अगर आपका बैंक में Savings Account है, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है! 1 अप्रैल से बैंकिंग नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है, जिससे आपके खाते से लेन-देन करने की सीमा पर असर पड़ेगा। कई बैंक अपनी नीतियों में बदलाव कर रहे हैं, जिससे नकद निकासी, जमा और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के नियम बदल सकते हैं। अगर आप समय पर इन नए नियमों को नहीं समझते हैं, तो आपको अनावश्यक शुल्क भरना पड़ सकता है या आपका लेन-देन रुक सकता है। क्या आपका बैंक भी इस बदलाव की सूची में शामिल है? क्या अब आपको अधिक ट्रांजैक्शन करने पर अतिरिक्त शुल्क देना होगा? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए आगे पढ़ें, क्योंकि यह बदलाव आपके वित्तीय प्लानिंग को सीधे प्रभावित कर सकता है! जानिए पूरी जानकारी और बचिए अनावश्यक परेशानियों से!
1 अप्रैल 2025 से बड़ा बदलाव! नए टैक्स बिल 2025 में Savings Account पर ट्रांजैक्शन लिमिट से जुड़ी नई गाइडलाइंस जारी! Big change in banking rules from April 1 | New limit on Savings Account Transactions implemented on1 April 2025!
भारत सरकार ने फरवरी 2025 में Income Tax Act 1961 को हटाते हुए New Income Tax Bill 2025 लागू किया है, जिसमें Savings Account से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। यह नया नियम 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो जाएगा। इसलिए, अगर आपके पास Savings Account है, तो आपको इन बदलावों के बारे में जानना जरूरी है।
1. बचत खाते में लेनदेन सीमा पर नए नियम | New rules on transaction limit in Savings Account
नए नियमों के तहत Savings Account में पैसे जमा करने और निकालने की सीमाएं तय कर दी गई हैं। अगर आप इन नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो आपको भारी पेनल्टी का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं इन महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में:
A. वार्षिक ट्रांजैक्शन लिमिट (Annual transaction limit)
- अब आप एक वित्तीय वर्ष में अपने Savings Account में अधिकतम 10 लाख रुपये ही जमा कर सकते हैं या निकाल सकते हैं।
- यह लिमिट आपके सभी Savings Account को मिलाकर देखी जाएगी। यदि आपके पास एक से अधिक Savings Account हैं, तो सभी खातों में किए गए कुल लेनदेन को मिलाकर 10 लाख रुपये की सीमा लागू होगी।
- अगर आपका करंट अकाउंट (current account) है, तो इसकी ट्रांजैक्शन लिमिट 50 लाख रुपये तय की गई है।
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B. दैनिक ट्रांजैक्शन लिमिट (Daily transaction limit)
- एक दिन में आप अधिकतम 1 लाख रुपये ही अपने Savings Account में जमा या निकाल सकते हैं।
- यदि कोई आपातकालीन स्थिति होती है, तो आप 2 लाख रुपये तक की ट्रांजैक्शन कर सकते हैं, लेकिन बार-बार ऐसा करने पर Income Tax Department द्वारा नोटिस भेजा जा सकता है।
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है, लेकिन बार-बार ऐसा करने पर उन्हें भी जांच का सामना करना पड़ सकता है।
C. ऑनलाइन ट्रांजैक्शन लिमिट (Online transaction limit)
- यूपीआई (UPI): न्यूनतम 1 रुपये से लेकर अधिकतम 1 लाख रुपये प्रति दिन
- एनईएफटी (NEFT): कोई अधिकतम सीमा नहीं, लेकिन बैंक द्वारा अलग-अलग नियम हो सकते हैं।
- आरटीजीएस (RTGS): न्यूनतम 2 लाख रुपये, अधिकतम कोई सीमा नहीं।
- आईएमपीएस (IMPS): न्यूनतम 1 रुपये से लेकर अधिकतम 5 लाख रुपये प्रति दिन।
- हालांकि, सालाना ट्रांजैक्शन सीमा 10 लाख रुपये बनी हुई है, जिसे पार करने पर आयकर विभाग नोटिस भेज सकता है।
