Central Government 8th pay Commission: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8th pay commission के लिए मंजूरी दी!

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें वेतन आयोग के संदर्भों को मंजूरी दी, 50 लाख कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों को होगा लाभ! Central Government 8th pay Commission

नई दिल्ली, 28 अक्टूबर 2025 — केंद्र सरकार ने मंगलवार को देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए आठवें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Pay Commission) के संदर्भ की शर्तों (Terms of Reference – ToR) को मंजूरी दे दी है। यह आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन ढांचे, भत्तों और सेवानिवृत्ति लाभों की समीक्षा करेगा और 18 महीनों के भीतर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगा। Central Government 8th Pay Commission

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस निर्णय को औपचारिक मंजूरी दी गई। यह कदम केंद्र सरकार के लगभग 50 लाख कर्मचारियों और करीब 69 लाख पेंशनभोगियों के लिए राहत की बड़ी उम्मीद लेकर आया है।

this is the image of 8th Pay Commission Report

आयोग की संरचना और प्रमुख सदस्य

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 8वें केंद्रीय वेतन आयोग का औपचारिक गठन जनवरी 2025 में किया गया था, और अब सरकार ने इसके कार्य आरंभ करने के लिए आवश्यक दिशानिर्देशों को स्वीकृति प्रदान कर दी है।

उन्होंने कहा, “यह एक व्यापक प्रक्रिया है, जिसमें रक्षा, गृह, रेलवे और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) जैसे मंत्रालय शामिल हैं। इन विभागों में बड़ी संख्या में केंद्र सरकार के कर्मचारी कार्यरत हैं, इसलिए इन सभी का योगदान इस निर्णय में अहम रहा।”

आयोग में तीन प्रमुख सदस्य होंगे —

  • अध्यक्ष: सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई
  • अंशकालिक सदस्य: भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM), बैंगलोर के प्रोफेसर पुलक घोष
  • सदस्य-सचिव: पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन

यह आयोग अपने गठन की तिथि से 18 महीनों के भीतर अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपेगा। यदि आवश्यक हुआ, तो आयोग अंतरिम रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर सकता है ताकि प्रारंभिक सुधारों को जल्द लागू किया जा सके।

वेतन आयोग का कार्यक्षेत्र और विचारणीय बिंदु

सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, 8वें वेतन आयोग को अपनी सिफारिशें देते समय देश की आर्थिक स्थिति, राजकोषीय विवेक (fiscal prudence), विकास व्यय, कल्याणकारी योजनाओं के लिए आवश्यक संसाधन, तथा गैर-अंशदायी पेंशन योजनाओं के वित्तीय भार जैसे पहलुओं को ध्यान में रखना होगा।

साथ ही, आयोग को यह भी देखना होगा कि उसकी सिफारिशों का राज्य सरकारों के वित्त पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (PSUs) और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की वर्तमान वेतन संरचना, भत्ते और कार्य परिस्थितियाँ भी मूल्यांकन का हिस्सा होंगी।

कितनों को मिलेगा लाभ और कब लागू होंगे नए वेतन?

कर्मचारी संघों का अनुमान है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों से 50 लाख से अधिक सक्रिय कर्मचारी और करीब 65 से 69 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। आयोग को अपनी रिपोर्ट तैयार करने में लगभग 18 से 24 महीने का समय लग सकता है।

इतिहास बताता है कि प्रत्येक वेतन आयोग को गठन से लेकर कार्यान्वयन तक लगभग दो वर्ष लगते हैं। हालांकि, इस बार सरकार ने संकेत दिया है कि कार्यान्वयन प्रक्रिया को तेज़ किया जाएगा ताकि कर्मचारियों को समय पर लाभ मिल सके।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, नए वेतन और पेंशन को 1 जनवरी 2026 से पूर्वव्यापी रूप से लागू किया जाएगा। इसका अर्थ यह है कि यदि आयोग अपनी रिपोर्ट 2027 के मध्य या अंत तक देता है, और सरकार इसे 2028 की पहली तिमाही में लागू करती है, तो भी कर्मचारियों को 1 जनवरी 2026 से प्रभावी वेतन का बकाया (arrears) मिलेगा।

वेतन में संभावित बढ़ोतरी: क्या हो सकता है नया वेतन ढांचा?

