कितना खतरनाक है New Covid-19 Variant? विशेषज्ञों से जानिए!

खतरा बना हुआ है! New Covid-19 Variant से कैसे बचें? बूस्टर डोज ले चुके लोग भी सुरक्षित नहीं

पिछले कुछ महीनों में, COVID-19 के नए वेरिएंट (New Covid-19 Variant), जैसे JN.1 और FLiRT, दुनिया भर में चिंता का विषय बन गए हैं। ये वेरिएंट कुछ विशेषताओं को प्रदर्शित करते हैं जो उन्हें पहले के वेरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक और प्रतिरोधी बना सकती हैं।

कोरोनावायरस में एक बार फिर से म्यूटेशन (mutation) हुआ है जिसके कारण वैरिएंट्स का एक नया सेट देखा जा रहा है। कोरोना वायरस में म्यूटेशन के कारण उत्पन्न हुए नए सब-वैरिएंट को ‘FLiRT’ (फिलिर्ट) नाम दिया गया है। वैश्विक स्तर पर जारी कोरोना महामारी अभी भी थमी नहीं है। अध्ययनकर्ताओं ने बताया ये नया वैरिएंट भी ओमिक्रॉन की फैमिली से ही संबंधित है। इसे JN.1 वैरिएंट की एक रूप माना जा रहा है जिसके कारण पिछले साल कई देशों में तेजी से संक्रमण के मामले बढ़ते हुए देखे गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना का ये नया वैरिएंट अपशिष्ट जल की निगरानी में पाया गया है। डेटा वैज्ञानिक जे.वेइलैंड ने पिछले सप्ताह जारी किए मॉडल में कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों को फिर से अलर्ट हो जाने की सलाह दी थी। वैज्ञानिकों की टीम ने बताया कि कोरोना के इस नए वैरिएंट में कुछ ऐसे म्यूटेशन देखे गए हैं जो काफी चिंता बढ़ाने वाले हो सकते हैं। गर्मियों में अमेरिका सहित कई देशों में नए वैरिएंट के कारण कोरोना के मामलों के बढ़ने की आशंका हो सकती है।

showing the image of the New Covid-19 Variant

ओमिक्रॉन के दो वैरिएंट KP.2 और KP.1, FLiRT (ग्रुप) के अंदर रखे गए हैं | इन्हें JN.1 की तुलना में कम संक्रामक कहा जा रहा है लेकिन यह इम्यूनिटी को चकमा दे सकता है | FLiRT क्या है और इसके लक्षण क्या हैं, इस बारे में जान लीजिए |

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कोविड-19 के नए वैरिएंट,  KP.2 and KP1.1 Variants

कोविड-19 का एक नया वैरिएंट देश में एंट्री कर चुका है और तेजी से फैल रहा है| भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (Indian SARS-CoV-2 Genomics Consortium (INSACOG) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अब तक कोविड-19 के 324 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें केपी.2 के 290 मामले और केपी.1 के 34 मामले शामिल हैं.

कोरोनावायरस के दो नए सब-वैरिएंट KP.2 और KP.1 को ‘FLiRT’ नाम दिया गया है|  ‘FLiRT’, ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट्स का एक ग्रुप है और ये दोनों इस ग्रुप के अंदर ही आते हैं | KP.1 और KP.2 को ‘FLiRT’ उपनाम वैज्ञानिकों ने उनके म्यूटेशन के तकनीकी नाम के आधार पर दिया है |

FLiRT में शामिल KP.2 और KP.1, ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट JN.1 के वंशज हैं |

क्या है कोविड-19 के नए वैरिएंट , FLiRT? | What is the new variant of COVID-19, FLiRT?

FLiRT में दो प्रमुख वैरिएंट, KP.2 और KP.1 शामिल हैं जो JN.1 (ओमिक्रॉन की शाखा) के सब-वैरिएंट हैं | इनमें 2 नए स्पाइक म्यूटेशन हैं| KP.2 (JN.1.11.1.2) वैरिएंट JN.1 का वंशज है, जिसमें S:R346T और S:F456L दोनों मौजूद हैं | जापान के रिसर्चर्स की स्टडी के मुताबिक, KP.2 की संक्रामकता JN.1 की तुलना में काफी (10.5 गुना) कम है| 

KP.2 तेजी से फैल रहा है, अनुमान है कि KP.1 वर्तमान में अमेरिका में लगभग 7.5 प्रतिशत नए कोविड मामलों के लिए जिम्मेदार है. जब दोनों (KP.2 और KP.1) साथ में होते हैं तो यह और भी आक्रामक हो जाते हैं. KP.2 (जिसे JN.1.11.1.2 भी कहा जाता है) को JN.1 की तीसरी पीढ़ी माना जा रहा है जिसे पिछले साल दिसंबर में वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में देखा गया था | मई 2024 तक वैश्विक स्तर पर फैलने वाले मुख्य वैरिएंट KP.2, JN.1 और KP.1 ही हैं |

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कोविड-19 के नए वैरिएंट  FLiRT कितना खतरनाक है? | How dangerous is the new variant of COVID-19? FLiRT?

नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (National Indian Medical Association (IMA) के को-चेयरमेन राजीव जयदेवन (Rajeev Jayadevan) का कहना है, ‘कोविड-19 खत्म होने वाली बीमारी नहीं है | यह किसी न किसी रूप में सामने आती रहेगी, भले ही यह बुखार, मलेरिया या अन्य रूप में सामने आए | ऐसा प्रतीत होता है कि ये वैरिएंट अपने पूर्वज और अन्य ओमिक्रॉन वैरिएंट से आगे निकल गए हैं | माना जाता है कि KP.2, विशेष रूप से दोनों में से अधिक प्रभावशाली स्ट्रेन है जो वैक्सीनेशन और पिछले संक्रमण से बनी इम्यूनिटी को भी चकमा दे सकता है | वेटरन्स अफेयर्स सेंट लुइस हेल्थकेयर सिस्टम (Veterans Affairs St. Louis Healthcare System) के रिसर्च और डेवलपमेंट के हेड डॉ. जियाद अल-अली ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया, ‘मैं यह नहीं कहना चाहता कि हम KP.2 के बारे में पहले से ही सब कुछ जानते हैं | मुझे फिलहाल कोई खतरे का संकेत नहीं दिख रहा है |’

कोलंबिया यूनिवर्सिटी (Columbia university) के वायरोलॉजिस्ट डॉ. डेविड हो के मुताबिक, ‘KP.2 उन लोगों को भी संक्रमित कर सकता है जिन्होंने नई वैक्सीन भी लगवाई है. जापान के रिसर्चर्स की स्टडी में पाया गया है कि जेएन.1 की तुलना में KP.2 में अधिक क्षमता है कि वह नई वैक्सीन लेने वाले लोगों को भी संक्रमित कर सकता है|

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कोविड-19 के नए वैरिएंट, FLiRT के लक्षण क्या हैं? | What are the symptoms of the new variant of COVID-19, FLiRT?

सर गंगा राम हॉस्पिटल के मेडिसिन डिपार्टमेंट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. एम. वली का कहना है, ‘FLiRT के लक्षण लगभग अन्य वैरिएंट के समान ही हैं जिनमें:-

  • गले में खराश,
  • खांसी,
  • थकान,
  • मसल्स में दर्द,
  • बुखार,
  • ठंड लगना और
  • स्वाद या गंध की कमी

लक्षण अलग-अलग होने का कारण यह है कि FliRT, KP.2 और JN.1 वैरिएंट से मिलकर बने हैं जिसमें कई म्यूटेशन होते हैं जो इम्यूनिटी को चकमा दे सकते हैं |

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वायरस के स्पाइक प्रोटीन में दिखा परिवर्तन | Changes seen in the spike protein of the virus

अमेरिका स्थित येल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (Yale School of Public Health) में डीन डॉ मेगन एल. रैनी कहते हैं, कोरोना के नए वैरिएंट ‘फिलिर्ट’ के स्पाइक प्रोटीन में परिवर्तन देखा गया है जो इसे आसानी से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देकर लोगों को संक्रमित करने के योग्य बनाता है।

विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि केवल 22% अमेरिकी वयस्कों को नवीनतम कोविड वैक्सीन मिली है, इसके अलावा बहुत से लोगों में वायरस का आखिरी संक्रमण हुए भी लंबा समय बीत चुका है ऐसे में शरीर को वायरस से सुरक्षा देने वाली प्रणाली में भी कमी आ गई है। ऐसी स्थिति में नए वैरिएंट से संक्रमण होने और इसके गंभीर रूप लेने का जोखिम भी अधिक हो सकता है।

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बूस्टर डोज (booster dose) ले चुके लोग भी सुरक्षित नहीं!

बफेलो यूनिवर्सिटी के में संक्रामक रोग के विशेषज्ञ डॉ थॉमस.ए. रूसो कहते हैं, सिर्फ अमेरिका नहीं दुनियाभर में कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों की आबादी अधिक है। ऐसे में अगर कोरोना के किसी नए वैरिएंट के कारण एक और लहर आती है तो ये हमारी संवेदनशीलता बढ़ाने वाली हो सकती है।

इसके अलावा ऐसे भी कई डेटा भी हैं जो दिखाते हैं कि जिन लोगों को नवीनतम कोविड बूस्टर डोज मिला है, उन्हें भी संभावित उछाल के खिलाफ पूरी तरह से सुरक्षित नहीं माना जा सकता है। हर बार वैरिएंट में देखा जा रहा नया म्यूटेशन संक्रमण के जोखिमों को और भी बढ़ाने वाला हो सकता है।

वैक्सीन और इसकी प्रभाविकता से संबंधित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा इसी सप्ताह जारी एक प्रीप्रिंट अध्ययन में इस बात के पुख्ता सबूत पेश किए गए हैं कि नवीनतम बूस्टर शॉट्स भी जेएन.1 और इसके सब-वैरिएंट्स के खिलाफ पूरी तरह से सुरक्षा नहीं दे सकती है।

