International Literacy Day – September 8, 2025: इतिहास, विषय और महत्व!

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अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2025: शिक्षा से समृद्धि की ओर! | International Literacy Day Quotes | International Literacy Day Theme 2025 | International Literacy Day Activities | International Literacy Day in India | World Literacy Day 2025

हर साल दुनिया भर में एक खास तारीख का इंतज़ार किया जाता है—International Literacy Day – September 8, 2025, जो न सिर्फ शिक्षा के महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम सच में एक साक्षर समाज की ओर बढ़ रहे हैं? क्या सिर्फ पढ़ना-लिखना जानना ही साक्षरता है, या इसका दायरा और भी बड़ा है? इस दिन की शुरुआत 1966 में यूनेस्को ने की थी, लेकिन आज भी करोड़ों लोग शिक्षा से वंचित हैं। तो फिर सवाल यह उठता है कि इतने वर्षों में हम कहाँ तक पहुँचे हैं? इस ब्लॉग में हम जानेंगे International Literacy Day – September 8, 2025 का इतिहास, इस साल का थीम, इसका सामाजिक महत्व, भारत और दुनिया में इसकी स्थिति, और वो चुनौतियाँ जो अभी भी साक्षरता के रास्ते में दीवार बनकर खड़ी हैं। पढ़ते रहिए, क्योंकि ये लेख आपकी सोच बदल सकता है!

this is the image of September 8 Literacy Day

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का परिचय | Introduction to International Literacy Day

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पहली बार 1967 में मनाया गया था, जब यूनेस्को ने 26 अक्टूबर 1966 को अपने 14वें सत्र में इसे घोषित किया। इस दिन का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में साक्षरता के महत्व को रेखांकित करना और निरक्षरता को खत्म करने के लिए वैश्विक प्रयासों को प्रोत्साहित करना है। साक्षरता का मतलब केवल पढ़ना-लिखना सीखना नहीं है, बल्कि यह विचारों को समझने, व्यक्त करने, और समाज में सक्रिय रूप से भाग लेने की क्षमता भी है।

2025 का थीम डिजिटल युग में साक्षरता को बढ़ावा देना” है। यह थीम डिजिटल तकनीक के इस दौर में साक्षरता के महत्व को दर्शाता है, जहां प्रौद्योगिकी हमारे सीखने, काम करने, और संवाद करने के तरीके को बदल रही है। इसके साथ ही, यह बहुभाषी शिक्षा पर भी जोर देता है, जो सांस्कृतिक समझ और सामाजिक समावेश को बढ़ावा देता है।

साक्षरता क्या है? | What is literacy?

साक्षरता का मतलब है किसी भी भाषा में पढ़ने और लिखने की क्षमता। मिरियम-वेबस्टर डिक्शनरी के अनुसार, साक्षरता वह गुण है जो किसी व्यक्ति को शिक्षित और पढ़ने-लिखने में सक्षम बनाता है। लेकिन साक्षरता का दायरा इससे कहीं व्यापक है। यह विचारों को समझने, व्यक्त करने, और विभिन्न क्षेत्रों जैसे अंकगणित, प्रौद्योगिकी, और सामाजिक जागरूकता में दक्षता को भी शामिल करता है।

यूनेस्को के अनुसार, साक्षरता में किसी भी भाषा में बुनियादी कथन को समझने और बनाने की क्षमता शामिल है। यह न केवल व्यक्तिगत विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक प्रगति के लिए भी आधारभूत है। उदाहरण के लिए, एक साक्षर व्यक्ति रेस्तरां का मेन्यू, दवा की बोतल का लेबल, या सड़क के संकेत आसानी से पढ़ सकता है, जो रोजमर्रा के जीवन को सरल बनाता है।

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का इतिहास | History of International Literacy Day

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की शुरुआत 1965 में ईरान के तेहरान में आयोजित “निरक्षरता उन्मूलन पर शिक्षा मंत्रियों के विश्व सम्मेलन” में हुई। इसके बाद 1966 में यूनेस्को ने 8 सितंबर को इस दिवस के रूप में घोषित किया। तब से यह हर साल मनाया जाता है ताकि दुनिया भर में साक्षरता के महत्व को याद दिलाया जाए।