2. एफडी (Fixed Deposit) पर नया नियम (New rule on FD (Fixed Deposit)
- नकद जमा के माध्यम से की जाने वाली FD की सीमा एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 10 लाख रुपये निर्धारित की गई है।
- यदि आपके Savings Account में पहले से बैलेंस है, तो आप उससे एफडी करवा सकते हैं, लेकिन नकद जमा करने पर लिमिट लागू होगी।
- जो लोग नियमित रूप से Income Tax Return (ITR) File करते हैं, वे 10 लाख से अधिक की एफडी कर सकते हैं, लेकिन जो लोग आईटीआर फाइल नहीं करते हैं, उनके लिए यह सीमा लागू रहेगी।
- अगर कोई व्यक्ति बिना आईटीआर फाइल किए 10 लाख रुपये से अधिक की FD करता है, तो उसे Income Tax Department से नोटिस मिल सकता है।
नियमों के उल्लंघन पर भारी पेनल्टी | Heavy penalty for violation of rules
यदि आप तय की गई लिमिट से अधिक ट्रांजैक्शन करते हैं और उचित दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं, तो इनकम टैक्स विभाग इसे ‘Unexplained Income’ मान सकता है। इससे आपको भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।
- 60% पेनल्टी
- 25% सरचार्ज
- 4% सेस
- कुल मिलाकर, कुल ट्रांजैक्शन का 90% तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
- उदाहरण के लिए, यदि आपने 10 लाख रुपये का अतिरिक्त ट्रांजैक्शन किया, तो आपको 9 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
Business Account और Savings Account के लिए अलग नियम!
- बिजनेस से जुड़ी कमाई को Savings Account में रखना अब पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
- बिजनेस की अर्निंग को केवल current account में ही जमा करना होगा।
- यदि कोई बिजनेस से जुड़ी ट्रांजैक्शन Savings Account में पाई जाती है, तो इनकम टैक्स विभाग द्वारा नोटिस जारी किया जा सकता है।
- करंट अकाउंट खोलने के लिए सिर्फ PAN Card and Aadhar Card की जरूरत होगी, GST नंबर अनिवार्य नहीं है।
इन नए नियमों का पालन करना क्यों जरूरी है?
- ट्रांजैक्शन लिमिट के उल्लंघन पर पेनल्टी से बचाव: इनकम टैक्स विभाग से नोटिस मिलने पर दस्तावेजी प्रमाण देना अनिवार्य होगा।
- बैंकिंग सेवाओं में आसानी: तय लिमिट के अंदर ट्रांजैक्शन करने से किसी भी बैंकिंग सुविधा में परेशानी नहीं होगी।
- आयकर विवरणी (ITR) दाखिल करने की आदत: नियमित आईटीआर फाइल करने से कई वित्तीय लाभ मिल सकते हैं।
- बिजनेस और पर्सनल फाइनेंस को अलग रखना: अगर आप बिजनेस करते हैं, तो अपने सभी लेन-देन करंट अकाउंट के माध्यम से करें।
Income-Tax Bill 2025 PDF Download
निष्कर्ष
Savings Account से जुड़े नए नियमों को समझना और उनका पालन करना बेहद जरूरी है। Income tax bill 2025 के अनुसार, किसी भी गलती से बचने के लिए अपने बैंकिंग ट्रांजैक्शन की सही योजना बनाएं। नई लेनदेन सीमा के तहत बैंक द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा, जिससे किसी भी प्रकार की वित्तीय परेशानी से बचा जा सके। इसके अलावा, डिजिटल ट्रांजैक्शन को प्राथमिकता देना और अपने खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना महत्वपूर्ण होगा। किसी भी बड़ी ट्रांजैक्शन से पहले अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से सलाह लें ताकि किसी भी अनावश्यक परेशानी से बचा जा सके। यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवारजनों के साथ जरूर साझा करें ताकि वे भी इन नए नियमों के बारे में जागरूक हो सकें और अपने बैंकिंग कार्यों को सुरक्षित और सुचारू रूप से पूरा कर सकें।
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