामाजिक अलगाव

लक्षण:

  • यह विश्वास कि व्यक्ति मर चुका है
  • यह विश्वास कि व्यक्ति का शरीर सड़ रहा है
  • यह विश्वास कि व्यक्ति की आत्मा शरीर से अलग हो गई है
  • यह विश्वास कि व्यक्ति अमर है
  • यह विश्वास कि व्यक्ति की कोई भावनाएं नहीं हैं

मूल:

  • कॉटार्ड सिंड्रोम का सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं है।
  • यह मस्तिष्क के उन हिस्सों को नुकसान पहुंचाने से जुड़ा हो सकता है जो भावनाओं और धारणाओं को नियंत्रित करते हैं।
  • यह अन्य मानसिक विकारों जैसे कि अवसाद या सिज़ोफ्रेनिया के साथ भी हो सकता है।

कॉटार्ड सिंड्रोम एक अत्यंत दुर्लभ और जटिल मानसिक विकार है जिसमें व्यक्ति को यह विश्वास होता है कि वह मर चुका है या नहीं है। इस विकार से पीड़ित लोग अक्सर अत्यधिक उदासीन हो जाते हैं और भोजन और पानी से इनकार कर देते हैं। वे सामाजिक अलगाव का अनुभव करते हैं और आत्महत्या के विचारों से ग्रस्त हो सकते हैं।

कॉटार्ड सिंड्रोम के लक्षणों में यह विश्वास शामिल है कि व्यक्ति का शरीर सड़ रहा है, व्यक्ति की आत्मा शरीर से अलग हो गई है, व्यक्ति अमर है, या व्यक्ति की कोई भावनाएं नहीं हैं। यह विकार मस्तिष्क के उन हिस्सों को नुकसान पहुंचाने से जुड़ा हो सकता है जो भावनाओं और धारणाओं को नियंत्रित करते हैं। यह अन्य मानसिक विकारों जैसे कि अवसाद या सिज़ोफ्रेनिया के साथ भी हो सकता है।

कॉटार्ड सिंड्रोम का इलाज करना बहुत मुश्किल होता है। इसका इलाज आमतौर पर मनोचिकित्सा और दवाओं के संयोजन से किया जाता है। मनोचिकित्सा में संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (CBT) और अन्य प्रकार की बातचीत थेरेपी शामिल हो सकती है। दवाओं में एंटीडिप्रेसेंट्स, एंटीसाइकोटिक्स और मूड स्टेबलाइज़र्स (Antidepressants, Antipsychotics and Mood Stabilizers) शामिल हो सकते हैं।

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3. फोरियर सिंड्रोम (Fourier syndrome)

खराब असर (side-effect):

  • दैनिक जीवन में कठिनाई
  • सामाजिक अलगाव
  • मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव

लक्षण:

  • वास्तविकता और कल्पना में अंतर करने में असमर्थता
  • अत्यधिक भ्रम
  • मतिभ्रम
  • चिंता और अवसाद
  • आत्मघाती विचार

मूल:

  • फोरियर सिंड्रोम का सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं है।
  • कुछ सिद्धांतों के अनुसार, यह मस्तिष्क की कुछ विशिष्ट संरचनाओं में असामान्यता के कारण हो सकता है।
  • कुछ मामलों में, यह अन्य मानसिक विकारों जैसे सिज़ोफ्रेनिया के साथ जुड़ा हुआ पाया गया है।

फोरियर सिंड्रोम एक अत्यंत दुर्लभ और जटिल मानसिक विकार है जिसमें व्यक्ति को यह विश्वास हो जाता है कि कोई प्रसिद्ध व्यक्ति या संगठन विशेष रूप से उनके बारे में बात कर रहा है या उनके खिलाफ साजिश रच रहा है। यह विकार व्यक्ति के दैनिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है और उन्हें सामाजिक रूप से अलगाव महसूस करा सकता है। फोरियर सिंड्रोम के लक्षणों में वास्तविकता और कल्पना में अंतर करने में असमर्थता, अत्यधिक भ्रम, मतिभ्रम, चिंता और अवसाद शामिल हैं। कुछ मामलों में, व्यक्ति आत्मघाती विचारों से भी ग्रस्त हो सकते हैं। फोरियर सिंड्रोम का सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं है, लेकिन यह माना जाता है कि यह मस्तिष्क की कुछ विशिष्ट संरचनाओं में असामान्यता के कारण हो सकता है। कुछ मामलों में, यह अन्य मानसिक विकारों जैसे सिज़ोफ्रेनिया के साथ जुड़ा हुआ पाया गया है। फोरियर सिंड्रोम का निदान करना मुश्किल हो सकता है क्योंकि व्यक्ति अपने भ्रमों को वास्तविक मानते हैं और चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर सकते हैं। इस विकार का इलाज मनोचिकित्सा और दवाओं के संयोजन से किया जा सकता है।

