क्या सच में मौजूद हैं ये खजाने? इनके बारे में जानकर आप दंग रह जाएंगे! Mysterious Treasures of India
Mysterious Treasures of India: भारत एक अद्भुत और रहस्यमयी भूमि है, जिसकी हर धरा पर अनगिनत कहानियाँ बसी हुई हैं। यहाँ के मंदिरों, किलों, और पुरानी सभ्यताओं में ऐसे कई खजाने छिपे हुए हैं, जिनके बारे में आज भी कई रहस्य बने हुए हैं। भारत के ये गुप्त खजाने केवल धन-संपत्ति तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इनमें ऐतिहासिक धरोहरें, प्राचीन कला-कृतियाँ, और अज्ञात ज्ञान का भंडार भी शामिल है। सदियों से ये खजाने खोजकर्ताओं, राजा-महाराजाओं और लुटेरों को आकर्षित करते रहे हैं, लेकिन आज भी कई खजाने हैं जिनकी खोज जारी है। इन खजानों में कर्नाटक के श्रीरंगपट्टनम में छिपा टीपू सुल्तान का खजाना, उत्तर प्रदेश के जौनपुर का सोनभद्र खजाना, और राजस्थान के भानगढ़ के रहस्यमयी खंडहर का खजाना प्रमुख हैं। इसके अलावा, केरल के पद्मनाभस्वामी मंदिर का खजाना तो दुनिया का सबसे बड़ा खजाना माना जाता है, जो सोने, हीरे और बहुमूल्य रत्नों से भरा हुआ है।
इन खजानों की कहानियाँ इतनी दिलचस्प हैं कि उनमें रहस्य, रोमांच और इतिहास का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है। खजाने की खोज में कई लोग अपने जीवन को दांव पर लगा चुके हैं, जबकि कुछ खजानों की खोज का दावा तो किया गया, लेकिन आज तक उन्हें पूरी तरह से खोजा नहीं जा सका। कुछ खजाने ऐसे हैं जो अब भी धरती के गर्भ में छिपे हुए हैं, जबकि कुछ के बारे में कहा जाता है कि वे जादुई शक्तियों द्वारा संरक्षित हैं, और केवल वही व्यक्ति इन तक पहुँच सकता है, जो इसके योग्य हो। इन रहस्यमयी खजानों को जानने की उत्सुकता हर पीढ़ी में बनी रही है, और आज भी इनके बारे में कई कहानियाँ प्रचलित हैं। तो आइए, इस ब्लॉग में जानें भारत के 10 सबसे प्रसिद्ध गुप्त खजानों (Mysterious Treasures of India) के बारे में, जिनके रहस्य और रोमांच ने लोगों को सदियों से मोहित किया है।
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1. नादिर शाह का खजाना (Nadir Shah’s Treasure)
नादिर शाह ने 1739 में भारत पर हमला कर दिल्ली पर कब्जा कर लिया था। इस हमले में न केवल हजारों निर्दोष लोग मारे गए थे, बल्कि नादिर शाह पूरी दिल्ली को भी लूटकर ले गया था। लूटे गए खजाने में मयूर तख्त और कोहिनूर के साथ लाखों की संख्या में सोने के सिक्के और बड़ी मात्रा में जवाहरात थे। सालों से चली आ रही कहानियों के मुताबिक माना जाता है कि युद्ध के उस माहौल में नादिर शाह पूरे खजाने पर अपनी नजर नहीं रख पाया। वापस जाते वक्त नादिर शाह के काफिले से जुड़े बड़े अफसर और सिपहसालारों ने इस खजाने का काफी हिस्सा छिपा दिया। इस बेशकीमती खजाने को अभी भी खोजा जाना बाकी है।
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2. कृष्णा नदी का खजाना (Treasure of Krishna River)
आंध्र प्रदेश के गुंटूर में कृष्णा नदी के तटीय इलाके काफी समय से अपने हीरों के लिए प्रसिद्ध थे। एक समय में यह इलाका गोलकुंडा राज्य में शामिल था। विश्व प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा भी यहीं की खदानों से निकाला गया था। माना जाता है कि इलाके में कृष्णा नदी के तट पर कई हीरे खोजे जाने का इंतजार कर रहे हैं।
