Credit score: मतलब, फायदे, Good Credit Score कितना होना चाहिए और इसे बढ़ाने के आसान तरीके!
क्या आपने कभी लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई किया है और सोचा है कि बैंक या वित्तीय संस्थान इसे मंजूर करने का फैसला कैसे लेते हैं? इसका जवाब है – Credit Score। यह एक तीन अंकों की संख्या होती है, जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और लोन चुकाने की क्षमता को दर्शाती है। यदि आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो आपको आसानी से लोन और क्रेडिट कार्ड मिल सकते हैं, जबकि खराब स्कोर से लोन मिलने में दिक्कत आ सकती है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे क्रेडिट स्कोर क्या होता है, इसका महत्व, अच्छा स्कोर कितना होना चाहिए और इसे सुधारने के आसान तरीके।
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क्रेडिट स्कोर क्या होता है? | What is Credit Score?
क्रेडिट स्कोर एक संख्या (300 से 900 के बीच) होती है, जो यह बताती है कि कोई व्यक्ति वित्तीय रूप से कितना विश्वसनीय है। यह स्कोर कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि लोन चुकाने का इतिहास, क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का उपयोग, मौजूदा कर्ज और वित्तीय अनुशासन।
अगर आपका स्कोर कम है, तो आपको पहले यह समझना होगा कि इसे प्रभावित करने वाले कारण क्या हैं। एक बार जब आपको इसकी सही जानकारी हो जाती है, तो इसे सुधारना आसान हो जाता है। हालांकि, क्रेडिट स्कोर रातोंरात नहीं बढ़ता, इसके लिए सही वित्तीय आदतें अपनानी जरूरी हैं।
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क्रेडिट स्कोर कैसे निकाला जाता है? | How is credit score calculated?
क्रेडिट स्कोर को तय करने के लिए क्रेडिट ब्यूरो और क्रेडिट जानकारी देने वाली कंपनिया कई बातों का ध्यान रखती हैं। ये बातें आपके पुराने क्रेडिट व्यवहार को दिखाती हैं। जब भी आप नया क्रेडिट कार्ड या लोन लेने के लिए अप्लाई करते हैं, तो बैंक और वित्तीय संस्थानों को इसकी रिपोर्ट भेजी जाती है।
क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक | Main factors affecting credit score
अगर आप लोन या क्रेडिट कार्ड लेना चाहते हैं, तो अच्छा Credit Score होना बेहद जरूरी है। इसे बनाए रखने के लिए उन कारकों को समझना जरूरी है जो आपके स्कोर को प्रभावित कर सकते हैं। नीचे कुछ ऐसे महत्वपूर्ण कारक बताए गए हैं जो आपके क्रेडिट स्कोर पर असर डालते हैं:
- क्रेडिट उपयोग अनुपात (Credit Utilization Ratio): हर क्रेडिट कार्ड की एक निश्चित क्रेडिट लिमिट credit limit होती है, और आप जितनी क्रेडिट का उपयोग करते हैं, उसे क्रेडिट उपयोग अनुपात कहा जाता है। उदाहरण के लिए, यदि आपकी क्रेडिट लिमिट ₹1,00,000 है और आप ₹60,000 खर्च करते हैं, तो आपका क्रेडिट उपयोग अनुपात 60% होगा। उच्च अनुपात यह दर्शाता है कि आप अधिक कर्ज पर निर्भर हैं, जिससे क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है। बेहतर स्कोर बनाए रखने के लिए 30% से कम क्रेडिट उपयोग अनुपात रखना फायदेमंद होता है।
- लोन आवेदन और पूछताछ (Loan Inquiry & Applications): जब भी आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक या वित्तीय संस्थान आपकी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते हैं, जिसे “हार्ड इन्क्वायरी (Hard Inquiry)” कहा जाता है। बार-बार लोन के लिए आवेदन करने से कई हार्ड इन्क्वायरी दर्ज हो जाती हैं, जिससे क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए, बार-बार लोन के लिए आवेदन करने से बचें।
