क्या है PM-SHRI Scheme? जानिए मकसद और लाभ!

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स्कूलों में शिक्षा का सुनहरा भविष्य! कैसे पीएम-श्री योजना बदलेगी भारत की शिक्षा व्यवस्था? | Prime Minister Shri Yojana

PM-SHRI Scheme in Hindi भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक केंद्र प्रायोजित पहल है, जिसका उद्देश्य देशभर में 14,500 से अधिक आधुनिक और विकसित स्कूल स्थापित करना है। यह योजना केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों, स्थानीय निकायों, केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) और नवोदय विद्यालय समिति (NVS) के सहयोग से संचालित की जाएगी।

इसका मुख्य लक्ष्य छात्रों के लिए एक समावेशी, सुरक्षित और उन्नत शिक्षण वातावरण तैयार करना है, जहां वे न केवल अकादमिक रूप से बल्कि संज्ञानात्मक और व्यावहारिक रूप से भी विकसित हो सकें। PM-SHRI स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के अनुरूप डिज़ाइन किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि शिक्षा प्रणाली अधिक समावेशी, बहुआयामी और व्यावहारिक हो।

इस योजना के तहत, स्कूलों में आधुनिक तकनीक, स्मार्ट क्लासरूम, उन्नत प्रयोगशालाएँ, पुस्तकालय, खेल सुविधाएँ और हरित ऊर्जा संसाधनों का समावेश किया जाएगा, जिससे छात्रों को 21वीं सदी के कौशल से लैस किया जा सके। यह योजना केवल शिक्षा प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि छात्रों को रचनात्मक सोच, समस्या-समाधान कौशल और व्यावहारिक ज्ञान से सशक्त बनाने पर भी केंद्रित है।

PM-SHRI स्कूलों में शिक्षा पद्धति अधिक अनुभवात्मक, एकीकृत, खेल-आधारित, खोज-उन्मुख और आनंददायक होगी, जिससे प्रत्येक बच्चे को व्यक्तिगत रूप से सीखने का अवसर मिलेगा। इसके अतिरिक्त, मूल्यांकन प्रणाली को योग्यता-आधारित बनाया जाएगा, जिससे छात्रों की वैचारिक समझ और ज्ञान के व्यावहारिक अनुप्रयोग पर जोर दिया जा सके। इस योजना के माध्यम से, भारत सरकार भविष्य के लिए एक मजबूत और समावेशी शिक्षा प्रणाली का निर्माण करने की दिशा में अग्रसर है, जिससे न केवल छात्रों को बल्कि संपूर्ण समाज को लाभ मिलेगा। PM-SHRI Scheme in Hindi

पीएम-श्री योजना क्या है? | What is PM-Shri Yojana?

this is the image of PM-SHRI Implementation

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर घोषणा की कि पूरे भारत में लगभग 14,500 स्कूलों को प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (PM-SHRI) योजना के तहत अपग्रेड किया जाएगा। यह केंद्र प्रायोजित योजना 7 सितंबर 2022 को कैबिनेट द्वारा अनुमोदित की गई थी, जिसके तहत केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों द्वारा संचालित स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा।

इस योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना है, जिससे ये स्कूल अनुकरणीय संस्थान बनें और अन्य विद्यालयों के लिए एक आदर्श स्थापित करें। इन स्कूलों को एक न्यायसंगत, समावेशी और आनंदमय शिक्षण वातावरण प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त हो सके। चयन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है, जिसमें विद्यालय प्रतिस्पर्धा के आधार पर चुने जाते हैं और उन्हें आदर्श स्कूल के रूप में विकसित किया जाता है।

इस परियोजना की कुल लागत 27,360 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है, जिसमें से केंद्र सरकार का योगदान 18,128 करोड़ रुपये होगा। PM-SHRI योजना को कई आधुनिक सुविधाओं के साथ लागू किया जा रहा है, जिसमें जादुई पिटारा और बाल-अनुकूल अधोसंरचना, प्री-स्कूल शिक्षा का सहयोग, प्राथमिक विद्यालयों के लिए खेल सामग्री, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के लिए उन्नत विज्ञान प्रयोगशालाएँ, स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर लैब, अटल टिंकरिंग लैब, कौशल विकास प्रयोगशाला और नवाचार परिषद जैसी सुविधाएँ शामिल हैं।

इसके अलावा, खेल के मैदान और खेल-संबंधी बुनियादी ढाँचा भी बेहतर बनाया जाएगा, ताकि विद्यार्थियों का समग्र विकास हो सके। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए कुल 33 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) और नवोदय विद्यालय समिति (NVS) ने शिक्षा मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।

वर्तमान में, 32 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों तथा KVS/NVS स्कूलों से चार चरणों में कुल 12,079 स्कूलों का चयन किया गया है, जिनमें 1,329 प्राथमिक, 3,340 प्रारंभिक, 2,921 माध्यमिक और 4,489 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं। यह योजना देश में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और छात्रों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे वे 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार हो सकें।