पिछले 50 वर्षों में साक्षरता दर में काफी सुधार हुआ है, लेकिन आज भी दुनिया भर में लगभग 75 करोड़ वयस्क निरक्षर हैं। इनमें से दो-तिहाई महिलाएं हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे विकसित देशों में भी अनुमानित 3.2 करोड़ वयस्क पढ़ने-लिखने में असमर्थ हैं। यह दिखाता है कि निरक्षरता एक वैश्विक समस्या है, जो किसी भी देश या संस्कृति तक सीमित नहीं है।

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2025 का थीम | Theme of International Literacy Day 2025

2025 का थीम “डिजिटल युग में साक्षरता को बढ़ावा देना” है। यह थीम डिजिटल तकनीक के महत्व को रेखांकित करता है। आज की दुनिया में, जहां इंटरनेट और स्मार्ट उपकरण हमारे जीवन का हिस्सा हैं, डिजिटल साक्षरता जरूरी हो गई है। यह न केवल ऑनलाइन जानकारी को समझने और उपयोग करने की क्षमता है, बल्कि डिजिटल उपकरणों के माध्यम से सीखने और संवाद करने की योग्यता भी है।

इसके साथ ही, 2025 का थीम बहुभाषी शिक्षा पर भी जोर देता है। मातृभाषा में साक्षरता सीखना बच्चों और वयस्कों के लिए आसान होता है, और यह सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देता है। उदाहरण के लिए, भारत जैसे बहुभाषी देश में, हिंदी, तमिल, बंगाली, या अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा प्रदान करना बच्चों को बेहतर सीखने में मदद करता है।

साक्षरता का महत्व | Importance of Literacy

साक्षरता समाज के विकास का आधार है। यह व्यक्तियों और समुदायों को निम्नलिखित तरीकों से सशक्त बनाती है:

  1. आर्थिक विकास: साक्षर लोग बेहतर नौकरियां पा सकते हैं, नवाचार कर सकते हैं, और अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में योगदान दे सकते हैं। उच्च साक्षरता दर से उत्पादकता बढ़ती है और गरीबी कम होती है।
  2. सामाजिक विकास: साक्षरता लोगों को समाज में सक्रिय रूप से भाग लेने, बेहतर निर्णय लेने, और अपने अधिकारों को समझने में मदद करती है।
  3. स्वास्थ्य जागरूकता: साक्षर लोग स्वास्थ्य संबंधी जानकारी को समझ सकते हैं, दवाओं के निर्देश पढ़ सकते हैं, और स्वस्थ जीवनशैली अपना सकते हैं।
  4. लैंगिक समानता: साक्षर महिलाएं अपने करियर, परिवार, और समाज में अधिक सक्रिय हो सकती हैं, जिससे लैंगिक असमानता कम होती है।
  5. राजनीतिक जागरूकता: साक्षर लोग राजनीतिक प्रक्रियाओं को समझते हैं और अपने मताधिकार का उपयोग करते हैं, जो लोकतंत्र को मजबूत करता है।

वैश्विक साक्षरता की स्थिति

हालांकि साक्षरता दर में सुधार हुआ है, फिर भी कई चुनौतियां बनी हुई हैं। यूनेस्को की 2006 की “सभी के लिए शिक्षा” वैश्विक निगरानी रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण एशिया (58.6%) और उप-सहारा अफ्रीका (59.7%) में साक्षरता दर सबसे कम है। सबसे कम साक्षरता दर वाले देश हैं:

देश साक्षरता दर (%)
चाड 27
माली 31
बुर्किना फासो 34
दक्षिण सूडान 35

दूसरी ओर, अंडोरा, फिनलैंड, ग्रीनलैंड, लिकटेंस्टाइन, लक्जमबर्ग, और नॉर्वे जैसे देशों में साक्षरता दर लगभग 100% है। इन देशों ने शिक्षा प्रणाली और सामाजिक जागरूकता के माध्यम से निरक्षरता को लगभग समाप्त कर दिया है।

भारत में साक्षरता की स्थिति | Literacy status in India

भारत ने साक्षरता दर में उल्लेखनीय प्रगति की है। 1951 में जहां साक्षरता दर केवल 18.3% थी, वहीं 2025 तक इसके 77.7% तक पहुंचने का अनुमान है। हालांकि, लैंगिक, क्षेत्रीय, और धार्मिक आधार पर असमानताएं अभी भी मौजूद हैं।

