अब महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर, महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम! | Support to Training and Employment Programme for Women | STEP Scheme
STEP Scheme in Hindi: आज जब देश आत्मनिर्भर भारत की ओर तेज़ी से अग्रसर है, तब ग्रामीण भारत की महिलाएं भी इस बदलाव की धुरी बन रही हैं—और इसी दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है STEP योजना (Support to Training and Employment Programme for Women)। यह योजना न सिर्फ महिलाओं को हुनरमंद बना रही है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी दे रही है। पर क्या आप जानते हैं कि इस योजना के अंतर्गत कैसे एक साधारण ग्रामीण महिला एक सफल उद्यमी बन सकती है? कैसे सरकार के सहयोग से गांव की गलियों से निकलकर महिलाएं अब बाज़ार की बड़ी खिलाड़ी बन रही हैं? जानिए इस योजना की खास बातें, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और उन प्रेरक कहानियों को जो साबित करती हैं कि अगर सही मार्गदर्शन मिले, तो हर महिला बदलाव की मिसाल बन सकती है।
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STEP योजना क्या है? | What is the STEP Scheme?
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई STEP (Support to Training and Employment Programme for Women) योजना, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की एक महत्वपूर्ण पहल है। यह योजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 1986-87 से एक केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में संचालित की जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य 16 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं को रोजगार और उद्यमिता से संबंधित व्यावसायिक कौशल प्रदान करना है, जिससे वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।
STEP योजना के तहत महिलाओं को कृषि, बागवानी, खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प, हथकरघा, सिलाई, कढ़ाई, कंप्यूटर, आईटी सेवाएं, अंग्रेजी बोलने का प्रशिक्षण, रत्न एवं आभूषण, यात्रा एवं पर्यटन, और आतिथ्य जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाता है। खास बात यह है कि इस योजना के अंतर्गत दी जाने वाली अनुदान सहायता सीधे उन संस्थानों, संगठनों या गैर-सरकारी संगठनों को दी जाती है जो महिलाओं के कौशल विकास में संलग्न हैं।
यह योजना खासतौर पर सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए लाभकारी है, जो उचित प्रशिक्षण और मार्गदर्शन से अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं। दिसंबर 2014 में STEP योजना के दिशा-निर्देशों को संशोधित किया गया, ताकि इसकी पहुंच और प्रभाव को और बेहतर बनाया जा सके।
इसके अतिरिक्त, योजना की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए प्रस्तावों की पूर्व स्क्रीनिंग, राज्य सरकार की सिफारिश, और गृह मंत्रालय द्वारा पूर्वोत्तर राज्यों के प्रस्तावों का सत्यापन जैसी प्रक्रियाएं अपनाई जाती हैं।
संक्षेप में, STEP योजना न केवल महिलाओं को स्वरोजगार और प्रशिक्षण के अवसर देती है, बल्कि देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी उनकी भागीदारी को मजबूत करती है।
- इस कार्यक्रम के अंतर्गत परियोजना लागत का 90% तक हिस्सा भारत सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
- शेष 10 प्रतिशत राशि कार्यान्वयन एजेंसी को अपने स्वयं के स्रोतों से या भारत सरकार के अलावा अन्य स्रोतों से वहन करनी होगी।
- कार्यान्वयन एजेंसियों को प्रत्येक वर्ष दो किस्तों में अनुदान जारी किया जाता है।
- परियोजना में कम से कम 500 लाभार्थियों को शामिल किया जाना चाहिए तथा अधिकतम 10,000 लाभार्थी हो सकते हैं।