कृष्णा नदी, जिसे दक्षिण भारत की प्रमुख नदियों में गिना जाता है, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ एक रहस्यमयी खजाने की कहानियों के लिए भी जानी जाती है। इस नदी के आसपास बसे प्राचीन नगरों और किलों में कई सदियों से खजानों की खोज की कहानियाँ प्रचलित हैं। कहा जाता है कि इस क्षेत्र में अनेक राजवंशों ने शासन किया और युद्धों के दौरान उन्होंने अपने धन और बहुमूल्य संपत्तियों को कृष्णा नदी के गर्भ में छिपा दिया था। खासकर विजयनगर साम्राज्य के पतन के बाद, इस खजाने से जुड़ी कई किंवदंतियाँ उभरकर सामने आईं।
कृष्णा नदी का खजाना केवल सोने-चांदी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें प्राचीन हथियार, बहुमूल्य रत्न, और ऐतिहासिक धरोहरें भी शामिल हैं। यह खजाना न केवल खोजकर्ताओं को आकर्षित करता है, बल्कि स्थानीय लोगों के बीच भी चर्चा का विषय बना रहता है। कुछ मान्यताओं के अनुसार, नदी के कुछ गहरे स्थानों पर आज भी ये खजाने छिपे हुए हैं, लेकिन उन्हें ढूंढना असंभव सा प्रतीत होता है। कई खोजकर्ताओं और गोताखोरों ने इसे खोजने की कोशिश की, परंतु नदी की गहराई और प्रवाह के कारण खजाने तक पहुँचना बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हुआ।
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3. टीपू सुल्तान का खजाना (Tipu Sultan’s Treasure)
टीपू सुल्तान, जिन्हें ‘शेर-ए-मैसूर’ के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय इतिहास के सबसे वीर और शक्तिशाली शासकों में से एक थे। उनका शासनकाल मैसूर राज्य में था और उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ कई युद्ध लड़े। टीपू सुल्तान केवल अपनी सैन्य शक्ति और कुशलता के लिए ही नहीं, बल्कि अपने खजाने के लिए भी प्रसिद्ध थे। कहा जाता है कि टीपू सुल्तान के पास अपार धन-संपत्ति थी, जिसमें सोने-चांदी के सिक्के, बहुमूल्य जवाहरात, और प्राचीन हथियार शामिल थे। यह खजाना उनकी समृद्धि और शक्ति का प्रतीक था।
कई किंवदंतियों के अनुसार, चौथे एंग्लो-मैसूर युद्ध में जब टीपू सुल्तान की मृत्यु हो गई, तब उन्होंने अपने खजाने को श्रीरंगपट्टनम के किले और उसके आस-पास के क्षेत्रों में छिपा दिया था। यह खजाना आज तक पूरी तरह से खोजा नहीं जा सका है और इसे लेकर कई रहस्यमयी कहानियाँ प्रचलित हैं। कुछ लोगों का मानना है कि इस खजाने को अंग्रेजों ने युद्ध के बाद हासिल कर लिया, जबकि कुछ का मानना है कि इसका एक बड़ा हिस्सा अब भी जमीन के नीचे छिपा हुआ है। Mysterious Treasures of India
टीपू सुल्तान के खजाने की खोज में कई खोजकर्ताओं ने प्रयास किए, लेकिन किले की संरचना और उसके गुप्त मार्गों के कारण इसे ढूंढना बेहद कठिन साबित हुआ। यह खजाना केवल धन-संपत्ति का भंडार नहीं था, बल्कि इसमें ऐतिहासिक महत्व के दस्तावेज और युद्ध की रणनीतियों से जुड़े नक्शे भी शामिल हो सकते हैं। आज भी टीपू सुल्तान का खजाना इतिहास प्रेमियों और खजाने की खोज में रुचि रखने वालों के लिए एक बड़ा आकर्षण बना हुआ है। श्रीरंगपट्टनम का यह खजाना भारत के सबसे प्रसिद्ध और रहस्यमयी खजानों में से एक है, और इसे लेकर आज भी शोध और खोज जारी हैं |
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4. चारमीनार सुरंग का खजाना (Charminar Tunnel Treasure)
