New Income Tax Bill 2025: भारत की कर प्रणाली में बड़ा बदलाव!

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जानिए नए स्लैब, स्टैंडर्ड डिडक्शन और मार्जिनल रिलीफ के बड़े बदलाव | New Income Tax Bill 2025

भारत सरकार ने हाल ही में नया आयकर विधेयक 2025 संसद में पेश किया है, जो 1961 के आयकर अधिनियम की जगह लेगा। यह विधेयक भारत की कर प्रणाली को सरल, पारदर्शी और आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। लेकिन यह नया विधेयक क्यों लाया गया? क्या यह हमारे टैक्स पर असर डालेगा? और इसमें क्या बदलाव किए गए हैं? आइए, इसे विस्तार से समझते हैं।

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नए आयकर स्लैब और दरें | New income tax slabs and rates

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में नई कर व्यवस्था के तहत आयकर स्लैब और दरों में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है। नई कर व्यवस्था के तहत आयकर स्लैब इस प्रकार हैं:

आय सीमा (रुपये में) कर दर (%)
0 – 4,00,000 0
4,00,001 – 8,00,000 5
8,00,001 – 12,00,000 10
12,00,001 – 16,00,000 15
16,00,001 – 20,00,000 20
20,00,001 – 24,00,000 25
24,00,001 से अधिक 30

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उदाहरण: यदि आपकी वार्षिक आय 10 लाख रुपये है, तो कर की गणना इस प्रकार होगी:

  • पहले 4 लाख रुपये पर: कोई कर नहीं
  • अगले 4 लाख रुपये (4,00,001 – 8,00,000) पर: 5% = 20,000 रुपये
  • शेष 2 लाख रुपये (8,00,001 – 10,00,000) पर: 10% = 20,000 रुपये

कुल कर देयता: 20,000 + 20,000 = 40,000 रुपये

मानक कटौती (Standard Deduction)

सरकार ने वेतनभोगी लोगों (Salaried Person) के लिए 75,000 रुपये की मानक कटौती की सुविधा दी है। इसका मतलब यह है कि अगर आपकी कुल सालाना आय 12.75 लाख रुपये है, तो 75,000 रुपये घटाने के बाद आपकी कर योग्य आय 12 लाख रुपये होगी। इस स्थिति में, आपको कोई आयकर नहीं देना होगा लेकिन इससे ज्यादा होने पर आपको दिए गए स्लैब के ही हिसाब से आयकर भरना पड़ेगा

मार्जिनल रिलीफ क्या है? | What is Marginal Relief?

अगर आपकी आय एक टैक्स स्लैब से थोड़ी ही ज्यादा हो, और इस वजह से आपको अधिक कर देना पड़ रहा हो, तो सरकार मार्जिनल रिलीफ देती है, जिससे आपको ज्यादा टैक्स देने से बचाया जा सके। मार्जिनल रिलीफ तब मिलता है जब आपकी टैक्स देनदारी आपकी आय वृद्धि से ज्यादा बढ़ जाती है।

उदाहरण:

मान लीजिए, दो व्यक्तियों की आय इस प्रकार है:

नाम कुल आय कर योग्य आय (स्टैंडर्ड डिडक्शन के बाद) कर देयता (टैक्स)
राहुल ₹12,00,000 ₹11,25,000 ₹1,12,500
अमित ₹12,10,000 ₹11,35,000 ₹1,20,000

समस्या:

  • अमित की आय राहुल से सिर्फ ₹10,000 ज्यादा है, लेकिन उसे ₹7,500 ज्यादा टैक्स देना पड़ रहा है
  • यह उचित नहीं है, इसलिए मार्जिनल रिलीफ के तहत अमित को अतिरिक्त ₹7,500 की छूट दी जाएगी।

इससे अमित को ज्यादा टैक्स देने से राहत मिलेगी और टैक्स प्रणाली ज्यादा न्यायसंगत बनेगी।

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नए आयकर विधेयक की जरूरत क्यों पड़ी? | Need of New Income Tax Bill 2025

पुराने 1961 के आयकर अधिनियम में समय के साथ कई संशोधन हुए, जिससे यह जटिल हो गया था। करदाताओं को नियमों को समझने और अनुपालन करने में कठिनाई होती थी।

इस विधेयक को लाने के मुख्य कारण हैं:

  • कानूनी प्रावधानों को आसान बनाना – ताकि आम जनता इसे बेहतर समझ सके।
  • कर विवादों को कम करना – जिससे कर से जुड़ी समस्याओं का शीघ्र समाधान हो।
  • टैक्स अनुपालन को सरल करना – ताकि व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए कर भरना आसान हो।
  • आर्थिक सुधारों को गति देना – जिससे निवेश और व्यापार को बढ़ावा मिले।

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2025 नए आयकर विधेयक की मुख्य बातें | Highlights of the New Income Tax Bill 2025