पीएम श्री स्कूलों की मुख्य विशेषताएं | Salient features of PM Shri Schools

  • ये स्कूल संचार, सहयोग और आलोचनात्मक सोच के कौशल सहित छात्रों के  समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
  • शिक्षण पद्धतियाँ अनुभवात्मक, पूछताछ-आधारित और शिक्षार्थी-केंद्रित होंगी ।
  • स्कूलों में आधुनिक प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, कला कक्ष होंगे तथा जल संरक्षण और अपशिष्ट पुनर्चक्रण जैसी “हरित” पहलों को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • इनमें स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर लैब, एकीकृत विज्ञान लैब, व्यावसायिक लैब/कौशल लैब और अटल टिंकरिंग लैब सहित आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
  • सीखने के परिणामों को प्राथमिकता दी जाएगी, तथा योग्यता-आधारित मूल्यांकन किया जाएगा जो ज्ञान को वास्तविक जीवन की स्थितियों में लागू करेगा। 

पीएम श्री स्कूल बनने के लिए पात्र स्कूल | Schools eligible to become PM Shri Schools

  • केन्द्र/राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों और स्थानीय निकायों द्वारा प्रबंधित स्कूल।
  • सभी केन्द्रीय विद्यालय एवं नवोदय विद्यालय जो गैर-प्रोजेक्ट हैं और स्थायी भवनों में चलते हैं।

चौथे चरण तक चयनित कुल पीएम श्री स्कूल | Total PM Shri Schools selected till 4th phase

क्र.सं. राज्य/संघ राज्य क्षेत्र प्राथमिक प्राथमिक माध्यमिक सीनियर सेकेंडरी पीएम श्री स्कूल चयनित
1 अंडमान और निकोबार द्वीप समूह 1 1 1 8 11
2 आंध्र प्रदेश 35 27 658 135 855
3 अरुणाचल प्रदेश 13 38 32 8 91
4 असम 88 33 138 123 382
5 बिहार 16 284 190 314 804
6 चंडीगढ़ 0 0 0 2 2
7 छत्तीसगढ 190 3 10 138 341
8 डीएनडी – डीएनएच 1 4 1 0 6
9 गोवा 6 1 18 0 25
10 गुजरात 4 372 25 47 448
11 हरयाणा 0 0 5 236 241
12 हिमाचल प्रदेश 56 0 5 119 180
13 जम्मू और कश्मीर 2 105 215 74 396
14 झारखंड 14 105 135 85 339
15 कर्नाटक 13 391 68 6 478
16 लद्दाख 1 13 18 4 36
17 लक्षद्वीप 3 4 0 4 11
18 मध्य प्रदेश 15 112 236 330 693
19 महाराष्ट्र 207 468 110 42 827
20 मणिपुर 21 19 46 19 105
21 मेघालय 33 1 15 6 55
22 मिजोरम 28 1 0 1 30
23 नगालैंड 2 23 13 5 43
24 ओडिशा 0 24 368 58 450
25 पुदुचेरी 0 0 3 9 12
26 पंजाब 0 0 59 174 233
27 राजस्थान 16 123 18 482 639
28 सिक्किम 3 10 8 22 43
29 तेलंगाना 82 30 472 210 794
30 त्रिपुरा 4 20 28 32 84
31 उतार प्रदेश। 440 1128 1 141 1710
32 उत्तराखंड 35 0 11 180 226
33 केन्द्रीय विद्यालयों 0 0 14 855 869
34 एनवीएस 0 0 0 620 620
कुल 1329 3340 2921 4489 12079

पीएम-श्री योजना के लिए वित्तपोषण | Financing for PM-Shri Scheme

चूंकि पीएम-श्री योजना केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित है, इसलिए कार्यान्वयन लागत का 60 प्रतिशत केंद्र द्वारा वहन किया जाएगा, जबकि शेष 40 प्रतिशत राज्य या केंद्र शासित प्रदेश द्वारा वहन किया जाएगा। हालांकि, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर और पूर्वोत्तर जैसे कुछ राज्यों में केंद्र सरकार का योगदान 90 प्रतिशत तक जा सकता है।

  • केन्द्र और राज्य सरकारों तथा विधानसभा वाले संघ शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर को छोड़कर) के बीच वित्तपोषण का अनुपात 60:40 है ।
  • पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों तथा जम्मू-कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के लिए साझाकरण पैटर्न 90:10 है तथा बिना विधानमंडल वाले संघ राज्य क्षेत्रों के लिए 100% केन्द्रीय वित्तपोषण है।
  • राज्यों को शिक्षा मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करके अपनी भागीदारी की पुष्टि करनी होगी ।
  • योजना की अवधि 2022-23 से 2026-27 तक है, जिसके बाद राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की जिम्मेदारी होगी कि वे इन स्कूलों द्वारा हासिल किए गए बेंचमार्क को बनाए रखें।

पीएम-एसएचआरआई स्कूलों और छात्रों को कैसे लाभान्वित करेगा? | How will PM-SHRI benefit schools and students?

