भारत का नया Toll Tax नियम: एक बार भुगतान करें, हमेशा के लिए यात्रा करें!

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New Toll Tax Rule: भारत सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर यात्रा को अधिक सुविधाजनक और किफायती बनाने के लिए निजी वाहनों के लिए वार्षिक और आजीवन टोल पास शुरू करने की योजना बना रही है। इस पहल का उद्देश्य टोल संग्रह प्रणाली को सरल बनाना, टोल प्लाजा पर भीड़भाड़ को कम करना और नियमित यात्रियों को निर्बाध यात्रा का अनुभव प्रदान करना है। प्रस्तावित प्रणाली के तहत, वार्षिक टोल पास की कीमत 3,000 रुपये होगी, जबकि आजीवन पास, जिसकी वैधता 15 वर्षों तक होगी, 30,000 रुपये में उपलब्ध होगा। इससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर बार-बार यात्रा करने वाले लोगों को राहत मिलेगी और उन्हें हर बार टोल भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी।

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केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पहले ही इस योजना पर विचार करने की पुष्टि की थी, जिसमें उन्होंने उल्लेख किया था कि निजी वाहनों से टोल संग्रह की हिस्सेदारी केवल 26 प्रतिशत है, जबकि 74 प्रतिशत राजस्व वाणिज्यिक वाहनों से आता है। ऐसे में सरकार निजी वाहनों के लिए एक किफायती और व्यावहारिक समाधान लाने की दिशा में काम कर रही है। यदि यह योजना सफलतापूर्वक लागू होती है, तो इससे यात्रियों को टोल प्लाजा पर रुकने से बचने में मदद मिलेगी, जिससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि ईंधन की खपत भी कम होगी। यह पहल देश की सड़क यात्रा को अधिक कुशल और सुगम बनाएगी, जिससे सड़क परिवहन का अनुभव और भी बेहतर होगा। इसके अलावा, इस प्रणाली से सरकार को भी एक स्थायी राजस्व धारा प्राप्त होगी, जिसे सड़क बुनियादी ढांचे के रखरखाव और विकास में पुनर्निवेश किया जा सकेगा। New Toll Tax Rule

यह लंबे समय में सड़क परिवहन नेटवर्क को और मजबूत बनाने में सहायक होगा। यात्री अब राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध यात्रा का आनंद ले सकेंगे और बार-बार टोल भुगतान करने की झंझट से बच सकेंगे। यह योजना निजी वाहन मालिकों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकती है, क्योंकि यह उन्हें एक निश्चित शुल्क के बदले असीमित यात्रा की सुविधा प्रदान करेगी। इसके अलावा, टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतारों को कम करने में भी मदद मिलेगी, जिससे यातायात व्यवस्था अधिक सुव्यवस्थित होगी। सरकार का यह कदम न केवल यात्रियों को राहत देगा, बल्कि देश के परिवहन तंत्र को भी अधिक उन्नत और प्रभावी बनाएगा। यदि यह योजना सफलतापूर्वक लागू होती है, तो इससे टोल संग्रह प्रणाली में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा, जिससे यात्रा अधिक सहज और किफायती हो जाएगी।

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New Toll Tax Rule: टोल से गुजरने वालों के पास दो ऑप्‍शन

जानकारी के मुताबिक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय इस प्रस्ताव की समीक्षा के अंतिम चरण में है| नई व्यवस्था में टोल से गुजरने वालों के पास दो ऑप्‍शन होंगे|

  • पहला कि वो सालाना टोल पास बनवा सकेंगे, जिसमें 3000 रुपये का भुगतान करना होगा| इस पास के जर‍िये एक साल तक नेशनल हाइवे और एक्सप्रेसवे पर यात्रा कर पाएंगे|
  • इसी तरह लाइफटाइम टोल पास 15 साल के लिए वैल‍िड होगा| इस पास के लिए 30,000 रुपये चुकाने पड़ेगे|

बता दें कि इससे बार-बार टोल पेमेंट करने की जरूरत नहीं होगी| रिपोर्ट्स में ऐसा का जा रहा है कि ये पास मौजूदा FASTag सिस्टम में इनक्‍लूड कर द‍िया जाएंगे|

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वार्षिक और आजीवन टोल पास की आवश्यकता क्यों पड़ी!