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STEP योजना के उद्देश्य | Objectives of the STEP Plan
STEP (Support to Training and Employment Programme for Women) का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को प्रशिक्षण और रोज़गार में सहायता प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रमुख लक्ष्य निम्नलिखित हैं:
- कौशल विकास: महिलाओं को ऐसे उपयोगी और बाज़ार की मांग के अनुरूप कौशल सिखाना, जिससे वे बेहतर रोज़गार प्राप्त कर सकें और अपनी आय बढ़ा सकें।
- उद्यमिता को प्रोत्साहन: महिलाओं को स्वयं का लघु व्यवसाय आरंभ करने और स्वावलंबी बनने के लिए प्रेरित करना तथा आवश्यक सहायता प्रदान करना।
- वेतन आधारित रोज़गार की सुविधा: विभिन्न क्षेत्रों में वेतनयुक्त नौकरियों तक महिलाओं की पहुंच आसान बनाना।
- वंचित वर्ग की महिलाओं का सशक्तिकरण: अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और दिव्यांग जैसी सामाजिक रूप से वंचित महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण व रोज़गार के अवसर देकर उन्हें सशक्त बनाना।
- वित्तीय समावेशन को बढ़ावा: महिलाओं को स्वरोज़गार और आय सृजन के लिए बैंकिंग सेवाएं, ऋण योजनाएं एवं स्वयं सहायता समूहों (SHGs) से जोड़कर आर्थिक रूप से सक्षम बनाना।
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STEP योजना की विशेषताएँ | Features of STEP Plan
- योजना का उद्देश्य: STEP (Support to Training and Employment Programme for Women) योजना का मूल उद्देश्य 16 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार योग्य बनाना और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है।
- महिला सशक्तिकरण की दिशा में सशक्त पहल: यह योजना महिलाओं को न सिर्फ हुनरमंद बनाती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता और उद्यमिता के रास्ते पर आगे बढ़ने का अवसर भी प्रदान करती है।
- सीधी वित्तीय सहायता: STEP योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता सीधे उन पंजीकृत और मान्यता प्राप्त संस्थाओं को दी जाती है जो महिलाओं के कौशल विकास में सक्रिय हैं, जैसे कि गैर-सरकारी संगठन (NGOs)। यह सहायता राज्य सरकारों के माध्यम से नहीं दी जाती, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।
- विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण: इस योजना के तहत महिलाओं को व्यावहारिक प्रशिक्षण कृषि, बागवानी, फूड प्रोसेसिंग, सिलाई-कढ़ाई, हथकरघा, जरी कार्य, कंप्यूटर, अंग्रेजी भाषा कौशल, पर्यटन, आभूषण निर्माण और IT सेवाओं जैसे क्षेत्रों में दिया जाता है।
- स्थायी रोजगार की दिशा में प्रयास: STEP योजना का फोकस केवल प्रशिक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिलाओं को रोज़गार या स्वरोज़गार के अवसर दिलाने तक विस्तृत है।
- उद्यमिता को बढ़ावा: योजना के अंतर्गत महिलाओं को छोटे व्यवसाय स्थापित करने के लिए व्यवसाय योजना निर्माण, वित्तीय सहायता और विपणन जैसे क्षेत्रों में मार्गदर्शन दिया जाता है।
- वित्तीय सेवाओं से जुड़ाव: STEP योजना महिलाओं को बैंकिंग सेवाओं, स्वयं सहायता समूहों और माइक्रोफाइनेंस संस्थानों से जोड़ने का कार्य करती है, जिससे वे अपने व्यवसाय के लिए ऋण और बचत योजनाओं का लाभ उठा सकें।
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STEP योजना के तहत कार्यान्वयन और कवरेज | Implementation and coverage under the STEP scheme
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा STEP (Support to Training and Employment Programme for Women) कार्यक्रम एक अहम पहल है। यह योजना विभिन्न सरकारी एवं गैर-सरकारी संगठनों, प्रशिक्षण संस्थानों और महिला विकास से जुड़े अन्य संस्थानों के सहयोग से लागू की जाती है। इसका उद्देश्य महिलाओं को ऐसे व्यावसायिक और तकनीकी प्रशिक्षण देना है, जिससे वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकें और रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकें।
