“केन-बेतवा लिंक परियोजना | Ken-Betwa Link Project | KBLP” भारत सरकार की एक योजना है | जल संसाधन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (NWDA) ने केन-नदी बेसिन के पानी को गंगा के मुख्य बेसिन (गंगा नदी बेसिन में बेसिन का मतलब है, भूमि का वह क्षेत्रफल जिसे गंगा नदी और उसकी सहायक नदियां सूखाती हैं ) की बेतवा नदी बेसिन में मोड़ने के लिए तकनीकी अध्ययन किए हैं | इस परियोजना के तहत, उत्तर प्रदेश में बारवा सागर/बारवा नाला तक 221 किलोमीटर लंबा लिंक वॉटर कैरियर बनाया जाएगा | इसके अलावा, लोअर लेवल टनल के बाहर से एक बाईपास चैनल बनाया जाएगा, जो मध्य प्रदेश के प्रस्तावित केन लेफ़्ट बैंक कैनाल से जुड़ेगा | पानी को ऊपरी लेवल टनल तक पहुंचाने के लिए पंपिंग सिस्टम की व्यवस्था भी की जाएगी | इससे यह सुनिश्चित होगा कि जब भी केन-बेतवा लिंक कैनाल में पानी का स्तर ऊपरी लेवल टनल के क्राउन लेवल से कम हो जाए, तब भी वहां पानी की आपूर्ति सुनिश्चित रहे |
देश के कई हिस्सों को प्रभावित करने वाली जल संकट की समस्या का समाधान करने के लिए केंद्र सरकार नदियों को जोड़ने वाली एक महत्वाकांक्षी परियोजना लेकर आई है। राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (एनपीपी) के तहत परिकल्पित केन-बेतवा लिंक परियोजना भारत में कार्यान्वित होने वाली नदियों जोड़ने की पहली परियोजनाओं में से एक होगी। इस परियोजना का उद्देश्य मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में 10.62 लाख हेक्टेयर के लिए वार्षिक सिंचाई प्रदान करना, पेयजल आपूर्ति को बढ़ावा देना और 103 मेगावाट की पनबिजली उत्पन्न करना है।
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केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना | Ken Betwa River Linking Project | KBLP
Ken-Betwa Link Project | KBLP देश भर में परिकल्पित नदियों को जोड़ने वाली 30 परियोजनाओं में से एक है। 1 फरवरी, 2022 को पेश किए गए केंद्रीय बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस नदियों को जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 44,605 करोड़ रुपए के भारी-भरकम बजट के आवंटन की घोषणा की। यह कदम इस आगामी बुनियादी ढांचा परियोजना को एक बड़ा बढ़ावा देगा, जिससे 62 लाख लोगों को पेयजल, 103 मेगावाट जलविद्युत और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के साथ करीब 9 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई की सुविधा मिलने की उम्मीद है। केन बेतवा लिंक परियोजना से 13 जिलों में फैले सूखा प्रभावित बुंदेलखंड क्षेत्र को लाभ मिलेगा। आठ साल में इस परियोजना का काम पूरा होने की संभावना है।
- मार्च 2021 में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की राज्य सरकारों ने परियोजना के कार्यान्वयन के लिए जल शक्ति मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (Memorandum of Understanding (MOU) पर हस्ताक्षर किए।
- 8 दिसंबर, 2021 को कैबिनेट ने केन बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना की फंडिंग और कार्यान्वयन को मंजूरी दी, जिसे करीब 44,605 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा। कैबिनेट ने परियोजना के लिए 39,317 करोड़ रुपये के केंद्रीय समर्थन को भी मंजूरी दी, जिसमें 36,290 करोड़ रुपये का अनुदान और 3,027 करोड़ रुपये का लोन शामिल है।
- Ken-Betwa Link Project | KBLP की दूसरी बैठक 20 जुलाई, 2022 को हुई, जिसमें विभिन्न एजेंडों पर चर्चा हुई और बड़े फैसले लिए गए, जैसे योजना और तकनीकी मामलों की समीक्षा और केबीएलपी को राय देने के लिए तकनीकी सलाहकार समूह की स्थापना, और ग्रेटर पन्ना लैंडस्केप काउंसिल की स्थापना करके केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट के लिए लैंडस्केप प्रबंधन योजना (एलएमपी) और पर्यावरण प्रबंधन योजना (Environmental Management Plan (EMP) का कार्यान्वयन करना।
- इसके अलावा, जल संसाधन, मछुआरा कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री तुलसीराम सिलावट के साथ हाल ही में हुई एक बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने नदियों को जोड़ने की परियोजना पर जल्द काम शुरू करने का आश्वासन दिया है।
