बस्ती जनपद (Basti district) को कभी गुरू वशिष्ठ की धरती कहा जाता था | भगवान राम के कुल गुरू महर्षि वशिष्ठ आज के बस्ती जनपद में ही रहा करते थे, यहां पर रहकर वो पूजा पाठ किया करते थे | जिस कारण बस्ती जनपद में भगवान राम और उनके कुल से जुड़ी बहुत सी यादें देखने को मिलती हैं | चाहे राजा दशरथ के द्वारा कराया गया माखौड़ा धाम में पुत्रकामेष्ठि यज्ञ हो या भगवान राम की बहन शांता देवी की श्रृंगीनारी स्थित मंदिर हो या भगवान राम सहित उनके तीनो भाइयों के शिक्षा की बात हो |
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बस्ती जनपद के कप्तानगंज थाना क्षेत्र में बटुकपुर गांव है | जिसका सीधा सम्बन्ध भगवान राम से है | पास में ही बढ़नी मिश्र नामक एक गांव है | जहां पर त्रेता युग में 52 बीघे में महर्षि वशिष्ठ का आश्रम हुआ करता था | स्थानीय शालीग्राम त्रिपाठी ने बताया कि जब भगवान राम अयोध्या से प्रारंभिक शिक्षा के लिए आए थे तो वो सबसे पहले बढ़नी मिश्र गांव में आए थे और यही पर रहकर उन्होंने कुल गुरू वशिष्ठ जी से शिक्षा ग्रहण की थी |
राम मंदिर अयोध्या से बस्ती जिले का क्या सम्बन्ध है | What is the relation of Basti district with Ram temple Ayodhya?
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के उद्घाटन (Ram Mandir Pran Pratishtha) का समय तय हो गया है| इस शुभ कार्य के लिए 22 जनवरी 2024 की तारीख और 12.20 मिनट का समय तय किया गया है| अभिजीत मुहूर्त में यह कार्यक्रम होगा| सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार, इसी तारीख और शुभ मुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी| अयोध्या में चल रही बैठक में यह फैसला किया गया कि इस कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे| प्राण प्रतिष्ठा के एक हफ्ते पहले से पूजा- पाठ का कार्यक्रम शुरू किया जाएगा|
भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या भव्य हो तो गुरु वशिष्ठ की नगरी बस्ती कैसे वंचित रह सकती है। पर्यटन के मानचित्र पर अयोध्या से अब बस्ती जिले का मख धाम क्षेत्र भी जुड़ेगा। यह वह अंचल है जहां त्रेताकाल में राजा दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ किया था। उसके बाद श्रीराम, भरत, शत्रुघ्न और लक्ष्मण का जन्म हुआ। मख धाम अब मखौड़ा के नाम से जाना जाता है। यज्ञ कराने वाले ऋषि श्रृंग की धर्मपत्नी का स्थान भी मखौड़ा से दस किमी दूर श्रृंगीनारी देवी स्थान के रूप में चर्चित है।
राम मंदिर के लिहाज से बस्ती का अपना एक अलग व अहम महत्व है। प्राचीन काल में बस्ती मूलतः ‘वैशिश्ठी’ के नाम से जाना जाता था। वैशिश्ठी नाम वसिष्ठ ऋषि के नाम से बना हैं, जिनका ऋषि आश्रम यहां पर था। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, बस्ती ही वो जगह है जहां पर राजा दशरथ ने संतान प्राप्ति के लिए पुत्रेष्टि यज्ञ किया था। जिसके परिणामस्वरूप उन्हें पुत्रों की प्राप्ति हुई थी इसलिए बस्ती का गहरा संबंध भगवान राम के जन्म से माना जाता है।
रोजगार की दृष्टि से बस्ती जिले के उत्थान की तयारी
इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने शासन को पत्र लिखकर मांग की है कि बस्ती को कॉरिडोर बनाकर अयोध्या से जोड़ा जाए। वहीं, इस कॉरिडोर से यहां के लोगों को व्यापक स्तर पर रोजगार मिलेगा क्योंकि कॉरिडोर बन जाने से यह क्षेत्र पर्यटन के रूप में उभरेगा। भगवान राम के जन्म से जुड़े होने के कारण पर्यटकों को अयोध्या को देखने के साथ ही बस्ती को देखने की भी जिज्ञासा होगी। कॉरिडोर के बन जाने से बस्ती में पर्यटन की संभावनाएं बढ़ेंगी जिससे व्यपार को नई उर्जा मिलेगी। इसका सीधा फायदा यहां के युवाओं को मिलेगा। कॉरिडोर के बन जाने से यहां ट्रेवल एजेंसियों में भी इजाफा देखने को मिलेगा, जो सीधे तौर पर युवाओं के रोजगार दिलाएगा।