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4. कैपग्रास सिंड्रोम (Capgras Syndrome)

खराब असर (side-effect):

  • व्यक्तिगत रिश्तों में तनाव
  • सामाजिक अलगाव
  • दैनिक जीवन में कठिनाइयाँ
  • मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव

लक्षण:

  • अपनों को पहचानने में असमर्थता
  • यह विश्वास कि अपनों को किसी और ने बदल दिया है
  • अपनों के प्रति अविश्वास और शत्रुता
  • मतिभ्रम और भ्रम
  • चिंता और अवसाद

मूल:

  • कैपग्रास सिंड्रोम का सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से समझा नहीं गया है।
  • यह मस्तिष्क की उन संरचनाओं में असामान्यता से जुड़ा हो सकता है जो चेहरे की पहचान और भावनाओं को समझने में शामिल होती हैं।
  • यह अन्य मानसिक विकारों जैसे सिज़ोफ्रेनिया, डिमेंशिया, या मस्तिष्क की चोट के साथ भी जुड़ा हो सकता है।

कैपग्रास सिंड्रोम एक अत्यंत दुर्लभ और जटिल मानसिक विकार है जिसमें व्यक्ति को यह विश्वास हो जाता है कि उसके करीबी लोग, जैसे कि परिवार के सदस्य या दोस्त, उन्हें किसी और ने बदल दिया है। यह विकार व्यक्ति के लिए बेहद परेशान करने वाला हो सकता है और इससे उनके दैनिक जीवन में काफी बाधा उत्पन्न हो सकती है। कैपग्रास सिंड्रोम के लक्षणों में अपनों को पहचानने में असमर्थता, यह विश्वास कि अपनों को किसी और ने बदल दिया है, अपनों के प्रति अविश्वास और शत्रुता, मतिभ्रम और भ्रम, चिंता और अवसाद (Distrust and hostility, hallucinations and delusions, anxiety and depression) शामिल हो सकते हैं। इस विकार का इलाज करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि व्यक्ति अपने भ्रमों को वास्तविक मानते हैं और चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर सकते हैं। कैपग्रास सिंड्रोम का इलाज मनोचिकित्सा और दवाओं के संयोजन से किया जा सकता है।

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5. एक्सट्रीमिटी डिऑर्डर (Extremity Disorder)

खराब असर (Side-effect):

  • दैनिक जीवन में कठिनाई
  • सामाजिक अलगाव
  • आत्मविश्वास में कमी
  • अवसाद और चिंता

लक्षण:

  • अपने अंगों के आकार, आकृति या कार्य के बारे में अत्यधिक चिंता
  • अंगों को छिपाने की प्रवृत्ति
  • अंगों को बार-बार जांचना
  • अंगों को नुकसान पहुंचाने का डर
  • खाने के विकार

मूल:

  • इस विकार में व्यक्ति को अपने शरीर के किसी अंग के बारे में अत्यधिक घृणा होती है। वे मानते हैं कि वह अंग बहुत बड़ा, बहुत छोटा, या विकृत है।
  • एक्सट्रीमिटी डिऑर्डर का सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से समझा नहीं गया है।
  • हालांकि, कुछ सिद्धांतों के अनुसार, यह आनुवंशिक कारकों, पर्यावरणीय कारकों और मनोवैज्ञानिक कारकों के संयोजन के कारण हो सकता है।
  • शरीर छवि विकार, बौद्धिक विकलांगता, और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं भी इस विकार से जुड़ी हो सकती हैं।

एक्सट्रीमिटी डिऑर्डर एक दुर्लभ मानसिक विकार है जिसमें व्यक्ति को अपने शरीर के किसी अंग या अंगों के बारे में अत्यधिक चिंता होती है। यह चिंता इतनी गंभीर हो सकती है कि यह व्यक्ति के दैनिक जीवन को बाधित कर सकती है। एक्सट्रीमिटी डिऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति अपने अंगों के आकार, आकृति या कार्य के बारे में अत्यधिक चिंतित रहते हैं। वे अक्सर अपने अंगों को छिपाने की कोशिश करते हैं और उन्हें बार-बार जांचते रहते हैं। कुछ मामलों में, व्यक्ति को अपने अंगों को नुकसान पहुंचाने का डर भी हो सकता है। एक्सट्रीमिटी डिऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति अक्सर खाने के विकारों से भी ग्रस्त होते हैं। एक्सट्रीमिटी डिऑर्डर का इलाज मनोचिकित्सा और दवाओं के संयोजन से किया जा सकता है।

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मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं किस तरह के सकेत दे सकती हैं?