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केन-बेतवा लिंक परियोजना के अंतर्गत कुछ आंकड़े | Some figures under Ken-Betwa Link Project
विवरण | आंकड़े |
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लागत | 44 हजार 605 करोड़ रुपये |
केंद्र सरकार देगी | 90 प्रतिशत राशि |
राज्य सरकारें देंगी | 5-5 प्रतिशत राशि |
केन-बेसिन से उप्र में सिंचाई | 2.27 लाख हेक्टेयर |
केन-बेसिन से मप्र में सिंचाई | 4.47 लाख हेक्टेयर |
बेतवा बेसिन से मप्र में सिंचाई | 2.06 लाख हेक्टेयर |
मध्य प्रदेश के हिस्से में जाएगी | बिजली |
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केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत कुछ मुख्या बिंदु | Some key points under Ken-Betwa Link Project
- केन और बेतवा नदियां, मध्य प्रदेश से निकलती हैं और यमुना की सहायक नदियां हैं |
- केन नदी, उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले के पास यमुना से मिलती है और बेतवा, उत्तर प्रदेश के हमीरपुर ज़िले में यमुना से मिलती है |
- केन नदी, पन्ना टाइगर रिजर्व से होकर गुज़रती है |
- बेतवा नदी की कुल लंबाई 480 किलोमीटर है, जिसमें से 380 किलोमीटर मध्य प्रदेश में आते हैं |
- परियोजना की लागत 44,605 करोड़ रुपये होगी और यह 8 साल में पूरी होगी
- 103 मेगावाट जल विद्युत तथा 27 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करने की परियोजना
- परियोजना के कार्यान्वयन के लिए Ken-Betwa Link Project | KBLP नामक विशेष प्रयोजन वाहन (Special Purpose Vehicle (SPV) की स्थापना की जाएगी
- यह परियोजना मध्य प्रदेश के छतरपुर, पन्ना और टीकमगढ़ तथा उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा और झाँसी में बारहमासी सूखाग्रस्त क्षेत्र और पानी की कमी वाले क्षेत्रों में 10.62 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई प्रदान करेगी।
- 62 लाख लोगों को पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए नहर को जोड़ना
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केन-बेतवा लिंक परियोजना के फ़ायदे | Benefits of Ken-Betwa Link Project
- सिंचाई: यह परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र के 8 लाख 11 हज़ार हेक्टेयर इलाके में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराएगी, जिससे किसानों को साल भर खेती करने और अपनी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।
- पीने का पानी: इस परियोजना से 63 लाख लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध होगा, खासकर सूखे वाले क्षेत्रों में, जहां पानी की कमी एक बड़ी समस्या है। बहुउद्देशीय बाँध बनने से जल संरक्षण में तेज़ी आएगी |
- बाढ़ नियंत्रण: यह परियोजना बाढ़ नियंत्रण में भी मदद करेगी, क्योंकि अतिरिक्त पानी को एक नदी से दूसरी नदी में स्थानांतरित किया जाएगा, जिससे बाढ़ का खतरा कम होगा।
- जल विद्युत उत्पादन: इस परियोजना से 103 मेगावाट जल विद्युत का उत्पादन होगा, जिससे स्वच्छ ऊर्जा का एक अतिरिक्त स्रोत प्राप्त होगा।
- रोजगार सृजन: इस परियोजना के निर्माण और संचालन से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जिससे क्षेत्र के लोगों को आर्थिक लाभ होगा।
- पर्यावरणीय लाभ: इस परियोजना से वनीकरण और वृक्षारोपण को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भूमि क्षरण को रोकने और जैव विविधता को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
- क्षेत्रीय विकास: यह परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा देगी, जिससे बेहतर बुनियादी ढांचा, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी। इससे औद्योगिक विकास भी होगा |
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केन-बेतवा लिंक परियोजना का घटनाक्रम | Events of Ken-Betwa Link Project
- अगस्त 1980: एनपीपी तैयार किया गया।
- अगस्त 2005: परियोजना के लिए डीपीआर तैयार करने के लिए मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
- अप्रैल 2010: राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी (National Water Development Agency (NWDA) ने केबीएलपी के पहले चरण के लिए डीपीआर को पूरा किया।