  1. भारत में टोल संग्रह प्रणाली (New Toll Tax Rule) में हाल ही में हुए परिवर्तनों से निजी कार मालिकों और सरकार दोनों को लाभ मिलने की उम्मीद है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान देशभर में टोल प्लाजा से कुल ₹55,000 करोड़ की वसूली हुई, जिसमें से ₹8,000 करोड़ का योगदान निजी कारों का था। हालाँकि, कुल टोल लेनदेन में निजी कारों की हिस्सेदारी 53% रही, लेकिन राजस्व में इनका योगदान केवल 21% था।
  2. दिन के प्रमुख समय—सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक—लगभग 60% यातायात निजी कारों का ही होता है। सरकार द्वारा प्रस्तावित वार्षिक और आजीवन टोल पास से टोल प्लाजा पर भीड़भाड़ को कम करने के साथ-साथ संचालन को अधिक प्रभावी बनाने की योजना बनाई गई है।
  3. इस नए कदम से सरकारी राजस्व पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि सबसे अधिक टोल संग्रह वाणिज्यिक वाहनों से होता है। टोल प्रणाली को अधिक सुविधाजनक बनाने के प्रयास के रूप में वार्षिक और आजीवन टोल पास को लागू किया जाएगा, जिससे पूरे देश में टोल भुगतान की प्रक्रिया सरल हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि 2014 में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में FASTag शुरू किया था, जो दिसंबर 2017 से सभी यात्री और वाणिज्यिक वाहनों के लिए अनिवार्य कर दिया गया।
  4. RFID तकनीक पर आधारित यह प्रणाली टोल भुगतान को डिजिटल बनाती है और वाहन मालिकों को टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इस तकनीक से हाईवे पर समय की बचत हुई और टोल बूथों पर लंबी कतारें कम हुईं।
  5. इसके अतिरिक्त, टोल संग्रह प्रणाली में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने में भी यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। पहले, निजी कारों के लिए मासिक टोल पास उपलब्ध था, लेकिन इसका उपयोग केवल एक विशिष्ट टोल प्लाजा पर ही किया जा सकता था, जिससे इसकी उपयोगिता सीमित हो गई थी।
  6. अब प्रस्तावित वार्षिक और आजीवन टोल पास अधिक किफायती होने के साथ-साथ पूरे देश में किसी भी टोल प्लाजा पर उपयोग किए जा सकेंगे, जिससे यात्रियों को अधिक सुविधा मिलेगी। इसी बीच, भारत सरकार सैटेलाइट-आधारित टोल संग्रह प्रणाली को लागू करने की दिशा में भी काम कर रही है, जो टोल वसूली की मौजूदा प्रणाली को पूरी तरह से बदल सकती है।
  7. ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) नामक इस तकनीक के तहत टोल राशि वाहन द्वारा तय की गई वास्तविक दूरी के आधार पर स्वतः काटी जाएगी। इस प्रणाली से वाहनों को प्रतिदिन प्रत्येक दिशा में 20 किलोमीटर तक टोल-मुक्त यात्रा की अनुमति होगी, जबकि इससे अधिक की दूरी तय करने पर वाहन की यात्रा के आधार पर टोल शुल्क लिया जाएगा।
  8. यह तकनीक वाहन के प्रवेश और निकास की सटीक निगरानी करेगी, जिससे टोल संग्रह में अधिक पारदर्शिता और स्वचालित भुगतान प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा। इसके तहत वाहन मालिक के खाते से तय दूरी के अनुसार स्वचालित टोल कटौती की जाएगी। FASTag के बाद यह प्रणाली टोल भुगतान को और अधिक सुगम और डिजिटल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगी, जिससे यातायात प्रबंधन अधिक कुशल बन सकेगा।

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नई टोल पास प्रणाली कैसे काम करेगी?

