अगर आप एटीएम से पैसे निकालते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है! ATM Withdraw Fee Hike from 1 May के बाद आपकी जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ने वाला है। 1 मई से एटीएम ट्रांजैक्शन पर नए चार्ज लागू होने जा रहे हैं, जिससे आपका हर निकासी ट्रांजैक्शन महंगा हो सकता है। क्या आप जानते हैं कि बैंक अब प्रति ट्रांजैक्शन कितनी अतिरिक्त रकम वसूलने वाले हैं? क्या यह सभी बैंकों पर लागू होगा, या कुछ बैंक अपने ग्राहकों को राहत देंगे? यह बदलाव आपकी वित्तीय योजना को कैसे प्रभावित करेगा? अगर आप भी सोच रहे हैं कि अब कैश निकालना कितना महंगा होगा और किन विकल्पों पर विचार किया जा सकता है, तो पूरी जानकारी के लिए आगे पढ़ें! यह नया नियम आपकी रोजमर्रा की बैंकिंग आदतों को कैसे बदलेगा, जानिए इस महत्वपूर्ण अपडेट के हर पहलू को विस्तार से!
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Toggle1 मई से ATM से पैसे निकालना होगा महंगा, जानिए कितना बढ़ेगा आपकी जेब पर बोझ! ATM Withdraw Fee Hike from 1 May
1 मई 2025 से एटीएम से पैसे निकालना महंगा होने जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को ग्राहकों से मुफ्त निकासी सीमा समाप्त होने के बाद प्रति लेनदेन 23 रुपये तक शुल्क लेने की अनुमति दे दी है। वर्तमान में यह शुल्क 21 रुपये था, जिसे अब 2 रुपये बढ़ाकर 23 रुपये कर दिया गया है। यह वृद्धि राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) की सिफारिशों के आधार पर की गई है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि यह बदलाव ग्राहकों को कैसे प्रभावित करेगा, इसकी वजह क्या है, और इससे संबंधित अन्य महत्वपूर्ण पहलू।
- ग्राहकों पर प्रभाव: यह शुल्क वृद्धि विशेष रूप से उन ग्राहकों को प्रभावित करेगी जो बार-बार नकद निकासी करते हैं और अपनी मुफ्त लेनदेन सीमा पार कर जाते हैं। छोटे बैंक, जिनके पास कम संख्या में एटीएम हैं, उनके ग्राहक अन्य बैंकों के एटीएम पर निर्भर रहते हैं, जिससे उन्हें अधिक शुल्क देना पड़ सकता है।
- बैंकों की प्रतिक्रिया: हालांकि आरबीआई ने शुल्क वृद्धि की अनुमति दी है, लेकिन बैंकों के पास यह निर्णय लेने का विकल्प है कि वे यह शुल्क ग्राहकों पर लागू करें या नहीं। बैंक आमतौर पर ऐसे शुल्कों को ग्राहकों पर स्थानांतरित करते हैं, इसलिए संभावना है कि यह बढ़ी हुई लागत ग्राहकों को वहन करनी होगी।
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ATM Withdraw Fee Hike from 1 May: मुफ्त लेनदेन सीमा और नई दरें!
आरबीआई के नए दिशानिर्देशों के अनुसार:
- ग्राहक अपने बैंक के एटीएम से प्रति माह 5 मुफ्त लेनदेन कर सकते हैं।
- अन्य बैंकों के एटीएम से भी मेट्रो शहरों में 3 और गैर-मेट्रो शहरों में 5 मुफ्त लेनदेन की अनुमति है।
- इस सीमा के बाद प्रति वित्तीय लेनदेन पर अब 23 रुपये शुल्क लगेगा।
- गैर-वित्तीय लेनदेन जैसे बैलेंस चेक करने पर शुल्क 6 रुपये से बढ़ाकर 7 रुपये कर दिया गया है।
शुल्क वृद्धि क्यों की गई?
