एक खतरनाक शहर की कहानी, जहां पहुंचने की सभी सड़कों को कर दिया गया है ब्लॉक, वजह जानकर होंगे हैरान!
Mystery of Wittenum city: विटेनूम को ‘दुनिया का सबसे खतरनाक शहर’ कहा जाता है, जो पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में है। यह इतना घातक है कि इसका नाम नक्शों से ही मिटा दिया गया है। इतना ही नहीं यहां तक पहुंचने के सभी रास्तों को भी ब्लॉक कर दिया गया है। आखिर ऐसा क्यों किया गया है। इसकी वजह जानकर आप हैरान हो जाएंगे। खतरों के बावजूद फिर भी कुछ लोग यहां आने से मान नहीं रहे हैं। विटेनूम शहर को धीरे-धीरे ध्वस्त किया जा रहा है। अधिकारियों ने अतिक्रमण करने वालों पर मुकदमा चलाने की धमकी दी है। एक साल पहले, 80 वर्षीय लोरेन थॉमस यहां की अकेले निवासी थीं। एक समय इस जगह पर 800 से अधिक लोग रहा करते थे। लेकिन मई में लोरेन भी इस जगह को छोडक़र चली गईं। यह टाउन, दक्षिणी गोलार्ध में सबसे बड़े प्रदूषित जगह के बीच में स्थित है, जो 50 हजार हेक्टेयर जहरीली धरती से घिरा हुआ है। यही कारण है कि इसे इतना घातक माना जाता है।
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Mystery of Wittenum city: आखिर क्यों है ये शहर इतना खतरनाक (एस्बेस्टस से भरी हुई है ये जगह)
- 1930 के दशक में, एक लौह अयस्क टाइकून और एक कंगारू शिकारी सहित ऑस्ट्रेलियाई लोगों के एक ग्रूप ने पाया कि यह क्षेत्र नीले एस्बेस्टस (blue asbestos) से भरा हुआ है। उन्होंने इसका खनन शुरू कर दिया, जो स्टीम इंजनों को इन्सुलेट करने के लिए बहुत होता था। साथ ही स्प्रे-ऑन कोटिंग्स, प्लास्टिक और सीमेंट उत्पादों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता था।
- अगले तीन दशकों में, एस्बेस्टस के खनन के लिए हजारों मजदूरों को यहां लाया गया।
- 1966 में खदान बंद हो गई, क्योंकि इससे पर्याप्त कमाई नहीं हो रही थी। बहुत बाद में लोगों को यह पता चल पाया कि नीला एस्बेस्टस घातक होता है।
- अनुमान के मुताबिक, एस्बेस्टस से संबंधित बीमारियों की वजह से 2,000 से अधिक खनिकों, निवासियों और उनके परिवार के सदस्यों की मृत्यु हो गई, जिनमें से कई की मौत फेफड़ों के कैंसर की वजह से हुई।
- एस्बेस्टॉसिस से धीमी मौत मरने की भयावह संभावना के बावजूद कई पर्यटक इस स्थल पर जाने से खुद को रोक नहीं पाते हैं।
- भूमि मंत्री जॉन केरी ने पहले कहा था कि सरकार ने ‘मूर्ख’ विजिटर्स को रोकने के लिए शहर को बंद कर दिया है, जो इस वीरान पड़ी हुई जगह को देखने के लिए आते हैं।
- राज्य सरकार विटेनूम को ध्वस्त करने में लगी हुई है, यहां घातक एस्बेस्टस पूरे क्षेत्र में भरा पड़ा है। उसे हटाने की कोई मौजूदा प्लानिंग नहीं है।
- 2015 में, छह निवासी बचे थे। 2017 में यह संख्या घटकर चार 6 , 2018 में तीन और 2021 में दो रह गई ।
- सितंबर 2022 तक, विटेनूम अब आबाद नहीं था, और पश्चिमी ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने सभी शेष संरचनाओं को ध्वस्त करने की योजना बनाई है।
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Mystery of Wittenum city: कैसे पड़ा ये नाम ?
विटेनूम का नाम लैंग हैनकॉक (lang hancock) ने पास के मुल्गा डाउन्स स्टेशन पर उनके साथी फ्रैंक विटेनूम के नाम पर रखा था। विटेनूम के आसपास की भूमि मूल रूप से विटेनूम के भाई, राजनीतिज्ञ सर एडवर्ड हॉर्न विटेनूम द्वारा बसाई गई थी। 1940 के दशक के अंत में सरकार ने अनुरोध किया कि खदान के पास एक शहर बनाया जाए, और खान विभाग ने सिफारिश की कि इसे विट्टेनूम कहा जाए। नाम को 1948 में अनुमोदित किया गया था, लेकिन 2 मई 1950 तक आधिकारिक तौर पर पंजीकृत नहीं किया गया था । 1951 में खनन कंपनी के अनुरोध पर नाम बदलकर “विट्टेनूम गॉर्ज “ कर दिया गया, लेकिन 1974 में इसे फिर से बदलकर “विटेनूम” कर दिया गया।
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