STEP कार्यक्रम का संचालन देश के विभिन्न हिस्सों में किया जा रहा है, और यह खासतौर पर ग्रामीण एवं वंचित वर्ग की महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़ने पर केंद्रित है। कार्यक्रम के अंतर्गत महिलाओं को कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, जैसे:
- व्यावसायिक कौशल विकास, जो उन्हें स्वरोजगार के लिए सक्षम बनाता है।
- सिलाई, बुनाई और कढ़ाई, जिनसे महिलाएं घरेलू उद्योग में अपना योगदान दे सकती हैं।
- खाद्य प्रसंस्करण तकनीक, जिससे वे खाद्य उत्पादों का व्यवसाय शुरू कर सकती हैं।
- सौंदर्य और स्वास्थ्य सेवाएं, जो शहरी एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में मांग में हैं।
- हस्तशिल्प और हथकरघा, जो पारंपरिक कला को जीवित रखते हुए रोजगार सृजित करते हैं।
- आईटी और कंप्यूटर आधारित प्रशिक्षण, जिससे महिलाएं डिजिटल दुनिया में कदम रख सकें।
- कृषि और बागवानी संबंधी प्रशिक्षण, जो कृषि आधारित आजीविका में मददगार साबित होते हैं।
इस योजना का उद्देश्य सिर्फ कौशल सिखाना नहीं, बल्कि महिलाओं को आत्मविश्वास, पहचान और आर्थिक स्वतंत्रता दिलाना भी है। STEP कार्यक्रम उन महिलाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है जो अपने जीवन को नए सिरे से आकार देना चाहती हैं।
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STEP योजना के तहत कार्यान्वयन एजेंसियां और उनका चयन | Implementing Agencies and their Selection under STEP Scheme
महिलाओं को कौशल विकास, रोजगार और उद्यमिता के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से चलाई जा रही STEP (Support to Training and Employment Programme for Women) योजना, पंजीकृत संस्थाओं के सहयोग से क्रियान्वित की जाती है। इस योजना का संचालन सार्वजनिक उपक्रमों, जिला ग्रामीण विकास एजेंसियों, महासंघों, सहकारी समितियों और स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से किया जाता है। यह आवश्यक है कि संबंधित संस्था सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 या किसी राज्य विशेष के अधिनियम के अंतर्गत विधिवत रूप से पंजीकृत हो।
- ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय संगठनों को प्राथमिकता दी जाती है, भले ही उनका मुख्यालय शहरी क्षेत्र में स्थित हो। केवल उन्हीं संस्थाओं को वित्तीय सहायता दी जाती है जो ग्रामीण महिलाओं के उत्थान हेतु ज़मीनी स्तर पर कार्य कर रही हों।
- इस योजना का हिस्सा बनने के लिए इच्छुक संगठनों को सबसे पहले नीति आयोग के NGO-DARPAN पोर्टल पर पंजीकरण कराना होता है और एक विशिष्ट पहचान संख्या (Unique ID) प्राप्त करनी होती है। यह आईडी, प्रस्ताव प्रस्तुत करते समय अनिवार्य रूप से उल्लेखित होनी चाहिए।
- इसके अलावा, संस्था का कम-से-कम तीन वर्षों का संचालन अनुभव होना चाहिए, और उसने हाल के वर्षों में कौशल विकास, रोजगार निर्माण और उद्यमिता से जुड़ी गतिविधियाँ संचालित की हों। साथ ही, संस्था की वित्तीय स्थिति भी पिछले दो वर्षों में मजबूत होनी चाहिए।
- महत्वपूर्ण यह भी है कि सभी एनजीओ को हर वर्ष अपनी जानकारी पोर्टल पर अपडेट करनी होती है। यह पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक जरूरी कदम है।
इस प्रकार, STEP योजना के अंतर्गत पात्र संगठनों का चयन एक सुनियोजित और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है, ताकि महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण का लक्ष्य प्रभावी रूप से पूरा किया जा सके।
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STEP योजना के तहत लक्षित समूह और लाभार्थी | Target groups and beneficiaries under the STEP scheme