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस योजना के तहत विकसित किए जाने वाले संस्थान ‘मॉडल स्कूल’ बनेंगे और एनईपी के सार को ग्रहण करेंगे। पीएम के अनुसार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा क्षेत्र को बदल दिया है। उन्होंने आगे कहा कि स्कूल शिक्षा प्रदान करने के लिए एक आधुनिक, परिवर्तनकारी और समग्र दृष्टिकोण अपनाएंगे। स्कूल खोज-उन्मुख, सीखने-केंद्रित शिक्षण के तरीके पर जोर देंगे। स्मार्ट क्लासरूम, खेल और नवीनतम तकनीक पर भी ध्यान दिया जाएगा।

स्कूलों को लैब, लाइब्रेरी और आर्ट रूम के साथ अपग्रेड किया जाएगा। उन्हें जल संरक्षण, अपशिष्ट पुनर्चक्रण, ऊर्जा-कुशल बुनियादी ढांचे और पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में जैविक जीवन शैली के एकीकरण के साथ हरित स्कूलों के रूप में विकसित किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी पहले कहा था कि पीएम-श्री छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित होंगे और ये अत्याधुनिक स्कूल एनईपी 2020 की प्रयोगशाला होंगे। वे सीखने के माहौल को और अधिक खुशहाल बनाने के लिए क्षेत्र के अन्य स्कूलों को नेतृत्व भी प्रदान करेंगे, साथ ही साथ शैक्षिक परिणामों में सुधार करेंगे।

एनईपी के दृष्टिकोण के अनुसार, पीएम-श्री योजना का उद्देश्य एक समान, समावेशी और आनंदमय स्कूली माहौल में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना है, जो बच्चों की विविध पृष्ठभूमि, बहुभाषी आवश्यकताओं और विभिन्न शैक्षणिक क्षमताओं का ख्याल रखता है। इसका उद्देश्य यह भी सुनिश्चित करना है कि छात्र अपनी सीखने की प्रक्रिया में भागीदार हों।

छात्रों के लिए कुछ अन्य केंद्रीय योजनाएँ क्या हैं? | What are some other central schemes for students?

सितंबर 2021 में, सरकार ने सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए एक नई भोजन योजना, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (PM Poshan Yojana) को मंजूरी दी। मूल मध्याह्न भोजन योजना इसी कार्यक्रम का एक हिस्सा है।

इस पहल के तहत, सरकार छात्रों को गरमागरम पका हुआ भोजन उपलब्ध कराती है, जिससे देश भर में कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले लगभग 118 मिलियन छात्रों को लाभ मिलने की उम्मीद है।

केंद्र ने कुछ छात्रवृत्ति योजनाएँ भी शुरू की हैं, जिनमें प्रगति (छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति) और अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग और गैर-अधिसूचित, खानाबदोश और अर्ध-खानाबदोश जनजातियों के छात्रों के लिए पीएम यशस्वी योजना शामिल है।

FAQs: PM-SHRI Scheme in Hindi

1. पीएम-श्री का पूर्ण रूप क्या है?

पीएम-श्री का पूर्ण रूप ‘प्राइमरी स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया’ है।

2. पीएम-श्री योजना कब शुरू हुई?

PM SHRI योजना 7 सितंबर, 2022 को शुरू की गई थी।

3. पीएम-श्री योजना का उद्देश्य क्या है?

पीएम श्री योजना (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) का उद्देश्य मौजूदा स्कूलों को गुणात्मक रूप से मजबूत करना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के कार्यान्वयन को प्रदर्शित करना और उन्हें समय के साथ अनुकरणीय स्कूल बनाना है।

4. पीएम-श्री स्कूल बनने के पात्र किस स्कूल के हैं?

केंद्र सरकार/राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकार/स्थानीय निकायों द्वारा प्रबंधित स्कूल। सभी केन्द्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय जो गैर-प्रोजेक्ट हैं और स्थायी भवनों में चल रहे हैं।

5. इस योजना के लाभार्थी कौन हैं?

पीएम श्री स्कूलों के छात्र पीएम श्री योजना के लाभार्थी हैं।

6. योजना की कुल लागत कितनी है?

परियोजना की कुल लागत रु. 5 वर्षों की अवधि में कुल 27360 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें कुल केंद्रीय हिस्सा 18,128 करोड़ रुपये और राज्य का हिस्सा 9,232 करोड़ रुपये होगा।
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