गौरतलब है कि जेएन.1 वैरिएंटस सर्दियों के दौरान विश्व स्तर पर फैल गया था और अभी भी अमेरिका में 95% कोविड-19 के मामलों के लिए इसी वैरिएंट को प्रमुख कारण माना जा रहा है। अकेले अमेरिका में ही इस वैरिएंट के कारण दिसंबर में संक्रमण के मामलों में 21% और जनवरी के तीसरे सप्ताह तक 85% की वृद्धि रिपोर्ट की गई थी।

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टीकाकरण ही है कोरोना से बचाव का बेहतर तरीका | Vaccination is the best way to protect against corona

कोरोना के संभावित खतरों को देखते हुए वैज्ञानिकों ने कहा, भले ही इस बारे में कई सवाल हैं कि बूस्टर शॉट्स लेने वाले भी कोरोना से पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं फिर भी टीकाकरण ही अभी भी कोरोना के खतरे से बचने का सबसे अच्छा तरीका है। जिन लोगों को नवीनतम बूस्टर नहीं मिला है, विशेषतौर पर जो लोग 65 वर्ष से अधिक उम्र के हैं या रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, उनके लिए कोरोना का बूस्टर शॉट जरूरी हो जाता है।

वैज्ञानिक कहते हैं, यह मानते हुए कि वायरस लगातार विकसित हो रहा है और हमारी प्रतिरक्षा कमजोर भी हो रही है, इसको देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से वार्षिक बूस्टर डोज की भी सिफारिश की जानी चाहिए।

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कोविड-19 के नए वैरिएंट के बारे में विशेषज्ञों की राय | Experts’ opinion about the new variant of Covid-19

  • डॉक्टर रणदीप गुलेरिया, निदेशक, एम्स, नई दिल्ली, का कहना है कि “हमें इन नए वेरिएंट को लेकर सतर्क रहना चाहिए, लेकिन घबराना नहीं चाहिए।”
  • डॉक्टर शैली अग्रवाल, वरिष्ठ सलाहकार, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, कहती हैं कि “टीकाकरण, मास्क पहनना और सामाजिक दूरी बनाए रखना अभी भी सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय हैं।”

1. सतर्कता

  • हमें नए वेरिएंट के खतरों से अवगत रहना चाहिए और उनकी संभावित वृद्धि के लिए तैयार रहना चाहिए।
  • इसका मतलब है कि हमें स्वास्थ्य समाचारों पर ध्यान देना चाहिए, विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी प्राप्त करनी चाहिए, और स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।

2. शांत रहना

  • घबराहट और अनावश्यक चिंता से बचना चाहिए।
  • यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हम पहले ही महामारी का सामना कर चुके हैं और संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए कुशल तरीके विकसित कर चुके हैं।

3. टीकाकरण, मास्क और सामाजिक दूरी

  • ये तीन उपाय अभी भी COVID-19 से बचाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं।
  • टीकाकरण गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के खतरे को कम करने में बहुत प्रभावी है।
  • मास्क पहनने से संक्रमण फैलने को रोकने में मदद मिलती है, खासकर भीड़भाड़ वाली जगहों पर।
  • सामाजिक दूरी यह सुनिश्चित करती है कि संक्रमित व्यक्ति दूसरों को बीमार न कर सके।
  • नए वेरिएंट के बारे में अभी भी बहुत कुछ सीखना बाकी है। वैज्ञानिक इन वेरिएंट के प्रसार, गंभीरता और उपचार विकल्पों का अध्ययन कर रहे हैं।
  • हमें नियमित रूप से अपने हाथों को धोना, भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना और बीमार होने पर घर पर रहना जैसे अन्य सुरक्षा उपायों का भी पालन करना चाहिए।

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निष्कर्ष | Conclusion

नए कोविड-19 वैरिएंट कितने खतरनाक हैं, यह सवाल अभी भी वैज्ञानिकों के लिए शोध का विषय है। अभी तक, यह स्पष्ट नहीं है कि ये वैरिएंट कितने अधिक संक्रामक या घातक हैं, या वे गंभीर बीमारी का कारण बनने की कितनी संभावना रखते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि हमें सतर्क रहना चाहिए और बचाव के उपाय करने चाहिए। इनमें टीकाकरण, मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और अच्छी स्वच्छता बनाए रखना शामिल है। यह भी महत्वपूर्ण है कि हम नवीनतम जानकारी के लिए अपडेट रहें, क्योंकि वैज्ञानिक वायरस और उसके वैरिएंट के बारे में अधिक जानते हैं। यदि आप कोविड-19 के बारे में चिंतित हैं, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें। वे आपको आपके व्यक्तिगत जोखिम और आपके लिए सबसे अच्छा बचाव योजना के बारे में सलाह दे सकते हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह निष्कर्ष केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

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