बस्ती स्थित बढ़नी के बारे में मान्यता है कि यहीं पर त्रेता युग में भगवान राम सहित चारों भाइयों ने शिक्षा ग्रहण की थी | भगवान राम के कुल गुरू महर्षि वशिष्ठ की धरती बस्ती में मान्यता के अनुसार, मौजूदा कप्तानगंज के बढ़नी गांव में 52 बीघे में त्रेता युग में गुरु वशिष्ठ का आश्रम हुआ करता था | जब भगवान राम समेत उनके भाई लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न शिक्षा लेने के लिए अयोध्या से आए थे तो वो लोग बढ़नी गांव में बने आश्रम में ही रहे थे |
ऐसे पड़ा बटुकपुर नाम
मान्यताओं के अनुसार, शिक्षा के लिए भगवान राम सहित उनके तीनों भाई बढ़नी मिश्र से दो किलोमीटर की दूरी पर बटुक (युवा संन्यासी जो ब्रह्मचर्य का पालन करने वाला) के रूप में शिक्षा लेने जाते थे | जिस कारण उस गांव का नाम बटुकपुर पड़ गया, वो बटुकपुर में बटुक के रुप में शिक्षा लेते थे और वहां से बढ़नी मिश्र गांव में आकर महर्षि वशिष्ठ के आश्रम में रात्रि विश्राम करते थे |
भगवान शिव और पार्वती के संवाद में है मख धाम का जिक्र
रुद्रयामल भगवान शिव और पार्वती के संवाद में भी मख धाम मखौड़ा का जिक्र किया गया है | स्थान की महत्ता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी ने भी मखौड़ा से एक भव्य श्रीराम अवतरण कॉरिडोर बनाने की हरी झंडी दी है | राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर ही बीजेपी के विधायक ने यहां पदयात्रा की |
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दोनो स्थान जुड़ेंगे अयोध्या से
यह दोनों ही स्थल जिले के परशुरामपुर ब्लाक में हैं। पर्यटक स्थल के रूप में इन स्थलों को विकसित कर अयोध्या से सीधे जोडऩे का खाका तैयार किया जाने लगा है। इससे रोजगार की भी संभावना बढ़ेगी। जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने इन स्थलों का दौरा कर प्रस्ताव तैयार करने की कवायद शुरू कर दी है।
FAQs
प्रश्न: राम मंदिर अयोध्या से बस्ती जिले का क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
- पौराणिक कथाओं के अनुसार, बस्ती जिले के मखौड़ा गांव में राजा दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ किया था। जिसके परिणामस्वरूप उन्हें चार पुत्रों की प्राप्ति हुई थी। भगवान राम इन्हीं पुत्रों में से एक थे।
- इसलिए बस्ती जिले को भगवान राम की उद्भव स्थली माना जाता है।
- बस्ती जिले में भगवान राम को समर्पित कई मंदिर और तीर्थ स्थल हैं।
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प्रश्न: राम मंदिर निर्माण से बस्ती जिले को क्या लाभ होगा?
उत्तर:
- राम मंदिर निर्माण से बस्ती जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
- इससे जिले के लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
- जिले की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
प्रश्न: राम मंदिर निर्माण से बस्ती जिले की धार्मिक स्थिति में क्या बदलाव आएगा?
उत्तर:
- राम मंदिर निर्माण से बस्ती जिले की धार्मिक स्थिति मजबूत होगी।
- इससे जिले में धार्मिक सद्भाव बढ़ेगा।
- जिले में शांति और समृद्धि कायम होगी।
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