STEP (Support to Training and Employment Programme) योजना का उद्देश्य समाज के सबसे वंचित तबकों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों की निर्धन महिलाओं और शहरी गरीबों को सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत दिहाड़ी मजदूर, बिना वेतन पर कार्य करने वाली महिलाएं, महिला मुखिया वाले परिवार, प्रवासी मजदूर, जनजातीय समुदाय तथा अन्य वंचित वर्गों को शामिल किया गया है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से संबंधित परिवारों और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को विशेष प्राथमिकता दी जाती है।
STEP योजना के अंतर्गत सहायता का स्वरूप | Nature of assistance under STEP Scheme
- पूर्ण वित्तीय सहायता (100%): परियोजना के संचालन, स्टाफिंग और प्रशासनिक खर्चों के लिए पूरी सहायता प्रदान की जाती है। इसके अंतर्गत प्रशिक्षण भत्ता, प्रशिक्षकों का विकास, कौशल उन्नयन, प्रशिक्षण-सह-उत्पादन केंद्रों की स्थापना तथा आवश्यक कच्चे माल की व्यवस्था की जाती है। इसके अलावा, सहकारी समितियों, श्रमिक समूहों एवं उत्पादक संगठनों के गठन में सदस्यों को सहयोग दिया जाता है ताकि वे कानूनी रूप से संगठित हो सकें। परियोजना क्षेत्रों में यदि शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता या बच्चों के लिए देखभाल सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं, तो इन सेवाओं को भी परियोजना लागत में शामिल करते हुए उपलब्ध कराया जाता है। विपणन के लिए आवश्यक सहायता, जैसे विपणन कर्मी, भंडारण सुविधा, विपणन केंद्र, गुणवत्ता नियंत्रण और प्रबंधकीय सहयोग भी प्रदान किया जाता है।
- आंशिक वित्तीय सहायता (50%): ऐसे व्यक्तिगत कार्यशालाओं और उत्पादन केंद्रों के निर्माण के लिए जो सीधे प्रशिक्षण से संबंधित नहीं हैं, भारत सरकार कुल लागत का 50 प्रतिशत वहन करती है, जबकि शेष 50 प्रतिशत कार्यान्वयन एजेंसी द्वारा वहन किया जाता है।
- कार्यशील पूंजी और कच्चे माल के लिए सहायता: कार्यशील पूंजी और कच्चे माल की आवश्यकता को चरणबद्ध रूप में पूरा किया जाता है—पहले वर्ष में 100 प्रतिशत, दूसरे में 50 प्रतिशत और तीसरे वर्ष में 30 प्रतिशत की सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
वित्तीय सहायता का वितरण (प्रतिशत में)
व्यय मद | सहायता प्रतिशत |
---|---|
प्रशासनिक एवं परियोजना स्टाफ खर्च | 6% |
तकनीकी प्रशिक्षण और उन्मुखीकरण | 20% |
विपणन, गुणवत्ता नियंत्रण और प्रबंधकीय सहायता सहित आधारभूत संरचना | 25% |
प्रशिक्षण में उपयोग की जाने वाली सामग्री और उपकरण | 25% |
सहकारी समितियों की स्थापना और सुदृढ़ीकरण | 10% |
सहायक सेवाएं (जैसे स्वास्थ्य, स्वच्छता आदि) | 8% |
अप्रत्याशित लागत | 6% |
STEP योजना के तहत पात्रता मानदंड | Eligibility Criteria under STEP Scheme
इस योजना के अंतर्गत परियोजनाओं के कार्यान्वयन हेतु वे संस्थान या संगठन पात्र होंगे जो निम्नलिखित में से किसी एक अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत हों:
- सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860
- भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1882
- अथवा अन्य किसी प्रासंगिक विधिक प्रावधान के अंतर्गत पंजीकृत संस्था
इसके अतिरिक्त, ऐसे स्वैच्छिक या गैर-सरकारी संगठन भी पात्र माने जाएंगे जो उपरोक्त अधिनियमों के तहत पंजीकृत हों और जो महिला सशक्तिकरण व उद्यमिता को बढ़ावा देने से संबंधित गतिविधियों में संलग्न हों। सहकारी समितियाँ, जो सहकारी समिति अधिनियम के तहत पंजीकृत हैं, वे भी पात्र हैं।
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STEP योजना के अंतर्गत कवर किए गए ट्रेड्स (औद्योगिक क्षेत्र) | Trades covered under STEP Scheme (Industrial Sector)