हालांकि आयोग ने अभी तक नए वेतन स्लैब तय नहीं किए हैं, परंतु पिछले रुझानों के आधार पर संभावित वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है।

आर्थिक विशेषज्ञों और वित्तीय पोर्टलों के अनुसार, वेतन वृद्धि 30 से 34% के बीच रहने की संभावना है। यह वृद्धि मुख्य रूप से फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) पर निर्भर करेगी, जो मौजूदा मूल वेतन पर एक गुणक के रूप में लागू होता है।

यदि 7वें वेतन आयोग के समान गुणक लागू रहता है, तो वर्तमान न्यूनतम मूल वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹33,000 से ₹44,000 के बीच हो सकता है। इससे निचले वेतन वर्ग के कर्मचारियों के मूल वेतन में लगभग ₹26,000 तक की बढ़ोतरी संभव है।

इसके अतिरिक्त, वर्तमान में दिए जाने वाले महंगाई भत्ते (DA), जो फिलहाल मूल वेतन का लगभग 55% है, नए वेतन में समाहित हो जाएगा। इससे कर्मचारियों के कुल वेतन में औसतन ₹15,000 से ₹17,000 तक की अतिरिक्त वृद्धि देखी जा सकती है।

हालांकि, अंतिम आंकड़ा तभी स्पष्ट होगा जब आयोग अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा और सरकार उसे औपचारिक रूप से मंजूरी देगी।

आर्थिक प्रभाव और बाजार पर असर

विशेषज्ञों का मानना है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन से न केवल सरकारी कर्मचारियों की आय बढ़ेगी, बल्कि इसका व्यापक आर्थिक प्रभाव भी देखने को मिलेगा।

जब लगभग 1.15 करोड़ लोग (कर्मचारी और पेंशनभोगी मिलाकर) अधिक वेतन प्राप्त करेंगे, तो इससे उपभोक्ता खर्च (Consumer Spending) में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इसका लाभ खासकर आवास, ऑटोमोबाइल, एफएमसीजी और रिटेल सेक्टर को मिलेगा।

विश्लेषकों के अनुसार, पिछली बार 7वें वेतन आयोग के बाद भी उपभोक्ता मांग में 8-10% तक की बढ़ोतरी देखी गई थी। इसलिए, 8वें आयोग के लागू होने से भी अल्पावधि में आर्थिक वृद्धि को गति मिलने की संभावना है।

7वें वेतन आयोग से तुलना – Central Government 8th pay Commission

7वें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में किया गया था, जिसकी सिफारिशों को 29 जून 2016 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी। इसके बाद सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से पूर्वव्यापी रूप से लागू की गईं।

उसी तर्ज पर, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें भी 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होंगी। कर्मचारियों के संगठन, जैसे कि केंद्रीय सचिवालय सेवा फोरम (CSSF), ने पहले ही प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि आयोग को पर्याप्त समय और संसाधन दिए जाएं ताकि सिफारिशें वैज्ञानिक और व्यावहारिक हों।

Central Government 8th pay Commission – राज्य सरकारों पर भी पड़ेगा असर

केंद्रीय वेतन आयोगों की सिफारिशें प्रायः राज्य सरकारों के लिए भी मानक (benchmark) बन जाती हैं। कई राज्य अपने कर्मचारियों के वेतन ढांचे को केंद्र के अनुरूप संशोधित करते हैं। इसलिए, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों का प्रभाव आने वाले वर्षों में राज्यों के वित्तीय ढांचे पर भी पड़ेगा।

केंद्र सरकार ने इसीलिए कई राज्य सरकारों से भी परामर्श किया है, ताकि वित्तीय संतुलन और समन्वय बना रहे।

निष्कर्ष: Central Government 8th pay Commission

8वें वेतन आयोग की मंजूरी को लेकर सरकारी कर्मचारियों में उत्साह है। यह न केवल उनके जीवन स्तर में सुधार लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी उपभोग आधारित वृद्धि (Consumption-led Growth) को प्रोत्साहित करने वाला फैसला साबित हो सकता है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “आयोग की रिपोर्ट आने के बाद अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर कार्यान्वयन की तिथि तय की जाएगी। परंतु हमारा लक्ष्य यही है कि यह 1 जनवरी 2026 से प्रभावी हो।”

यदि सब कुछ तय समयसीमा के अनुसार होता है, तो वर्ष 2026 भारत के करोड़ों सरकारी कर्मचारियों के लिए एक नई आर्थिक राहत और उम्मीदों का वर्ष साबित हो सकता है।

Also, read:-

7th Vs 8th Pay Commission: जानिए, मुख्य अंतर और अपेक्षाएं!

8th Pay Commission 2025-26: सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा वेतन बदलाव!

Share on:

Leave a Comment

Terms of Service | Disclaimer | Privacy Policy