- भुगतान का रिकॉर्ड (Payment History): आपका EMI और क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान समय पर करना बहुत जरूरी है। अगर आप समय पर भुगतान नहीं करते हैं, तो यह आपकी क्रेडिट हिस्ट्री में दर्ज हो जाता है और क्रेडिट स्कोर घट सकता है। इसलिए, समय पर भुगतान करें और डिफॉल्ट से बचें।
- क्रेडिट मिक्स (Credit Mix): क्रेडिट मिक्स का मतलब है कि आपके पास सुरक्षित (Secured) और असुरक्षित (Unsecured) लोन का सही संतुलन होना चाहिए। अगर आपके पास सिर्फ असुरक्षित लोन हैं, तो यह क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। अच्छा क्रेडिट मिक्स बनाए रखने से स्कोर बेहतर होता है।
- सुरक्षित लोन (Secured Loan) – होम लोन, ऑटो लोन (कम जोखिम)
- असुरक्षित लोन (Unsecured Loan) – पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड (अधिक जोखिम)
- बार-बार क्रेडिट लिमिट बढ़ाने का अनुरोध (Frequent Credit Limit Increase Requests): यदि आप बार-बार अपने क्रेडिट कार्ड की क्रेडिट लिमिट बढ़ाने के लिए अनुरोध करते हैं, तो इससे बैंकों को यह संकेत मिल सकता है कि आप वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। इससे क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- क्रेडिट हिस्ट्री की अनुपस्थिति (Lack of Credit History): अगर आपके पास पहले से कोई लोन या क्रेडिट कार्ड नहीं है, तो बैंक यह तय नहीं कर सकते कि आप एक भरोसेमंद उधारकर्ता हैं या नहीं। इसलिए, क्रेडिट स्कोर बनाने के लिए एक छोटी क्रेडिट लाइन या क्रेडिट कार्ड लेना फायदेमंद हो सकता है।
- क्रेडिट रिपोर्ट में गलत जानकारी (Errors in Credit Report): कभी-कभी, बैंक या क्रेडिट ब्यूरो (Credit Bureau) की गलतियों की वजह से आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में गलत जानकारी दर्ज हो सकती है, जैसे कि गलत नाम, किसी और के लोन का विवरण, या पहले से चुका दिए गए लोन को बकाया दिखाना। ऐसी गलतियों को तुरंत सही करवाने के लिए आपको क्रेडिट ब्यूरो से संपर्क करना चाहिए।
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क्रेडिट स्कोर रेंज और उसका मतलब | Credit score ranges and their meaning
नीचे दी गई तालिका में क्रेडिट स्कोर की श्रेणियां, उनका अर्थ और उनका प्रभाव बताया गया है।
क्रेडिट स्कोर | श्रेणी | अर्थ और प्रभाव |
---|---|---|
300 से कम | कोई स्कोर नहीं / क्रेडिट हिस्ट्री नहीं | आपने कभी लोन या क्रेडिट कार्ड नहीं लिया है, इसलिए आपका कोई क्रेडिट स्कोर नहीं है। अच्छे लोन ऑफर पाने के लिए क्रेडिट हिस्ट्री बनाना जरूरी है। |
300-550 | बहुत कम क्रेडिट स्कोर | आपकी क्रेडिट हिस्ट्री खराब मानी जाती है। क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करें और स्कोर सुधारने के लिए सही वित्तीय आदतें अपनाएं। |
551-620 | कम क्रेडिट स्कोर | यह स्कोर दर्शाता है कि आपने क्रेडिट का सही उपयोग नहीं किया। अच्छे ऑफर्स पाने के लिए क्रेडिट स्कोर सुधारना जरूरी है। |
621-700 | संतोषजनक क्रेडिट स्कोर | यह स्कोर ठीक है लेकिन बेहतर लोन और क्रेडिट कार्ड ऑफर पाने के लिए इसमें सुधार करने की जरूरत है। |
701-749 | अच्छा क्रेडिट स्कोर | आपने क्रेडिट को सही से मैनेज किया है। बैंक और NBFC आपको आसानी से लोन दे सकते हैं। |
750+ | बहुत अच्छा क्रेडिट स्कोर | आपका क्रेडिट इतिहास बेहतरीन है। इससे आपको कम ब्याज दर पर लोन और क्रेडिट कार्ड के बेहतरीन ऑफर्स मिल सकते हैं। |
अच्छा क्रेडिट स्कोर कितना होना चाहिए? | What should a Good Credit Score be?