  1. कर का बोझ नहीं बढ़ेगा

    • इस विधेयक का उद्देश्य नए कर लागू करना नहीं, बल्कि मौजूदा कर ढांचे को सरल बनाना है।
    • करदाताओं के लिए प्रक्रियाओं को तेज और पारदर्शी बनाया जाएगा।
  2. सरल और स्पष्ट भाषा

    • पुराने कानून में कठिन कानूनी शब्दों का प्रयोग किया गया था, जिसे आम करदाता समझने में असमर्थ थे।
    • नया विधेयक आसान और स्पष्ट भाषा में होगा, जिससे सभी को इसे समझने में आसानी होगी।
  3. कर विवादों का समाधान

    • वर्तमान में कर विवादों को निपटाने में वर्षों लग जाते हैं।
    • नए कानून में तेजी से समाधान निकालने की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जाएगी।
  4. अनुपालन प्रक्रिया होगी आसान

    • कम कागजी कार्रवाई और ऑनलाइन प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जाएगा।
    • व्यक्तिगत करदाताओं और छोटे व्यवसायों के लिए कम दस्तावेजों की आवश्यकता होगी
  5. पुराने और गैर-ज़रूरी नियम हटाए जाएंगे

    • कर कानून में कई नियम ऐसे हैं, जो आज के समय के हिसाब से जरूरी नहीं हैं।
    • नए विधेयक में केवल महत्वपूर्ण और प्रासंगिक प्रावधान रखे जाएंगे।

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नए आयकर विधेयक को लागू करने की प्रक्रिया | Process of implementing the New Income Tax Bill 2025

  1. मंत्रिमंडल से स्वीकृति और संसद में प्रस्तुति

    • सरकार ने इसे मंजूरी देकर संसद में पेश किया है।
    • अब संसद में इस पर चर्चा होगी।
  2. वित्तीय स्थायी समिति की समीक्षा

    • विधेयक संसद में पेश होने के बाद, इसे वित्तीय स्थायी समिति (Standing Committee on Finance) को भेजा जाएगा।
    • यह समिति विशेषज्ञों और जनता की राय लेगी और जरूरी बदलाव सुझाएगी
  3. अंतिम मंजूरी और क्रियान्वयन

    • संसद में पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिलेगी
    • मंजूरी के बाद इसे पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा

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इस विधेयक से क्या बदलाव होंगे? | What changes will this bill bring?

1. स्पष्टता और पारदर्शिता

  • कर प्रक्रिया को सरल और आसान बनाया जाएगा।
  • करदाता बिना किसी विशेषज्ञ की मदद के भी इसे समझ सकेंगे।

2. कर विवादों में कमी

  • कर संबंधी समस्याओं को तेजी से हल करने के लिए नए उपाय अपनाए जाएंगे

3. व्यापारियों और स्टार्टअप्स को राहत

  • छोटे व्यवसायों के लिए कर नियमों को कम जटिल बनाया जाएगा
  • सरकार डिजिटल कर प्रणाली को बढ़ावा देगी।

4. विदेशी निवेश को बढ़ावा

  • स्पष्ट और स्थिर कर नीति से भारत में निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।
  • इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे

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FAQs: New Income Tax Bill 2025

1. क्या नया टैक्स कानून सभी पर लागू होगा?

नहीं, करदाताओं के पास पुरानी और नई कर व्यवस्था में से किसी एक को चुनने का विकल्प होगा।

2. क्या वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोई विशेष छूट है?

हाँ, वरिष्ठ नागरिकों को अतिरिक्त कर छूट और पेंशन पर कुछ कर लाभ दिए जाएंगे।

3. कौन-कौन लोग नई कर व्यवस्था का लाभ उठा सकते हैं?

सभी करदाता (व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF), कंपनियाँ, आदि) संभवतः नई कर व्यवस्था का विकल्प चुन सकते हैं।

4. नई कर व्यवस्था के तहत कौन-कौन सी कर छूटें उपलब्ध हैं?

नई कर व्यवस्था में सीमित कर छूटें उपलब्ध हैं। कुछ प्रमुख छूटें जैसे 80C के तहत कटौती (जीवन बीमा , पीपीएफ (Public Provident Fund (PPF), आदि) अभी भी उपलब्ध हो सकती हैं, लेकिन सीमाएं कम हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, 80C के तहत कुल कटौती की सीमा को कम किया जा सकता है।

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Conclusion | निष्कर्ष

नया आयकर विधेयक 2025 भारत की कर प्रणाली को एक नई दिशा देने वाला है। यह करदाताओं के लिए सुविधाजनक होगा, कर विवादों को कम करेगा और देश की आर्थिक वृद्धि में योगदान देगा। इसके मुख्य लाभ हैं: टैक्स भरना होगा आसान, अनावश्यक नियम हटेंगे, डिजिटल प्रक्रियाओं को मिलेगा बढ़ावा और विदेशी निवेश आकर्षित होगा। अब यह देखना होगा कि सरकार इस विधेयक को कब तक लागू करती है और इसका प्रभाव क्या होता है

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