अयोध्या नगरी के दर्शनीय स्थानों (places of Ayodhya city) की आध्यात्मिकता और धरोहर के इस माहौल में खुद को डालें जब आप उन प्रमुख स्थलों का दौरा करें जो आयोध्या को एक आकर्षक स्थान बनाते हैं। इन प्रसिद्ध स्थलों को शामिल करने के लिए अपनी यात्रा योजना बनाएं ताकि आप आयोध्या के विशेष आकर्षण और प्रभाव को समर्थन कर सकें।अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।
इसके लिए कई देशभर से लोग हजारों लाखों रुपए का चंदा भी दे रहे हैं। अयोध्या को भगवान श्री राम का जन्म स्थान माना गया है, जो सरयू नदी के तट पर बसा हुआ है। जब से राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ है, तब से अयोध्या एक पर्यटन स्थल भी बन चुका है। अगर आप भी खूबसूरत अयोध्या को देखने का प्लान बना रहे हैं, तो आज हम आपको उन जगहों के बारे में बताने वाले हैं, जिन्हें आपको अपनी अयोध्या ट्रिप की लिस्ट में जरूर शामिल करना चाहिए।
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अयोध्या नगरी का संक्षिप्त विवरण
जगह का नाम | अयोध्या |
राज्य का नाम | उत्तर प्रदेश |
कुल क्षेत्र | 120.8 km² |
किस लिए प्रसिद्ध है | भगवान श्री राम जी की जन्म भूमि, मंदिर, हनुमानगढ़ी और अन्य धार्मिक स्थल के कारण प्रसिद्ध है |
घूमने का सही समय | अक्टूबर से दिसंबर का समय अच्छा रहेगा |
कैसे पहुंचे | बस, ट्रेन और हवाई जहाज सभी रास्ते हैं |
अयोध्या के बारे में रोचक तथ्य
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- अयोध्या को प्राचीन काल में कौशल देश कहा जाता था। यह हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है और इसी स्थान पर भगवान राम की जीवनी रामायण ग्रंथ की रचना महर्षि वाल्मीकि के द्वारा की गई।
- अयोध्या को पहले फैजाबाद के नाम से जाना जाता था। लेकिन साल 2018 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बनने के बाद, उन्होंने फैजाबाद का नाम अयोध्या कर दिया।
- अयोध्या में राम घाट, लक्ष्मण घाट, जानकी घाट, गुप्तार घाट सहित अन्य कई घाट है। माना जाता है इन घाट में स्नान करने से व्यक्ति द्वारा अनजाने में हुए पाप धुल जाते हैं। यही कारण है कि श्रद्धालु अयोध्या आने के बाद इन घाटों में स्नान जरूर करते हैं।
- अयोध्या मंदिरों का शहर है क्योंकि यहां पर 5000 से भी अधिक मंदिर है। यहां पर भगवान राम का महल है। माना जाता है अयोध्या नगरी को मनु ने बनाया था। मनु अयोध्या नगरी की स्थापना हेतु एक उचित स्थान का चयन कर रहे थे और इसके लिए वे भगवान ब्रह्मा के पास जाते हैं। तब भगवान ब्रह्मा उन्हें विष्णु जी के पास लेकर जाते हैं और विष्णु जी उन्हें साकेतधाम में एक उपयुक्त स्थान बताते हैं।
- भगवान विष्णु अयोध्या नगरी को बसाने के लिए ब्रह्मा और मनु के साथ विश्वकर्मा को भेज देते हैं। साथ ही महर्षि वशिष्ठ को भी भेजते हैं। महर्षि वशिष्ठ द्वारा सरयू नदी के तट पर लीला भूमि का चयन किया जाता है, जहां पर देवों के शिल्पकार कहे जाने वाले विश्वकर्मा ने अयोध्या का नगर का निर्माण करवाया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि अयोध्या भगवान विष्णु के चक्र पर विराजमान है।
- अयोध्या में स्थित हनुमानगढ़ी के बारे में कहा जाता है कि यहां पर आज भी भगवान हनुमान भगवान श्री राम के जन्म भूमि की रक्षा करते हैं।
अयोध्या नगरी के प्रमुख दर्शनीय स्थल | Major tourist places of Ayodhya city
