Bonus Shares क्या होते हैं और कंपनियाँ मुफ्त में शेयर क्यों देती हैं?

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बोनस शेयर: अर्थ, लाभ, प्रकार, कार्य प्रणाली और पात्रता | Bonus Shares in Hindi

अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं, तो आपने  Bonus Shares का नाम जरूर सुना होगा। लेकिन यह क्या होते हैं और कंपनियां इन्हें क्यों और कैसे जारी करती हैं? आसान शब्दों में कहें, तो बोनस शेयर वे अतिरिक्त शेयर होते हैं जो कंपनियां अपने मौजूदा शेयरधारकों को बिना किसी अतिरिक्त कीमत के देती हैं। यह कंपनियों द्वारा अपने निवेशकों को एक तरह का इनाम होता है, जो उनके विश्वास और लंबे समय तक निवेश करने के लिए दिया जाता है। लेकिन सवाल यह है कि बोनस शेयर कैसे जारी किए जाते हैं, इससे निवेशकों को क्या फायदा होता है और इसके लिए पात्रता क्या है? इस ब्लॉग में हम आपको बोनस शेयर से जुड़ी पूरी जानकारी देंगे, ताकि आप इस शानदार अवसर का पूरा फायदा उठा सकें!

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बोनस शेयर क्या होते हैं? | What are bonus shares?

बोनस शेयर उन अतिरिक्त शेयरों को कहा जाता है जो किसी कंपनी द्वारा अपने मौजूदा निवेशकों को बिना किसी अतिरिक्त लागत के दिए जाते हैं। ये शेयर कंपनी के लाभ या रिज़र्व फंड से जारी किए जाते हैं, जिससे शेयरधारकों की कुल होल्डिंग बढ़ जाती है, लेकिन उनके निवेश का कुल मूल्य वही रहता है।

जब कोई कंपनी बोनस शेयर जारी करती है, तो उसके कुल शेयरों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे प्रति शेयर लाभ (Earning Per Share (EPS) कम हो सकता है। हालांकि, इससे शेयरधारकों के निवेश पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता, क्योंकि उनके पास अब अधिक संख्या में शेयर होते हैं। इसके विपरीत, राइट्स इश्यू में शेयरधारकों को नए शेयर खरीदने के लिए भुगतान करना पड़ता है, जबकि बोनस शेयर पूरी तरह मुफ्त होते हैं

बोनस शेयर जारी करने का मुख्य उद्देश्य कंपनी की अतिरिक्त संपत्ति को शेयर पूंजी में बदलना और शेयरधारकों को लाभ पहुँचाना होता है। यह निवेशकों में विश्वास बढ़ाने के साथ-साथ कंपनी की बाजार में साख को मजबूत करता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि कंपनी अपनी वित्तीय स्थिति को लेकर आश्वस्त है और भविष्य में अच्छे रिटर्न देने की क्षमता रखती है।

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बोनस शेयर के फायदे | Benefits of Bonus Shares

बोनस शेयर न केवल कंपनी के लिए फायदेमंद होते हैं, बल्कि निवेशकों को भी इसका लाभ मिलता है। आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।

कंपनी के लिए फायदे (Benefits for the company)

  • कैश डिविडेंड देने की जरूरत नहीं: जब कंपनी बोनस शेयर जारी करती है, तो उसे अपने शेयरधारकों को नकद देने की ज़रूरत नहीं होती। इससे कंपनी के पास नकदी बनी रहती है, जिसे वह अपने कारोबार को बढ़ाने या नए प्रोजेक्ट्स में निवेश करने के लिए इस्तेमाल कर सकती है।
  • निवेशकों का भरोसा बढ़ता है: जब शेयरधारकों को बोनस शेयर मिलते हैं, तो उनका कंपनी पर विश्वास मजबूत होता है।
  • शेयरों की संख्या और बाज़ार मूल्य बढ़ता है: बोनस शेयर जारी करने से कंपनी के शेयरों की उपलब्धता बढ़ जाती है, जिससे बाजार में इसकी वैल्यू बेहतर होती है।
  • मजबूत वित्तीय स्थिति दर्शाता है: बोनस शेयर दिखाते हैं कि कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन अच्छा रहा है और वह मुनाफे में है।

निवेशकों के लिए फायदे (Benefits for investors)

  • टैक्स में छूट: बोनस शेयर पर शुरुआत में कोई टैक्स नहीं लगता, जिससे निवेशकों को टैक्स बचाने में मदद मिलती है।
  • लंबे समय के लिए अच्छा विकल्प: बोनस शेयर लंबी अवधि के निवेशकों के लिए फायदेमंद होते हैं क्योंकि इससे उनके निवेश का मूल्य बढ़ सकता है।
  • बिना कोई खर्च किए शेयर बढ़ जाते हैं: निवेशकों को अतिरिक्त शेयर मुफ्त में मिलते हैं, जिससे उनकी कंपनी में हिस्सेदारी बढ़ जाती है।

बोनस शेयर कंपनी और निवेशकों दोनों के लिए लाभदायक होते हैं। इससे न केवल निवेशकों को बिना किसी अतिरिक्त निवेश के शेयर मिलते हैं, बल्कि कंपनी की बाजार स्थिति भी मजबूत होती है।