ऐतिहासिक गोलकुंडा का किला और चारमीनार के बीच 15 फीट चौड़ी और 30 फीट ऊंची भूमिगत सुरंग है। इस सुरंग का निर्माण सुल्तान कुली कुतुबशाह ने करवाया था। माना जाता है कि शाही परिवार द्वारा अपने खजाने को छुपाने के लिए इस सुरंग का निर्माण करवाया गया था। यहीं सुल्तान कुतुब शाह ने अपना शाही खजाना रखवाया था। वैसे तो इस सुरंग को बनाने का मकसद मुश्किल समय में किले से चारमीनार तक पहुंचना था, परन्तु बाद में यहाँ गुप्त तहखाने बनवाए गए और सोने चांदी के सिक्कों सहित बहुमूल्य रत्न हीरे जवाहरात आदि जमा किये गए। निजाम मीर ओसमान अली ने 1936 में यह खजाना निकालने के लिए नक्शा बनाया था। लेकिन खुदाई नहीं की गई। अगर आज इस खजाने की फिर से खोजबीन की जाए तो शायद यह खजाना भारत को मिल सकता है। माना जाता है कि इस सुरंग में सुल्तान कुतुब शाह का खजाना मौजूद है।
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5. पद्मनाभ मंदिर का खजाना (Treasure of Padmanabha Temple)
भारत के केरल राज्य (Kerala) के तिरुवनंतपुरम में स्थित भगवान विष्णु का प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है। मान्यता है कि सबसे पहले इस स्थान से विष्णु भगवान की प्रतिमा प्राप्त हुई थी। जिसके बाद उसी स्थान पर इस मंदिर का निर्माण किया गया है। इसके गर्भभाग में भगवान विष्णु की विशाल प्रतिमा शेषनाग पर शयनावस्था में विद्यमान है। वह पूरी दुनिया में सबसे अधिक अमीर हिन्दू मंदिर है। यह मंदिर एक ऐसे इलाके में बना हुआ है, जहां कभी कोई विदेशी आक्रमण नहीं हुआ। क्योंकि ज्यादातर आक्रमण भारत के पूर्वी और पश्चिमी सीमा कि तरफ से होते थे। Mysterious Treasures of India
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6. बिहार का सोन भंडार (Bihar Gold Reserves)
बिहार के राजगीर में स्थित सोन भंडार एक रहस्यमयी और ऐतिहासिक स्थल है, जिसे सोने के खजाने के भंडार के रूप में जाना जाता है। यह प्राचीन गुफा दो हिस्सों में विभाजित है, जिसमें से एक हिस्से में कहा जाता है कि बेशुमार सोना छिपा हुआ है। सोन भंडार गुफा का संबंध मौर्य और मगध साम्राज्य से बताया जाता है, और मान्यता है कि यहाँ का खजाना जरासंध या बिम्बिसार जैसे प्राचीन शासकों द्वारा छिपाया गया था। गुफा की दीवारों पर ब्राह्मी लिपि में कुछ लिखावट पाई गई है, जिसे अब तक कोई पूरी तरह से पढ़ नहीं पाया है। ऐसा माना जाता है कि इस लिखावट में खजाने तक पहुँचने का रहस्य छिपा हुआ है।
कई इतिहासकारों और पुरातत्वविदों ने इस खजाने की खोज की कोशिश की, लेकिन सोन भंडार की गुफा के रहस्य से पर्दा उठाना आज भी एक चुनौती बना हुआ है। अंग्रेजी शासन के दौरान, जब इस खजाने की जानकारी फैली, तो अंग्रेज सैनिकों ने गुफा की दीवार को तोप से उड़ाने की कोशिश की, लेकिन दीवार इतनी मजबूत थी कि इसमें केवल एक हल्का निशान ही बन पाया। इस घटना ने इस खजाने की सुरक्षा और रहस्य को और गहरा कर दिया।
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7. जयगढ़ किले का खजाना (Treasure of Jaigarh Fort)
जयगढ़ का किला राजस्थान में स्थित है। मानसिंह प्रथम, अकबर का सेनापति था। मान सिंह ने 1580 में अफगानिस्तान को जीत लिया था और मुहम्मद गजनी के खजाने को भारत लाया था। वह टनों सोना-चांदी भी लूटकर अपने साथ लाया। कहा जाता है कि यह संपत्ति उन्होंने मुगल सल्तनत के हवाले न करके जयगढ़ के किले में छिपा दी थी। अरबी भाषा की एक पुरानी किताब हफ्त तिलिस्मत-ए-अंबेरी (अंबेर के सात खजाने) में भी इस बात का जिक्र है कि किले में अकूत सोना-चांदी छिपा हुआ है। जयगढ़ किले के नीचे पानी की सात विशालकाय टंकियां बनी हैं, माना जाता है कि खजाना इन्हीं में था। कहा तो यह भी जाता है कि 1976 में देश में आपातकाल के दौरान प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने इस खजाने की खोज में 6 महीने तक किले के अन्दर खुदाई करायी और सेना को भी इस काम में लगाया और अधिकारिक रूप से घोषणा की गयी कि सरकार को इस खुदाई में कुछ भी नहीं मिला। Mysterious Treasures of India