अयोध्या का पुराना नाम, कौशल देश था। यह हिंदुओं का प्रमुख तीर्थस्थल है। यही स्थान है जहाँ पौराणिक ग्रंथ-रामायण की रचना भी हुई है। अयोध्या मुख्य रूप से मंदिरों का शहर है, जिसकी स्थापना मनु ने की थी। यहाँ हिंदू, मुस्लिम, जैन व बौद्ध धर्म के अवशेष भी प्राप्त हुए है। इसकी प्राचीनता ही इसका सबसे उच्चतम गुण है जो यात्रियों को बेहद लुभाता है।
1. छोटी छावनी
वाल्मीकि भवन या मणिरामदास छावनी के रूप में भी जाना जाने वाला छोटी छावनी भवन, अयोध्या में एक शानदार संरचना है, जिसे पूरी तरह से सफेद संगमरमर से तैयार किया गया है। सुंदरता से भरपूर, यह जगह निश्चित रूप से देखने लायक है। छोटी छावनी की गुफाओं की संख्या 34 हैं, दक्षिण में 12 बौद्ध हैं, केंद्र में 17 हिंदू हैं और उत्तर में 5 जैन हैं, इसलिए यह एक महत्वपूर्ण और विस्तृत स्थापत्य प्रतिभा है।
2. कनक भवन
जैसा की आप नाम से समझ पा रहे होंगे कि यह कनक अर्थात् सोने (gold) से बना है, इसलिए इसे “सोने का घर” भी कहा जाता है। मंदिर में भगवान राम व सीता की बेहद खूबसूरत प्रतिमा है जिनके सिर पर सोने का ताज स्थापित है। मूर्ति देखकर ही आप इसकी महीन कलाकारी के मुरीद हो जाऐंगे। इस भवन के एक हिस्से में गीत-संगीत का अद्भुत प्रदर्शन किया जाता है जो यहाँ का मुख्य आकर्षण है और इसी कारण यहाँ यात्रियों की भारी भीड़ बनी रहती है।
3. हनुमान गढ़ी
अवध के नवाब द्वारा बनवाया गया यह हनुमान मंदिर पर्वत की चोटी पर स्थित है जहाँ तक पहुँचने के लिए आपको 76 सीढ़ियाँ चढ़कर जाना होगा। मंदिर में भगवान राम की 6 इंच की मूर्ति है व हनुमान की उनकी माँ के साथ भी मूर्ति है। हनुमान भक्तों के लिए यह उचित स्थान है जहाँ आकर आप धार्मिकता के साथ-ही-साथ पहाड़ों के आसपास का मनोरम नज़ारा भी देख पाऐंगे। कहा जाता है कि लोग यहाँ अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करने व अपने पापों का प्रायश्चित करने आते हैं।
4. तुलसी स्मारक भवन
माना जाता है कि 16वीं सदी के संत-कवि गोस्वामी तुलसीदास की स्मृति में स्थापित तुलसी स्मारक भवन वह स्थान है, जहां तुलसीदास ने रामचरित की रचना की थी। अयोध्या में राजगांग क्रॉसिंग पर राष्ट्रीय राजमार्ग के पूर्वी छोर पर स्थित, स्मारक 1969 में बनाया गया था, उस समय के उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री विश्वनाथ दास थे। विशाल पुस्तकालय में आपको समृद्ध साहित्य का भंडार देखने को मिल जाएगा।
स्मारक में ‘अयोध्या अनुसंधान संस्थान’ नामक एक शोध केंद्र भी है। इसका उपयोग अयोध्या के बारे में साहित्यिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जानकारी के अध्ययन और महत्व को जोड़ने के लिए किया जाता है। केंद्र रामायण कला और शिल्प को भी प्रदर्शित करता है और इसमें रामकथा का रोजाना पाठ भी होता है।
5. बहु बेगम का मकबरा
फैजाबाद शहर में मकबरा रोड पर स्थित, बहू बेगम का मकबरा “पूर्व का ताजमहल” के रूप में लोकप्रिय है। नवाब शुजा-उद-दौला की पत्नी और रानी दुल्हन बेगम उन्मतुज़ोहरा बानो को समर्पित अद्वितीय मकबरा, फैजाबाद में सबसे ऊंचा स्मारक है और अपनी गैर-मुगल स्थापत्य प्रतिभा के लिए प्रसिद्ध है। अवधी वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण, बहू बेगम का मकबरा में तीन गुंबद हैं, जटिल रूप से डिजाइन किए गए आंतरिक भाग और अद्भुत तरीके से बनाई गई दीवारें और छत हैं।
