स्वदेश दर्शन योजना 2024 | Swadesh Darshan Yojana 2024 | SDY, विषयगत पर्यटन सर्किट के एकीकृत विकास के उद्देश्य से पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2014-15 में शुरू की गई एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। इस योजना का उद्देश्य भारत में पर्यटन की क्षमता को बढ़ावा देना, विकसित करना और उसका दोहन करना है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत, पर्यटन मंत्रालय सर्किट के अवसंरचना के विकास के लिए राज्य सरकारों, संघ राज्य क्षेत्रों के प्रशासन को केंद्रीय वित्तीय सहायता – सीएफए प्रदान करता है।
इस योजना की परिकल्पना स्वच्छ भारत अभियान, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया आदि जैसे अन्य योजनाओं के साथ तालमेल बिठाने के लिए की गई है, जिसमें पर्यटन क्षेत्र को रोजगार सृजन, आर्थिक विकास के लिए प्रेरक शक्ति, विभिन्न क्षेत्रों के साथ तालमेल बनाने ताकि पर्यटन को अपनी क्षमता का एहसास हो सके, के लिए एक प्रमुख इंजन के रूप में स्थान दिया गया है |
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स्वदेश दर्शन योजना 2024 | Swadesh Darshan Yojana 2024 | SDY
Swadesh Darshan Yojana 2024 | SDY, को पर्यटन सर्किट के एकीकृत विकास के उद्देश्य से पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 2014-15 में शुरू की गई। यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। इस योजना की परिकल्पना स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान आदि जैसी योजनाओं के साथ तालमेल बिठाने के उद्देश्य से की गई है।
इसके माध्यम से पर्यटन क्षेत्र को रोजगार सृजन (employment generation), आर्थिक विकास के लिए प्रेरक शक्ति प्रदान करने और विभिन्न क्षेत्रों के साथ तालमेल बिठाने के लिए की गई है ताकि पर्यटन को अपनी क्षमता का एहसास हो सके।
इसके लिए योजना को एक प्रमुख इंजन के रूप में स्थान दिया गया है। योजना के द्वारा देश के पर्यटन स्थल के विकास में वृद्धि की जाएगी। यह योजना एक तरह की थीम पर आधारित है जो पर्यटन सर्किट (Tourist circuit) के विकास को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है।
पर्यटकों की सुविधा के लिए सभी पर्यटन स्थल को और भी ज्यादा बेहतर बनाने के लिए स्वदेश दर्शन योजना (Swadesh Darshan Scheme) को प्रारंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत भोजन, रोजगार, परिवहन, आर्थिक स्थिति इन सभी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस योजना में सरकार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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स्वदेश दर्शन योजना 2024 का विवरण | Details of Swadesh Darshan Scheme 2024
योजना का नाम | स्वदेश दर्शन योजना 2024 | Swadesh Darshan Yojana 2024 | SDY |
मंत्रालय | पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार |
प्रधानमंत्री | नरेंद्र मोदी |
योजना का प्रकार | केंद्रीय योजना |
योजना शुरू की गयी | 2014-15 |
आधिकारिक वेबसाइट | https://swadeshdarshan.gov.in/ |
मंत्रालय वेबसाइट | https://tourism.gov.in/hi/savadaesa-darasana-yaojanaa |
योजना दिशानिर्देश | क्लिक करे |
स्वदेश दर्शन योजना के उद्देश्य और विशेषतायें | Objectives and features of Swadesh Darshan Scheme