  • भारत में हाईवे यात्रा को आसान और किफायती बनाने के उद्देश्य से, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय नई टोल पास प्रणाली पर विचार कर रहा है। मौजूदा FASTag प्रणाली में हर यात्रा के अनुसार भुगतान करना पड़ता है और बैलेंस बनाए रखना आवश्यक होता है, लेकिन प्रस्तावित व्यवस्था इस प्रक्रिया को सरल बना देगी।
  • इस नए सिस्टम के तहत, उपयोगकर्ता एक बार निर्धारित शुल्क देकर पूरे वर्ष या 15 वर्षों तक असीमित हाईवे यात्रा का लाभ उठा सकेंगे। मौजूदा मासिक टोल पास, जो ₹340 प्रति माह यानी ₹4,080 वार्षिक खर्च के साथ केवल एक टोल प्लाजा तक सीमित रहता है, उसे हटाकर एक व्यापक वार्षिक टोल पास लाया जा सकता है, जिसकी कीमत ₹3,000 होगी और यह पूरे राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क पर लागू होगा।
  • इसके अलावा, एक दीर्घकालिक टोल पास भी प्रस्तावित किया गया है, जिसकी कीमत ₹30,000 होगी और यह 15 वर्षों तक वैध रहेगा। इन पासों को सीधे वाहन के FASTag खाते में एकीकृत किया जाएगा, जिससे उपयोगकर्ताओं को अतिरिक्त उपकरणों या बार-बार रिचार्ज करने की आवश्यकता नहीं होगी।
  • इस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य निजी कार मालिकों को एक ऐसा विकल्प प्रदान करना है जिससे वे टोल भुगतान की झंझट से बच सकें और निर्बाध यात्रा का आनंद ले सकें। रिपोर्ट्स के अनुसार, मंत्रालय इस प्रस्ताव की अंतिम समीक्षा कर रहा है, और यदि इसे लागू किया जाता है, तो यह लाखों यात्रियों के लिए यात्रा को अधिक किफायती और सुगम बना सकता है। मौजूदा स्थिति में, FASTag उपयोगकर्ताओं को हर महीने रिचार्ज करना पड़ता है, लेकिन नई प्रणाली के तहत, वे वार्षिक या आजीवन टोल पास खरीदकर अपने खर्च को कम कर सकते हैं।
  • यह नई प्रणाली हाईवे टोलिंग में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी और देशभर के राजमार्ग उपयोगकर्ताओं पर आर्थिक बोझ कम करने में मदद करेगी। इसके अलावा, सरकार प्रति किलोमीटर टोल शुल्क में कमी करने पर भी विचार कर रही है, जिससे यात्रियों को राहत मिलेगी।
  • केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक साक्षात्कार में बताया कि सरकार ने टोल प्रणाली को अधिक सुविधाजनक और निष्पक्ष बनाने के लिए व्यापक अध्ययन किया है और अब इसे प्रभावी रूप से लागू करने की योजना बना रही है।
  • सरकार का लक्ष्य एक ऐसी प्रणाली विकसित करना है जो बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण को संतुलित रखते हुए यात्रियों के लिए लागत प्रभावी और पारदर्शी हो। यदि यह योजना (New Toll Tax Rule सफलतापूर्वक लागू होती है, तो यह पूरे देश में हाईवे यात्रा का परिदृश्य बदल सकती है और यात्रियों को निर्बाध, सुविधाजनक और किफायती यात्रा अनुभव प्रदान कर सकती है।

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वर्तमान टोल प्रणाली बनाम प्रस्तावित पास | Current toll system vs. proposed passes

वर्तमान में, राजमार्ग उपयोगकर्ता केवल मासिक टोल पास का लाभ उठा सकते हैं, जिसकी कीमत लगभग 340 रुपये प्रति माह या 4,080 रुपये प्रति वर्ष है। हालाँकि, ये पास अक्सर यात्रा करने वालों के लिए कम सुविधाजनक हैं क्योंकि वे केवल एक टोल प्लाजा के लिए वैध हैं। इस सीमा को हटाने से प्रस्तावित वार्षिक और आजीवन टोल पास अधिक व्यावहारिक हो जाएंगे, जिससे उपयोगकर्ताओं को देश भर में सभी टोल सड़कों तक अप्रतिबंधित और निर्बाध पहुँच मिल सकेगी। New Toll Tax Rule

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अगला कदम: सैटेलाइट-आधारित टोल संग्रह प्रणाली की ओर

वार्षिक और आजीवन टोल पास टोल भुगतान को सरल बनाते हैं, वहीं सरकार ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) नामक सैटेलाइट-आधारित टोल संग्रह प्रणाली पर भी काम कर रही है। यह प्रणाली तय दरों के बजाय वास्तविक यात्रा की गई दूरी के आधार पर टोल वसूलेगी।

जीएनएसएस से लैस वाहन प्रतिदिन राजमार्गों पर 20 किलोमीटर तक टोल-मुक्त यात्रा कर सकेंगे, और उससे आगे की दूरी के आधार पर शुल्क की गणना की जाएगी। इस भुगतान-के-जैसे-आप-जाते-हैं दृष्टिकोण से टोल में निष्पक्षता बढ़ने और यातायात की भीड़भाड़ को कम करने की उम्मीद है|

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New Toll Tax Rule: 100 मीटर का नया नियम क्या है?

10 सेकंड के वेटिंग टाइम के अलावा, एक और महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश है जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए। वह है 100 मीटर वेटिंग लाइन नियम। NHAI के अनुसार, किसी भी टोल प्लाजा पर वेटिंग लाइन 100 मीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। अगर ऐसा है, तो कतार में खड़े वाहनों से टोल टैक्स नहीं वसूला जा सकता।

100 मीटर की वेटिंग लाइन मीटर की पहचान करने के लिए, प्रत्येक टोल लेन में एक पीली लाइन मार्कर होता है। जिसे देखकर पुष्टि की जा सकती है। टोल प्लाजा संचालकों के बीच जवाबदेही की भावना को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया गया है।

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अगर इन नियमों का उल्लंघन होता है तो आप क्या कर सकते हैं

अगर आप कभी खुद को ऐसी स्थिति में पाते हैं जहां इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है, तो आपको कार्रवाई करने का अधिकार है। अगर टोल कर्मचारी आपके साथ दुर्व्यवहार कर रहा है या इन नियमों का उल्लंघन करने के बावजूद आपको जाने नहीं दे रहा है। तो आप टोल-फ्री नंबर 1033 पर कॉल करके शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

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