1816 में निर्मित, रानी की याद में, जहां उन्हें मृत्यु के बाद दफनाया गया था, इस मंदिर की कुल लागत तीन लाख रुपये थी। आज परिसर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के तहत एक संरक्षित स्थल है; परिसर के सामने के बगीचों को खूबसूरती से बनाया गया है, और यह स्थान एक उत्कृष्ट पर्यटन स्थल है। मकबरे के ऊपर से पूरे शहर का खूबसूरत दृश्य भी देखा जा सकता है।
6. गुलाब बाड़ी
खूबसूरती में चार चाँद लगाता यह बगीचा आपको अनेक प्रकार के गुलाबों से रूबरू करवाएगा। कुछ लाल, कुछ सफ़ेद, कुछ गुलाबी, कुछ पीले – ऐसे ही और भी बहुत सारे गुलाब -ही-गुलाब। अपनी मदमस्त कर देने वाली महक से यह आपके अंतःकरण को भी सुगंधित कर देंगे।
यह नवाब शुजा-ऊ-दौला का मकबरा है जिसमें यह बगीचा बनाया गया है। गुलाबों को पानी के फव्वारे के पास लगाया गया है। खिलते गुलाब के फूलों पर पड़ती फव्वारे के पानी की बूंदे एक अद्भुत नज़ारे को बिखेरी है जिन्हें बस मौका पाते ही समेट लेने का जी चाहता है।
7. त्रेता के ठाकुर
अयोध्या के नया घाट के पास स्थित, त्रेता के ठाकुर मंदिर में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, भरत और सुग्रीव सहित कई मूर्तियां हैं। कहा जाता है कि इन मूर्तियों को एक ही काले बलुआ पत्थर से तराशा गया है। माना जाता है कि त्रेता के ठाकुर का निर्माण 300 साल पहले उस समय के राजा कुल्लू द्वारा किया गया था। ऐसा कहा जाता है कि यह संरचना भगवान राम द्वारा किए गए प्रसिद्ध अश्वमेध यज्ञ की उसी जमीन पर स्थित है।
असली मूर्तियों को भी यहाँ सहेज के रखा गया है जो केवल एक काले पत्थर से बनाई गई है। यह कलाकारी का बेहद अच्छा नमूना है। 1700 के दशक में उस समय की मराठा रानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा मंदिर को फिर से एक नया रूप दिया गया था। यह वर्ष में केवल एक बार एकादशी के रूप में चिह्नित दिन पर जनता के लिए खुला रहता है।
8. गुप्तार घाट
सरयू नदी के तट पर स्थित, जिसे घग्गर के नाम से भी जाना जाता है, गुप्तार घाट अयोध्या के पास फैजाबाद में एक प्रतिष्ठित स्थल है। पवित्र नदी की ओर जाने वाली सीढ़ियों के साथ, यह घाट कभी औपनिवेशिक कंपनी गार्डन का पड़ोसी था, जिसे अब गुप्त घाट वन के नाम से जाना जाता है। इस स्थान पर भगवान राम ने ध्यान किया था और नदी में ‘जल समाधि’ ली थी। जिसके बाद, उन्होंने ‘बैकुंठ’ प्राप्त किया और भगवान विष्णु के अवतार के रूप में स्वर्ग में उतरे।
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9. मोती महल
मोती महल फैजाबाद में अयोध्या शहर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक बेहद आकर्षक संरचना है जिसे लोकप्रिय रूप से ‘पर्ल पैलेस’ के रूप में जाना जाता है। इस महल का निर्माण 1743 ई में किया गया था जो नवाब शुजा-उद-दौला की पत्नी रानी बेगम उन्मतुजोहरा बानू का घर था। मोती महल मुगल वास्तुकला में एक बेहतरीन नमूना है और इसे देखने के लिए भारी संख्या में पर्यटक आते हैं। अगर आप अयोध्या के पास घूमने की किसी अच्छी जगह की तलाश में हैं, तो आपको मोती महल देखने के लिए जरुर जाना चाहिए।
10. सीता की रसोई मंदिर