- जनवरी 2014: एनडब्ल्यूडीए ने परियोजना के दूसरे चरण की डीपीआर पूरी की।
- सितंबर 2014: आईएलआर (इंटरलिंकिंग ऑफ़ रिवर्स) कार्यक्रम को लागू करने के लिए नदियों को आपस में जोड़ने को लेकर विशेष समिति का गठन किया गया।
- अप्रैल 2015: MoWR, नदी विकास और गंगा कायाकल्प द्वारा नदियों को जोड़ने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया।
- मार्च 2021: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने केन बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना को लागू करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
- दिसंबर 2021: कैबिनेट ने परियोजना की फंडिंग और कार्यान्वयन को मंजूरी दी।
- फ़रवरी 2022: सरकार ने केंद्रीय बजट 2022-23 में इस परियोजना के लिए 44,605 करोड़ रुपए के बजट आवंटन की घोषणा की।
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केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना से भारत में कौन सी सहायक नदियाँ जोड़ी जाएंगी? | Which tributaries will be linked in India by the Ken-Betwa river interlinking project?
- इस परियोजना में एक बांध और नदियों को जोड़ने वाली नहर के निर्माण के माध्यम से केन से जल संकटग्रस्त बेतवा नदी तक पानी स्थानांतरित करना शामिल है।
- केन नदी उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में यमुना नदी में बहती है। बेतवा नदी उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में यमुना नदी से मिलती है। पन्ना टाइगर रिजर्व केन नदी से होकर गुजरता है।
- पन्ना टाइगर रिजर्व के भीतर केन पर दौधन बांध बनाया जाएगा, जिसमें दो नदियों को जोड़ने वाली एक नहर होगी और छतरपुर, टीकमगढ़ और झाँसी जिलों से होकर बहेगी, जिससे प्रति वर्ष 6.3 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी।
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केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना की विशेषताएं क्या हैं? | What are the features of Ken-Betwa river linking project?
- नदियों को जोड़ना: यह परियोजना मध्य प्रदेश में केन नदी और उत्तर प्रदेश में बेतवा नदी को जोड़ेगी।
- जल हस्तांतरण: इस परियोजना के तहत, 10.52 करोड़ घन मीटर (टीएमसी) पानी केन नदी से बेतवा नदी में स्थानांतरित किया जाएगा।
- बाँध और नहर: इस परियोजना में 33 मीटर ऊँचा और 230 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण शामिल है।
- जलाशय: इस परियोजना में 81.08 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 771.29 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) क्षमता वाला जलाशय भी होगा।
- सिंचाई: यह परियोजना मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 9 जिलों में 8.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा प्रदान करेगी।
- पीने का पानी: यह परियोजना 62 लाख लोगों को पीने का पानी प्रदान करेगी।
- जल विद्युत: इस परियोजना से 103 मेगावाट जल विद्युत का उत्पादन होगा।
- पर्यावरण: इस परियोजना में वनीकरण और वृक्षारोपण पर ध्यान दिया जाएगा, ताकि भूमि क्षरण को रोका जा सके और जैव विविधता को बढ़ावा दिया जा सके।
- सामाजिक विकास: इस परियोजना से क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा होंगे और लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा।
- लागत: इस परियोजना की अनुमानित लागत 44,000 करोड़ रुपये है।
- यह परियोजना 2028 तक पूरी होने की उम्मीद है।
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केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के अंतर्गत, मध्य प्रदेश की आपत्ति | Madhya Pradesh’s objection under Ken-Betwa river linking project
- सभी तरफ से मंजूरी मिलने के बावजूद, एमपी की राज्य सरकार ने 2017 में कुछ आपत्तियां उठाई थीं। एमपी सरकार परियोजना के चरण II की तीन छोटी परियोजनाओं को चरण I में एकीकृत करना चाहती थी।
- तीन छोटी परियोजनाएं लोअर ऑर बांध, बीना कॉम्प्लेक्स, और कोठा बैराज। 2017 में केंद्र ने एमपी की मांग मान ली थी |
- दोनों चरणों को मिलाने के परिणामस्वरूप, परियोजना की लागत बढ़ने की उम्मीद है।
- साथ ही, सिंचित क्षेत्र पहले के 6.35 लाख हेक्टेयर से बढ़कर लगभग 9 लाख हेक्टेयर हो गया है।