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बोनस शेयर के प्रकार | Types of Bonus Shares

कंपनी अपने निवेशकों को बोनस शेयर जारी करने का फैसला कर सकती है या नहीं भी कर सकती। यदि कंपनी बोनस शेयर जारी करती है, तो वे दो प्रकार के हो सकते हैं:

1. पूरी तरह से भुगतान किए गए बोनस शेयर (Fully Paid Bonus Shares)

  • ये बोनस शेयर पूंजी भंडार (Capital Reserve), लाभ-हानि खाता (Profit & Loss Account), सिक्योरिटी प्रीमियम अकाउंट (Security Premium Account) या रिडेम्पशन रिजर्व (Redemption Reserve) से जारी किए जाते हैं।
  • निवेशकों को उनके पास पहले से मौजूद शेयरों के अनुपात में बोनस शेयर मिलते हैं।
  • इन शेयरों को जारी करने से निवेशकों की कुल होल्डिंग (Holding) बढ़ जाती है, लेकिन उन्हें इसके लिए कोई भुगतान नहीं करना पड़ता।

2. आंशिक रूप से भुगतान किए गए बोनस शेयर (Partially Paid Bonus Shares)

  • ये उन शेयरधारकों को दिए जाते हैं, जिन्होंने पहले से आंशिक भुगतान (Partially Paid) वाले शेयर खरीदे होते हैं।
  • जब कंपनी पार्टियली पेड बोनस शेयर जारी करती है, तो बाकी का बकाया भुगतान बोनस से पूरा किया जाता है और ये शेयर फुली पेड शेयर बन जाते हैं।
  • इन शेयरों को जारी करने के लिए कंपनी केवल पूंजी भंडार (Capital Reserve) का उपयोग कर सकती है।
  • कंपनी कैपिटल रिडेम्पशन रिजर्व (Capital Redemption Reserve) और सिक्योरिटी प्रीमियम अकाउंट (Security Premium Account) का उपयोग नहीं कर सकती।

Fully Paid Bonus Shares में निवेशकों को बिना किसी अतिरिक्त भुगतान के नए शेयर मिलते हैं। Partially Paid Bonus Shares में कंपनी बकाया भुगतान को बोनस से पूरा करती है और इन्हें पूरी तरह से भुगतान किए गए शेयरों में बदल देती है।

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बोनस शेयर कैसे काम करते हैं? | How do bonus shares work?

जब किसी कंपनी को लगता है कि वह अपने मुनाफे का एक हिस्सा अपने शेयरधारकों के साथ बांटना चाहती है, तो वह बोनस शेयर जारी करती है। बोनस शेयर जारी करने की पूरी प्रक्रिया कुछ चरणों में पूरी होती है:

  1. बोर्ड की मंजूरी: सबसे पहले, कंपनी के निदेशक मंडल को बोनस शेयर जारी करने का फैसला करना होता है।
  2. शेयरधारकों की मंजूरी: निदेशक मंडल के फैसले के बाद, कंपनी को अपने सभी शेयरधारकों से इस फैसले के लिए मंजूरी लेनी होती है। यह आम तौर पर कंपनी की सालाना आम बैठक में किया जाता है।
  3. रिकॉर्ड डेट: कंपनी एक तारीख तय करती है जिसे रिकॉर्ड डेट कहते हैं। इस तारीख को कंपनी यह देखती है कि उसके कौन-कौन से शेयरधारक हैं। जिन लोगों के नाम इस तारीख को कंपनी के रिकॉर्ड में होंगे, उन्हें ही बोनस शेयर मिलेंगे।
  4. शेयरों का वितरण: रिकॉर्ड डेट के बाद, कंपनी बोनस शेयर जारी करती है और ये शेयर आपके डीमैट अकाउंट में अपने आप जमा हो जाते हैं। आपको कुछ करने की ज़रूरत नहीं होती।

सरल शब्दों में: मान लीजिए आपने किसी कंपनी के 100 शेयर खरीदे हैं और कंपनी ने 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर जारी करने का फैसला किया है। अगर आप रिकॉर्ड डेट तक इस कंपनी के शेयरधारक बने रहते हैं, तो आपको 100 अतिरिक्त शेयर मुफ्त में मिल जाएंगे।

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बोनस शेयर पाने के लिए कौन पात्र होता है? | Who is eligible to receive bonus shares?

