राज्यों को निर्देश: केंद्र ने राज्यों से कहा, 30 सितंबर तक अयोग्य लाभार्थियों को हटाएं और पात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल करें! | NFSA | NFSA Ration Card Status Check | NFSA Up | NFSA Up Gov.in | NFSA Ration Card | NFSA Rajasthan | Nfsa Full Form | NFSA Assam | NFSA Challan | NFSA Status | PMGKAY Update 2025
NFSA Beneficiary Updates 2025: भारत सरकार ने राज्यों को एक बड़ा निर्देश जारी किया है जिसके तहत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत चल रही मुफ्त राशन योजना में सुधार करने का प्रयास किया जा रहा है। केंद्र ने साफ कहा है कि 30 सितंबर, 2025 तक सभी राज्य सरकारें उन लाभार्थियों को सूची से बाहर करें जो पात्र नहीं हैं और उनकी जगह योग्य लोगों को शामिल करें।
यह कदम इसलिए अहम है क्योंकि वर्तमान में लगभग 80 करोड़ लोग एनएफएसए के तहत मुफ्त राशन का लाभ ले रहे हैं, लेकिन इनमें से बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है जो अब पात्रता मानकों पर खरे नहीं उतरते। वहीं, लाखों योग्य लोग प्रतीक्षा सूची में हैं जिन्हें अभी तक इस योजना से लाभ नहीं मिला है।
अपात्र लाभार्थियों को हटाने का कारण | Reasons for removing ineligible beneficiaries
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के मुताबिक, हाल ही में किए गए एक अभ्यास और डेटा अभिसरण (data convergence) में पाया गया कि करीब 10% लाभार्थी ऐसे हैं जो करदाता, कार मालिक या कंपनी निदेशक हैं, यानी वे सरकारी मानकों के मुताबिक गरीब श्रेणी में नहीं आते।
इतना ही नहीं, बड़ी संख्या में ‘साइलेंट राशन कार्ड’ भी सामने आए हैं। यानी ऐसे लाभार्थी जिन्होंने 6 महीने से लेकर एक साल तक मुफ्त राशन का दावा नहीं किया है। यह स्पष्ट करता है कि या तो उन्हें इसकी आवश्यकता नहीं है या वे इस योजना का लाभ लेने योग्य नहीं हैं।
राज्यों में कार्रवाई की शुरुआत | Start of action in the states
केंद्र सरकार के निर्देश के बाद महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिशा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने पहले ही अपात्र राशन कार्डों को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
- राजस्थान ने अब तक लगभग 28 लाख अपात्र लाभार्थियों को बाहर किया है।
- ओडिशा ने करीब 7 लाख राशन कार्ड रद्द किए।
- महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश ने भी इस दिशा में अभियान चलाया है।
यह कार्रवाई इसलिए जरूरी है ताकि प्रतीक्षा सूची में शामिल लाखों नए योग्य लोगों को समय पर योजना से जोड़ा जा सके। उदाहरण के तौर पर –
- दिल्ली में लगभग 11 लाख लोग प्रतीक्षा सूची में हैं।
- महाराष्ट्र में करीब 88,000 नए लोग योजना का लाभ पाने की प्रतीक्षा में हैं।
ई-केवाईसी और आधार लिंकिंग की स्थिति | e-KYC and Aadhaar Linking Status
अब तक 80.9 करोड़ पंजीकृत लाभार्थियों में से 83% का ई-केवाईसी आधार प्रमाणीकरण के जरिए पूरा हो चुका है। खाद्य मंत्रालय ने बताया कि 20.4 करोड़ राशन कार्डों को आधार से जोड़ा जा चुका है।इस प्रक्रिया से पारदर्शिता बढ़ेगी और यह सुनिश्चित होगा कि केवल सही पात्र लोगों तक ही राशन पहुंचे।
योजना की वित्तीय चुनौती | Financial Challenge of The Scheme
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2023 में 5 साल के लिए बढ़ाया था। इस योजना के तहत हर महीने पात्र व्यक्ति को 5 किलो चावल या गेहूं और अंत्योदय अन्न योजना परिवार को 35 किलो खाद्यान्न मुफ्त दिया जाता है।