- योजना का उद्देश्य देश की संस्कृति और विरासत मूल्यों को बढ़ावा देने के साथ-साथ क्षेत्रों में आजीविका पैदा करना है। आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और रोजगार उत्पादन करना भी योजना के अधीन है।
- योजना के अंतर्गत आगंतुक (visitor) अनुभव को बढ़ाने के लिए पर्यटक के सुविधा सेवाओं का विकास करना है। योजनाबद्ध तरीके से और प्राथमिकता के साथ पर्यटन क्षमता वाले सर्किट को विकसित करना योजना का उद्देश्य है। स्थानीय समुदायों को रोजगार देकर उन्हें योजना के तहत भागीदार बनाना है।
- योजना के मिशन के उद्देश्यों और दृष्टि को मजबूत करने के लिए पर्यटन मंत्रालय के अध्यक्ष के रूप में प्रभारी मंत्री (Minister in charge) के साथ एक राष्ट्रीय संचालन समिति का भी गठन किया जाएगा। सरकार ने ‘स्वदेश दर्शन योजना’ को और अधिक प्रभावशाली बनाने का फैसला किया है।
- जिसके तहत अब तक 6,000 करोड़ रुपए की मंजूरी मिल चुकी है और अब इसमें 650 करोड़ रुपए और सरकार देगी। इस योजना के तहत अलग-अलग थीम पर इंटीग्रेटेड टूरिस्ट सर्किट (Integrated Tourist Circuit) बनाने की योजना सरकार की है।
- इस योजना के तहत अब तक 15 सर्किट विकसित किए जा चुके हैं और 79 योजनाओं को मंजूरी दी गई है। देशभर में संरचनात्मक विकास के लिए विषय आधारित पर्यटन सर्किट को योजना के हिस्से के तौर पर पहचान की जाएगी।
- विषय आधारित पर्यटन सर्किट (टी.बी.टी.सी) (Tourism Circuit (TBTC) को स्थान, संस्कृति, धर्म, जातीयता आदि जैसे विशेष विषयों पर बने पर्यटन सर्किट के तौर पर परिभाषित किया जाता है। टी.बी.टी.सी (TBTC) या तो एक राज्य में हो सकता है अथवा एक क्षेत्रीय सर्किट हो सकता है जिसमें एक से अधिक राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश आते हैं।
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पर्यटक सर्किट क्या है | What is a Tourist Circuit?
पर्यटन सर्किट एक ऐसा मार्ग है जिसमें कम से कम तीन लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण शामिल होते हैं जो एक ही शहर, गांव या शहर में स्थित नहीं होते हैं और एक दूसरे से बहुत दूर नहीं होते हैं। पर्यटक सर्किट पर एक प्रवेश बिंदु और एक निकास बिंदु स्पष्ट रूप से चिह्नित किया जाना चाहिए। इसलिए, एक आगंतुक को सर्किट में शामिल अधिकांश स्थानों को देखने के लिए प्रेरित महसूस करना चाहिए।
थीम-आधारित पर्यटन सर्किट अब विभिन्न विषयों के इर्द-गिर्द घूमते हैं, जिनमें धर्म, संस्कृति, जातीयता, विशेषता आदि से संबंधित विषय शामिल हैं। थीम-आधारित सर्किट केवल एक राज्य से होकर यात्रा कर सकता है, या यह एक ऐसे क्षेत्र से होकर यात्रा कर सकता है जिसमें कई राज्य या केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
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स्वदेश दर्शन योजना के कुल 15 सर्किटों की पहचान | A total of 15 circuits of Swadesh Darshan Scheme identified
- बौद्ध सर्किट: इस सर्किट के अंदर बौद्ध तीर्थ स्थलों को शामिल किया गया है। केंद्र सरकार के द्वारा एक बौद्ध सर्किट ट्रेन एफएएम टूर का भी आयोजन किया है, जिसमें बिहार से गया-बोधगया, राजगीर से नालंदा, यूपी में सारनाथ-वाराणसी स्थलों को शामिल किया गया है। बौद्ध सर्किट के तहत सम्मिलित किये गए राज्य मध्यप्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश हैं।
- कृष्णा सर्किट: इस सर्किट के तहत 5 राज्यों के 12 डेस्टिनेशन्स को सम्मिलित करने का प्रस्ताव है जिनमें द्वारका (गुजरात), कुरुक्षेत्र (हरियाणा), गोकुल-वृंदावन- बरसाना, मथुरा, नंदगांव-गोवर्धन (उत्तर प्रदेश), पुरी (ओडिशा), नाथद्वारा-जयपुर-सीकर (राजस्थान) है। कृष्णा सर्किट का मुख्य उद्देश्य हरियाणा और राजस्थान में भगवान कृष्ण की किंवदंतियों से संबंधित स्थलों का विकास करना ह |