1. बोनस शेयर पाने के लिए आपको कंपनी का एक शेयरधारक (Shareholders) होना ज़रूरी है। लेकिन सिर्फ शेयरधारक होना ही काफी नहीं है, कुछ और शर्तें भी पूरी करनी होती हैं:

2. रिकॉर्ड डेट (Record Date): कंपनी एक तारीख तय करती है जिसे रिकॉर्ड डेट कहते हैं। इस तारीख को कंपनी यह देखती है कि उसके कौन-कौन से शेयरधारक हैं। जिन लोगों के नाम इस तारीख को कंपनी के रिकॉर्ड में होंगे, उन्हें ही बोनस शेयर मिलेंगे।

3. डीमैट अकाउंट (Demat Account): आजकल सभी शेयर इलेक्ट्रॉनिक रूप में डीमैट अकाउंट (Demat Account) में रखे जाते हैं। इसलिए, निवेशकों का डीमैट अकाउंट होना आवश्यक है।

4. शेयर खरीदने का सही समय:

  • बोनस शेयर प्राप्त करने के लिए निवेशकों को एक्स-बोनस डेट (Ex-Bonus Date) से पहले शेयर खरीदने चाहिए।
  • एक्स-बोनस डेट के बाद खरीदे गए शेयर बोनस शेयर के लिए योग्य नहीं माने जाते।

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भारत में बोनस शेयर के नियम और कानून | Rules and regulations of bonus shares in India

भारत में कंपनियां बोनस शेयर जारी करने से पहले कुछ नियमों का पालन करती हैं। ये नियम सेबी/SEBI (Securities and Exchange Board of India) द्वारा बनाए गए हैं। आइए इन नियमों के बारे में विस्तार से जानते हैं:

  • किसी भी कंपनी को बोनस शेयर तभी जारी कर सकते हैं जब उसके पास पर्याप्त मुफ्त भंडार (Free Reserves) हो। मुफ़्त भंडार (Free Reserves) किसी कंपनी के ऐसे पैसे होते हैं जो उसके शेयरधारकों को लाभांश (Dividend) देने, नए निवेश करने या कंपनी की नकदी की स्थिति को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
  • कंपनी के लेखा बही (Balance Sheet) में बोनस शेयर जारी करने के लिए पर्याप्त पूंजी (Capital) होनी चाहिए। इसका मतलब है कि कंपनी के पास इतने पैसे होने चाहिए कि वह बोनस शेयर जारी करने के बाद भी दिवालिया (Bankrupt) न हो जाए।
  • एक बार कंपनी ने बोनस शेयर जारी करने का फैसला कर लिया तो उसे वापस नहीं लिया जा सकता।
  • कंपनी को सभी शेयरधारकों को बराबर अनुपात में बोनस शेयर देने होंगे। इसका मतलब है कि अगर किसी कंपनी ने 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर जारी किए हैं, तो हर शेयरधारक को उसके पास मौजूद शेयरों की संख्या के बराबर अतिरिक्त शेयर मिलेंगे।

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FAQs: Bonus Shares in Hindi

1. बोनस शेयर का अनुपात क्या होता है?

बोनस शेयर का अनुपात अलग-अलग होता है। उदाहरण के लिए, 1:1 का अनुपात का मतलब है कि आपको हर एक शेयर के बदले में एक अतिरिक्त शेयर मिलेगा।

2. क्या सभी कंपनियाँ बोनस शेयर जारी करती हैं?

नहीं, सभी कंपनियाँ बोनस शेयर जारी नहीं करती हैं। यह कंपनी के प्रदर्शन और वित्तीय स्थिति पर निर्भर करता है।

3. बोनस शेयर जारी होने पर शेयर की कीमत पर क्या असर पड़ता है?

अक्सर बोनस शेयर जारी होने के बाद शेयर की कीमत थोड़ी कम हो जाती है।

4. बोनस शेयर जारी होने पर प्रति शेयर लाभ (EPS) पर क्या असर पड़ता है?

बोनस शेयर जारी होने से प्रति शेयर लाभ कम हो सकता है क्योंकि शेयरों की कुल संख्या बढ़ जाती है।

5. क्या बोनस शेयर मिलने से निवेश का मूल्य बढ़ता है?

यदि कंपनी का प्रदर्शन अच्छा रहता है, तो बोनस शेयरों की कीमत बढ़ सकती है और निवेश का मूल्य भी बढ़ सकता है।

6. एक्स-डेट क्या होती है?

एक्स-डेट (Ex-Date) रिकॉर्ड डेट से एक दिन पहले की तारीख होती है। इस तारीख के बाद शेयर खरीदने वाले निवेशकों को बोनस शेयर नहीं मिलेंगे।

7. बोनस शेयर के बारे में कहाँ से जानकारी प्राप्त करें?

आप कंपनी की वेबसाइट, स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) की वेबसाइट, या अपने ब्रोकर (Broker) से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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निष्कर्ष | Conclusion

Bonus Shares कंपनी और निवेशकों दोनों के लिए फायदेमंद होते हैं। यह उन निवेशकों के लिए एक बेहतरीन मौका होता है, जो बिना किसी अतिरिक्त खर्च के अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना चाहते हैं। कंपनी के लिए भी यह एक अच्छा विकल्प है क्योंकि इससे उसकी वित्तीय स्थिति मजबूत दिखती है और बाजार में उसका भरोसा बढ़ता है। Bonus Shares जारी करने से निवेशकों को दीर्घकालिक लाभ मिलता है और कंपनी को अपने मुनाफे को सही तरीके से उपयोग करने का अवसर मिलता है। इसलिए, यदि कोई निवेशक लंबी अवधि के लिए शेयर बाजार में निवेश कर रहा है, तो Bonus Shares उसके लिए एक अच्छा लाभदायक सौदा साबित हो सकते हैं।

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