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FAQs
Q. बेतवा नदी पर कितने बांध बने हुए हैं?
राजघाट, पारीछा और माताटीला बाँध बेतवा नदी पर निर्मित हैं।
Q. Ken-Betwa Link Project से कितना क्षेत्र डूब जाएगा?
केन-बेतवा परियोजना पर प्रशासन अब तेजी से काम कर रहा. परियोजना के तहत 22 गांवों के साथ ही पन्ना टाइगर रिजर्व की कोर एवं बफर जोन की लगभग 6017 हेक्टेयर जमीन डूब क्षेत्र में जा रही है |
Q. केन और बेतवा किसकी सहायक नदी है?
बेतवा यमुना नदी की एक सहायक नदी है। यह मध्य प्रदेश में विंध्य पर्वत श्रेणी से निकलती है और उत्तर प्रदेश पहुंचने से पहले ओरछा (मध्य प्रदेश) से होकर बहती है। यह 590 किलोमीटर की यात्रा के बाद हमीरपुर के पास यमुना नदी में मिल जाती है।
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Q. Ken-Betwa Link Project क्या है?
केन-बेतवा लिंक परियोजना एक महत्वाकांक्षी जल संसाधन परियोजना है जिसका उद्देश्य बुंदेलखंड क्षेत्र में सूखे की समस्या का समाधान करना है। इस परियोजना के तहत, केन नदी और बेतवा नदी को आपस में जोड़कर 2.27 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा प्रदान की जाएगी।
Q. इस परियोजना के क्या लाभ हैं?
इस परियोजना के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:
- सिंचाई की सुविधा: इस परियोजना से बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा, जिससे उनकी कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी।
- सूखे की समस्या का समाधान: इस परियोजना से इस क्षेत्र में सूखे की समस्या का समाधान करने में मदद मिलेगी।
- रोजगार सृजन: इस परियोजना के निर्माण और संचालन से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा।
- पेयजल उपलब्धता: इस परियोजना से इस क्षेत्र में पेयजल की उपलब्धता में भी वृद्धि होगी।
- विद्युत उत्पादन: इस परियोजना से बिजली का उत्पादन भी किया जाएगा।
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Q. इस परियोजना की लागत कितनी है?
इस परियोजना की अनुमानित लागत 44 हजार 605 करोड़ रुपये है। इस राशि में से 90% राशि केंद्र सरकार द्वारा और 5-5% राशि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकारों द्वारा वहन की जाएगी।
Q. Ken-Betwa Link Project का काम कब शुरू होगा और कब पूरा होगा?
इस परियोजना का काम 2024 में शुरू होने की उम्मीद है और 2030 तक पूरा होने की उम्मीद है।
Q. इस परियोजना को लेकर क्या चिंताएं हैं?
इस परियोजना को लेकर कुछ चिंताएं हैं, जिनमें शामिल हैं:
- पर्यावरणीय प्रभाव: इस परियोजना के कारण कुछ वन क्षेत्रों को नुकसान पहुंच सकता है।
- सामाजिक प्रभाव: इस परियोजना के कारण कुछ लोगों को विस्थापित होना पड़ सकता है।
- लागत: इस परियोजना की लागत बहुत अधिक है, और कुछ लोगों का मानना है कि यह पैसा अन्य विकास कार्यों पर खर्च किया जा सकता था।
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