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8. जहांगीर का खजाना (Jahangir Treasure)
राजस्थान के अलवर में मुगल बादशाह जहांगीर का खजाना दबा होने की बात कही जाती है। जहांगीर, जो मुगल साम्राज्य के चौथे बादशाह थे, अपनी शानो-शौकत और कला प्रेम के लिए जाने जाते थे। उनके शासनकाल में मुगल साम्राज्य ने सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से काफी उन्नति की थी। जहांगीर का खजाना, जिसे इतिहास और लोककथाओं में बेहद चर्चित माना जाता है, आज भी एक रहस्य बना हुआ है। कहा जाता है कि जहांगीर ने अपने शासनकाल में असीम धन-संपत्ति इकट्ठा की थी, जिसमें सोने-चांदी के सिक्के, बहुमूल्य रत्न, नायाब कलाकृतियाँ, और अमूल्य हस्तशिल्प शामिल थे।
कुछ किवदंतियों के अनुसार, जहांगीर ने इस विशाल खजाने को अपने शासनकाल में विभिन्न स्थानों पर छिपा दिया था ताकि भविष्य के संकटों में इसे सुरक्षित रखा जा सके। यह भी कहा जाता है कि उनके खजाने का एक हिस्सा युद्ध और विद्रोह के दौरान सुरक्षित रखने के लिए गुप्त स्थानों पर छुपाया गया था, जिनमें से कई जगहें आज भी अज्ञात हैं। पंजाब, कश्मीर, और राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में इस खजाने की खोज के प्रयास किए गए हैं, लेकिन आज तक कोई इसे प्राप्त नहीं कर पाया।
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9. कमरुनाग झील का खजाना (Treasure of Kamrunag Lake)
हिमाचल प्रदेश के मंडी से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित है कमरुनाग झील। स्थानीय लोग इस झील को पवित्र मानते हैं। उनका भरोसा है कि इस झील का अंत पाताल में होता है। ऐसी मान्यता है कि झील में गहने अर्पित करने से मनोकामना पूरी होती है। दूर दूर से लोग आकर गहने झील में डालते हैं और मनोकामना मांगते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह झील महाभारत कालीन है। यहां एक मंदिर है जो लकड़ी का बना है। इसमें कमरुनाग की एक पुरानी मूर्ति भी रखी है। सदियों से इस झील में गहने और रुपये आदि चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है। यह तो साफ है कि झाल की तलहटी में खजाना जमा है। लेकिन कितना ये कोई नहीं जानता। Mysterious Treasures of India
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10. मीर उस्मान अली का खजाना (Mir Osman Ali Treasure)
मीर उस्मान अली खान अपने समय के बहुत ही अमीर आदमी हुआ करते थे। वह हैदराबाद के निजाम हुआ करते थे। उस समय वह इतने बड़े राज्य पर शासन करते थे कि वह इंग्लैंड के बराबर था। टाइम मैगजीन ने 1937 में उनको दुनिया का सबसे अमीर आदमी बताया था। वह हैदराबाद में किंग कोठी पैलेस (King Kothi Palace) में रहते थे। उन्होंने उसे अपने रहने के लिए बहुत समय पहले बनवाया था। वह अपना सारा खजाना सारी धन दौलत उसी के नीचे अंडरग्राउंड कमरे में या तहखाने में रखते थे। जब 1933 में हैदराबाद भारत का हिस्सा बना। तो भारत सरकार ने उनका कुछ खजाना तो हासिल किया। पर कुछ ख़ज़ाने का आज तक नहीं पता चला है। कहा जाता है कि उनका खजाना इतना विशाल था कि आज के समय में उसकी कीमत करीब 33 बिलियन डॉलर होगी।
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