भारत में उच्चतम साक्षरता दर वाले राज्य (States with the highest literacy rate in India)

केरल भारत में सबसे साक्षर राज्य है, जहां साक्षरता दर 96.2% है। इसका कारण है मजबूत शिक्षा प्रणाली, महिला शिक्षा पर जोर, और सामाजिक सुधार। अन्य उच्च साक्षरता दर वाले राज्य हैं:

राज्य साक्षरता दर (%)
केरल 96.2
दिल्ली 88.7
उत्तराखंड 87.6
हिमाचल प्रदेश 86.6
असम 85.9

भारत में सबसे कम साक्षरता दर वाले राज्य (States with the lowest literacy rates in India)

बिहार और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में साक्षरता दर कम है। गरीबी, बुनियादी ढांचे की कमी, और लैंगिक असमानता इसके प्रमुख कारण हैं।

राज्य साक्षरता दर (%)
आंध्र प्रदेश 72.6
बिहार 74.3
मध्य प्रदेश 75.2
राजस्थान 75.8
झारखंड 76.7

लैंगिक आधार पर साक्षरता दर | Literacy rate by gender

भारत में पुरुष साक्षरता दर (84%) महिला साक्षरता दर (70.3%) से अधिक है। ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक और सांस्कृतिक मान्यताएं, बाल विवाह, और आर्थिक समस्याएं महिलाओं की शिक्षा में बाधा बनती हैं। फिर भी, “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” जैसे कार्यक्रमों ने इस अंतर को कम करने में मदद की है।

लिंग साक्षरता दर (%)
पुरुष 84
महिला 70.3

धर्म के आधार पर साक्षरता दर (Literacy rate by Religion)

भारत में धार्मिक समुदायों के बीच भी साक्षरता दर में अंतर है। ईसाई समुदाय में साक्षरता दर सबसे अधिक है, जबकि मुस्लिम समुदाय में यह राष्ट्रीय औसत से कम है।

धर्म साक्षरता दर (%)
ईसाई 84.53
हिंदू 73.27
मुस्लिम 68.54

भारत में निरक्षरता की चुनौतियां | Challenges of illiteracy in India

भारत में निरक्षरता के प्रमुख कारण हैं:

  1. गरीबी: ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक तंगी के कारण कई परिवार अपने बच्चों को स्कूल भेजने में असमर्थ हैं।
  2. लैंगिक असमानता: सामाजिक मान्यताएं और बाल विवाह के कारण लड़कियों को शिक्षा से वंचित रखा जाता है।
  3. बुनियादी ढांचे की कमी: ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल और शिक्षकों की कमी शिक्षा तक पहुंच को सीमित करती है।
  4. भाषाई विविधता: भारत की विभिन्न भाषाओं के कारण, कई बच्चे स्कूल में अपनी मातृभाषा में शिक्षा नहीं प्राप्त कर पाते, जिससे सीखना मुश्किल होता है।
  5. बाल श्रम: कम उम्र में काम करने वाले बच्चे स्कूल नहीं जा पाते, जिससे निरक्षरता की समस्या बढ़ती है।

विश्व भर में साक्षरता कार्यक्रम | Literacy programs around the world

दुनिया भर में कई साक्षरता कार्यक्रम निरक्षरता को कम करने में मदद कर रहे हैं। कुछ प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं:

एशिया

  • भारत: न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम डिजिटल उपकरणों के माध्यम से वयस्कों को बुनियादी साक्षरता और जीवन कौशल सिखाता है।
  • फिलीपींस: कैरिटन क्लासरम (पुशकार्ट क्लासरूम) झुग्गी-झोपड़ियों में बच्चों को शिक्षा प्रदान करता है।

अफ्रीका

  • युगांडा और केन्या: सन बुक्स प्रोजेक्ट बच्चों को ई-पुस्तकों और टैबलेट के माध्यम से साक्षरता कौशल सिखाता है।
  • दक्षिण अफ्रीका: नल’इबाली पहल बच्चों में पढ़ने का प्रेम जगाने के लिए कहानियों का उपयोग करती है।