- रामायण सर्किट: इस सर्किट का उद्देश्य देश भर में भगवान राम की किंवदंतियों से संबंधित स्थलों का विकास करना है, ताकि उन सभी पर्यटन स्थलों पर पर्यटन की वृद्धि की जा सके तथा पर्यटन को और भी ज्यादा सुविधाजनक बनाया जा सके।
- आध्यात्मिक सर्किट: इस सर्किट के अंतर्गत आने वाले सात राज्य है जिनमें केरल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार, मणिपुर और पुडुचेरी है। इस सर्किट के तहत चार धर्मों- बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म और हिन्दू धर्म से जुड़े डेस्टिनेशन्स में पर्यटकों की सुविधा का विकास करना है।
- तीर्थंकर सर्किट: हमारे देश में हर साल अनेक लोग जैन तीर्थ स्थलों में पर्यटन करने आते हैं। तीर्थंकर सर्किट का उद्देश्य आने वाले पर्यटकों के लिए वास्तुकला, व्यंजन व शिल्प कला आदि को विकसित करना है।
- ग्रामीण सर्किट: इस सर्किट के अंतर्गत चंद्रहिया, तुर्कोर्लिया बिहार गांधी सर्किट, मलनाड मालाबार क्रूज पर्यटन और भितिहारवा सर्किट को सम्मानित किया गया है। ग्रामीण सर्किट का उद्देश्य ग्रामीण पर्यटन का विकास करना है।
- नार्थ ईस्ट सर्किट: इस सर्किट के अंतर्गत असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, सिक्किम और त्रिपुरा राज्य (States of Assam, Manipur, Arunachal Pradesh, Mizoram, Nagaland, Meghalaya, Sikkim and Tripura) को सम्मिलित किया गया है।
- हेरिटेज सर्किट: इस सर्किट के अंतर्गत असम, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, पंजाब, पुडुचेरी, गुजरात, मध्यप्रदेश, तेलंगाना राज्यों (States of Assam, Uttar Pradesh, Rajasthan, Uttarakhand, Punjab, Puducherry, Gujarat, Madhya Pradesh, Telangana) को सम्मिलित किया गया है। इस सर्किट का उद्देश्य विश्व भर से आने वाले यात्रियों की जरूरतों को पूरा करना है।
- डेजर्ट सर्किट: इस सर्किट का उद्देश्य डेजर्ट पर्यटन का विकास करना है ताकि पूरी दुनिया से आने वाले पर्यटकों को और भी ज्यादा बेहतर सुविधा प्रदान की जा सके।
- इको सर्किट: इस सर्किट के अंतर्गत सम्मिलित किये गए राज्य झारखंड, केरल, मध्यप्रदेश, तेलांगना, उत्तराखंड और मिजोरम है। इको सर्किट का उद्देश्य पर्यावरण और प्रकृति के अनुकूल पर्यटक स्थलों का निर्माण करना है।
- ट्राइबल सर्किट: इस सर्किट के अंतर्गत तेलांगना, छत्तीसगढ़ और नागालैंड राज्यों को सम्मिलित किया गया है। ट्राइबल सर्किट का उद्देश्य देश और विदेश से आने वाले पर्यटकों को आदिवासी प्राचीन रीति-रिवाजों, परम्परा, संस्कृति, त्यौहार, शिल्प कौशल, कला (Ancient customs, traditions, culture, festivals, craftsmanship, art) से परिचय करवाना है।
- वाइल्ड लाइफ सर्किट: इस सर्किट के अंतर्गत असम और मध्यप्रदेश राज्य को सम्मिलित किया गया है। भारत वन्यजीव पर्यटन का मुख्य केंद्र है, जिस कारण प्रत्येक साल लाखों पर्यटक यहाँ के वन्य जीवों को देखने आते हैं। इस सर्किट का मुख्य उद्देश्य देश में राज्य वन्यजीव संरक्षण और अभयारण्यों (State Wildlife Conservancies and Sanctuaries) का विकास करना है।
- सूफी सर्किट: इस सर्किट का मुख्य उद्देश्य देश की प्राचीन सूफी परम्परा को कायम रखना है ताकि देश में सदियों से चली आ रही सूफी परंपरा और सूफी संतों (Sufi tradition and Sufi saints) के अस्तित्व को ठीक उसी प्रकार बनाये रखा जा सके, जैसे कि वह पहले हुआ करते थे।