सीता की रसोई अयोध्या के राजकोट में राम जनमस्थान के उत्तर-पश्चिमी छोर पर स्थित है जो यहां की एक देखने लायक जगह है। यह मंदिर के कोने में स्थित प्राचीन रसोई का के मॉडल है जिसमें नकली बर्तन, रोलिंग प्लेट और रोलिंग पिन है। मंदिर परिसर के दूसरे छोर पर चारों भाई राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न और उनकी पत्नी सीता, उर्मिला, मांडवी और श्रुतकीर्ति की मूर्तियाँ भी हैं। आपको बता दें कि यह सभी मूर्तियां बहुत अच्छी तरह से कपड़े और आभूषण से सजी हुई हैं। अगर आप अयोध्या की यात्रा के लिए जा रहें हैं तो सीता की रसोई को देखना न भूलें।
11. नागेश्वरनाथ मंदिर
नागेश्वरनाथ अयोध्या का एक प्रमुख मंदिर है जिसे देखने के लिए आपको अवश्य जाना चाहिए। एक पौराणिक कथा की माने तो इस मंदिर को भगवान राम के पुत्र कुश द्वारा बनाया गया था। मंदिर की संरचना अर्ध-दिव्य नागों को भगवान शिव की पूजा करते हुए दिखाती है।
12. दशरथ भवन
दशरथ भवन अयोध्या के फैजाबाद के केंद्र में स्थित है जो राजा दशरथ का मूल निवास स्थान है। बता दें कि दशरथ अयोध्या के शासक और भगवान श्री राम के पिता थे। बादी जग के नाम से लोकप्रिय दशरथ महल में राजा राम के शानदार मंदिर हैं। अगर आप इस महल को देखने के लिए जा रहें हैं तो इसकी सुंदरता को देखकर सच में हैरान रह जायेंगे।
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13. गुप्तार घाट
गुप्तार घाट अयोध्या के पास फैजाबाद में सरयू नदी के तट पर स्थित हिंदू धर्म का एक पवित्र और पूजनीय स्थल है। इस जगह के बारे में माना जाता है कि यहां पर भगवान श्री राम ने ध्यान किया था और इस नदी के जल में समाधि ली थी। जिसके बाद उन्होंने ‘वैकुंठ’ प्राप्त किया और भगवान विष्णु के रूप में अपने स्वर्गीय निवास के लिए रवाना हो गए। तभी से गुप्तार घाट को एक तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है।
इस सुंदर घाट में नदियों की ओर जाने वाली सुंदर सीढियां बनी हुई हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी यहां पर नदी में डुबकी लगाता है उसे पापों और परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है। गुप्तार घाट पर कई आकर्षक मंदिर बने हुए हैं जिनमें राम मंदिर, चक्रहारी मंदिर और नरसिंह मंदिर सबसे ज्यादा आकर्षक और सुंदर हैं। बता दें कि पवित्र मंत्रों की गूंज के साथ गुप्तार घाट साल भर भक्तों से भरा हुआ रहता है।
14. रामकथा पार्क
रामकथा पार्क विशुद्ध रूप से के पार्क है जहां पर आपको तरह तरह के कार्यकर्मों का आयोजन आदि होता है। यह पार्क काफ़ी बड़ा और विस्तार लिए हुए है। इस जगह पर आध्यात्मिकता का अद्भुत परिचय मिलेगा और तरह तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम आपको देखने को मिलेंगे। इस जगह पर राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह के कलाकारों को अपने हुनर को दिखाने का भरपूर मौका दिया जाता है।
15. राजा मंदिर
सरयूँ नदी के तट पर स्थित राजा मंदिर में बहुत से देवी-देवताओं की सुंदर प्रतिमाएँ स्थापित की गई है। इस जगह पर आकर आप भगवान के कई रूपों को देखने का सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं। इस जगह पर आकर आपका मन भक्ति भाव से भर जाएगा। नदी का किनारा बहुत ही ख़ूबसूरत है और लोग इस जगह पर दर्शन के साथ साथ यहाँ के मनोरम दृश्यों को देखने के लिए भी आते हैं।
16. राजा दशरथ समाधि स्थल
भगवान श्री राम के पूज्य पिताजी चक्रवर्ती राजा दशरथ का समाधि स्थल अयोध्या से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार माना जाता है कि जब भगवान श्री राम, लक्ष्मण और मां सीता वनवास में थे तब भरत और शत्रुघ्न ने राजा दशरथ की मृत्यु पश्चात उनका अंतिम संस्कार यहीं पर किया था। इस स्थान पर एक मंदिर भी है, जिसमें राजा दशरथ, भरत, शत्रुघ्न और गुरु वशिष्ठ की मूर्ति स्थापित है।