भिन्न मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के संकेत अलग-अलग दिखाई दे सकते हैं। हर मानसिक बीमारी के अपने लक्षण होते हैं। हालांकि, कुछ सामान्य संकेत हर तरह की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को बयां कर सकती हैं। ये आपको सचेत करती हैं कि अभी संभल जाएं। इन संकेतों को नजरअंदाज करने की बजाय इनके उपचार पर ध्यान देना चाहिए। इनमें से कुछ संकेतों में शामिल हैं :

  • व्यक्ति के स्वाभाव में परिवर्तन होना
  • रोजमर्रा के कामों को पूरा करने में असमर्थ महसूस करना
  • अजीब या खतरनाक व्यवहार करना
  • बहुत ज्यादा परेशान होना
  • छोटी-छोटी बात पर गुस्सा करना
  • हमेशा अकेले रहना
  • लंबे समय तक डिप्रेशन का शिकार होना
  • खाने या सोने के पैटर्न में बदलाव होना
  • आत्महत्या के बारे में सोचना या खुद को नुकसान पहुंचाना
  • परिवार या दोस्तों के साथ व्यवहार करने के तरीके में बदलाव होना
  • बहुत ज्यादा शराब या स्मोकिंग करना

आंकड़ों के अनुसार, संयुक्त राज्य में पांच में से एक महिला किसी न किसी तरह की मानसिक स्वास्थ्य समस्या से परेशान है। हाल ही के अनुमानों के अनुसार, लगभग 20 फीसदी अमेरिकियों में किसी न किसी तरह की मानसिक स्वास्थ्य समस्या पाई जाती है।

इनमें 18 साल से कम आयु के लोग भी शामिल हैं। इसके अलावा लगभग 3 फीसदी लोगों में एक से अधिक मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं पाई जाती हैं। वहीं, लगभग पांच फीसदी लोगों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं इतनी ज्यादा गंभीर हो गई हैं कि ये खुद को या दूसरों को नुकसान पहुंचाने से नहीं कतराते हैं।

इसके अलावा, हर साल लगभग 8 लाख नए लोगों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं पाई जा रही हैं। इनमें से सिर्फ 20 फीसदी लोग ही अपनी मानसिक स्वास्थ्य समस्या को पहचान पाते हैं और समय पर उसका उपचार करवाते हैं।

लोग आज भी सिर्फ पागलपन को ही दिमागी बीमारियों के नाम से जानते हैं। मानसिक स्वास्थ्य समस्या हमेशा पागलपन ही नहीं होती है बल्कि इसमें डिप्रेशन, सिजोफ्रेनिया से लेकर न जाने कितने मानसिक स्वास्थ्य विकार शामिल हैं, जो आम हैं।

भारत जैसे देशों में मानसिक बीमारी को सिर्फ पागलपन के रूप में ही देखा जाता है और इसी वजह से इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति डॉक्टर के पास जाकर इलाज करवाने से कतराते हैं। उन्हें लगता है कि अगर वो इलाज के लिए साइकेट्रिस्ट के पास जाएंगें तो लोग उन्हें पागल करार दे देंगे। रोगी और उसके आसपास के लोगों की ये सोच बिल्कुल गलत और निराधार है। हर शारीरिक बीमारी की तरह मानसिक बीमारी को भी इलाज की जरूरत होती है। आप योग, मेडिटेशन, होम्योपैथी और किसी अन्य थेरेपी की मदद से मानसिक बीमारी का इलाज करवा सकते हैं। वहीं कैपग्रस सिंड्रोम, एलियन हैंड सिंड्रोम आदि ऐसे दुर्लभ मानसिक विकार हैं जिनके बारे में लोगों ने सुना तक नहीं है लेकिन, ये दुर्लभ मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बहुत ही गंभीर हैं।

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निष्कर्ष: Scary Mental Disorders पर अंतिम विचार

Scary Mental Disorders मानव मन की गहराइयों में छिपे रहस्यों को उजागर करते हैं। ये विकार न केवल व्यक्ति के जीवन को बर्बाद कर सकते हैं, बल्कि उनके आस-पास के लोगों को भी गहराई से प्रभावित कर सकते हैं। इन विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने से हम न केवल इन बीमारियों के बारे में समझ सकते हैं बल्कि पीड़ितों को भी बेहतर तरीके से समझ सकते हैं और समर्थन प्रदान कर सकते हैं। Scary Mental Disorders के बारे में बात करना अक्सर असहज होता है क्योंकि ये विकार हमारे सामान्य समझ के परे होते हैं। लेकिन इन विकारों को अनदेखा करना उन्हें और भी डरावना बना देता है। हमें इन विकारों के बारे में खुले तौर पर बात करने की जरूरत है ताकि हम इनके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकें और पीड़ितों को मदद प्रदान कर सकें।

Scary Mental Disorders अक्सर स्टिग्मा से जुड़े होते हैं, जिससे पीड़ितों को सामाजिक अलगाव का सामना करना पड़ता है। हमें इन स्टिग्मा को तोड़ने का प्रयास करना चाहिए और पीड़ितों को स्वीकार करना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है कि हम समझें कि ये विकार बीमारियां हैं, और पीड़ितों को इनके लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।

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