1. STEP योजना के अंतर्गत किसी भी क्षेत्र में कौशल प्रशिक्षण के लिए सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे रोजगार और उद्यमिता के अवसर बढ़ सकें। यह क्षेत्र कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) द्वारा चिन्हित किए गए हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं (पर सीमित नहीं हैं):
- कृषि
- बागवानी
- खाद्य प्रसंस्करण
- हथकरघा
- पारंपरिक कारीगरी जैसे कढ़ाई, ज़री आदि
- हस्तशिल्प
- रत्न और आभूषण
- यात्रा, पर्यटन और आतिथ्य सेवाएं
यदि कोई प्रशिक्षण पाठ्यक्रम किसी ऐसे ट्रेड में संचालित किया जाता है जो 08.08.2015 की अधिसूचना (और उसके संशोधनों) के अनुसूची II में शामिल नहीं है, तो उस पाठ्यक्रम को मंजूरी देने के लिए संबंधित उद्योग से विचार-विमर्श और फिर कॉमन नॉर्म्स कमेटी की स्वीकृति आवश्यक होगी।
2. प्रत्येक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम में सॉफ्ट स्किल्स (जैसे कंप्यूटर साक्षरता, भाषा ज्ञान और कार्यस्थल से संबंधित सामाजिक कौशल) को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा और इन्हें कोर्स मॉड्यूल में प्रभावी ढंग से जोड़ा जाएगा।
3. योजना के अंतर्गत संचालित सभी कौशल विकास पाठ्यक्रमों को 27.12.2013 को अधिसूचित राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचा (NSQF) के अनुरूप होना अनिवार्य है। जो भी पाठ्यक्रम NSQF के अनुसार नहीं होगा, उसे सरकारी सहायता नहीं दी जाएगी।
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STEP योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या | Number of beneficiaries under the STEP scheme
प्रत्येक परियोजना में अधिकतम 200 लाभार्थी शामिल हो सकते हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम को छोटे-छोटे बैचों में व्यवस्थित रूप से लागू किया जाएगा। प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु संबंधित औद्योगिक क्षेत्रों के यंत्र, उपकरण, मशीनें और कंप्यूटर प्रदान किए जाते हैं।
STEP योजना के तहत वित्तीय सहायता | Financial Assistance under STEP Scheme
प्रशिक्षण के लिए प्रति घंटे के अनुसार वित्तीय सहायता निम्न प्रकार से दी जाएगी:
-
श्रेणी I क्षेत्रों हेतु – ₹40.50 प्रति प्रशिक्षण घंटा
-
श्रेणी II क्षेत्रों हेतु – ₹34.70 प्रति प्रशिक्षण घंटा
-
श्रेणी III क्षेत्रों हेतु – ₹28.90 प्रति प्रशिक्षण घंटा
इसके अतिरिक्त, बाहरी क्षेत्रों से आने वाले प्रशिक्षणार्थियों को ₹5000 तक की परिवहन लागत की प्रतिपूर्ति की जा सकती है।
STEP योजना के तहत वित्त पोषण का स्वरूप | Funding Pattern under STEP Scheme
योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा परियोजना लागत का अधिकतम 90% भाग वहन किया जाएगा। शेष 10% राशि कार्यान्वयन संस्था को स्वयं वहन करनी होगी।
STEP योजना के अंतर्गत आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज | Documents required for application under STEP scheme
आवेदन के समय निम्नलिखित दस्तावेजों का प्रस्तुतिकरण अनिवार्य है:
- विगत तीन वर्षों के लेखापरीक्षित वित्तीय विवरण (बैलेंस शीट, आय-व्यय लेखा, प्राप्ति और भुगतान खाता)
- तीन वर्षों की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट
- संबंधित क्षेत्र में कार्य अनुभव का प्रमाण
- यह प्रमाणित करने वाले दस्तावेज कि पाठ्यक्रम राष्ट्रीय कौशल योग्यता रूपरेखा (NSQF) के अनुरूप है
- पंजीकरण प्रमाणपत्र की प्रति (यदि उपलब्ध हो)
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STEP योजना के अंतर्गत यात्रा एवं भत्ते संबंधी प्रावधान | Provisions regarding travel and allowances under STEP scheme