एटीएम ऑपरेटर्स और बैंकों ने लंबे समय से इंटरचेंज फीस बढ़ाने की मांग की थी। इस वृद्धि के पीछे मुख्य कारण हैं:
- परिचालन लागत में वृद्धि: एटीएम मशीनों के रखरखाव और अपग्रेडेशन की लागत बढ़ गई है।
- साइबर सुरक्षा निवेश: बैंकों को सुरक्षा मजबूत करने के लिए नए तकनीकी उपाय अपनाने पड़ रहे हैं।
- व्हाइट-लेबल एटीएम ऑपरेटर्स का दबाव: स्वतंत्र एटीएम ऑपरेटर्स ने अपनी लागत का हवाला देते हुए शुल्क वृद्धि की मांग की थी।
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क्या एटीएम से पैसे निकालने पर अब 19 रुपये लगेंगे?
सोशल मीडिया पर कई भ्रामक दावे किए जा रहे हैं कि एटीएम से पैसे निकालने पर अब 19 रुपये शुल्क लगेगा। हालांकि, सच्चाई यह है कि यह शुल्क केवल मुफ्त लेनदेन सीमा समाप्त होने के बाद ही लागू होगा। साथ ही, एटीएम इंटरचेंज शुल्क कोई नया नियम नहीं है, बल्कि यह पहले से लागू था और अब इसमें केवल वृद्धि की गई है।
होम नेटवर्क के बाहर एटीएम निकासी महंगी
यदि कोई ग्राहक अपने बैंक के एटीएम की बजाय किसी अन्य बैंक के एटीएम का उपयोग करता है, तो उसे अधिक शुल्क चुकाना पड़ सकता है। यह बदलाव मुख्य रूप से उन ग्राहकों को प्रभावित करेगा जो अपने होम बैंक एटीएम की बजाय अन्य एटीएम का उपयोग करते हैं।
एटीएम इंटरचेंज शुल्क क्या होता है? | What is ATM interchange fee?
एटीएम इंटरचेंज शुल्क वह राशि होती है, जो एक बैंक दूसरे बैंक को एटीएम सेवा देने के बदले में भुगतान करता है।
उदाहरण के लिए,यदि किसी एक्सिस बैंक के ग्राहक ने एसबीआई के एटीएम से नकदी निकाली, तो एक्सिस बैंक को एसबीआई को इंटरचेंज शुल्क देना होगा। यह शुल्क अब बढ़ाया गया है, जिससे संभावना है कि बैंक यह अतिरिक्त लागत ग्राहकों से वसूलेंगे।
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ATM Withdraw Fee Hike: बैंकों का क्या कहना है?
बैंकों के अधिकारी मानते हैं कि इस वृद्धि का असर ग्राहकों पर पड़ेगा। हाल के वर्षों में जब भी इंटरचेंज शुल्क में बदलाव किया गया, बैंकों ने इसे ग्राहकों पर लागू किया है। इसलिए, संभावना है कि यह अतिरिक्त लागत भी ग्राहकों को वहन करनी पड़ेगी।
छोटे बैंकों पर अधिक असर
छोटे बैंक, जिनके पास सीमित एटीएम नेटवर्क है, वे अन्य बैंकों के एटीएम पर अधिक निर्भर रहते हैं। इससे उनके ग्राहकों को अधिक शुल्क चुकाना पड़ सकता है। White-Label ATM Operators ने इस शुल्क वृद्धि का समर्थन किया है, क्योंकि वे लंबे समय से अधिक शुल्क की मांग कर रहे थे।
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क्या हो सकते हैं विकल्प?
शुल्क वृद्धि से बचने के लिए ग्राहक निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं:
- डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना: अधिक से अधिक UPI, Net Banking and Mobile Wallet का उपयोग करें।
- सही एटीएम का चयन करें: अपने होम बैंक के एटीएम से लेनदेन करें ताकि अतिरिक्त शुल्क से बचा जा सके।
- नकदी निकासी की योजना बनाएं: बार-बार छोटे-मोटे लेनदेन करने के बजाय एक बार में पर्याप्त नकदी निकालें।
निष्कर्ष
1 मई 2025 से लागू होने वाली एटीएम शुल्क वृद्धि ग्राहकों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डाल सकती है। हालांकि, यह वृद्धि बैंकों और ATM Operators की बढ़ती लागत को ध्यान में रखते हुए की गई है। ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी मुफ्त लेनदेन सीमा के भीतर रहकर डिजिटल लेनदेन को प्राथमिकता दें। इससे न केवल अतिरिक्त शुल्क से बचा जा सकता है, बल्कि डिजिटल अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
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