यूरोप

  • फिनलैंड: लुकुइंटो कार्यक्रम बच्चों और किशोरों में पढ़ने को रोमांचक बनाता है।
  • यूनाइटेड किंगडम: बुकट्रस्ट बच्चों को मुफ्त किताबें प्रदान करता है और पढ़ने के प्रति रुचि बढ़ाता है।

दक्षिण अमेरिका

  • चिली: बिब्लियोमोविल (मोबाइल लाइब्रेरी) ग्रामीण क्षेत्रों में किताबें और शैक्षिक संसाधन पहुंचाता है।
  • ब्राजील: कोमुनिडाडे एजुकाटिवा निम्न-आय वाले क्षेत्रों में सामुदायिक पुस्तकालयों को बढ़ावा देता है।

ऑस्ट्रेलिया/ओशिनिया

  • ऑस्ट्रेलिया: Indigenous Literacy Foundation मूलनिवासी समुदायों में साक्षरता बढ़ाने के लिए काम करता है।
  • पापुआ न्यू गिनी: बुक बिलोंग पिकिनीनी बच्चों को पुस्तकें और साक्षरता कार्यक्रम प्रदान करता है।

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की गतिविधियां | International Literacy Day Activities

दुनिया भर में इस दिन को मनाने के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाती हैं:

  • यूनाइटेड किंगडम: ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय साक्षरता पर कार्यशालाएं और सार्वजनिक व्याख्यान आयोजित करते हैं।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका: हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड जैसे विश्वविद्यालय स्थानीय स्कूलों के साथ मिलकर पठन कार्यक्रम और पुस्तक दान करते हैं।
  • ऑस्ट्रेलिया: सिडनी और मेलबर्न विश्वविद्यालय डिजिटल साक्षरता और आदिवासी समुदायों के लिए विशेष पहल पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
  • कनाडा: टोरंटो और मैकगिल विश्वविद्यालय अप्रवासियों और शरणार्थियों के लिए भाषा और साक्षरता कार्यशालाएं आयोजित करते हैं।

प्रेरणादायक उद्धरण | International Literacy Day Quotes

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के महत्व को दर्शाने वाले कुछ प्रेरणादायक उद्धरण:

  1. “शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिससे आप दुनिया बदल सकते हैं।” – नेल्सन मंडेला
  2. “ऐसे जियो जैसे कल ही मरना है। ऐसे सीखो जैसे हमेशा जीना है।” – महात्मा गांधी
  3. “आइए याद रखें: एक किताब, एक कलम, एक बच्चा और एक शिक्षक दुनिया बदल सकते हैं।” – मलाला यूसुफजई

भारत में साक्षरता की प्रगति: मिजोरम का उदाहरण

मिजोरम भारत का पहला पूर्ण साक्षर राज्य बन गया है, जहां 2025 में साक्षरता दर 98.2% तक पहुंच गई है। यह उपलब्धि समुदाय-आधारित शिक्षा, सरकारी निवेश, और महिला साक्षरता पर जोर देने के कारण संभव हुई। समग्र शिक्षा अभियान और नव भारत साक्षरता कार्यक्रम जैसे प्रयासों ने इसे और मजबूत किया।

निष्कर्ष: INTERNATIONAL LITERACY DAY – September 8, 2025

International Literacy Day – 8 Sept, 2025 – हमें साक्षरता के महत्व और डिजिटल युग में इसके बदलते स्वरूप को समझने का अवसर देता है। साक्षरता केवल पढ़ना-लिखना नहीं, बल्कि एक बेहतर जीवन, आर्थिक विकास, और सामाजिक समावेश का आधार है। भारत सहित दुनिया भर में साक्षरता दर में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी गरीबी, लैंगिक असमानता, और बुनियादी ढांचे की कमी जैसी चुनौतियां बाकी हैं।

हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हर व्यक्ति, चाहे वह किसी भी भाषा, संस्कृति, या पृष्ठभूमि से हो, साक्षरता के लाभों तक पहुंच सके। डिजिटल साक्षरता और बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देकर, हम एक ऐसी दुनिया बना सकते हैं जहां हर कोई ज्ञान और अवसरों का हिस्सा बन सके। आइए, इस अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर प्रतिज्ञा करें कि हम शिक्षा के प्रसार में योगदान देंगे और निरक्षरता को समाप्त करने के लिए एकजुट होंगे।

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