- वन्यजीव सर्किट: वन्यजीवों की अविश्वसनीय श्रृंखला भारत को वन्यजीव पर्यटन का केंद्र बनाती है। वन्यजीव सर्किट का उद्देश्य भारत में राष्ट्रीय और राज्य वन्यजीव संरक्षण और अभयारण्यों की भीड़ में “टिकाऊ”, “पारिस्थितिक” और “प्रकृति केंद्रित” विकास करना है। फोकस के तहत राज्य असम और मध्य प्रदेश हैं। दिए गए लिंक पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 पढ़ें
- जनजातीय सर्किट: भारत की आदिवासी आबादी अब तक अपने प्राचीन रीति-रिवाजों, रीति-रिवाजों और संस्कृति को आज की आधुनिक दुनिया में भी संरक्षित करने में कामयाब रही है। आदिवासी सर्किट का उद्देश्य “आधुनिक यात्री” को भारत की जीवंत आदिवासी परंपराओं, संस्कृति, त्योहारों, शिल्प कौशल, कला, अनुष्ठान आदि की दुनिया में एक करीबी और व्यक्तिगत झलक देना है। आदिवासी सर्किट विकास के लिए छत्तीसगढ़, नागालैंड और तेलंगाना राज्य को कवर करता है।
बता दें कि इस योजना की परिकल्पना स्वच्छ भारत अभियान, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत आदि जैसे अन्य योजनाओं के साथ समुचित तालमेल बिठाने के लिए की गई है, जिसमें पर्यटन क्षेत्र को रोजगार सृजन, आर्थिक विकास के लिए प्रेरक शक्ति केंद्र बनाने और विभिन्न क्षेत्रों के साथ तालमेल बनाने के लिए एक प्रमुख इंजन के रूप में स्थान दिया गया है, ताकि पर्यटन उद्योग को अपनी क्षमता का एहसास हो सके।
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FAQs
प्रश्न 1: क्या स्वदेश दर्शन योजना 2024 में कोई नई थीम शामिल की गई हैं?
उत्तर: हां, पर्यटन मंत्रालय ने फरवरी 2024 में 57 नए गंतव्यों को मंजूरी दी है, जोकि “स्वदेश दर्शन 2.0” के तहत विकसित किए जाएंगे। इनमें से कई थीम नए हैं, जैसे आदिवासी पर्यटन, वन्यजीव पर्यटन, खगोलीय पर्यटन आदि।
प्रश्न 2: इस योजना के लिए आवेदन कैसे कर सकते हैं?
उत्तर: आम जनता सीधे आवेदन नहीं कर सकती। राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय एजेंसियों को पर्यटन मंत्रालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार प्रस्ताव प्रस्तुत करने होते हैं।
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प्रश्न 3: इस योजना के तहत कौन-से पर्यटन स्थलों का विकास किया जा रहा है?
उत्तर: पूरी सूची काफी लंबी है, लेकिन आप पर्यटन मंत्रालय की वेबसाइट (https://tourism.gov.in/schemes-guidelines-schemes/swadesh-darshan-scheme) पर जाकर स्वीकृत परियोजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। वहां “स्वदेश दर्शन योजना” अनुभाग के तहत “परियोजनाएं” टैब देखें।
प्रश्न 4: 2024 में इस योजना के लिए कितना बजट आवंटित किया गया है?
उत्तर: अभी तक 2024-25 के बजट की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। हालांकि, 2023-24 में इस योजना के लिए ₹3,100 करोड़ आवंटित किए गए थे। उम्मीद है कि 2024 में भी बजट राशि समान या उससे अधिक होगी।
प्रश्न 5: इस योजना से स्थानीय लोगों को क्या लाभ होगा?
उत्तर: योजना का उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देकर रोजगार सृजन और आय में वृद्धि करना है। इससे होटल, गाइड, परिवहन सेवाओं और हस्तशिल्प उद्योग को लाभ होगा। साथ ही, स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को भी बढ़ावा मिलेगा।
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