विशेष क्षेत्रों के वे अभ्यर्थी जो प्रशिक्षण हेतु अन्य स्थानों पर जाते हैं, उन्हें आवागमन के वास्तविक व्यय की प्रतिपूर्ति की जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा ₹5000 प्रति प्रशिक्षु निर्धारित है। इसके अतिरिक्त, मंत्रालय द्वारा भोजन एवं आवास व्यय हेतु प्रतिदिन प्रति प्रशिक्षु निम्नानुसार अधिकतम धनराशि प्रदान की जाएगी:
-
एक्स श्रेणी नगरों हेतु – ₹300
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वाय श्रेणी नगरों हेतु – ₹250
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जेड श्रेणी नगरों हेतु – ₹200
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ग्रामीण या अधिसूचित गैर-शहरी क्षेत्रों हेतु – ₹175
STEP योजना के तहत कोर्स की अवधि और प्रशिक्षण घंटे | Course duration and training hours under STEP scheme
कौशल विकास एक क्षेत्र विशेष की मांग के अनुसार संचालित प्रशिक्षण गतिविधि होगी, जिसका उद्देश्य प्रतिभागियों को ऐसा व्यावसायिक कौशल प्रदान करना है जो स्वतंत्र एजेंसी द्वारा मूल्यांकन और प्रमाणित किया गया हो। यह कौशल उन्हें नौकरी पाने, स्वरोजगार शुरू करने, आय बढ़ाने या कार्य स्थितियों में सुधार लाने में सक्षम बनाएगा — जैसे कि पहले से मौजूद अनौपचारिक कौशल का औपचारिक प्रमाणपत्र प्राप्त करना। इस परियोजना के तहत, प्रशिक्षण कार्यक्रम में न्यूनतम 200 घंटे (3 महीने के कोर्स के लिए) और 400 घंटे (6 महीने के कोर्स के लिए) का समय निर्धारित होगा, जिसमें प्रायोगिक प्रशिक्षण या ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग शामिल हो सकती है।
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STEP योजना के अंतर्गत आवेदन प्रक्रिया प्रस्ताव प्रस्तुत करने की प्रक्रिया / आवेदन प्रक्रिया | Application Process under STEP Scheme Proposal Submission Process / Application Process
- आवेदन आमंत्रण: संशोधित STEP दिशा-निर्देश 2016 के तहत नए प्रस्तावों के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे, जिनकी सूचना समाचार पत्रों और मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएगी।
- एनजीओ पंजीकरण: सभी स्वयंसेवी संस्थाओं को NITI आयोग के NGO-PS Portal पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है तथा एक विशिष्ट पहचान संख्या (Unique ID) प्राप्त करनी होगी।
- ऑनलाइन प्रस्ताव सबमिशन: सभी परियोजना प्रस्तावों को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार की NGO प्रस्ताव प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से ऑनलाइन जमा किया जाएगा।
- राज्य सरकार को अग्रेषण: ये प्रस्ताव संबंधित राज्य सरकार को भेजे जाएंगे, जो संस्थान की साख की जांच करेगी और प्रस्ताव का मूल्यांकन कर 45 दिनों के भीतर अपनी सिफारिश के साथ महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को भेजेगी।
- पूर्व-जांच समिति द्वारा मूल्यांकन: राज्य सरकार द्वारा अनुशंसित प्रस्तावों की समीक्षा मंत्रालय द्वारा गठित पूर्व-जांच समिति करेगी।
- परियोजना मूल्यांकन समिति द्वारा अंतिम निर्णय: पूर्व-जांच समिति द्वारा अनुशंसित सभी प्रस्तावों को अंतिम स्वीकृति के लिए परियोजना मूल्यांकन समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
- चालू परियोजनाएं: वर्तमान में चल रही परियोजनाओं को उन्हीं दिशा-निर्देशों के अनुसार वित्तपोषित किया जाता रहेगा, जिनके अंतर्गत उन्हें स्वीकृत किया गया था।
कुछ महत्वपूर्ण लिंक | Some Important Links
STEP SCHEME GUIDELINE PDF | यहाँ क्लिक करें! |
विभिन्न सरकारी योजनाओं के अंतर्गत संसाधन एवं अभिसरण संभावनाएं – महिला एवं बाल विकास मंत्रालय PDF | Resource Envelope and Convergence Prospects under various Government Schemes – Ministry of Women and Child Development PDF | यहाँ क्लिक करें! |
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