आमतौर पर, बैंक और वित्तीय संस्थान 760 या उससे अधिक क्रेडिट स्कोर को अच्छा मानते हैं, चाहे वह CIBIL हो या किसी अन्य क्रेडिट ब्यूरो से जुड़ा हो। यदि आपका स्कोर 760 से ऊपर और 900 के करीब होता है, तो आपके लोन मंजूर होने की संभावना बढ़ जाती है।
हालांकि, यह संभव है कि एक क्रेडिट ब्यूरो में आपका स्कोर 760 या उससे अधिक हो, जबकि किसी दूसरे ब्यूरो में 700 से कम हो। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हर क्रेडिट ब्यूरो अपना अलग गणना फॉर्मूला अपनाता है, जिससे स्कोर में अंतर आ सकता है।
इसीलिए, यह सलाह दी जाती है कि हर महीने एक बार अपना क्रेडिट स्कोर जरूर चेक करें, ताकि आपको अपनी वित्तीय स्थिति की सही जानकारी मिल सके।
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अच्छे क्रेडिट स्कोर को बनाए रखने के फायदे | Benefits of a Good Credit Score
जब भी कोई व्यक्ति लोन लेता है या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करता है, तो बैंक या वित्तीय संस्थान उसके क्रेडिट स्कोर को जांचते हैं। हालांकि, लोन स्वीकृत करने के लिए केवल क्रेडिट स्कोर ही एकमात्र मानदंड नहीं होता, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण कारक जरूर होता है। एक अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाए रखने से कई फायदे होते हैं, जो आगे दिए गए हैं:
- लोन स्वीकृत होने की संभावना अधिक होती है: अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान आपकी लोन एप्लीकेशन को मंजूरी देने में अधिक इच्छुक होते हैं। इसका कारण यह है कि उच्च क्रेडिट स्कोर दिखाता है कि आप एक जिम्मेदार उधारकर्ता हैं और आपके द्वारा लिए गए लोन को समय पर चुकाने की संभावना अधिक है।
- कम ब्याज दर पर लोन मिलने की संभावना: अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले व्यक्तियों को आमतौर पर कम ब्याज दरों पर लोन मिलता है। चूंकि बैंक और वित्तीय संस्थानों को कम जोखिम महसूस होता है, वे ऐसे ग्राहकों को अधिक अनुकूल शर्तों पर लोन देने के लिए तैयार रहते हैं। इससे लोन की कुल लागत कम हो जाती है और आपको कम ईएमआई (EMI) चुकानी पड़ती है।
- लोन और क्रेडिट कार्ड आवेदन जल्दी स्वीकृत होते हैं: जिन लोगों का क्रेडिट स्कोर अच्छा होता है, उनके लोन और क्रेडिट कार्ड आवेदन पर जल्दी निर्णय लिया जाता है। बैंक और अन्य संस्थान ऐसे ग्राहकों को प्राथमिकता देते हैं और उनके दस्तावेज़ी प्रक्रिया को तेज़ी से पूरा किया जाता है।
- प्री-अप्रूव्ड लोन मिलने की योग्यता बढ़ती है: अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो आपको बैंकों और वित्तीय संस्थानों की ओर से प्री-अप्रूव्ड लोन ऑफर मिल सकते हैं। यह उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होता है, जिन्हें अचानक पैसों की जरूरत पड़ती है।
- क्रेडिट कार्ड की लिमिट अधिक मिल सकती है: अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले लोगों को उच्च क्रेडिट लिमिट वाले क्रेडिट कार्ड मिलते हैं। इसका मतलब है कि आप बड़े खर्च आसानी से कर सकते हैं और जरूरत के समय अधिक पैसे का उपयोग कर सकते हैं।
- प्रोसेसिंग फीस और अन्य शुल्क में छूट मिल सकती है: अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो बैंक कई बार लोन प्रोसेसिंग फीस, वार्षिक शुल्क, और अन्य चार्जेज पर छूट या रियायत देते हैं। इससे आपको वित्तीय रूप से फायदा मिलता है और लोन लेना या क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करना सस्ता हो जाता है।
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अगर आपका क्रेडिट स्कोर कम है तो क्या करें? | What to do if you have a low credit score?