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17. राम की पैड़ी
राम की पैड़ी अयोध्या में सरयू घाट पर स्थित है। इस स्थान को लेकर एक प्रचलित कथा इस प्रकार है कि कहा जाता है कि एक बार लक्ष्मण जी सभी तीर्थ स्थलों के दर्शन करने के लिए जाने का निश्चय किए थे।
तब भगवान श्री राम ने यहां पर इस पैड़ी की स्थापना की थी और कहा था कि संध्या काल के समय जो भी इस पैड़ी में स्नान करेगा, उसे सभी तीर्थो में स्नान करने जितना ही पुण्य की प्राप्ति होगी। हालांकि गुप्त घाट में भगवान श्री राम के गुप्त हो जाने के बाद यहां का पानी सूख गया था। हर साल इस स्थान पर दिवाली के समय बहुत बड़ा दीपोत्सव मनाया जाता है, जिसमें भारत सहित विदेश के लोग भी सम्मिलित होते हैं।
18. देवकाली मन्दिर अयोध्या
देवकाली मंदिर अयोध्या का एक प्रमुख धार्मिक मंदिर है, जिसका विवरण रामायण महाकाव्य के विविध प्रसंगों में पाया जाता है। कहा जाता है कि यह वही मंदिर है, जहां पर माता सीता शादी के बाद ससुराल आकर यहां पर पूजा की थी। देवकाली को भगवान श्री राम का कुलदेवी माना जाता है।
देवकाली मंदिर में एक ही शीला में महाकाली, मां सरस्वती और महालक्ष्मी इन तीन देवियों की प्रतिमा बनी हुई है। पूरे देश भर में केवल दो ही ऐसी मंदिर है, जहां पर एक ही शीला में तीन देवियां विराजमान है। पहला मां वैष्णो देवी है और दूसरा अयोध्या की मां बड़ी देवकाली हैं। कहा जाता है कि यहां पर जो भी भक्तजन अपनी इच्छा लेकर आता है और सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसकी हर इच्छा पूरी हो जाती है। इसीलिए अयोध्या आने वाले भक्तजन इस मंदिर का दर्शन करने जरूर आते हैं।
19. मर्णी पर्वत
अयोध्या के दर्शनीय स्थलों में से एक यह मर्णी पर्वत भी है। इस पर्वत को लेकर यहां मान्यता है कि जब रावण के साथ युद्ध के दौरान लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे तब उन्हें बचाने के लिए संजीवनी बूटी की तलाश में भगवान हनुमान जी पर्वत को उठा ले आए थे।
तब उस पर्वत का छोटा सा टुकड़ा अयोध्या के इस स्थान पर आकर गिर गया था। यही कारण है कि यहां आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु इस पर्वत तो विजिट करना बिल्कुल ही भूलते हैं।
20. सरयू घाट
अयोध्या दर्शन की शुरुवात सरयू नदी के किनारे स्नान करने से होती है। सरयू तट पर कई घाट जैसे नया घाट, राम घाट, लक्ष्मण घाट, गुप्तार घाट आदि बने हुए है। आप किसी भी घाट पर स्नान कर सकते है। सरयू में स्नान करने से जाने अनजाने में किये सारे पाप धुल जाते है। घाट पर कई नाव वाले अपनी नाव को सजा कर नौका विहार के लिए तैयार रखते है जिसमे बैठकर आप सरयू नदी के सभी घाटों का सौन्दर्य देख सकते है।
यहाँ सायंकल में होने वाली आरती का द्रश्य अति सुंदर होता है। अयोध्या का सरयू घाट आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की जीविका का बड़ा सहारा बनकर उभरा है। पांच साल पहले तक सरयू घाट पर रोज 200 लोगों के हाथ में भी रोजगार नहीं था, अब दो हजार से ज्यादा परिवारों के जीवन में यही घाट मुस्कान बिखेर रहा है। यह कहावत अयोध्या का महात्म्य बताती है|
गंगा बड़ी गोदावरी, तीरथ बड़ी प्रयाग, सबसे बड़ी अयोध्या नगरी, जहां राम लिहिन अवतार।