वर्तमान में सरकार को इस योजना के तहत हर साल 56-58 मिलियन टन अनाज वितरित करना पड़ता है। इसके लिए वित्त वर्ष 2025-26 में 2.03 लाख करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि NFSA की खुली प्रकृति और मुफ्त वितरण प्रणाली के कारण केंद्र सरकार पर बड़ा वित्तीय बोझ पड़ रहा है। यही कारण है कि लक्ष्यीकरण (targeting) में सुधार की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
अपात्रता के मानदंड | Ineligibility Criteria
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) और राज्यों द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार, निम्नलिखित श्रेणियों के लोग पात्र नहीं हैं –
- आयकर दाता (Tax Payer)
- सरकारी कर्मचारी
- ₹1 लाख या उससे अधिक वार्षिक आय वाले परिवार
- चार पहिया वाहन मालिक
- ऐसे व्यक्ति जिन्होंने लंबे समय तक राशन नहीं उठाया (Silent Ration Card Holders)
पात्र लाभार्थियों को शामिल करने पर जोर | Emphasis on including eligible beneficiaries
सरकार का उद्देश्य केवल अपात्र लोगों को हटाना ही नहीं, बल्कि नए पात्र लाभार्थियों को भी सूची में शामिल करना है।
- दिल्ली जैसे राज्यों में लाखों नए लोग योजना का लाभ पाने की प्रतीक्षा में हैं।
- महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में भी हजारों नए परिवार इस दायरे में आ सकते हैं।
इससे यह सुनिश्चित होगा कि वास्तव में गरीब और जरूरतमंद लोगों तक योजना का लाभ पहुँचे।
राज्यों की भूमिका और अधिकार | Role and rights of the states
एनएफएसए के तहत लाभार्थियों की पहचान करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है। केंद्र केवल उन्हें दिशानिर्देश और संभावित अपात्र लाभार्थियों का डेटा उपलब्ध कराता है।
अगर कोई राज्य चाहे तो अपने समावेशन और बहिष्करण मानदंड भी बना सकता है। यही कारण है कि केंद्र और राज्यों के बीच समय-समय पर इस विषय को लेकर मतभेद भी सामने आते हैं।
उदाहरण के लिए, अगस्त 2025 में पंजाब के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार मुफ्त राशन योजना का कवरेज कम करना चाहती है। लेकिन केंद्र ने स्पष्ट किया कि लाभार्थियों को शामिल करना या बाहर करना पूरी तरह राज्यों की जिम्मेदारी है।
पुनर्सत्यापन की आवश्यकता | Re-verification required
खाद्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि लाभार्थी सूचियाँ एक दशक पहले तैयार की गई थीं। इसलिए समय-समय पर उनका पुनर्सत्यापन (re-verification) करना जरूरी है।
इससे यह भी तय होगा कि
- जन्म, मृत्यु और प्रवास के कारण जो लोग पात्र या अपात्र हुए हैं, उनकी स्थिति अपडेट हो सके।
- योग्य लोग योजना से वंचित न रहें।
निष्कर्ष: NFSA Beneficiary Updates 2025
केंद्र सरकार का यह कदम मुफ्त राशन योजना के सही लाभार्थियों तक पहुँचाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। जहाँ एक ओर यह प्रक्रिया वित्तीय रिसाव (leakage) को रोकने में मदद करेगी, वहीं दूसरी ओर लाखों नए पात्र परिवारों को योजना से जोड़ेगी। 30 सितंबर, 2025 की तय समय-सीमा राज्यों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है, लेकिन यदि सभी राज्य सक्रियता दिखाएँ, तो यह पहल न केवल गरीबों के लिए राहतकारी होगी बल्कि सरकारी संसाधनों का सही इस्तेमाल सुनिश्चित करने वाली भी साबित होगी।
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