अगर आपका क्रेडिट स्कोर कम है, तो आप कुछ आसान उपाय अपनाकर इसे सुधार सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि अपने क्रेडिट स्कोर को कैसे बढ़ाया जाए।
1. समय पर भुगतान करें
- क्रेडिट कार्ड बिल और लोन EMI समय पर भरें।
- लेट पेमेंट से बचें, वरना स्कोर कम हो सकता है।
- ऑटो-डेबिट (Auto-Debit) सेट करें ताकि पेमेंट कभी न छूटे।
2. ज्यादा क्रेडिट इस्तेमाल न करें
- क्रेडिट कार्ड की लिमिट का 30% से ज्यादा इस्तेमाल न करें।
- ज्यादा खर्च करने से स्कोर गिर सकता है।
- समय पर पूरा बिल चुकाएं।
3. क्रेडिट रिपोर्ट में गलतियों को ठीक कराएं
- समय-समय पर अपना क्रेडिट स्कोर चेक करें।
- अगर रिपोर्ट में गलती मिले तो तुरंत सुधार की मांग करें।
- गलत जानकारी ठीक होने से स्कोर खुद सुधर जाएगा।
4. बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई न करें
- हर बार अप्लाई करने से बैंक को संदेह हो सकता है।
- लगातार आवेदन करने से स्कोर गिर सकता है।
- अगर रिजेक्ट हो जाए, तो 6 महीने बाद दोबारा अप्लाई करें।
5. पुराने क्रेडिट कार्ड को बंद न करें
- पुराना कार्ड आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को मजबूत बनाता है।
- कार्ड एक्टिव रखें और कभी-कभी इस्तेमाल करें।
- लंबी क्रेडिट हिस्ट्री से बैंक का भरोसा बढ़ता है।
6. एक्सपर्ट की सलाह लें
- जरूरत पड़ने पर फाइनेंशियल एक्सपर्ट की मदद लें।
- क्रेडिट एडवाइजरी सर्विस का उपयोग करें।
- पुराना बकाया चुकाकर स्कोर सुधारें।
भारत में क्रेडिट ब्यूरो और क्रेडिट स्कोर | Credit Bureaus and Credit Scores in India
क्रेडिट ब्यूरो एक ऐसी एजेंसी होती है जो व्यक्तियों और कंपनियों के ऋण (Loan) और वित्तीय व्यवहार का रिकॉर्ड रखती है। यह बैंकों, वित्तीय संस्थानों (NBFCs), और अन्य ऋणदाताओं से जानकारी लेकर आपके क्रेडिट स्कोर को तैयार करता है। भारत में कुल चार क्रेडिट ब्यूरो कार्यरत हैं, जो लोगों और कंपनियों के क्रेडिट स्कोर को तैयार करते हैं:
- ट्रांसयूनियन सिबिल (TransUnion CIBIL) – यह भारत का सबसे पुराना और प्रमुख क्रेडिट ब्यूरो है।
- एक्सपीरियन (Experian) – यह एक अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट एजेंसी है, जो भारत में भी क्रेडिट रिपोर्ट सेवाएँ प्रदान करती है।
- CRIF हाई मार्क (CRIF High Mark) – यह भी भारत में सक्रिय एक प्रमुख क्रेडिट ब्यूरो है।
- इक्विफैक्स (Equifax) – यह एक और प्रमुख क्रेडिट एजेंसी है, जो व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों तरह की क्रेडिट रिपोर्ट जारी करती है।
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FAQs: Credit Score
1. क्रेडिट स्कोर कैसे चेक करें?
आप क्रेडिट स्कोर चेक करने के लिए CIBIL, Experian, Equifax या अन्य क्रेडिट ब्यूरो की वेबसाइट पर जा सकते हैं। कई फाइनेंशियल प्लेटफॉर्म भी यह सुविधा फ्री में देते हैं।
2. क्या बिना क्रेडिट कार्ड के भी क्रेडिट स्कोर बन सकता है?
हाँ, अगर आपने कोई लोन लिया है और उसकी EMI समय पर भर रहे हैं, तो भी आपका क्रेडिट स्कोर बनता है।
3. क्या कम क्रेडिट स्कोर होने पर लोन मिल सकता है?
हाँ, लेकिन कम क्रेडिट स्कोर होने पर लोन मिलने में दिक्कत आ सकती है और ब्याज दर ज्यादा हो सकती है। कुछ NBFCs और फाइनेंशियल कंपनियाँ लो क्रेडिट स्कोर पर भी लोन देती हैं, लेकिन उनकी शर्तें कड़ी हो सकती हैं।
4. क्या एक ही बार में क्रेडिट स्कोर सुधार सकते हैं?
नहीं, क्रेडिट स्कोर को सुधारने में समय लगता है। सही आदतें अपनाकर धीरे-धीरे इसे बेहतर किया जा सकता है।
5. क्रेडिट रिपोर्ट में गलती हो तो क्या करें?
अगर आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में कोई गलती दिख रही है, तो तुरंत संबंधित क्रेडिट ब्यूरो (CIBIL, Experian, आदि) से संपर्क करें और सुधार की मांग करें।
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निष्कर्ष | Conclusion
क्रेडिट स्कोर (Credit Score) हमारे वित्तीय जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो यह तय करता है कि हमें लोन या क्रेडिट कार्ड कितनी आसानी से मिलेगा। अगर क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो लोन आसानी से और कम ब्याज दर पर मिल सकता है, लेकिन अगर स्कोर कम है, तो वित्तीय मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसलिए, समय पर बिल और EMI का भुगतान करना, क्रेडिट कार्ड का संतुलित उपयोग करना, क्रेडिट रिपोर्ट में गलतियों को सुधारना और बिना जरूरत बार-बार लोन के लिए अप्लाई न करना जरूरी है। सही आदतें अपनाकर और धैर्य रखते हुए, कोई भी अपना क्रेडिट स्कोर सुधार सकता है और एक मजबूत वित्तीय भविष्य बना सकता है।